शस्त्र लाइसेंस फार्म सही भरा है और सारी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं तो एसपी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। इस कार्यालय से की संस्तुति के साथ फाइल खुद ही डीएम कार्यालय पहुंच जायेगी। यदि फार्म में औपचारिकताएं पूरी नहीं होंगी तो फाइल थाने का वापस हो जायेगी। यह व्यवस्था नये पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने लागू की है।
सूत्रों के अनुसार जनपद में 41,502 शस्त्र लाइसेंस हैं जिनमें सिंगल बैरल बंदूक के 16,590, डबल बैरक बंदूक के 12,494, एमएल गन 1805, राइफल 669 तथा थर्टी कारबाइन के 63 लाइसेंस शामिल हैं। इसके अलावा हजारों शस्त्र लाइसेंस फार्म, डीएम कार्यालय, एसपी कार्यालय, थानों, सीओ कार्यालय, अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय, डीसीआरबी तथा एलआईयू कार्यालय में लम्बित हैं। रिपोर्ट लगवाने के लिए आवेदक पुलिस कार्यालय के बराबर चक्कर लगाते रहते हैं। आरोप है कि बिना सुविधा शुल्क लिए रिपोर्ट नहीं लगायी जाती है। तत्कालिक एसपी अखिलेश कुमार तथा प्रेम गौतम ने शस्त्र लाइसेंसधारकों के लिए गुरुवार को दिन निश्चित किया था। उनके कार्यालय में शस्त्र लाइसेंस आवेदकों की लम्बी कतार लगती थी। प्रत्येक आवेदक एक हाथ में अर्जी लेकर उनके समक्ष पेश होता था। जिस अर्जी पर पुटअप फार्म लिखा होता था, वह फार्म अग्रसारित होकर डीएम कार्यालय भेज दिया जाता था लेकिन वर्तमान पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने सभी शस्त्र लाइसेंस फार्म थानों को वापस भेजकर पुनरू रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिए थे। उधर एसपी का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस आवेदक को उनके पास आने की जरूरत नहीं है। यदि फार्म में सारी औपचारिकताएं पूरी हैं तो संस्तुति होकर डीएम कार्यालय भेज दिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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