Archive | October 12th, 2010

माननीय के इशारे पर तो नही की गई साजिश!

Posted on 12 October 2010 by admin

मुर्दा प्रत्याशी प्रकरण मे भले ही प्रधान पर भले ही प्रशासन ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया हो लेकिन सच्चाई इसके उलट नज़र आ रही है। कहा जा रहा है कि इसमें एक मन्त्री के इसारे पर गहरी साजिश को अंजाम दिया गया है। नोड्यूज जारी करने वाले सेक्रेटरी पर कार्यावाही होना तय माना जा रहा है। हालांकि खबर का असर यह रहा है कि कुम्भकरणीZ नीन्द में सोया प्रशासन हरकत में आ गया।

ब्लाक बिल्दराय के नरसड़ा गांव में 16 लोेगो ने प्रधान पद के लिए नामांकन किया था जिसमें 6 साल पहले मर चुकी गीता सिंह का नामांकन हो  गया और पूरी प्रक्रिया के साथ चुनाव चिन्ह किताब आवांटित कर दिया गया। िशकायत के बाद जब जांच की गई तो सत्यता का पता चला जांच के उपरान्त वहां  मतदान  स्थल पर नोटिस चस्पा कर दी गई तथा मृतक के पति के खिलाफ धोखाधड़ी एवं चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के तहत धारा 420, 467, 468, 471/126 भा0द0वि0 का मामला दर्ज किया गया है। सूत्रो के मुताबिक अनिल सिंह को मात देने के लिए विरोधियों ने एक माननीय की शह पर मृतक गीता सिंह का नामांकन करवा दिया गया। बाकायदा नोड्यूज भी जारी हो गया, हैरत की बात यह है कि हसकी िशकायत विरोधी प्रत्याशी लगातार करते रहे लेकिन कार्यावाही न के बराबर रही। समाचार पत्र में जब इस प्रकरण  को प्रमुखता से छापा तो प्रशासन हरकत में आ गया। सूत्रो की माने तो मृतक महिला का नोड्यूूेज सेक्रेटरी ने कैसे बना दिया, माना जा रहा है कि सेक्रेटरी पर जल्द ही गाज गिर सकती है। सूत्रो की माने तो पल पल की खबर रखने वाले सेक्रेटरी भी इस साजिश का अहम हिस्सा है जिससे पुलिस जल्द ही सच्चाई उगलवा लेगी। फिलहाल समाचार प्रकािशत होने के बाद से प्रशासन कार्यावाही के मूड में दिख रहा है। इस बाबत निर्वाचन अधिकारी महेन्द्र मौर्या ने बताया आरोपी अनिल सिंह उर्फ लक्ष्मन सिंह अपनी माता को चुनाव लड़ा रहे हैं और उनका चुनाव निशान घंटी है। वैसे वो इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं लेकिन दोनो चुनाव चिन्हों पर उनका नाम पोस्टर और नामांकन कुछ और ही कहानी बता रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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….जनाब लेखपाल है या राज्यपाल

Posted on 12 October 2010 by admin

तहसील सदर में तैनात लेखपाल है या राज्यपाल इसे अधिकारी ही बता सकते हैैं। ढूंढे से वह ढूंढे नहीं मिलता है। आरोप है कि इस लेखपाल की साठ गांठ भू माफियाओं से है। जिसपर कई आपराधिक मुकदमें भी दर्ज है।

जानकारी के मुताबिक दर्जन लोगो ने मुख्यमन्त्री को भेजे िशकायती पत्र में कहा है कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल राममिलन कभी भी कार्यालय पर नहीं मिलता है। आय, निवास प्रमाण बनवाने के लिए लोगो को दर-दर भटकना पड़ता है। ज्यादातर समय वह अपने घर पर ही मौजूद रहते हैं। लोगो ने बताया कि उक्त लेखपाल पर कोतवाली नगर में मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। यह सरकारी काम कम प्रापर्टी डीलिंग में ज्यादा मशरूफ रहते हैं। लोगो ने मुख्यमन्त्री से न्याय की गुहार करते हुए तेज तर्रार डी0एम0 डॉ0 पिंकी जोवेल से कार्यवाही की आस लगायी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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देर रात तक चलता रहा मतदान

Posted on 12 October 2010 by admin

जिले के चार विकास खण्ड क्षेत्रो में प्रथम चरण का मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शान्तिपूर्ण रहा। वहीं कई बूथो पर देर रात तक वोट डालने का सिलसिला चलता रहा। रोशनी के आभाव में कर्मचारियों ने मोमबत्ती की रोशनी का सहारा लिया जिसमें बुजुर्ग कर्मचारियांें को कम रोशनी के आभाव में काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। विकास क्षेत्र कुड़वार के आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतो में देर रात तक मत डालने का सिलसिला चलता रहा। जहां सबसे ज्यादा देर कुड़वार ग्राम पंचायत के इसरौली बूथ पर हुई।    चुनाव आयोग के सख्ती के उपरान्त भी कई ग्राम  पंचायतो में अराजक तत्वों  ने हिंसा करने का प्रयास भी किया। परन्तु ग्रामीणों की सूझबूझ के चलते अपने मकसद में वो कामयाब नही हो पाये। हांलाकि मीरापुर ग्राम पंचायत में तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पहुंची टीम को देख लगभग 150 फर्जी मतदाता भाग निकले। आरोप है कि मतदान के बाद अब मतगणना मेंं यह अराजक तत्व गड़बड़ी फैलाने की कोशिस कर सकते हैं।

कुड़वार ब्लाक के मीरापुर ग्राम पंचायत में दोपहर तक शान्तिपूर्ण ढ़ंग से मतदान चला। कमालपुर मोहल्ले के मतदाताओें ने लगभग सायं 5 बजे तक सारे वोट डाल दियंें, लेकिन मीरापुर मोहल्लेवासियों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। वजह यह थी कि जो मतदाता बाहर प्रदेश में रह रहे थे उनका भी वोट दूसरा व्यक्ति बडे आसानी से डाल दे रहा था। जब इसकी खबर तेज जर्रार पुुलिस अधीक्षक डॉ0 ए0के0 राघव को मिली तो कुड़वार थानाध्यक्ष पंकज तिवारी मय फोर्स के साथ मीरापुर बूथ पर पहुंच गये, पुलिस को देखते ही 150 की लगी लम्बी लाइन सिर्फ एक दर्जन ही मतदाताओं की बची। ग्रामीणों ने बताया कि मीरापुर ग्रामसभा वासी हारते देख एक जुट हो गये, जबकि यहां पर 4 प्रत्यासी चुनाव मैदान में थे। अब  यह आशंका है कि अराजक तत्व मतगणना के दिन कर्मचारियों को हमवार कर गड़बड़ी फैला सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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