ए0सी0पी0 में धारित पद की बाध्यता समाप्त किये जाने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ0प्र0 ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है तथा रिजवी वेतन समिति द्वारा संस्तुति किये गये संवर्गों की वेतन विसंगति पर शीघ्र निर्णय लेकर कर्मचारियों को उसके लाभ प्रदान किये जाने हेतु अनुरोध करते हुये, परिषद ने प्रदेश के विकास में कर्मचारियों की भूमिका के दृष्टिगत उनके सेवाहितों पर ध्यान देने की अपील की है। अभी तक ऐसे राज्य कर्मचारियों को, जिन्हें प्रोन्नति वेतनमान का लाभ दिसम्बर, 2008 से पूर्व प्राप्त हो चुका था, को द्वितीय ए0सी0पी0 के रूप में 16 वर्षों के स्थान पर 18, 19 वर्षों के बाद प्राप्त हो रहा था। इस विसंगति को समाप्त किये जाने से कार्मिक को कुल 16 वर्षों की सेवा पर द्वितीय ए0सी0पी0 का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
नवम्बर 2013 में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने धारित पद में बाध्यता को समाप्त किये जाने, पदोन्नति पद के वेतनमान की व्यवस्था, पुरानी पेंशन व्यवस्था, अवकाश नकदीकरण सहित भत्तों में केन्द्रीय समानता की मांग को लेकर अभूतपूर्व हड़ताल की थी। कुल 16 वर्षों की सेवा पर द्वितीय ए0सी0पी0 का लाभ दिये जाने पर कर्मचारियों में इस बात की आशा बढ़ी है कि शेष मांगों पर भी सरकार द्वारा सार्थक विचार कर कर्मचारियों की मांग को पूरा किया जायेगा।
परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री हरि किशोर तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री भूपेश अवस्थी व महामंत्री श्री शिवबरन सिंह यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है तथा शेष लम्बित मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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