उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां महिला उत्पीड़न, हत्या एवं लूट की घटनाएं थम नहीं रहीं हैं वहीं सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली महिला आईपीएस अधिकारी तक सुरक्षित नहीं रह गयी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिये जा रहे लम्बे-चैड़े भाषण सिर्फ थोथे साबित हो रहे हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग स्टेशन जैसे क्षेत्र में महिला आईपीएस के साथ जिस प्रकार पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता की गयी, इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री चाहे जो दावा करें, आम आदमी की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले ही स्वयं कानून व्यवस्था को धता बताने में जुटे हुए हैं, यह किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके पूर्व भी लखनऊ सहित तमाम जनपदों के थानों में महिला पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की घटनाएं हुई हैं, किन्तु राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसकी परिणति यह हुई कि प्रदेश के पुलिसकर्मी खुद अपने ही विभाग के अधिकारियों और एक दूसरे के विरूद्ध कदम उठाने से नहीं चूक रहे हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि आम महिलाओं की कौन कहे खुद महिला आईपीएस अधिकारी सुरक्षित नहीं रह गयी है। ऐसे में महिला उत्पीड़न कैसे रूकेगा, यह एक बड़ा सवाल है?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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