Archive | October, 2014

राज्यपाल ने रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन किया रज़ा लाइब्रेरी रामपुर की पहचान है तथा उत्तर प्रदेश की शान है- राज्यपाल

Posted on 14 October 2014 by admin

आज रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के सभागार हाॅल, ख़याबाने रज़ा में तीन दिवसीय सेमिनार विषय “मकतूबात एवं तज़किरे (13वीं से 19वीं शताब्दी) भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के स्त्रोत“ का उद्घाटन माननीय श्री राम नाईक, राज्यपाल, उ0प्र0 एवं रामपुर रज़ा लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। कार्यक्रम का आधार व्याख्यान प्रो0 एम0ए0 अलवी, अरबी विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ द्वारा प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल ने रामपुर रज़ा लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित पिछले वर्ष की अचीवमेंट रिपोर्ट का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि रिपोर्ट के माध्यम से सभी को पता लगेगा कि रज़ा लाइब्र्रेरी ने पिछले वर्ष क्या क्या उपलब्धियाँ प्राप्त की और भविष्य में रज़ा लाइब्रेरी द्वारा शोध के क्षेत्र में क्या क्या किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि 13वीं से 19वीं शताब्दी तक क्या क्या हुआ, इस अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार से शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होगीं। देश के इतिहास का आंकलन सही तरीके से इतिहाकारों को करना चाहिये। 1857 को गदर केे रुप देखना गलत है। वास्तव में 1857 में हिन्दुस्तान की आजादी की लड़ाई की शुरूआत हुई थी। उन्होंने कहा कि रामपुर विद्वानों का शहर है तथा रामपुर रज़ा लाइब्रेरी जनपद की पहचान व उत्तर प्रदेश की शान है। रिर्जव बैंक देश के ख़जाने का भण्डार है, तो रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के पास ज्ञान का भण्डार है। उन्होंने यह भी कहा कि जब दुनिया के लोगों को कपड़े कैसे पहनना हैं इसका ज्ञान नही था, उस समय हमारे यहाँ के विद्वानों ने शब्दों को भाषा में पिरोकर ताड़पत्र पर लिखना आरम्भ कर दिया था। खुशी की बात यह है कि रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में 204 ताड़पत्र की पाण्डुलिपियों का ख़जाना संग्रहित हैं।
इस अवसर पर एम0ए0 अलवी, अरबी विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ ने अपना आधार व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि अख़वारूल अख़्यार में 255 सूफियों और उलेमाओं का तजक़रा है जिसके अनुसार हिन्दुस्तानी तारीख़ व सक़ाफत के बहुत से पहलू समाने आते हैं। उन्होंने बताया कि गुलबदन बेगम का हुमायूँनामा, जौहर आफताब्ची का तज़किरा तुल वाक्यात, ताजुल मासिर और अबुल फज़ल का अकबरनामा, आइने अकबरी, अब्दुल कादिर बदायूँनी का मुन्ताख़ब ए ताबारिख़ अकबर के समय के मूल्यवान तज़करें हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, दक्किन अवध के उलेमा, सूफीयों व उमरा के तज़करे अरबी और फारसी भाषा में लिखे गये। इन तज़किरें से उस समय की तारीख़ व संस्कृति को समझने में मदद मिलती है।
इस अवसर पर लाइब्रेरी के निदेशक प्रो0 एस0एम0 अज़ीज़उद्दीन हुसैन ने कहा कि आज मलफूजात व मकतूबात के तज़किरे का जो ख़जाना मौजूद है वह लोगों को जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 65 साल गुजरने के बाद भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जम्मू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आदि में अभी भी मकतूबात एवं तज़किरात का अध्ययन नही कराया जाता है। उन्होंने बताया कि रज़ा लाइब्रेरी ने पिछले साल इन विषयों पर एक सेमिनार का आयोजन करवाया था।
उद्घाटन सत्र के बाद श्री नाईक ने रामपुर रज़ा लाइब्रेरी का भ्रमण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसके बाद राज्यपाल ने हज़रत अली की लिखी दुर्लभ कुरान शरीफ, वाल्मीकि रामायण, ताड़पत्र पर लिखित दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ इत्यादि का अवलोकन किया। साथ ही रज़ा लाइब्रेरी के भव्य दरबार हाॅल में महात्मा गांधी पर लगाई प्रदर्शनी को भी देखा।
इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारी संख्या मंे विद्वतजन भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जम्मू - कश्मीर और आसाम के बच्चों की राज्यपाल से मुलाकात आगे बढ़ते चलो -राज्यपाल

Posted on 14 October 2014 by admin

राज्यपाल श्री कल्याण सिंह से सोमवार को यहां राज भवन में जम्मू-कश्मीर ओर आसाम से आये बच्चों ने मुलाकात की। बच्चों का यह दल भारतीय सेना के आॅपरेशन सद्भावना के तहत राजस्थान की यात्रा पर है।
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि आगे बढ़ते चलो। उन्होंने कहा कि भविष्य में देश की बागडोर आज के नौनिहालों के हाथों में होगी। इसलिए सभी बच्चे अच्छे नागरिक  बने और स्वयं को अनुशासित बनायंे।
राज्यपाल ने बच्चों से उनके परिवार, शिक्षा और रहन-सहन के बारे में पूछा। राज्यपाल से भी बच्चों ने अपनी मन की शंकाओं का समाधान किया।
श्री सिंह ने कहा कि देश की सेवा के लिए तत्पर रहें। अपना लक्ष्य तय करें। अपने अतीत को कभी नहीं भूले। अपने कत्र्तव्यों का चिंतन और निर्वाह करें।
इस मौके पर भारतीय सेना के अधिकारी और शिक्षक मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रतिभा खोज परीक्षा नौ नवम्बर को

Posted on 14 October 2014 by admin

छात्र/छात्राओं के प्रतिभा की परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया है। इसमें बच्चों के ज्ञान की परख की जायेगी। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले बच्चे पुरस्कृत किये जायेगें।
इसमें कक्षा-8 से लेकर 12 तक के सभी शैक्षिक बोर्डो के बच्चें भाग ले सकते है। इतना जरूर है कि इसमें उनके गणित विषय के ज्ञान सम्बन्धी प्रश्न होगें। यह गणित प्रतिभा खोज परीक्षा दूसरे वर्ष आयोजित हो रही है, जो महात्मागांधी स्मारक इण्टर कालेज में नौ नवम्बर को होगी। जानकारी देते हुए राणा प्रताप डिग्री कालेज के गणित विभागाध्यक्ष अजय विक्रम सिंह ने बताया कि 16 नवम्बर को क्षत्रिय भवन में सर्वोच्च अंक पाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा, जिसमें 5 हजार रू0, 3 हजार रू0 व 2 हजार रू0 प्रमाण पत्र के साथ दिया जायेगा। इस परीक्षा को सम्पन्न कराने में संजय सिंह अध्यक्ष, डाॅ0 विनोद सिंह प्रबन्धक, बजरंगी सिंह प्रधानाचार्य की संयुक्त टीम का प्रमुख योगदान है। इसमें गणित विषय के 50 प्रश्न 90 मिनट में हल करना है। परीक्षा में शामिल होने के लिए 100 रू0 पंजीकरण शुल्क व फार्म के साथ अंक पत्र तथा फोटो लगाना अनिवार्य है। परीक्षा फार्म तीन नवम्बर तक जमा होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पति के मंगलमय जीवन के लिए सुहागिनों ने रखा निर्जला व्रत

Posted on 14 October 2014 by admin

अखण्ड सौभाग्य एवं पति के मंगलमय जीवन के लिए महिलाओं ने करवाचैथ का निर्जला व्रत रखा। देर सायं चांद का दीदार करने के बाद पति की आरती कर पैर धोया और पति के हाथों पानी पीकर व्रत तोड़ा।
खासकर सुहागिनों के लिए करवाचैथ व्रत में महिलाओं ने सुबह से निर्जला व्रत रखा और सायं होते ही सुहाग के पूरे श्रृंगार से सजकर निर्धारित पूजा सामग्रियों के साथ गणेश, चन्द्रमा, शिव-पार्वती के साथ भगवान विष्णु व लक्ष्मी की पूजा अर्चना की, जिसमें सुहागिनों ने अपने अखण्ड सौभाग्यवती होने तथा पति के जीवन का जीवन मंगलमय बने रहने की कामना की। कथा-पूजन के बाद सुहागिनियों ने दीपक जला कर चलनी के आड में चन्द्रमा का दर्शन किया और फिर अपने पति का दर्शन कर उनकी आरती उतारी, पैर धुलकर चरण स्पर्श किया। पति का आर्शीवाद लेने के बाद पति के हाथों पानी पीकर दिन भर कर निर्जला व्रत तोडा। इस पर्व पर व्रत तोड़ने के बाद सुहागिनों ने पति के साथ विविध पकवानों का भोजन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पशुओं का टीकाकरण में पूर्ण सहयोग करें-डा.राय

Posted on 14 October 2014 by admin

जनपद में चल रहे पशु टीकारण अभियान के तहत अब तक कुल 22267 गोवंशीय व महीशवंशीय पशुओं को टीकाकरण किया जा चुका है। उक्त जानकारी देते हुए पशु टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी (एफ0एम0डी0सी0पी0) डां0 आर0पी0राय ने बताया कि 11 अक्टूबर की सायं तक विकास खण्ड करौदीकलां के 12 ग्राम पंचायत, मोतिगरपुर के 10, धनपतगंज के 06, कुड़वार के 08, भदैया के 14 ग्राम पंचायतों में टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होनें ने बताया कि जिन बड़ी ग्राम पंचायतों जिसमें 500 से अधिक पशु है, यदि टीकाकरण छूट गया है तो पुनः टीकाकरण कराया जायेगा। जनपद में कोई भी पशु टीकाकरण से वंचित नही रहेगा।
डा0 राय ने जनपद के पशुपालकों से अनुरोध किया है कि वे टीकाकरण कार्यक्रम में बढ-चढकर सहभागिता सुनिश्चित करते हुए अपना पूर्ण सहयोग करें ताकि सभी पशुओं का टीकाकरण हो सके। टीकाकरण दिवस को अपने पशुओं को चराने के लिए न भेजकर उनके टीककरण कराने में सहयोग करें। उन्होनें बताया कि 04 माह से कम आयु के पशु तथा 08 माह से ऊपर गर्भवती मादाओं का टीकाकरण नही किया जाना है। डा0 राय ने टीकाकरण कार्य में लगे जनपद के सभी पशु चिकित्साधिकारी/उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को रोस्टर के अनुसार अगले दिन लगने वाले ग्राम पंचायत के प्रधान को एक दिन पूर्व प्रचार-प्रसार हेतु अवश्य अवगत कराने को कहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरकार सभी वर्गो के कल्याण एवं उत्थान के लिए कटिबद्ध-व्यास जी गौड़

Posted on 14 October 2014 by admin

उपाध्यक्ष, उ0प्र0 अनूसूूचित जाति और अनूसूचित जनजाति आयोग व्यास जी गौड़ ने कहा कि धुरिया जाति (गौड) के प्रमाण पत्र जारी करने में अधिकारी शिथिलता अथवा टाल-मटोल की नीति न अपनायें। जाति प्रमाण पत्र के लिए स्कूल की टी0सी0 अथवा 1359 फसली की खतौनी अथवा परिवार रजिस्टर से जांच कर संतुष्ट हो लें तथा बयान हल्फी पर अपने सामने हस्ताक्षर कराने के उपरान्त प्रमाण पत्र निर्गत करें।
उपाध्यक्ष व्यास जी गौड शनिवार सायं पी0डब्लू0डी0 डाक बंगले में अधिकारियों के साथ विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होनें उ0प्र0 सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार सभी वर्गो के कल्याण एवं उत्थान के लिए कटिबद्ध है। उ0प्र0 सरकार ने तीन हजार रूपये तक की साइकिल क्रय पर टैक्स समाप्त कर दिया है। इस आशय का बोर्ड समस्त दुकानों पर लगवाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होनें समाजवादी पेंशन योजना की प्रगति की जानकारी लेते हुए समाज कल्याण अधिकारी से पात्र व अपात्र व्यक्तियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्राइवेट स्कूलों में चलने वाले डग्गामार वाहनों की चेकिंग करने का निर्देश देते हुए कहा प्रायः ऐसी वाहनों के बे्रक, टायर आदि ठीक नही रहते है जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
उन्होनें प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जनता की सुविधा के दृष्टिगत कोटे की दुकानें सप्ताह में कम से कम 5 दिन अवश्य खुली रहे। उन्होनें डाई खाद में सुपर फास्फेट मिक्स कर विक्री किये जाने की शिकायत को गम्भीरता से लेने तथा ऐसे दुकानों पर छापा मारकर कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया। उन्होनें डी0एफ0ओ0 को हरे पेडो के कटान पर प्रभावी अकंुश लगाने तथा जांचोपरान्त पेड काटने की अनुमति देने का निर्देश दिये। फर्जी आरा मशाीनों पर रोक लगाने तथा संचालित आरा मशीनों की जांच कराने का भी निर्देश दिया।
इससे पूर्व गौड समाज के जिला अध्यक्ष बाबूलाल धुरिया ने उपाध्यक्ष का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्वाला प्रसाद तिवारी, एस0डी0एम0 सदर अमित कुमार सिंह, सी0ओ0 सदर, समाज कल्याण अधिकारी, डी0एफ0ओ0, प्रभारी डी0एस0ओ0, गौड समाज के मुकेश गौड, बरसाती धुरिया, छेदीलाल धुरिया आदि उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ज्ञान विज्ञान एवं सांस्कृतिक मेले में सरस्वती विद्या मन्दिर कादीपुर अव्वल

Posted on 14 October 2014 by admin

सरस्वती विद्या मन्दिर एवं शिशु मन्दिरों की दो दिवसीय संकुल स्तरीय ज्ञान विज्ञान एवं सांस्कृतिक मेले में तीनो वर्गों में सरस्वती विद्या मन्दिर झारखण्ड, कादीपुर अव्वल रहा। जबकि दूसरे स्थान पर सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर एवं तीसरे स्थान पर राजाराम सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर नरायनपुर विजेता घोषित किये गये।
नगर के विवेकानन्दनगर स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर परिसर में आयोजित दो दिवसीय मेले में विज्ञान व गणित विषय में विभिन्न विषयों पर जिले के जूनियर स्तर तक के आठ विद्यालय सरस्वती शिशु, विद्या व बालिका विद्या मन्दिर के प्रतिभागी बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रदर्श लगाये तथा प्रश्नमंचों में भाग लिया। गणित प्रदर्श के बाल वर्ग में सरस्वती विद्या मन्दिर कादीपुर प्रथम, सरस्वती शिशु मन्दिर सिरवारा द्वितीय तथा तरूण वर्ग में कादीपुर प्रथम रहा। विज्ञान प्रदर्श के बाल वर्ग में सरस्वती विद्या मन्दिर विवेकानन्दनगर प्रथम, तृतीय, राजाराम सरस्वती शिशु मन्दिर द्वितीय, किशोर वर्ग में सरस्वती विद्या मन्दिर कादीपुर प्रथम, तृतीय व सरस्वती विद्या मन्दिर सुलतानपुर द्वितीय, तरूण वर्ग में सरस्वती विद्या मन्दिर सुलतानपुर प्रथम, तृतीय व कादीपुर द्वितीय स्थान का विजेता रहा।
वैदिक गणित पत्र वाचन के बाल वर्ग में कादीपुर, किशोर वर्ग में रामराजी बालिका विद्या मन्दिर व तरूण वर्ग में कादीपुर ने जीत हासिल की। विज्ञान प्रयोगात्मक के बाल वर्ग में कादीपुर प्रथम, विवेकानन्दनगर द्वितीय व तृतीय स्थान का विजेता बना। आचार्य पत्र वाचन में वैदिक गणित में कादीपुर के आचार्य सत्येन्द्र कुमार सिंह व विज्ञान में सरस्वती विद्या मन्दिर विवेकानन्दनगर के प्रदीप राय विजयी हुये। इसी तरह संस्कृति ज्ञान प्रश्नमंच के बाल वर्ग में कादीपुर प्रथम, नरायनपुर द्वितीय, सरस्वती शिशु मन्दिर विवेकनगर तृतीय, किशोर वर्ग में रामराजी सरस्वती बालिका इ.का. शाहगंज प्रथम, कादीपुर द्वितीय, विद्या मन्दिर विवेकानन्दनगर तृतीय तथा तरूण वर्ग में कादीपुर प्रथम, रामराजी को द्वितीय स्थान मिला। वैदिक गणित प्रश्न मंच के बाल वर्ग में कादीपुर प्रथम, सिरवारा मार्ग द्वितीय, किशोर वर्ग में कादीपुर प्रथम, विद्या मन्दिर विवेकानन्दनगर द्वितीय, रामराजी तृतीय तथा तरूण वर्ग में विद्या मन्दिर कादीपुर विजेता घोषित हुआ। विज्ञान प्रश्नमंच के बाल वर्ग में कादीपुर प्रथम, सिरवारा मार्ग द्वितीय, नरायनपुर तृतीय, किशोर वर्ग में सरस्वती विद्या मन्दिर विवेकानन्दनगर प्रथम, रामराजी विद्या मंदिर, शाहगंज द्वितीय, विद्या मन्दिर कादीपुर तृतीय व तरूण वर्ग में विवेकानन्दनगर को प्रथम, कादीपुर को द्वितीय व रामराजी बालिका विद्या मन्दिर को तृतीय स्थान मिला।
प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में आमंत्रित के.एन.आई. के डाॅ. आर.के. पाण्डेय व प्रवक्ता अम्बरीश सिंह के साथ संकुल प्रमुख बाॅके बिहारी पाण्डेय तथा व्यवस्था में प्रधानाचार्य डाॅ. लालता प्रसाद पाण्डेय, बालकृष्ण सिंह, सभाजीत वर्मा, ओम प्रकाश पाण्डेय, महेन्द्र तिवारी, अनिल पाण्डेय कुसुम सिंह, इन्द्रजीत त्रिपाठी आदि रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं

Posted on 14 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि मेजर आपरेशन न करने वाले चिन्ह्ति 104 सर्जन चिकित्सकों से स्पष्टीकरण तत्काल प्राप्त कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को अस्पतालों में दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ-साथ चिकित्सकों की उपस्थिति प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराने हेतु सघन अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी  एवं जनपदीय अधिकारी द्वारा निरन्तर अधीनस्थ अस्पतालों का निरीक्षण कर अपनी आख्या उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जाय जिसकी मानीटरिंग नियमित रूप से उच्च अधिकारियों द्वारा अवश्य की जानी चाहिए।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की शासी निकाय एवं कार्यकारी समिति की बैठक नियमित रूप से अवश्य कराकर विभागीय कार्यों में गति लाई जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्रसूता लाभार्थियों को अवितरित चैकों के वितरित न होने के कारणों का विश्लेषण कर वितरण में आ रही बाधाओं को प्राथमिकता से दूर कराने के निर्देश देते हुए कहा कि जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के शत- प्रतिशत खाते बैंकों में अवश्य खुलवाने हेतु सम्बन्धित आशाओं द्वारा सहयोग कराया जाय। उन्होंने कहा कि बी0सी0जी0, डी0पी0टी0, पोलियो, हैपेटाइटिस बी तथा जेई टीकाकरण के कैम्प ग्राम स्तर पर लगवाने हेतु कैम्प प्रत्येक सप्ताह के बुधवार एवं शनिवार को आयोजित कराये जायें। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था में और अधिक सुधार लाने हेतु अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाय।
श्री रंजन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत केन्द्रों से आनलाइन रिपोर्टिंग व्यवस्था स्थापित एवं अनुश्रवण व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु आनलाइन शिकायत दर्ज कराने आदि गतिविधियों से सम्बन्धित एक पृथक वेबसाइट ष्ॅॅॅण्चलंतपइपजपलंण्पदष् विकसित करते हुए इसकी टेस्टिंग प्रदेश के चयनित 02 जनपदों कानपुर नगर एवं इटावा में प्रारम्भ करा दी जाय। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से अल्ट्रासाउण्ड मशीनों पर आनलाइन पंजीकरण की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन अस्पतालों, सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों कें भवनों को यथाशीघ्र गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराकर क्रियाशील कराया जाय। उन्होंने लखनऊ एवं चिन्ह्ति 05 जनपदों में 200 शैय्या मातृ एवं शिशु चिकित्सालयों के निर्माण  कार्यों में गति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि आगामी माह नवम्बर 2015 लखनऊ के चिकित्सालय तथा अन्य शेष चिकित्सालयों का निर्माण कार्य आगामी जून, 2016 तक अवश्य पूर्ण करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्या के समाधान हेतु कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से बैठकें अवश्य आयोजित की जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, मिशन निदेशक एन0आर0एच0एम0, श्री अमित घोष सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रेस विज्ञप्ति

Posted on 14 October 2014 by admin

दिनांक 11 अक्टूवर, 2014 को आॅल इण्डिया जजेज एसोसियेशन एवं उत्तर प्रदेश न्यायिक अधिकारी सेवा संघ के संयुक्त तत्वाधान में तृतीय नेशनल जुडिशियल काॅन्फ्रेन्स का आयोजन इन्द्रा गाॅधी प्रतिष्ठान लखनऊ में सम्पन्न हुआ । सम्मेलन की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति माननीय न्यायमूर्ति डा0 धनन्जय यशबन्त चन्द्रचूड़ ने किया । सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री तीरथ सिंह ठाकुर उपस्थित थे। इस अवसर पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रफुल्ल चन्द पन्त तथा माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश श्री इम्तियाज मुर्तजा एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशगण एवं समस्त भारत से आये विभिन्न राज्यों के न्यायिक संघो के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधिगण तथा उत्तर प्रदेश के न्यायिक अधिकारी गण उपस्थित थे । सम्मेलन में माननीय मुख्य मंत्री भी आमंत्रित थे परन्तु महाराष्ट्र के चुनाव के कारण वे उपस्थित नहीं हो सकें, परन्तु राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में माननीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री श्री अहमद हुसैन उपस्थित हुए तथा उन्हानें यह आश्वासन दिया कि न्यायिक अधिकारियों की जो भी उचित समस्या राज्य सरकार के सामने लायी जायेगी, राज्य सरकार उन सभी समस्याओं का तुरन्त निराकरण करने की कोशिश करेगी । माननीय मुख्य मंत्री की तरफ से समस्त भारत के न्यायिक अधिकारियों के सम्मान में एक प्रीतिभोज का आयोजन भी किया गया।  सभा का संचालन आॅल इण्डिया जजेज एसोसियेशन के जनरल सैके्रट्री तथा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा श्री वी0पी0 सिंह ने किया।
उक्त सभा में विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे । अधिकतर न्यायिक अधिकारियों के प्रतिनिधियों ने मुख्य चिन्ता इस बात पर जताई कि न्यायिक प्रणाली पर जनता का विश्वास जारी रखने के लिए जनता को सुलभ एवं सस्ता एवं त्वरित न्याय दिलाना आवश्यक है तथा न्यायिक अधिकारियों
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को अपनी कार्यप्रणाली इस प्रकार से रखना चाहिए, जिससे कि जनता का विश्वास न्यायिक व्यवस्था के प्रति कायम रहे । अधिकांश वक्ताओं ने इस बात पर चिन्ता जताई कि प्रत्येक राज्य मेें बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में न्यायिक अधिकारियों की कमी है, जिसके कारण जनता को त्वरित न्याय नहीं मिल पा रहा है तथा प्रत्येक वर्ष दाखिल होने वाले मुकदमों की संख्या से कम संख्या के मुकदमों का निस्तारण हो पाता है, जो चिन्ता का विषय है । परन्तु वैकलाॅग कैसेज को निपटाने के लिए कोई ठोस उपाय का सोचना आवश्यक है ।  यह चिन्ता का विषय है कि भारत में लगभग (तीन करोड़) 3,00,00,000 मुकदमें विभिन्न न्यायालयों को मिलाकर लम्बित हैं ।   जनता के अनुपात में यहाॅ न्यायिक अधिकारियों की अत्यधिक कमी है । माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति श्री तीरथ सिंह ठो भाषण में यह भी कहा गया कि इस काॅफ्रेन्स कुर द्वारा अपनको केवल अधीनस्थ न्यायालय में न्यायिक सुधार की आवश्यकता तक सीमित न होकर सम्पूर्ण न्यायपालिका के परिप्रेक्ष्य में न्यायिक सुधार की आवश्यकता पर रखना चाहिए था  । सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों से अधीनस्थ न्यायालय शब्द हटाकर डिस्ट्रिक्ट जुडिशियली के रूप में परिभाषित करना चाहिए, क्योंकि न्यायिक कार्य में प्रत्येक न्यायिक अधिकारी पूर्णरूप से स्वतंत्र होता है और न्यायपालिका में प्रत्येक स्तर पर स्वतंत्र रूप से नियमों के अनुसार कार्य करने की छूट है, इसमें किसी भी स्तर पर न्यायिक कार्य में बाहरी हस्तक्षेप नहीं होता है ।
सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने इस बात पर भी चिन्ता जताई कि न्यायिक अधिकारी के विरूद्ध झूठी शिकायतें भेज दी जाती है , जिसके कारण न्यायिक अधिकारी अपमानित होता है तथा उन्हें अनावश्यक रूप से झूठी शिकायत के आधार पर भी कुछ मामलो के लिए प्रमोशन आदि से बंचित होना पड़ता है, यह चिन्ता का विषय है ।  विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में इस बात की भी माॅग उठाई कि जिन न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायत झूठी पाई जाये, उन शिकायतों में शिकायत कर्ता के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही
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की जानी चाहिए । उक्त सन्दर्भ में माननीय मुख्य न्यायाधिपति उत्तर प्रदेश डा0 धनन्जय यशवन्त चन्द्रचूड़ द्वारा यह बताया गया कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अभी हाल में सभी राज्यों के मुख्य न्यायाधीशो को पत्र भेजकर यह सुझाव दिया है कि किसी भी न्यायिक अधिकारी के विरूद्ध यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उस पर तब तक संज्ञान नहीं लिया जाये, जब तक कि शिकायत कर्ता अपनी शिकायत के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल नहीं करता है । माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने सम्मेलन में अपने सम्बोघन में सम्मेलन में उपस्थित  न्यायिक अधिकारियों को यह आश्वासन दिया कि न्यायिक अधिकारी को निर्भीक होकर न्यायिक परम्परा के अनुरूप अपना कार्य करना चाहिए तथा झूठी शिकायतों के आधार पर किसी भी न्यायिक अधिकारी का उत्पीड़न नहीं होगा । परन्तु न्यायिक अधिकारी के कार्य में पूर्णरूप से सत्यनिष्ठा होनी चाहिए । उक्त अवसर पर सम्मेलन में चर्चाओ के बाद सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि भारतीय न्यायिक सेवा का गठन संविधान के 42 वे संशोधन के अनुसार, जिसमें आॅल इण्डिया जुडिशियल सर्विस के निर्माण की बात कहीं गयी है, का तुरन्त गठन किया जाना आवश्यक है तथा यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि आॅल इण्डिया जुडिशियल सर्विस के न्यायिक अधिकारियों के चयन की आयु सीमा 21 वर्ष से 30 वर्ष रखी जाये। इण्डियन जुडिशियल सर्विस में राज्यों के न्यायिक अधिकारियों को भी बैठने के लिए भी अवसर प्राप्त होना चाहिए , जिससे कि वह अपनी योग्यता के आधार पर इण्डियन जुडिशिल सर्विस में चयनित हो सकें तथा इण्डियन जुडिशियल सर्विस में चयनित अधिकारियों को प्रारम्भिक 7 से 10 वर्षो में सिविल जज जूनियर डिवीजन व सिविल जज सीनियत डिवीजन आदि के पदों पर कार्य के अनुभव के उपरान्त, अपर जनपद न्यायाधीश व जनपद न्यायाधीश के पद पर प्रोन्नत किया जाना चाहिए।
उक्त काॅफ्रेन्स में यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि संविधन के अनुच्छेद 217 के अनुसार हाईकोर्ट जज की नियुक्ति हेतु केवल दो श्रोत बताये गये हैं, जिसमें न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता हैं । अतः दोनों ही श्रोतों में बराबर - बराबर अंश में माननीय उच्च न्यायालय में
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नियुक्ति की जानी चाहिए । अर्थात न्यायिक सेवा का कोटा, न्यायिक सेवा में आये अधिकारियों में से माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर एलीवेशन हेतु 50 प्रतिशत दिया जाना चाहिए ।
सम्मेलन में यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि लाॅ कमीशन की भारत सरकार की 245 वी रिपोर्ट की संस्तुतियों के अनुसार समस्त भारत में अधीनस्थ न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों की सेवा निवृत्ति की आयु 62 वर्ष किये जाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की जाये। सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि केन्द्रीय सरकार ने सातवें वेतन आयोग का गठन केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए कर दिया है।  पाॅचवें वेतन आयोग के सापेक्ष माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर न्यायिक अधिकारियों के वेतन आदि के पुनरीक्षण हेतु शेट्टी आयोग का गठन, प्रथम न्यायिक आयोग माननीय न्यायमूर्ति श्री के.जे.शेट्टी की अध्यक्षता में गठित हुआ था। उसके उपरान्त छटवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के उपरान्त न्यायिक अधिकारियों को अन्य सेवाओं के समान वेतन देने के लिए पदमनाभन कमेटी का गठन किया था परन्तु मुख्य रूप से पदमनाभन कमेटी ने छटवें वेतन आयोग के अनुरूप अपनी संस्तुतियाॅ की थी, परन्तु पदमनाभन कमेटी द्वारा न्यायिक आयोग के वेतन आदि के सम्बन्ध में कोई विस्तृत रिपोर्ट नहीं दी गयी तथा शेट्टी आयोग की रिपोर्ट को ही आधार मानते हुए वेतन के पुनरीक्षण की संस्तुति किया।  केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन हुआ है, जिसके सम्बन्ध में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि अखिल भारतीय स्तर पर न्यायिक अधिकारियों के वेतन व अन्य परिलब्धियों तथा कैडर रिव्यू हेतु न्यायिक वेतन आयोग का गठन किया जाये। उपरोक्त सभी प्रस्ताव नेशनल जुडिशियल काॅफ्रेन्स में सर्वसम्मति से पारित किये गये तथा यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि उपरोक्त सभी माॅगों के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अविलम्ब याचिका दाखिल किया जाये।
सम्मेलन स्तर पर विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों तथा उत्तर प्रदेश के अधिकतर न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया था तथा न्यायिक अधिकारियों ने अखिल भारतीय स्तर पर आॅल इण्डिया जजेज
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एसोसियेशन की यह काॅफ्रेन्स अपने में एक अभूतपूर्व रहीं , जिसका सफल संचालन सम्पन्न हुआ , जिसमें न्यायिक सुधार पर विस्तृत चर्चा हुई ।

(वी0पी0सिंह)
जनरल सैके्रट्री, आॅल इण्डिया जजेज एसोसियेशन/
अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सपनों को अंजाम तक पहुंचाना ही पत्रकारिता का लक्ष्य- केसरीनाथ त्रिपाठी, राज्यपाल पश्चिम बंगाल

Posted on 14 October 2014 by admin

हर व्यक्ति सपने देखता है। सपने सकारात्मक भी होते हैं और नकारात्मक भी। पत्रकारिता का काम सकारात्मक सपनों को आगे बढ़ाना है। यह बात पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने मिर्जापुर के डैफोडिल्स स्कूल में मासिक पत्रिका ‘टर्निंग इंडिया’ के 50 अंक पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
त्रिपाठी ने पत्रकारिता के स्तर में आ रही गिरावट का जिक्र करते हुए कहा कि इस पेशे में विश्वसनीयता, सकारात्मकता और निष्पक्षता जरूरी है। टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले धारावाहिक मानसिक प्रदूषण के कारक बन रहे हैं। इन प्रवृत्तियों पर सवाल खड़े होने चाहिए। बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. पंजाब सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया की वजह से भारत का लोकतंत्र बहुत मजबूत है। पूरे विश्व में केवल भारत ही ऐसा देश है जहां की 50 फीसदी से अधिक आबादी युवा है।
यह पत्रकारिता का दायित्व है कि इस युवा आबादी को सही राह दिखाए। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारिता में पवित्रता की जरूरत है। हिंदी पत्रकारिता का भविष्य स्वर्णिम है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने कहा कि वर्तमान समय में अच्छे संपादकों और प्रकाशकों की बेहद जरूरत है जो समाज को सही दिशा दिखा सकें।
‘अमर उजाला’ के कार्यकारी संपादक उदय कुमार ने कहा कि पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां हमेशा रही हैं। आज समाज में सच बर्दाश्त करने की शक्ति कम होती जा रही है। इसीलिए पत्रकारीय कर्म के लिए खराब माने जाने वाले देशों में भारत पांचवें नंबर पर पहुंच गया है।
समारोह को प्रो. नागेश्वर राव, नारायण स्वामी, भगवती चैधरी, प्रो. प्रभुनारायण मिश्र, डा. सरजीत सिंह डंग, प्रो. राममोहन पाठक आदि ने भी संबोधित किया। आरंभ में मुख्य अतिथि त्रिपाठी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ और पत्रिका का विमोचन किया। अंत में पत्रिका के संपादक डा. कैलाशपति त्रिपाठी ने आभार ज्ञापन किया।
इन्हें किया गया सम्मानित
शिक्षा के क्षेत्र में डैफोडिल्स स्कूल के डायरेक्टर अमरदीप सिंह एवं अपराजिता सिंह, साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में सुरेन्द्र अग्निहोत्री,  रतन मणि लाल, जाहिद खान, प्रो. राममोहन पाठक ,प्रफुल्ल देसाई, संगीत में डा. ओमप्रकाश मलिक तथा रंगकर्म के क्षेत्र में कृष्णकांत श्रीवास्तव सम्मानित किया। गौरतलब है कि श्री अग्निहोत्री को पत्रकारिता के क्षेत्र में खोजपरक पत्रकारिता के लिए 2007 में 11 हजार रूपये का रामेश्वरम् हिन्दी पत्रकारिता पुरस्कार तथा हंस वाहिनी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
चित्र में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक सुरेन्द्र अग्निहोत्री तथा न्यायर्मूिर्त गिरधर मालवीय

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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