Posted on 22 October 2014 by admin
प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने अधिकारियों को विभाग में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई विलम्ब नहीं होना चाहिये। इसमें लापरवाही बरतने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
उद्यान मंत्री आज यहां तिलक हाॅल में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव श्री दीपक त्रिवेदी, विशेष सचिव श्री राजीव रोतैला तथा उद्यान निदेशक श्री एस0पी0 जोशी के अतिरिक्त निदेशालय, मण्डल एवं जिला स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में उद्यान मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को जो महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जाता है उन्हें अपने दायित्वों का ईमानदारी, पारदर्शिता व तत्परता से निर्वहन करना चाहिये, जो अधिकारी अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं करते हैं उन्हें तत्काल उनके पद से हटा देने में कदापि विलम्ब न करें। उन्होंने कहा कि जिन फार्मों व संस्थाओं द्वारा पौधों की आपूर्ति समय से एवं निर्धारित संख्या में नहीं की जा रही है उन्हें ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाये। हार्टीकल्चर मैकेनाजेशन के प्रस्ताव जिन जनपदों से अभी तक नहीं आये हैं उन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की जाये। आर0के0वाई0 योजना के मूल्यांकन के संबंध में स्थिति स्पष्ट न किये जाने पर उन्होंने गौतमबुद्धनगर, आगरा एवं इलाहाबाद के जिला उद्यान अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने तथा आगामी बैठक से पूर्व अपने जनपद में कार्यान्वित हो रही योजनाओं पर एजेंडा बिन्दुवार तैयार करके आने को कहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में अभी 5 माह शेष हैं। इन शेष माह में अधिकारी अपने कार्यों के प्रति विशेष रुचि दिखाकर शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें।
जनपद स्तर के अधिकारियों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने जिले में तहसील दिवस की महत्ता को विशेष रूप से समझें वे तहसील दिवसों में जाकर अपनी विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन आयोजित करें तथा जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के सहयोग से अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने में कोई कोर-कसर न छोड़े। यदि कोई कठिनाई आती है तो उसे शासन के संज्ञान में लायें। उन्होंने निदेशालय के अधिकारियों में भी कहा कि वे जिले के अधिकारियों से उचित ताल-मेल बैठाकर उनकी कठिनाई को शासन स्तर पर दूर करें, समय पर बजट व्यवस्था कर अपने सुपरवीजन में सही दिशा दिखाकर अधिकारियों से कार्य करायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद के आदेशानुसार 01 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक अवैध मदिरा के आवागमन, उत्पादन एवं उपभोग पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। इसके अनुपालन में जिला आबकारी अधिकारी, लखनऊ के कुशल निर्देशन में आबकारी निरीक्षकगण सर्वश्री विशाल वर्मा, संजय यादव, श्रीराम कनौजिया, एन0एन0 पाण्डेय, ओ0एन0 अग्रवाल, सीताराम यादव, नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, वाणी विनायक मिश्रा व अखिलेश्वर नाथ सिंह द्वारा अपने अधीनस्थों के साथ 01 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक प्रतिदिन किये गये प्रवर्तन कार्य के तहत जनपद के सेक्टर/क्षेत्र के संदिग्ध स्थानों पर सघन छापामारी की गयी। इसके अंतर्गत 389 अभियोग पंजीकृत किये गये व 3969 लीटर शराब तथा 72000 कि0ग्रा0 भांग बरामद हुई। छापामारी में लगभग 4845 कि0ग्रा0 लहन भी बरामद हुआ जिसे मौके पर नष्ट कर दिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में रबी की प्रमुख फसलों में शत-प्रतिशत बीजशोधन कराने हेतु 211.589 लाख कुन्तल बीजशोधन का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 17.905 लाख कुन्तल बीज कृषि विभाग के माध्यम से, 56.166 लाख कुन्तल बीज अन्य संस्थाओं तथा शेष 137.518 लाख कुन्तल बीज कृषक स्तर पर शोधित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के माध्यम से बीजशोधन हेतु 16 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2014 तक अभियान के रुप में समस्त ग्राम पंचायत में कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है।
कृषि निदेशक श्री ए0के0 बिश्नोई ने आज यहां बताया कि प्रदेश में फसलों को प्रति वर्ष कुल क्षति का 26 प्रतिशत क्षति रोगों द्वारा होती है। रोगों से होने वाली क्षति कभी-कभी महामारी का रूप भी ले लेती है और इनके प्रकोप से शत-प्रतिशत तक फसल नष्ट होने की सम्भावना बनी रहती हैं। अतः बुवाई से पूर्व सभी फसलों में बीजशोधन का कार्य शत-प्रतिशत कराया जाना नितान्त आवश्यक है। बीजशोधन का मुख्य उद्देश्य बीज जनित/भूमि जनित रोगों को रसायनों एवं बायोपेस्टीसाइड्स से शोधित कर देने से बीजो एवं मृदा पर पाये जाने वाले रोगों के कारक को नष्ट करना होता है। बीजशोधन हेतु प्रयोग किए गए रसायनोें/बायोपेस्टीसाइड्स को बुवाई के पूर्व सूखा/स्लरी के रुप मे अथवा कभी-कभी संस्तुतियों के अनुसार घोल बना कर मिलाया जाता है जिससे इनकी एक परत बीजों की बाहरी सतह पर बन जाती हैें जो बीज के साथ पाये जाने वाले शाकाणुओं/जीवाणुुओं को अनुकूल परिस्थितियों में नष्ट कर देती है।
कृषि निदेशक ने बताया कि रबी की प्रमुख फसलोें गेहूॅ, जौ, चना, मटर, मसूर, राई/सरसो, आलू एवं गन्ना के बीजशोधन हेतु संस्तुतियों के अनुसार कृषि विभाग द्वारा प्रमुख कृषि रक्षा रसायनों- थिरम 75 प्रतिशत डब्ल्यू0एस0, कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0, ट्राइकोडरमा हारजिएनम 2.0 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 एवं स्यूडोमोनास फ्लोरीसेन्स 0.5 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है। खाद्यान्न उत्पादन के राष्ट्रीय कार्यक्रम तथा बीजशोधन अभियान को सफल बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, स्वयं सेवी संगठन, स्वयं सहायता समूह, महिला संगठन, कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के विभिन्न कार्यक्रम, कृषि रक्षा अनुभाग की कीट/रोग नियंत्रण योजना एवं प्रगतिश्ील किसानो के साथ ही साथ पेस्टीसाइड्स एसोसिएशन, थोक और फुटकर विक्रेताओं से भी सहयोग लिया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8777 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही थी।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2377 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 352 मेगावाट, अनपरा से 927 मेगावाट, पनकी से 72 मेगावाट, हरदुआगंज से 455 मेगावाट तथा पारीछा से 571 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 287 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 4154मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 50 मेगावाट, रोजा से 810 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 361 मेगावाट तथा लैन्को से 738 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश संस्कृत के तत्वावधान में आज यहां संस्थान परिसर, नया हैदराबाद में धन्वन्तरि जयन्ती के अवसर पर होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा पद्धतियों पर व्याख्यान तथा चिकित्सा सलाह एवं दवायें मुफ्त दी गयीं। इस व्याख्यान शिविर का उद्घाटन संस्कृत संस्थान के निदेशक श्री बृजेश चन्द्र द्वारा किया गया। इस चिकित्सा शिविर में समय पर उपस्थित होकर लोगों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया तथा मुफ्त में दवायें भी प्राप्त कीं। व्याख्यान का विषय ‘‘उच्च रक्तचाप कारण एवं निवारण तथा आयुर्वेदिक अध्ययन क्षेत्र में संस्कृत की भूमिका’’ पर चिक्त्सिकों ने अपना मत रखा। चिकित्सा एवं व्याख्यान, गोष्ठी में डा0 शिवप्रसाद त्रिपाठी आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि सतोगुण वालों को उच्च रक्तचाप नहीं होता है। रजोगुण और तमोगुण वालों को रोग जयादा होते हैं। डा0 राजीव कुमार गुप्ता, होम्योपैथ ने कहा कि अपने गलत आचार, व्यवहार, खान-पान, वातावरण, रहन-सहन के कारण ही उच्च रक्तचाप जैसी समस्त बीमारियां उत्पन्न होती हैं। अगर हम यह सब सही कर लें तो समस्त बीमारियेां से बचाव हो सकता है। डा0 के0के0ठकराल, आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि हिमाशन, मिताशन, नित्याशन ही स्वस्थ जीवन का आधार है। मनोदशाओं का और शरीर का गहरा नाता है। अधिकतर बीमारियां मन के साथ-साथ बुद्धि और भावनाओं से संचालित होती हैं। डा0 जे0एन0पाण्डेय, आयुर्वेदाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि उच्च रक्तचाप साइलेन्टकिलर के रूप में शरीर को नुकसान करता है, जिससे मास्तिष्क आघात, गुर्दे फेल होना, लकवा जैसी समस्यायें उत्पन्न होती हैं। चिन्ता शोक क्रोध मोटापा, धूम्रपान, फास्टफूट जैसे अनियमित खानपान आदि उच्चरक्त चाप के प्रमुख कारण हैं। अनुलोम-विलोम तथा नाड़ी शोधक प्राणायाम द्वारा इनसे बचाव हो कसता है। सभा की अध्यक्षता डा0 शिव प्रकाश त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य संस्कृत महाविद्यालय सण्डीला द्वारा की गयी तथा संचालन श्री जगदानन्द झा ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
उ0प्र0 सरकार ने समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पशुपालकों/ किसानों के दुधारू पशुओं के बाॅझपन का शिकार होने पर उसके इलाज हेतु प्रदेश के समस्त पशु चिकित्सालयांे/पशु चिकित्सा केन्द्रों पर प्रत्येक माह में तीन बार पशुओं के बाॅझपन निवारण कैम्प लगाने के निर्देश दिये हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पशुपालक तथा किसान अपने दुधारू पशुओं के नवजात पशुओं में समय-समय पर डी वर्मिंग स्थानीय पशुचिकित्सालय पर पशुचिकित्साधिकारी की सलाह से करायें।
श्री सिंह ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को सम्पूर्ण प्रदेश में खुरपका एवं मुॅहपका टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1.18 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पशुओं को होने वाली लंगडि़या बीमारी से बचाव तथा उपचार हेतु बी0क्यू0, वैक्सीन से टीकाकरण कराने की व्यवस्था सभी पशु अस्पतालों की गयी है।
पशुधन विकास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि पशुओं को गम्भीर बीमारियों से बचाव एवं उपचार हेतु प्रचुर मात्रा में दवाओं की उपलब्धता समस्त पशुचिकित्सक अस्पतालों एवं पशु चिकित्सा केन्द्रों पर सुनिश्चित की गयी है। पशु चिकित्साधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा पशुपालकों एवं किसानों को पशुओं के पालन, पोषण पशुओं की देख-भाल, बीमारियों से बचाने, संरक्षण, संवर्धन तथा दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने हेतु जरूरी जानकारी देने की भी व्यवस्था की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलावट खोरों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत गत 9 अक्टूबर को जनपद हाथरस में प्रवर्तन दल द्वारा छापा मारकर दूध में मिलावट हेतु प्रयोग किये जाने वाला लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य का अपमिश्रक सीज किया गया। दीपावली त्यौहार के मद्देनजर पूरे प्रदेश में मिलावट खोरों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है।
यह जानकारी आज यहां प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री हेमन्त राव ने देते हुए बताया कि प्रदेश में आम जनमानस को शुद्ध खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु मिलावट खोरों के विरूद्ध छापे की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध मारे गये 3225 छापे में 4091 संदेहास्पद खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्रित किये गये। संग्रहीत नमूने की जांच में 949 नमूने मिलावट के पाये गये। इस दौरान प्रवर्तन दल द्वारा 33412 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण भी किया गया।
श्री राव ने बताया कि 949 नमूनों में मिलावट पाये जाने पर 866 व्यक्तियों/प्रतिष्ठानों के विरूद्ध न्यायालयों में 803 वाद दायर किये गये। न्यायालय द्वारा 630 वादों में 781 व्यक्तियों को अर्थदण्ड, 32 व्यक्तियों को सजा एवं 8 व्यक्तियों को सजा एवं अर्थदण्ड दोनों लगाया गया। उन्होंने बताया कि मिलावटी/सिंथेटिक दूध के विरूद्ध चलाये गये विशेष अभियान के दौरान कुल 1525 छापे मारे गये, जिसमें दूध के 1774 नमूने संग्रहीत किये गये तथा भारी मात्रा में सिंथेटिक एवं मिलावटी दूध को जब्त एवं नष्ट किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नैनी (इलाहाबाद) अवध साहित्य अकादमी एवं शहर समता विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में पं0 जनार्दन तिवारी की अध्यक्षता में ‘‘जयशंकर प्रसाद के काव्य में शब्द योजना’’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता डाॅ0 नरेश कुमार गौड़ ‘अशोक’ ने प्रसाद जी की शब्द योजना पर सारगर्भित वक्तव्य दिया। कामायनी एवं अन्य ग्रन्थों से उदाहरण सहित सांगोपांग व्याख्या करते हुए डाॅ0 गौड़ ने प्रसाद जी को श्रेष्ठतम महाकाव्य रचयिता और विलक्षण काव्य प्रतिभा का धनी बताया।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने अक्षर को ही ब्रह्मस्वरूप बताया और सरस्वती साधकों के सम्बन्ध की विशद व्याख्या की। विशिष्ट अतिथि कुंवर फतेह बहादुर सिंह ऋषिराज ने अपने काव्यमयी उद्बोधन में माँ भारती की वन्दना की-
शौर्य शान्ति समृद्धि प्रतीक चक्र राष्ट्र ध्वज।
ल्हरें तिरंगा तेरी जय हो मातु भारती।।
ख्याति प्राप्त कवि व पत्रकार जगदम्बा प्रसाद शुक्ल की रचना पर सभी ने खूब वाहवाही दी-
भारत की रक्षा केसे कर पाओगे कृष्ण मुरारी।
देश बेच देने को हैं तैयार यहां व्यापारी।।
ईश्वर शरण शुक्ल की रचनाओं में विकासवाद की छवि स्पष्ट परिलक्षित हुई-
संवादों के बल पर दुनियां मंगल पहुँची, धरा गगन की दूरी पर से बाँध कट गया।।
पं0 जनार्दन तिवारी जी की रचना भी खूब सराही गयी-
श्रद्धा प्रसाद की आज घिरी लपटों में
चीख रही वेदी पर मंगल सूत्र गले में।
डाॅ0 नरेश कुमार गौड़ अशोक की कविता कुछ यूँ थी-
इन पगडण्डियों को राजपथ रूप दे डालो, पहुँचना इक जगह ही है तो यह बेमानी कैसी।।
युवा कवि रत्नाकर तनहा की पंक्तियाँ-
‘‘जीवन पथ आलोकित हो बस ये कहता है अन्तर्मन’’ सभी के मन को छू गयी। शुभम शुक्ला की बाल कविता ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। राजेन्द्र शुक्ल का गीत- शब्दों के गुम्फन में यदि भावों का इत्र नहीं है’’ ने गोष्ठी को गरिमामय बनाया तो रामनाथ त्रिपाठी रसिकेश की कविता ‘‘दीपक जलाओ अवनि पर सभी मिल’’ ने सबको रससिक्त कर दिया। आयोजक डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने अपनी कविता पढ़ी-
‘‘बिखेरो यहाँ रोशनी आज इतनी दिखाई न दे तम कहीं भी धरा पर’’
उमेश चन्द्र श्रीवास्तव की रचना में मन की अतल गहराइयों में छिपी पीड़ा उमर कर आयी। अवध साहित्य अकादमी एवं शहर समता विचार मंच की ओर से डाॅ0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 October 2014 by admin
चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई शुरू न करने से प्रदेश के गन्ना किसान परेशान हैं। किसान अपने गन्ने को औने-पौने दामों में बिचैलियों के हाथों बेंचने को मजबूर हैं और खुद को किसानों का हितैषी बताने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अख्तियार किये हुए है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि गन्ने के समर्थन मूल्य को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं किन्तु राज्य सरकार की किसान विरोधी रवैये के चलते अभी तक समर्थन मूल्य तय नहीं हो पाया है। प्रदेश का गन्ना किसान जहां पिछले बकाये भुगतान को लेकर आन्दोलनरत है वहीं चीनी मिलों के समय से पेराई शुरू न किये जाने से दोहरे संकट से जूझ रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। उन्होने मांग की है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रूपये प्रति कुंतल तत्काल घोषित किया जाय एवं चीनी मिलों को अविलम्ब चालू किया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 22 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां महिला उत्पीड़न, हत्या एवं लूट की घटनाएं थम नहीं रहीं हैं वहीं सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली महिला आईपीएस अधिकारी तक सुरक्षित नहीं रह गयी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिये जा रहे लम्बे-चैड़े भाषण सिर्फ थोथे साबित हो रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग स्टेशन जैसे क्षेत्र में महिला आईपीएस के साथ जिस प्रकार पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता की गयी, इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री चाहे जो दावा करें, आम आदमी की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले ही स्वयं कानून व्यवस्था को धता बताने में जुटे हुए हैं, यह किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके पूर्व भी लखनऊ सहित तमाम जनपदों के थानों में महिला पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की घटनाएं हुई हैं, किन्तु राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसकी परिणति यह हुई कि प्रदेश के पुलिसकर्मी खुद अपने ही विभाग के अधिकारियों और एक दूसरे के विरूद्ध कदम उठाने से नहीं चूक रहे हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि आम महिलाओं की कौन कहे खुद महिला आईपीएस अधिकारी सुरक्षित नहीं रह गयी है। ऐसे में महिला उत्पीड़न कैसे रूकेगा, यह एक बड़ा सवाल है?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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