Posted on 10 January 2011 by admin
21 जनवरी को जिला मख्यालयों पर महासभा करेगा प्रर्दशन
प्रदेश के पूर्व मन्त्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया सहित प्रदेश के क्षति्रयों पर फर्जी मुकदमें दर्ज किये जाने के विरोध में अखिल भारतीय क्षति्रय महासभा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रर्दशन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन देगा। अखिल भारतीय क्षति्रय महासभा के राश्टीय अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राजा भइया सहित प्रदेश के क्षत्रियों पर दर्ज कराये गये सभी फर्जी मुकदमें वापस ले। उन्होने आरोप लगाया कि जब से यह सरकार बनी है तभी से क्षत्रियों का उत्पीडन किया जा रहा है। अब उत्तर प्रदेश सहित पंजाब , मध्यप्रदेश , हरियाणा राज्यों में भी राजा भइया मामले पर क्षत्रिय समाज आक्रोशित हो गया है। श्री सिंह ने कहा कि जलद ही महासभा का एक प्रतिनिधि मण्डल राजा भइया से बरेली जेल में मुलाकात करेगा। उन्होने कहा कि कल ही बरेली व मुरादाबाद जनपदों में प्रर्दशन किया गया। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार क्षत्रियों के उत्पीडन में लगी है। उत्पीडन की कार्यवाही लगातार हो रही है। इससे क्षत्रिय समाज अब आन्दोलित है। महासभा 21 जनवरी से प्रदेश के सभी जनपदों में प्रर्दशन कर ज्ञापन जिलाधिकारी को देगा। फरवरी में मण्डल स्तर पर प्रर्दशन किया जायेगा। उन्होने कहा कि जल्द ही प्रदेश कमेटी बैठक कर आन्दोलन की रणनीति तय की जायेगी। क्षत्रिय समाज पहले एकजुट नहीं हो पाया था लेकिन अब लोग संगठित हो रहे हैं। उत्तराखण्ड में 65 लाख क्षत्रिय एकजुट हो चुका है। श्री सिंह ने कहा कि भ्रश्टाचार के खिलाफ हमारा अभियान अब भी जारी है। क्षत्रिय महासभा गांव ,ब्लाक स्तर पर एकजुट हो गया है। अब गांव ,ब्लाक स्तर पर चलायी जा रही योजना में व्याप्त भ्रश्टाचार के विरूद्ध आन्दोलन किया जायेगा। उन्होने कहा कि हम क्षत्रिय समाज का लोकतन्त्रीकरण कर रहे हैं। कमजोर होने से क्षत्रिय समाज प्रताडना का शिकार हुआ। ऐसे में बिना लोकतन्त्र के सशक्तीकरण किये बिना समाज का उत्थान नहीं होगा। इस अवसर पर क्षत्रिय महासभा के राश्टीय उपाध्यक्ष कर्नल डी आर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष कर्नल भरत सिंह ,मण्डल अध्यक्ष बी एल सिंह सेंगर ,जिलाध्यक्ष डा सुशमा पंवार उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 10 January 2011 by admin
बस्ती के वाल्टरगंज ‘ाूगर मिल में 8 जनवरी 2011 को डयूटी के दौरान बीमार हुए कर्मचारी रामनारायन की मौत होने पर मिल प्रबंधन से मृतक के परिवार को आर्थिक मदद और किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर स्थानीय थाने के एसओ ने लाठियां चलाई, अपशब्द कहे और पांच नामजद सहित 200 लोगों पर फर्जी मुकदमें कायम कर दिए हैं। यह जाहिर करता है कि पुलिस सत्तारूढ़ बीएसपी का कारिन्दा बन गई है और वह जनता की रक्षक नहीं, भक्षक बन गई है।
मृतक श्रमिक के परिवार को राहत दिए जाने के सम्बंध में मिल अधिकारियों से जब समाजवादी पार्टी नेता वार्ता कर रहे थे तभी वहां पहुंचे वाल्टरगंज थाने के एसओ श्री डी0के0 श्रीवास्तव ने आते ही अपशब्दों की बौछार के साथ लाठियां चलाना ‘ाुरू कर दिया। वहां सीओ0 सिटी के सामने भी उक्त एसओ ने Þदौड़ा-दौड़ाकर गोली मारनेÞ की धमकी दी जिस पर उन्हें फटकार भी लगाई गई थी। अपने उच्च अधिकारियों के सामने अनुशासित बल के एक ऐसे उद्दण्ड अनुशासनहीन एसओ का यह आचरण बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है।
डीजीपी श्री करमवीर सिंह आए दिन पुलिसकर्मियों से अपने व्यवहार में सुधार लाने और मित्र पुलिस का चेहरा दिखाने के परिपत्र जारी करते रहते हैंं पर हकीकत में पुलिस के छोटे बड़े अधिकारी दोनों ही अंग्रेजी जमाने के तौर तरीकों पर चल रहे हैं। जनता की मांगों के प्रति असंवेदनशील और दमन को ही अपना अधिकार मानने वाले पुलिसकर्मियों पर अंकुश लगना ही चाहिए। बस्ती के जिन पुलिसजनों ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई, नेताओं को अपशब्द कहे उन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। मिल पं्रबधन की ‘ाह पर पुलिस द्वारा दर्ज सभी मुकदमे खत्म होने चाहिए। यदि बस्ती के डीएम और एसपी ने भी इस घटना का संज्ञान न लिया और न्यायोचित कार्यवाही नहीं की तो समाजवादी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 10 January 2011 by admin
केराकत,जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र के नगर व ग्रामीणांचल क्षेत्रों में खाद्य पदार्थो में धड़ल्ले से मिलावट पर लगाम लगाने में शासन-प्रशासन व नमूना टीम पूरी तरह विफल साबित हो गई है। क्षेत्रीय जनता और समाजसेवकों के साथ क्षेत्रीय प्रबुद्धों का मानना है कि मिलावट पर कारगर नकेल न लगाने के पीछे नमूना टीम द्वारा मिलावटखोरों से वसूली ही आड़े आ रही है। दूसरी तरफ मिलावटखोर नमूना टीम को सुविधा शुल्क देकर उन्हें निभीZकता से मिलावटखोरी करने की छूट दिये हुए हैं।
बताया गया है कि पिछले महीनों में दिखावे के लिए नमूना टीम ने शासन-प्रशासन के निर्देश पर गली-कूंचों तक की चाय-मिष्ठान और खाद्य पदार्थो की बिक्री करने वालों के यहां छापेमारी का हौवा खड़ाकर ले-देकर मोटी रकम कमाने के बाद मौन धारण कर लिया गया। जिसका परिणाम है कि केराकत क्षेत्र में अनाज, तिलहन, वनस्पति और दूध, खोवा, पनीर के साथ मिष्ठान के दुकानदारों द्वारा अखाद्य पदार्थो का मिश्रण किया जाने लगा। जिसे खाने के बाद ग्राहक व आम नागरिक उसके दुष्प्रभाव से पीड़ित होने लगे और तरह-तरह की बीमारियों के शिकार, परन्तु इन मिलावटखोरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई न की जा रही है और ना ही कारगर नकेल ही लगाया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 10 January 2011 by admin
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहलला जोगियापुर में गत रविवार को सुबह टण्ड लगने से एक अधेड़ की मौत हो गई। बताया जाता है कि उक्त मोहल्ला निवासी रामलाल प्रजापति पुत्र अंगनू सुबह शौच हेतु जा रहे थे कि तेज ठण्ड लगने से वह जमीन पर गिर पड़ा। परिजन उन्हें उपचार हेतु अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि उनकी मौत हो गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 10 January 2011 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि गरीब ठंढ से मर रहे हैं। राज्य प्रशासन मुख्यमन्त्री के जन्मदिवस की तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रदेश प्रवक्ता सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने आज रविवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार गरीबों, दलितों, कमजोरों, मजदूरों के प्रति संवेदनशून्य है। सरकार ने भुखमरी से होने वाली मौतों का कड़ुवा सच नहीं स्वीकार किया। इस साल की जानलेवा सदÊ प्राकृतिक आपदा है। प्राकृतिक आपदा की मार से पीड़ितों का बचाव करना सरकार की ही जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार के पास अलग से धन होता है। राहत के लिए राजस्व विभाग के पास धन होता है। सरकार के पास आकिस्मकता निधि का भारी कोष होता है। राहत के धन की कमी थी तो सरकार इस धन को राहत कोष में भेजकर बदलकर कम्बल, अलाव आदि की व्यवस्था करवा सकती थी। लेकिन बसपा सरकार की संवेदनहीनता के चलते जानलेवा प्राकृतिक आपदा की उपेक्षा हुई है। बसपा सरकार की भ्रष्टाचारी स्वाभाविकता के चलते इस मद में जारी अल्प धनराशि का भी सदुपयोग नहीं हुआ। नतीजतन राज्य में लगभग 200 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।
श्री दीक्षित ने ठंढ से मौतो के कथित सत्यापन के सरकारी निर्णय को असभ्य बताया और कहा कि सरकार ने जिलाधिकारियों से एक डाक्टर व सम्बन्धित एस0डी0एम0 की कमेटी के जरिए ठंढ से हुई मौतों के सत्यापन का निर्देश देकर गरीबों की मौत का भी मजाक बनाया है। प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जिलाधिकारी और डाक्टर आखिरकार इन मौतों का कारण कैसे तलाशेंगेर्षोर्षो मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही बताती है। ठंढ से मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। आखिरकार डाक्टर और एस0डी0एम0 परिजनों से क्या पूंछ कर मौत का कारण सुनिश्चित करेंगे।
श्री दीक्षत ने कहा कि मौत का कारण सरकार प्रायोजित अभाव और भुखमरी है। कड़ाके की सदÊ के बावजूद सरकारी संवेदनहीनता ही इन मौतों का मुख्य कारण है। अन्तत: सरकार ही इन मौतों की जिम्मेदार और अभियुक्त है। बसपा सरकार के एजेण्डे में गरीब कमजोर है ही नहीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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