Archive | April 13th, 2018

भजन संध्या स्थल के निर्माण हेतु 477.67 लाख रुपये की द्वितीय किश्त मंजूर

Posted on 13 April 2018 by admin

लखनऊ: 13 अप्रैल, 2018
राज्य सरकार द्वारा जनपद फैजाबाद में भजन स्थल संध्या स्थल के निर्माण के लिए 477.67 लाख रुपये की द्वितीय किश्त की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
धर्मार्थ कार्य विभाग से मिली से मिली जानकारी के अनुसार जनपद फैजाबाद में भजन संध्या स्थल के निर्माण हेतु 1477.69.7 लाख रुपये आंकलित की गई थी। जिसके अनुरूप 5.00 करोड़ रुपये की धनराशि शासन द्वारा पहले ही निर्गत की जा चुकी है।

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जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन संबंधी नियमावली प्रख्यापित

Posted on 13 April 2018 by admin

जैव ऊर्जा उद्यमों के लिए निवेश की असीमित संभावनायें
लखनऊ: 13 अप्रैल, 2018
राज्य सरकार ने प्रदेश में जैव ऊर्जा प्रोत्साहन कार्यक्रम को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के तहत उद्यमियों तथा निवेशकों को विशेष सुविधाएं सुलभ कराने की प्रयास की गई है। इसके लिए आकर्षक एवं व्यवहारिक नियमावली प्रख्यापित की गई है। सरकार का पहल है कि राज्य में जैव ऊर्जा परियोजनाएं बड़ी संख्या में स्थापित हों, ताकि लोगों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध हो सकें।
यह जानकारी अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न जैव ऊर्जा परियोजनाओं जैसे-डीजल, बायो एथेनाॅल, मेथेनाॅल, बायो गैस, बायो सीएनजी, प्रोडयूसर गैस, बायो कोल उत्पादन इकाईयों पर विशेष प्रोत्साहन देने का प्राविधान किया गया है। जैव ऊर्जा के उत्पादन से पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य की प्राप्ति, पेट्रोलियम आधारिर्त इंधन की खपत को उत्तरोत्तर रुप से कम करने, अतिरिक्त रोजगार सृजन तथा आर्गेनिक खेती हेतु आवश्यक इनपुट की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रख्यापित नियमावली में जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन योजना में निवेश पर पूॅजीगत अनुदान की तीन सीमायें तय की गई है। इसमें स्तर-1 की परियोजना हेतु 10 करोड़ रुपये सेे कम, स्तर-2 की परियोजनाओं के लिए 10 से 100 करोड़ रुपये तक तथा स्तर-3 की परियोजनओं के लिए 100 करोड़ रुपये से ऊपर की परियोजनायें ली जायेगी।
नियमावली में वित्तीय सहायता हेतु परियोजना लागत के विभिन्न अंशों की गणना का आधार जैव ऊर्जा प्रोत्साहन हेतु जारी दिशा निर्देश तथा औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-12017 को रखा गया है। योजनान्तर्गत विभिन्न उपादान की गणना करते समय परियोजना लागत में भूमि व प्रशासकीय भवन की लागत को सम्मिलित नहीं किया जाएगा। यंत्र एवं संयत्रों की स्थापना, अनुसंधान एवं विकास गतिविधयों, आंतरिक परिक्षण सुविधाओं, भण्डारण सुविधाओं, उत्पादन प्रक्रिया से संबंधित नये भवनों के निर्माण में की गई लागत को वास्तविक व्यय के आधार पर भवन के मूल्य हेतु आवंटित किया जाएगा। अवस्थापना सुविधाओं के अंतर्गत ऐसी नई सड़कें, सीवर लाइन, जलनिकाशी, पावर लाइन, रेलवे, साइडिंग आदि के कार्य माने जाएगे। औद्योगिक उपक्रम के स्वयं प्रयोग हेतु इन्फ्युलएट इस्टिमेट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रांसफार्मर एवं पावर फीडर की स्थापना भी शामिल होगी।
श्री आलोक कुमार ने बताया कि बायो एथेनाॅल, बायो डीजल, ड्राप-इन-फ्यूल, मेथेनाॅल तथा अन्य बायो फ्यूल के उत्पादन में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित गुणवत्ता मानकों का प्रत्येक दशा में अनुपालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि जैव ऊर्जा परियोजना के लिए वर्ष में दो बार विज्ञापन के माध्यम में आवेदन आमंत्रित लिए जायेंगे। प्राप्त आवेदन पत्रों पर इच्छुक उद्यमियों की निवेश सीमा के आधार पर विचार किया जाएगा। आवेदन पत्रों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के अनुमोदन के उपरान्त मान्य प्रस्तावों को ‘लेटर आॅफ कन्फर्ट‘ जारी किया जाएगा।
आवेदन पत्र का निर्धारित प्रारुप उद्योग विभाग, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विभाग अभिकरण तथा योजना भवन लखनऊ स्थित उ0प्र0 राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।

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भूगर्भ जल विभाग की वित्तीय योजनाओं हेतु 79.96 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत

Posted on 13 April 2018 by admin

लखनऊ: 13 अप्रैल, 2018
राज्य सरकार ने भूगर्भ जल विभाग में चालू विभिन्न योजनाओं हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 79.96 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृति की है।
प्रमुख सचिव, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग की ओर से इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेशानुसार इस धनराशि से भूगर्भ जल सर्वेक्षण का विकास, आंकलन एवं सुदृढ़ीकरण योजना, शासकीय भवनों पर रुफटाप रेन हार्वेस्टिंग प्रणाली के कार्य, भू-जल संसाधनों की गुणवत्ता का अनुश्रवण एवं मैपिंग के कार्य, भू-जल जन जागरुकता एवं प्रचार-प्रसार के साथ राज्य भू-जल संरक्षण मिशन के विभिन्न कार्यों को सम्पादित किया

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सम्पत्ति बनाने की जगह गुणात्मक शिक्षा से प्रत्येक बच्चे को देश के लिए उपयोगी नागरिक बनायें निजी विद्यालय

Posted on 13 April 2018 by admin

लखनऊ, 13 अप्रैल। आज पूरे देश में निजी स्कूलों के प्रबन्धकों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे है। इसके विपरीत गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में एक ही शहर में सबसे अधिक बच्चों वाले स्कूल के रूप में दर्ज एवं वर्ष 2002 के यूनेस्को प्राइज फाॅर पीस एजूकेशन पुरस्कार से सम्मानित लखनऊ के सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक-प्रबंधक एवं भूतपूर्व विधायक डाॅ. जगदीश गाँधी और उनकी धर्मपत्नी डाॅ. भारती गाँधी की लगभग 59 वर्ष स्कूल संचालन के बाद भी मात्र 15,45,340.53 (पन्द्रह लाख पैंतालीस हजार तीन सौ चालीस रूपये एवं तिरपन पैसे) की सम्पत्ति देश के अन्य प्रतिष्ठित स्कूल प्रबंधकों के लिए एक उदाहरण है।

5 अप्रैल, 2018 घोषित सम्पत्ति के अनुसार इन दोनों के पास कुल मिलाकर रू0 15,45,340.53 (पन्द्रह लाख पैंतालीस हजार तीन सौ चालीस रूपये एवं तिरपन पैसे) की सम्पत्ति है। डा. जगदीश गाँधी व डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने घोषित किया है कि उनके पास अचल सम्पत्ति के रूप में कुछ भी नहीं है। वे विगत 59 वर्षों से किराये के मकान में रहते हैं, उनके पास अपना कोई मकान नहीं है और न ही किसी प्रकार की जमीन व प्रापर्टी आदि है। किसी भी बैंक में उनका कोई लाॅकर आदि नहीं है और न ही किसी प्रकार की विदेशी मुद्रा, सोना, चांदी अथवा किसी प्रकार के आभूषण हैं। इसके अलावा किसी भी बैंक में उनके नाम पर कोई चालू खाता (करेन्ट एकाउन्ट) नहीं है और न ही कोई फिक्स डिपाजिट है। आप दोनों प्रख्यात शिक्षाविदों ने घोषणा की है कि उपरोक्त वर्णित सम्पत्तियों के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की कोई भी अन्य व्यक्तिगत सम्पत्ति उनके पास नहीं है। यह जानकारी डा0 गाँधी की वेबसाइट www.jagdishgandhiforworldhappiness.org पर भी उपलब्ध है।

डाॅ. गाँधी उत्तर प्रदेश की पांच वर्षों तक विधायक रहकर भी जन सेवा व समाज सेवा की है। इस अवधि में या इसके पहले या बाद में भी इन्होंने कभी भी प्रदेश सरकार या भारत सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं ली है। गाँधी दम्पत्ति का जीवन एक खुली किताब की तरह है। इन्होंने सदैव ही अपने जीवन में सादगी को ज्यादा महत्व दिया है। इन दोनों का मानना है कि बच्चों की सर्वोत्तम शिक्षा ही परमात्मा की सबसे बड़ी पूजा है। इस प्रकार बच्चों की शिक्षा के माध्यम से धन कमाना इनका उद्देश्य कभी भी नहीं रहा है, अपितु बच्चों की शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा करना ही इनका उद्देश्य है। गाँधी दम्पत्ति द्वारा वर्ष 1959 में जिस विद्यालय को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए ‘जय जगत’ के ध्येय वाक्य को अपनाते हुए मात्र 5 छात्रों से शुरू किया गया था उस विद्यालय में वर्तमान में 55,000 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चन्द्र शुक्ला अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल

Posted on 13 April 2018 by admin

कांग्रेस विधि-विभाग की संविधान समीक्षा चर्चा में शामिल हुए प्रदेश के अधिवक्ता

कुशीनगर की तमकोही राज तहसील में पिछले दिनों में उत्तर-प्रदेश सरकार की मिली भगत से बालू खनन माफियाओं द्वारा जबरन कब्जा की गई भूमिधरी जमीन के विरोध में कृषकों के आन्दोलन का समर्थन करने पर कांग्रेस विधायक अजय लल्लू राज को पुलिस ने जमानती अपराध की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया था जिसके विरोध में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने पार्टी के हजारों समर्थकों के साथ किसानों के साथ संघर्ष किया उसके बाद कांग्रेस के विधि-विभाग के चेयरमैन गंगा सिंह ने सरकार के अत्याचार विरुद्ध अपनी टीम के साथ जमीनी हकीकत का पता लगाने का बहुत बड़ा कार्य किया जिसमें वरिष्ठ-उपाध्यक्ष रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष डी.एस.तिवारी, श्रवण कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती किरन बाजपेयी, आशुतोष सिंह आशू, वीरेन्द्र कुमार सिंह गौतंम प्रदेश संयोजक शमशाद आलम, जहिराह्मद खान,श्रीमती शीला मिश्रा, सी.पी. तिवारी, अभिषेक कौशिक,राजेन्द्र जायसवाल, औसाफ अहमद संसार पाल, शैलेश त्रिपाठी, कुलदीप मिश्रा, एस.के.अवस्थी, अमरेन्द्र कुमार, सर्वेश रावत, आर चन्द्रा, अमित सचान, मो.शब्बीर ‘भोलू’ एवं कार्यालय सचिव अनस खान मौजूद थे l आज डा. भीम राव अम्बेडकर की पूर्व संध्या पर माल्यार्पण करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष डी.एस.तिवारी ने कहा कि वर्तमान सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने में अस्मर्थ है इसलिए इसे सत्ता से हट जाना चाहिए l

प्रदेश मीडिया प्रभारी वी.के.पाण्डेय ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ अधिवक्ता भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते फ़ैजाबाद के रमेश चन्द्र शुक्ला ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और कहा कि भाजपा में शामिल हुए कहा कि आज देश में ‘अंतिम-आदमी’ के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन हमारा विधि-विभाग इसके क़ानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए पूरे प्रदेश से पदाधिकारियों की बैठक आहूत करके संविधान समीक्षा चर्चा की जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व गृह राज्य मंत्री राम कृष्ण दिवेदी, अनुशासन समिति सदस्य फजले मसूद, प्रदेश कमेटी महासचिव प्रमोद सिंह एवं प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने भी संबोधित किया और कहा कि संविधान का उद्देश्य अंतिम-आदमी को व्यवस्था के केंद्र में लाना था लेकिन आज इनके विरूद्ध शोषण एवं अत्याचार जारी है जिसे कांग्रेस कभी स्वीकार नहीं करेगी l

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योगी सरकार सपा, बसपा, कांग्रेस नहीं, जो अभियुक्तों को राजनीतिक संरक्षण दे- डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय

Posted on 13 April 2018 by admin

-प्रदेश की योगी सरकार ने किसी भी अपराधी को न तो कोई रियायत बरती है और न ही राजनीतिक संरक्षण दिया है। उसके लिए आम या खास सब बराबर हैं।
-सपा, बसपा, कांग्रेस को अपने शासनकाल में अपराधियों व अभियुक्तों को राजनैतिक संरक्षण देकर पीड़ित व पीड़िताओं के साथ अन्याय करने की घटनाओं को याद करना चाहिए।
-भाजपा सरकार का सख्त संदेश, रसूखदार हो या अन्य कोई, अपराध करेगा तो उसकी जगह केवल जेल होगी।
लखनऊ 13 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि प्रदेश में सरकार गठन के बाद से ही अपराध और अपराधियों पर निपट कर सुरक्षित प्रदेश बनाना भाजपा की प्रतिबद्धता रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने किसी भी अपराधी को न तो कोई रियायत बरती है और न ही राजनीतिक संरक्षण दिया है। उसके लिए आम या खास सब बराबर हैं।
डॉ. पांडेय ने कहा कि उन्नाव की घटना जैसे ही संज्ञान में आई, योगी सरकार ने तत्परता दिखाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की और मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही सीबीआई ने आरोपी विधायक को हिरासत में लिया और मामले में पॉस्को की धाराएं भी लगाई गई। माखी के थानेदार सहित छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर योगी सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले अफसर व कर्मचारियों को भी भुगतना होगा।
डॉ. पांडेय ने कहा कि योगी सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की तरह आम और खास लोगों में भेदभाव नहीं करती। पिछली सपा सरकार ने मंत्री गायत्री प्रजापति के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत करने वाली पीड़िता व उसकी बेटी का ही जीना मुहाल कर दिया था। जबकि उन्नाव की पीड़िता को योगी सरकार ने घटना के तुरन्त बाद एस.आई.टी. को जांच तथा परिवार को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई। अभियुक्त मंत्री प्रजापति को कानून को सौंपने के बजाय तत्कालीन सरकार के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले में जांच तक नहीं होने दी थी। मंत्रिमंडल से निकालना तो दूर इतने गंभीर मामले के अभियुक्त को अखिलेश यादव अपने साथ लेकर घूमते रहे। शाहजहांपुर में पत्रकार को जलाकर मार डालने के आरोपी तत्कालीन सपा सरकार के मंत्री पारस नाथ यादव को शासन व मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए क्लीनचिट देने वाली अखिलेश सरकार ही थी। मायावती के शासन में बांदा के बहुचर्चित नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपी बसपा के विधायक पुरुषोत्तम द्विवेद्वी पर सरकार की ऐसी मेहरबानी थी कि उच्चतम न्यायालय को दखल देकर मायावती सरकार को फटकार लगानी पड़ी और न्यायालय को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि भंवरी देवी हत्याकांड के अभियुक्त कांग्रेस के नेता पारस राम मदरेणा, युवती के साथ गलत काम करने के आरोपी एवं कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के भांजे तरुण तेजपाल सहित दर्जनों मामलों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों द्वारा अभियुक्तों को बचाने की कोशिशों को पूरे देश ने देखा है। इन दलों के नेताओं को अपने शासनकाल में अपराधियों व अभियुक्तों को राजनैतिक संरक्षण देकर पीड़ित व पीड़िताओं के साथ अन्याय करने की घटनाओं को याद करना चाहिए। साथ ही योगी सरकार द्वारा किसी भी तरह का अपराध करने वाले और कितना भी रसूख रखने वाले अभियुक्तों को कानून के शिकंजे में जकडने की तत्पर कार्रवाई से सुनिश्चित हो जाना चाहिए कि भाजपा सरकार के दौरान अपराधी की जगह केवल जेल होगी। आदरणीय पीएम मोदी ने बेटियों को न्याय देने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बेटियों की सुरक्षा की गांरटी को पुनः दोहराया है। हमारी सरकार के प्रेरणा श्रोत आदरणीय मोदी जी के दिशा र्निदेश है जिस पर हम सब कार्य करते है।

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