Posted on 22 October 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। इसके तहत अनुदान की वर्तमान व्यवस्था को बदलकर कम से कम 50 प्रतिशत शूटिंग उत्तर प्रदेश में करने पर अधिकतम 01 करोड़ रु0 का अनुदान दिया जाएगा। किसी भी फिल्म की 50 प्रतिशत से अधिक शूटिंग प्रदेश में होने पर 02 करोड़ रु0 का अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार राज्य में द्वितीय फिल्म को 2.25 करोड़ रु0, तृतीय फिल्म को 2.50 करोड़ रु0, चतुर्थ फिल्म के लिए 2.75 करोड़ रु0 तथा इसके उपरान्त 03 करोड़ रु0 दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्माता निर्देशकों द्वारा प्रदेश में अग्र्रेतर फिल्म बनाए जाने पर अनुदान की धनराशि में बढ़ोत्तरी करते हुए क्रमशः द्वितीय फिल्म के लिए 2.75 करोड़ रु0, तृतीय फिल्म के लिए 3.25 करोड़ रु0, चतुर्थ फिल्म के लिए 3.50 करोड़ रु0 तथा पंचम फिल्म के लिए 3.75 करोड़ रु0 दिए जाएंगे। इसके साथ ही किसी फिल्म की शूटिंग प्रदेश में की जाती है और जिसके 05 कलाकार उत्तर प्रदेश के होंगे, ऐसी फिल्म के लिए 25 लाख रु0 का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
ऐसी फिल्में, जिनकी शूटिंग राज्य में की जाती है और इसके सारे कलाकार उत्तर प्रदेश के ही हैं तो ऐसी फिल्म को 50 लाख रु0 का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई फिल्म निर्माता प्रदेश में शूटिंग के माध्यम से यहां के पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक थीम/विरासत के सम्बन्ध में फिल्म निर्माण करता है तो उसे 50 लाख रु0 का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश वस्त्र उद्योग नीति’ को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में राज्य में वस्त्र उद्योग में निवेश को बढ़ाने के लिए सर्वाधिक आकर्षक प्रयत्न किए गए हैं।
इसके तहत राज्य में स्पिनिंग यूनिट को 07 प्रतिशत की दर से ऋण पर देय ब्याज की प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 07 वर्ष तक देय होगी। इसकी अधिकतम सीमा प्रतिवर्ष प्रति इकाई 01 करोड़ रुपए होगी। स्पिनिंग यूनिट को छोड़कर अन्य यूनिट पर यह सीमा 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम 07 वर्ष के लिए प्रति यूनिट अधिकतम 01 करोड़ रुपए होगी। इसी प्रकार राज्य में वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में सम्भावित निवेश को देखते हुए मेगा परियोजना की सीमा 75 करोड़ रुपए एवं 125 करोड़ रुपए का प्राविधान वस्त्र उद्योग नीति में रखा गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वस्त्रोद्योग का विशेष महत्व है। कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार वस्त्रोद्योग क्षेत्र एवं इससे सम्बन्धित अनुपूरक उत्पादन इकाइयों एवं विनिर्माण इकाइयों से ही प्राप्त होता है। वस्त्रोद्योग श्रमिक बाहुल्य उद्योग है और इसमें प्रदेश के विकास के असीमित अवसर है। प्रदेश में वस्त्र उद्योग के त्वरित विकास एवं निजी निवेश को प्रोत्साहन देने एवं वस्त्र उद्योग हेतु अनुकूल वातावरण सृजित करने के दृष्टिकोण से यह नीति तैयार की गई है। इस नीति में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की सभी उप शाखाओं जैसे स्पिनिंग, वीविंग, डाईंग, निटिंग, रेडीमेड गारमेन्ट आदि को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रोत्साहन देने का प्राविधान किया गया है। वस्त्र नीति के तैयार हो जाने के बाद वस्त्र उद्योग क्षेत्र से सम्बन्धित इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने 25 लाख रुपए तक स्टाॅक रखने वाले टैन्ट व्यवसायियों द्वारा टैन्ट, कनात, मेज, कुर्सी, कालीन, दरी, चादर, गद्दा, रजाई, तकिया, बेड तथा सजावट के सामान के उपयोग के अधिकार के अन्तरण पर देय कर के विकल्प में, उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम की धारा-6 के तहत समाधान योजना लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कमिश्नर वाणिज्य कर द्वारा इस योजना को निर्गत किए जाने की तिथि के 45 दिन के अन्दर, योजना के अन्तर्गत विकल्प देने वाले टैन्ट व्यावसायियों को विकल्प प्रार्थना पत्र एवं शपथ पत्र निर्धारित समाधान राशि के टेªजरी चालान के साथ, अपने कर निर्धारण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। राजस्व हित तथा टैन्ट व्यवसायियों की सुविधा के दृष्टिगत, वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए स्लैबवार नियत समाधान राशियों में 20 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए, वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए समाधान राशियां निर्धारित की गई हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नियमानुसार प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने समस्याओं के समाधान हेतु प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को नोडल अधिकारी नामित करते हुए निर्देश दिए कि सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर निर्धारित अवधि में समाधान कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि असाध्य बीमारी ह्रदय, किडनी, लिवर, कैन्सर के इलाज के लिए कैशलेस सुविधा भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को यथाशीघ्र दिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि पेन्शनरों को मात्र नवम्बर माह में ही नहीं बल्कि कैलेण्डर वर्ष में किसी भी माह एक बार जीवित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये जाने की छूट होगी। उन्होंने कहा कि बीमार एवं अशक्त अधिक आयु वाले पेन्शनरों से जीवित प्रमाण-पत्र लेने ट्रेजरी के स्टाफ को स्वयं जाना होगा। उन्होंने कहा कि वृद्ध सेवानिवृत्त एवं वरिष्ठ नागरिकों हेतु रेलवे एवं रोडवेज टिकट काउन्टर, राजकीय अस्पतालों में पर्चा, दवा वितरण एवं पैथोलोजी काउन्टर तथा बैंकों में भुगतान एवं जमा करने हेतु अलग से काउन्टर स्थापित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि पेन्शनरों को पेन्शन एवं अन्य आवश्यक जानकारी एवं दस्तावेज आनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित कराई जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेन्शन एसोसिएशन तथा सचिवालय पेन्शनर वेलफेयर के पदाधिकारियों के साथ उनकी माँगों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पेन्शनरों के राशिकरण का भुगतान दो भागों में होने पर दोनों की कटौती पहले भाग के भुगतान की तिथि से तथा दूसरे भाग की कटौती दूसरे भुगतान की तिथि से ही नियमानुसार कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी लखनऊ के कार्यालय के समक्ष स्थापित कर्मचारी नेता स्वर्गीय वी0एन0 सिंह की प्रतिमा पर छतरी एवं बैरीकेडिंग लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने हेतु परीक्षण कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाय।
श्री रंजन ने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाय कि पेन्शनरों को अपनी नियमानुसार देयकों के लिए अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर अनावश्यक सेवानिवृत्त कर्मचारियों केे नियमानुसार देयकों के सम्बन्ध में लापरवाही सिद्ध हुई तो सम्बन्धित अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पूरा सम्मान किया जाना चाहिए तथा कोषागार में आने वाले पेन्शनरों के बैठने की अलग से व्यवस्था प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराई जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, नियुक्ति एंव कार्मिक श्री राजीव कुमार, सचिव वित्त श्री अजय अग्रवाल, सचिव एवं स्वास्थ्य श्री संजय प्रसाद, सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेन्शनर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अमरनाथ यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री वी0एल0 कुशवाहा, महामंत्री श्री बाबूलाल वर्मा सहित अन्य प्रतिनिधित्व उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
ए0सी0पी0 में धारित पद की बाध्यता समाप्त किये जाने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ0प्र0 ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है तथा रिजवी वेतन समिति द्वारा संस्तुति किये गये संवर्गों की वेतन विसंगति पर शीघ्र निर्णय लेकर कर्मचारियों को उसके लाभ प्रदान किये जाने हेतु अनुरोध करते हुये, परिषद ने प्रदेश के विकास में कर्मचारियों की भूमिका के दृष्टिगत उनके सेवाहितों पर ध्यान देने की अपील की है। अभी तक ऐसे राज्य कर्मचारियों को, जिन्हें प्रोन्नति वेतनमान का लाभ दिसम्बर, 2008 से पूर्व प्राप्त हो चुका था, को द्वितीय ए0सी0पी0 के रूप में 16 वर्षों के स्थान पर 18, 19 वर्षों के बाद प्राप्त हो रहा था। इस विसंगति को समाप्त किये जाने से कार्मिक को कुल 16 वर्षों की सेवा पर द्वितीय ए0सी0पी0 का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
नवम्बर 2013 में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने धारित पद में बाध्यता को समाप्त किये जाने, पदोन्नति पद के वेतनमान की व्यवस्था, पुरानी पेंशन व्यवस्था, अवकाश नकदीकरण सहित भत्तों में केन्द्रीय समानता की मांग को लेकर अभूतपूर्व हड़ताल की थी। कुल 16 वर्षों की सेवा पर द्वितीय ए0सी0पी0 का लाभ दिये जाने पर कर्मचारियों में इस बात की आशा बढ़ी है कि शेष मांगों पर भी सरकार द्वारा सार्थक विचार कर कर्मचारियों की मांग को पूरा किया जायेगा।
परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री हरि किशोर तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री भूपेश अवस्थी व महामंत्री श्री शिवबरन सिंह यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है तथा शेष लम्बित मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशुधन एवं डेरी विकास के लिए अब गायों एवं भैंसों में भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के माध्यम से राष्ट्रीय विज्ञान एवं तकनीकी परियोजना के अन्तर्गत भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक द्वारा उत्पादकता बढ़ाने हेतु पशु समूह के नस्लों की सुधार योजना पूरे प्रदेश से उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा संचालित की जा रही है।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि अभी तक पशुधन विकास एवं डेरी हेतु कृत्रिम गर्भाधान तकनीकी का प्रयोग किया जाता रहा है किन्तु अअब भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक सफल होने से आशातीत दुधारू पशुओं का संवर्धन एवं प्रजनन होगा।
डा0 यादव ने बताया कि भू्रण प्रत्यारोपण से श्रेष्ठ उन्नत नस्ल की गायों में एक्सोजीनस हारमोंस के टीके लगाकर एक बार मंे एक से अधिक अण्डे(डिम्ब) तैयार किये जाते है जिन्हें गायके गर्भाशय में श्रेष्ठ नस्ल कि साड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान या नैसर्गिक विधि से फर्टिलाइज किया जाता है। इसके बाद भू्रणों का संग्रह जन्म तक अन्य पालक गाय में उसके प्रत्यारोपण की प्रक्रिया की जाती है।
डा0 यादव ने बताया कि भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक से श्रेष्ठ उन्नतिशील नस्ल की गाय से अधिक से अधिक भू्रण प्राप्त करके उन्नतिशील बछड़े एवं बछिया प्राप्त की जा सकती है। जबकि सामान्यतः एक गाय अपने जीवनकाल में 6 से 7 बछड़े उत्पन्न कर सकती है। भू्रण प्रत्यारोपण विधि से एक बार में गाय से 6 से 8 भ्रूण प्राप्त करके उन्हें अन्य पालत गायों में प्रत्यारोपित करके एक वर्ष में 5 से 10 उन्नतिशील नस्ल के बछड़ें/बछिया प्राप्त कर सकते है। इस तकनीक से श्रेष्ठ गाय में विद्यमान उच्च आनुवांशिक गुणों का भी विस्तार किया जा सकता है।
डा0 याादव ने बताया कि इस विधि से पशुओं में संक्रमण रोगों के फैलने से रोकथाम की जा सकेगी। इस विधिसे भारतीय परिवेश की अधिक देध देने वाली नस्लों जैसे-साहीवाल, भुर्रा भैंस, गिर आदि पशुओं को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा। इस विधि के अन्र्तगत भ्रूणों का भू्रण बैंक बनाकर कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। देसी गायों में भ्रूण प्रत्यारोपण से उत्पन्न बछिया/बछड़ों में रोग निरोधक क्षमता उत्पन्न होगी जिससे बच्चों को रोगो से बचाव किया जा सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने मत्स्य पालन एवं मत्स्य विकास को बढ़ावा देने के लिए समस्त मत्स्य विकास निगम तथा मत्स्य विकास विभाग के अधिकारियों को मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित करने के निर्देश है। शासन ने मत्स्य पालकों की सुविधा हेतु उन्हें मत्स्य बीजों का संचय करने हेतु विशेष सहयोग देने के भी निर्देश दिए है।
प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री श्री इकबाल महमूद ने इस आशय के निर्देश समस्त मण्डल/जिला स्तरीय मत्स्य विकास अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बताया कि जिन मत्स्य पालकों ने अभी तक मत्स्य बीजों का संचय नहीं किया है। वह शीघ्र 5000 मत्स्य बीज प्रति हे0 की दर से 80 से 100 मिमी0 आकार के मत्स्य बीजों का संचय करना सुनिश्चित करे।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि जिन मत्स्य पालकों ने अपने तालाबों में मत्स्य बीजों का संचय कर लिया है वे तालाब में मछलियांे का प्राकृतिक भोजन प्लेंकटान की मात्रा बढ़ाने के लिए यूरिया 5 किग्रा0 प्रति हे0 सिंगल सुपर फोस्फेट 10 किग्रा0 प्रति हे0 एवं पोटाश एक किग्रा0 प्रति हे0 की दर से रासायनिक उर्वरकों का घोल बनाकर तालाब में छिड़काव करायें। मछलियों को खाने के लिए खली एवं राईस पालिश बराबर-बराबर मात्रा में मिला कर मछलियों के वजन का दो प्रतिशत पूरक आहार मछलियों को प्रतिदिन दें।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि मत्स्य पालक मछली पालन हेतु प्राकृतिक जल प्रणालियों में जलकुंभी नियंत्रण करें। जलकुंभी निकालने का भी यही उपयुक्त समय है। जलकुंभी की मात्रा अभी न्यूनतम स्तर पर है और मत्स्य पालकों को इसे तत्काल बाहर निकाल देंना चाहिए अन्यथा आगे चलकर बहुत अधिक हो जायेगी और पूरे तालाब एवं जलाशयों तथा झील को आच्छादित कर लेगी। जिन मत्स्य पालकों ने अभी तक जलकुंभी नियंत्रण के उपाय नहीं है किये है। वे अपने तालाबों जिन में जलकुंभी का प्रकोप हो गया हो उनमें से जलकुंभी को शीघ्र बाहर निकाल दें। जलकुंभी होने के कारण मछलियों का संवर्धन, पालन, प्रजनन तथा संरक्षण नही हो पाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
प्रदेश प्रमुख के सचिव लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने तथा महिलाओं की उद्योग जगत में पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना चलाई गई है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि बेरोजगार महिलाओं को अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने में सहयोग प्रदान करना है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु इस योजनान्तर्गत महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों को राष्ट्रीकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृत/वितरित सावधि ऋण पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकाई प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वर्षों के लिए 2.50 लाख प्रति इकाई को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
श्री गुप्ता ने बताया कि योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडियट के स्थान पर हाईस्कूल उत्तीर्ण कर दी गई है तथा इसमें उत्पादन क्षेत्र व सेवा क्षेत्र की भी इकाईयों को सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि उपलब्ध प्रविधान के अन्तर्गत ही रखी गई है। सेवा क्षेत्र की इकाईयों का तात्पर्य एम.एस.एम.ई. मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिपत्रों के माध्यम से घोषित सेवा क्षेत्र जैसे-व्यापारिक सेवायें, कम्यूनिकेशन सेवायें, निर्माण कार्य सेवायें, वितरण संबंधी सेवायें, शैक्षिक सेवायें, फाइनेंन्शियल सेवायें, आदि है। उक्त से संबंधित पात्र उद्यमी इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अपने-अपने जनपद के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र से किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर अपना आवेदन-पत्र जमा कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना हेतु पर्याप्त धनराशि जिला उद्योग केन्द्रों को भेज दी गई है। इसलिए अधिक से अधिक महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेष प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि भाजपा नेता भले ही अपने मुंह मियाॅ मिट्ठू बनें हकीकत में उम्मीद के मुताबिक उन्हें किसी क्षेत्र में बड़ी सफलता नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव में अच्छे दिनों का झूठा सपना दिखाकर भाजपा ने केन्द्र की सत्ता पर तो कब्जा जमा लिया लेकिन जैसे-जैसे जनता को हकीकत मालूम होती जा रही है, उसका रंग उतरता जा रहा है। उसके पुराने संगीसाथी भी साथ छोड़ते जा रहेे हैं। प्रदेष में विधान सभा के उपचुनावों के नतीजों का संकेत है कि भाजपा की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिषें भी अब कामयाब नहीं होगी। बदले हालात की जानकारी पर ही राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हरियाणा-महाराश्ट्र की अधूरी जीत पर भी भाजपा को बधाई नहीं दी है।
उत्तर प्रदेष में समाजवादी सरकार जिस तरह राज्य को प्रगति की दिषा में ले जा रही है, उससे मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जनता को विष्वास हो गया है कि समाजवादी पार्टी सरकार अपने सभी वायदे निभाने में पीछे नहीं रहेगी। मेट्रों, मेदांता, आईबी हब, गंगा और यमुना एक्सप्रेस वे जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं साकार रूप ले रही है। इससे रोटी रोजगार के अनगित अवसर सृजित होगें।
भाजपा आरएसएस जैसे संगठन जो समाजवादी सरकार की जनहितकारी योजनाओं से ध्यान हटाने में लगे हैं उन्हें 2017 तक तो अपना अस्तित्व बचाना भी मुष्किल हो जाएगा। अभी भी भाजपा नेतृत्व को प्रदेष में अपनी हार की षर्म नहीं है और दूसरे राज्यों में मिली मामूली कामयाबी पर इतना घमंड हो गया है कि समाजवादी पार्टी को ही चुनौती देने लगे हैं। जबकि लोकसभा-विधानसभा चुनाव दोनों अभी हों तो भाजपा को अपनी असलियत पता चल जाएगी।
भाजपा और आरएसएस दोनों ही पिछले कुछ वर्शो से सांप्रदायिकता के एजेण्डा को धार देने में लगे रहे हंै। अभी पिछले दिनो आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में लवजिहाद, तुश्टीकरण, मुस्लिमों को हिन्दू संज्ञा देने जैसे मसले जानबूझकर उठाए गए। समाज को बांटने की अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए ही संघ षाखाओं के विस्तार पर बल दिया गया है। संघ की बैठक में सेवा का कोई संकल्प लिया गया हो, ऐसा संकेत नहीं मिला है।
सच तो यह है कि संघ की कार्यकारिणी के पूर्व समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय सम्मेलन में जिस तरह केन्द्र सरकार की नीतियों पर प्रहार किया गया और धर्मनिरपेक्षता पर बल दिया गया उससे आरएसएस को भी अब अपने दांव उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव समाज के बीच सद्भाव और सौहार्द को बढ़ावा दे रहे हैं। श्री मुलायम सिंह यादव के रहते सांप्रदायिक ताकतें कभी उभर नहीं सकती है। दिखावें के राश्ट्रवाद और सांस्कृतिक विचारधारा की बातें संघ अपनी साजिषों पर पर्दा डालने के लिए करता है। समाजवादी पार्टी इस तरह के दुश्प्रचार और अफवाहबाजी कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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