खतौनी में अवैध आदेशों के चलते भूमिधर किसान कागजों पर बने भूमिहीन
व्यापक फर्जीवाड़े से भूमाफियाओं की चांदी
राजमार्ग 29 के चौडीकरण में मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया लम्बित
अवैध आदेशों को निरस्त कर मूल खतौनी तैयार करने और उसी के आधार पर मुआवजा वितरित करने की मांग की गयी.
वाराणसी की पूर्वी सीमा पर गंगा गोमती संगम पर स्थित कैथी गाँव मार्कंडेय महादेव धाम के कारण सुविख्यात है, संगम स्थल देखने में बहुत ही सुरम्य है और पर्यटन की दृष्टि से इसका महत्व बहुत बढ़ता जा रहा है. जहाँ लेकिन गोमती नदी के इस संगम का वास्तविक स्थान इससे कहीं बहुत आगे है, ऐसा गोमती द्वारा वर्ष 1978 में किये गये धारा परिवर्तन के कारण हुआ है, नदी की कटान के कारण कैथी की सैकड़ों एकड़ भूमि नदी के उस पार चली गयी और गोमती ने कैथी गाँव की आबादी की तरफ अपना रुख करते हुए गंगा में एक नये स्थान पर संगम बना लिया. तभी से आज तक यहाँ के किसान उस कटान का दंश झेल रहे हैं. गाजीपुर जिले के कुसहीं और खरौना गाँव के लोग जमीनों पर अवैध तरीके से काबिज होने कि कोशिश करने लगे आये दिन मारपीट, फौजदारी होने लगी यहाँ तक कि एक किसान की मौत भी भी हो गयी, इस प्रकार उत्पन्न वाराणसी गाजीपुर जनपद के बीच सीमा विवाद के निस्तारण के लिए ग्राम कैथी के सभी राजस्व अभिलेख सन 1979 में रिकार्ड आपरेशन के लिए सहायक अभिलेख अधिकारी बलिया को हस्तांतरित कर दिया गया. इस सम्बन्ध में एक वाद माननीय उच्च न्यायालय में आज भी लम्बित है. उक्त विवाद के कारण कैथी गाँव की चकबंदी नही हो सकी. आज किसानो की दूसरी पीढ़ी न्याय की गुहार लगाते लगाते थक चुकी है.
गोमती नदी की कटान के कारण उत्पन्न गाजीपुर वाराणसी जनपद सीमा विवाद के कारण ग्राम कैथी के राजस्व अभिलेख वर्ष 1979 में सहायक अभिलेख अभिलेख अधिकारी, बलिया को रिकार्ड आपरेशन के लिए हस्तांतरित कर दिए गये थे. उक्त खतौनी पर वहां कतिपय राजस्व कर्मचारियों द्वारा तमाम अनाधिकार एवं अवैध आदेश दर्ज कर दिए गये हैं जिससे अनेक भूस्वामी आज कागजों पर भूमिहीन हो गये हैं वहीँ भूमाफिया प्रकृति के लोग काबिज हो चुके हैं. वर्तमान में खतौनी जीर्णशीर्ण, अस्पष्ट एवं अपठनीय हो गयी है, मूल खतौनी के दर्जनों पन्ने गायब कर दिए गये हैं. जिस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 29 के चौडीकरण में होने वाले भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले कैथी के किसानो की सूची का प्रकाशन संभव नही हो पा रहा है और मुआवजा लम्बित है.
कैथी के किसानो ने आज प्रमुख सचिव राजस्व श्री रजनीश दूबे से मिल कर उन्हें समस्या बताते हुए गुहार लगाई कि सहायक अभिलेख अधिकारी, बलिया के यहाँ रिकार्ड आपरेशन के लिए रखी गयी कैथी ग्राम की खतौनी (1383-85 फसली) में हुए अवैध एवं अनाधिकार आदेशों को हटाते हुए खतौनी को मूल रूप में तैयार कराने, 35 वर्षो से लम्बित कैथी गाँव की रिकार्ड आपरेशन की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण कराने के साथ ही तहसीलदार सदर, वाराणसी महोदय के अभिलेखागार में उपलब्ध ग्राम कैथी की वर्ष 1380-82 फसली की खतौनी में वैधानिक वरासत, बैनामे और हिस्सेदारी को दर्ज कराते हुए अधिग्रहण से प्रभावित किसानो की सूची का धारा 3 घ के तहत प्रकाशन कराने और प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण कर भूम अधिग्रहण का मुआवजा का वितरण सुनिश्चित कराने की कृपा करें. प्रमुख सचिव ने सहृदयता पूर्वक मामले को सुनते हुए तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया.
प्रतिनिधिमंडल में श्यामाचरण पाण्डेय, वल्लभाचार्य पाण्डेय, कैप्टन सुरेश प्रताप सिंह, निर्मल सिंह, अशोक कुमार यादव एवं अजीत सिंह शामिल रहे.