बस्ती के वाल्टरगंज ‘ाूगर मिल में 8 जनवरी 2011 को डयूटी के दौरान बीमार हुए कर्मचारी रामनारायन की मौत होने पर मिल प्रबंधन से मृतक के परिवार को आर्थिक मदद और किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर स्थानीय थाने के एसओ ने लाठियां चलाई, अपशब्द कहे और पांच नामजद सहित 200 लोगों पर फर्जी मुकदमें कायम कर दिए हैं। यह जाहिर करता है कि पुलिस सत्तारूढ़ बीएसपी का कारिन्दा बन गई है और वह जनता की रक्षक नहीं, भक्षक बन गई है।
मृतक श्रमिक के परिवार को राहत दिए जाने के सम्बंध में मिल अधिकारियों से जब समाजवादी पार्टी नेता वार्ता कर रहे थे तभी वहां पहुंचे वाल्टरगंज थाने के एसओ श्री डी0के0 श्रीवास्तव ने आते ही अपशब्दों की बौछार के साथ लाठियां चलाना ‘ाुरू कर दिया। वहां सीओ0 सिटी के सामने भी उक्त एसओ ने Þदौड़ा-दौड़ाकर गोली मारनेÞ की धमकी दी जिस पर उन्हें फटकार भी लगाई गई थी। अपने उच्च अधिकारियों के सामने अनुशासित बल के एक ऐसे उद्दण्ड अनुशासनहीन एसओ का यह आचरण बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है।
डीजीपी श्री करमवीर सिंह आए दिन पुलिसकर्मियों से अपने व्यवहार में सुधार लाने और मित्र पुलिस का चेहरा दिखाने के परिपत्र जारी करते रहते हैंं पर हकीकत में पुलिस के छोटे बड़े अधिकारी दोनों ही अंग्रेजी जमाने के तौर तरीकों पर चल रहे हैं। जनता की मांगों के प्रति असंवेदनशील और दमन को ही अपना अधिकार मानने वाले पुलिसकर्मियों पर अंकुश लगना ही चाहिए। बस्ती के जिन पुलिसजनों ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई, नेताओं को अपशब्द कहे उन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। मिल पं्रबधन की ‘ाह पर पुलिस द्वारा दर्ज सभी मुकदमे खत्म होने चाहिए। यदि बस्ती के डीएम और एसपी ने भी इस घटना का संज्ञान न लिया और न्यायोचित कार्यवाही नहीं की तो समाजवादी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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