Archive | September 11th, 2014

पोलियो संक्रमित देश पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान से बना हुआ है खतरा

Posted on 11 September 2014 by admin

देश एवं प्रदेश को पोलियो मुक्त बने रहने के लिये सतर्कता जरूरी है। जब तक कि यह बीमारी पूरे विश्व से समाप्त नहीं हो जाती। अब भी पोलियो के 149 मामले विश्व के कुछ देशों में प्रकाश में आये हैं, जिसमें पाकिस्तान में 117, अफगानिस्तान में 8, नाइजीरिया में 6, कैमरून में 5, गिनी में 5, सोमालिया में 4, इराक में 2, इथोपिया एवं सीरिया में एक-एक मामले पोलियो के पाये गये हैं।
यह बात आज यहाँ 14 सितम्बर से आयोजित होने वाले ‘‘पल्स पोलियो एस0एन0आई0डी0 अभियान’’ की तैयारी बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरविन्द कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश ने पोलियो उन्मूलन में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद जनपद में आखिरी पोलियो का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद से प्रदेश में एक भी मामला प्रकाश मंे नहीं आया है। पोलियो वायरस से संक्रमित देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हमारे देश में पोलियो विषाणु आने का खतरा बना हुआ है। इसलिये हमें तब तक सतर्क रहना होगा जब तक कि पूरे विश्व से पोलियो के वायरस समाप्त नहीं हो जाते। उन्होंने बताया कि पोलियो विषाणु के संक्रमण को फैलाने में घुमंतू तथा प्रवासी परिवारों का अहम रोल होता है। प्रदेश में नेपाल बार्डर पर स्थित 06 जनपदों- बहराइच, खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर सिद्धार्थ नगर एवं महाराजगंज में 30 टीकाकरण बूथ स्थापित किये गये हैं। यह बूथ वर्ष भर संचालित रहते हैं। जहां पर 0 से 5 वर्ष तक उम्र के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में पोलियो संक्रमित देशों से आने व जाने वाले यात्रियों को पोलियो वैक्सीन से आच्छादित किया जाता है। विश्व मंे पोलियो की वर्तमान स्थिति को देखते हुए 14 सितम्बर 2014 से प्रदेश के सभी जनपदों में सघन पल्स पोलियो अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत 03 करोड़ 48 लाख बच्चों को 1,09,820 बूथ स्थापित करके पोलियो की खुराक दी जायेगी। इसके अतिरिक्त अगले 05 दिनों तक 64,789 घरों में टीकाकरण टीमांे द्वारा बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी जायेगी।
बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘नेशनल पोलिया सर्विलेंस प्रोजेक्ट’ के प्रतिनिधि ने बताया कि भारत को 27 मार्च, 2014 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पोलियोमुक्त घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि भारत देश के साथ ही दक्षिण पूर्व एशियन क्षेत्र के दस देशों- बांग्लादेश, भूटान, डेमोक्रेटिक पीपल्स आॅफ कोरिया, तीमोर लिस्ट, इण्डोनेशिया, मालदीव, म्यामांर, नेपाल, श्रीलंका एवं थाईलैण्ड को भी पोलियोमुक्त प्रमाणित किया गया है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पोलियोमुक्त नये संक्रमित देशों की संख्या 08 से बढ़कर 09 हो गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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18 सितम्बर को लखनऊ में लघु उद्यमियों की समस्याओं के निवारण हेतु सेमीनार का आयोजन

Posted on 11 September 2014 by admin

केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में आगामी 18 सितम्बर को लखनऊ में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर आधारित सेमीनार का आयोजन किया गया है। इस सेमीनार में सिडबी, राष्ट्रीकृत बैंकों के प्रतिनिधि, खादी ग्रामोद्योग के अधिकारी, प्रदेश के लघु उद्योग से जुड़े अधिकारी तथा प्रदेश के लघु उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार भाग लेंगे।
इस सेमीनार में उ0प्र0 में उद्योग लगाने में उद्यमियों को आ रही कठिनाई पर विचार करके उसका निराकरण किया जायेगा, जिससे उ0प्र0 में लघु उद्योग एवं उद्यमियों से जुड़ी परियोजनाओं को गति प्राप्त हो सके। सेमीनार में प्रदेश के प्रमुख सचिव लघु उद्योग श्री महेश कुमार गुप्ता, निदेशक उद्योग सहित लघु उद्योग विभाग के अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
उ0प्र0 में वर्तमान सरकार के शासन काल में लघु उद्योगों को स्थापित करने में गति आई है। इसी प्रकार से उ0प्र0 से होने वाले निर्यात में भी बढ़ोत्तरी आई है। सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक उद्योग लगे जिससे लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री संजीव सरन ने कहा

Posted on 11 September 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री संजीव सरन ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक गैस के वितरण तथा अवस्थापना को बढ़ाने हेतु एमओयू के अंतर्गत इन्डियन आयल और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलकर नये प्रोजेक्ट की योजना तैयार की जायेगी। योजना के अंतर्गत सिटी गैस प्रोजेक्ट नई पाईप लाईने तथा सीएनजी स्टेशन खोले जायेंगे। वर्तमान में इन्डियन आयल के ज्वाइन्ट वेन्चर ने इलाहाबाद शहर में सिटी गैस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारम्भ किया है, जिसके माध्यम से आगामी एक से डेढ़ वर्ष के अन्दर इलाहाबाद की जनता को पाईप के द्वारा गैस की सुविधा घर-घर तक पहुंचायी जायेगी, साथ ही साथ औद्योगिक क्षेत्रों मंे भी प्राकृतिक गैस की सुविधाओं को बढ़ावा प्राप्त होगा।
इन्डियन आयल और उत्तर प्रदेश शासन के मध्य आज नेचुरल गैस से संबंधित विषयों पर एक मेमोरेन्डम आफ अन्डस्र्टैन्डिंग (एमओयू) पर उत्तर प्रदेश शासन के तरफ से श्री संजीव सरन, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास तथा इन्डियन आयल के तरफ से महाप्रबंधक गैस श्री आर0के0 टिक्कू, मुख्य प्रबंधक गैस श्री आर0के0 जुत्शी, उप महाप्रबंधक उपभोक्ता विक्रय श्री एस0एच0 रियाज ने हस्ताक्षर किये। मेमोरेन्डम आफ अन्डस्र्टैन्डिंग (एमओयू) के समय प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव औद्योगिक विकास श्री एम0के0एस0सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
मेमोरेन्डम आफ अन्डस्र्टैन्डिंग (एमओयू) में यह तय किया गया कि एक संयुक्त टीम का गठन किया जायेगा जो कि इलाहाबाद व प्रदेश के अन्य महानगरों में सिटी गैस प्रोजेक्ट को शीघ्र क्रियान्वन करने के लिए आवश्यक कदम शीघ्र उठायेगी। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक गैस को राज्य में बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त योजनाओे की कार्ययोजना भी तैयार की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये

Posted on 11 September 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि तहसील मुख्यालयों पर निर्माणाधीन 201 प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्रों में से कम से कम 100 से अधिक विद्युत उपकेन्द्रों का लोकार्पण आगामी अक्टूबर माह में अवश्य कराकर प्रदेश के नागरिकों को समर्पित करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि विगत जुलाई एवं अगस्त में लगभग 24 लाख से अधिक परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये, जिसके फलस्वरूप लगभग 1200 करोड़ रुपये का राजस्व प्रतिवर्ष विद्युत विभाग को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान यथाशीघ्र कराने हेतु एस0एम0एस0 की व्यवस्था लागू की गयी है, जिसका क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि बी0पी0एल0 धारकों को ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत शत-प्रतिशत विद्युत कनेक्शन प्राथमिकता से उपलब्ध कराया जाय तथा निजी नलकूपों को आगामी माह अप्रैल, 2015 से जमानत धनराशि जमा करने के 2 से 3 माह के अन्दर प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने हेतु लोवोल्टेज से प्रभावित राजकीय नलकूपों का संचालन सुचारु रूप से कराने हेतु सिंचाई एवं विद्युत विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से मौके का निरीक्षण कर समस्या का समाधान कर संचालन सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि पम्प कैनालों की वोल्टेज समस्या को भी हर हाल में दूर कराने हेतु मौके का संयुक्त निरीक्षण सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष 2015 में लगभग चार हजार मेगावाॅट से अधिक विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु निर्माणाधीन अनपरा-डी ललितपुर, बारा इत्यादि प्रोजेक्टों को निर्धारित समय-सीमा में चालू करने के अथक प्रयास कराये जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया योजनान्तर्गत अवशेष 2012-13, 2013-14 के कार्यों को प्रत्येक दशा में आगामी मार्च, 2015 तक अवश्य पूरा करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि आर0ए0पी0डी0आर0पी0 के अन्तर्गत 168 नगरों की बिलिंग एवं विद्युत आपूर्ति सुदृढ़ता को सघन अनुश्रवण कर सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को निर्धारित समय सारिणी के अनुसार विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने हेतु निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार आगामी वर्ष 2016-17 से शहरों को 24 घंटे तथा ग्रामीण अंचलों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु निर्धारित कार्य योजना के तहत आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री एस0पी0गोयल, प्रबंध निदेशक पावर कार्पोरेशन श्री ए0पी0मिश्रा, प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल एवं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम श्री पी0एन0सिंह, निदेशक वितरण श्री श्रीकांत प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेष की राज्य सेक्टर एवं निजी क्षेत्र की बिजली परियोजनाओं के लिये कोयले की पर्याप्त व्यवस्था की जाये: उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग

Posted on 11 September 2014 by admin

राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेई ने आज नई दिल्ली में राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि पिछले तीन माह में प्रदेश के सभी विद्युत उत्पादन गृहों को आवश्यकतानुसार कोयले की आपूर्ति न होने के कारण बिजली उत्पादन क्षमता के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा कोयले की कमी के कारण उत्तर क्षेत्र की कुछ एन.टी.पी.सी. उत्पादन इकाइयां भी ठप हो गई हैं तथा कुछ इकाइयां क्षमता से काफी कम उत्पादन कर रही हैं। उन्होंने इसे एक गम्भीर समस्या बताते हुए कहा कि इसका सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ता है। प्रदेष की विद्युत समस्या के संबंध में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा समय-समय पर पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया है।
श्री बाजपेई ने प्रदेष में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने तथा वर्ष 2016-17 तक ग्रामीण क्षेत्रों को कम से कम 18 घण्टे तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे आपूर्ति सुनिष्चित करने के लिये केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि केन्द्रीय परियोजनाओं में उत्पादित होने वाली बिजली में उत्तर प्रदेष का अंष बढ़ाया जाये। पष्चिमी क्षेत्र से उत्तरी क्षेत्र में विद्युत के हस्तान्तरण हेतु पावर ग्रिड द्वारा बनायी जा रही लाइनों को शीघ्रता से पूरा किया जाए ताकि उत्तर प्रदेष द्वारा पष्चिम भारत में स्थापित विद्युत परियोजनाओं से आवष्यकतानुसार बिजली प्राप्त की जा सके। उत्तर प्रदेष में स्थापित राज्य सेक्टर एवं निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये पर्याप्त मात्रा में कोयले की व्यवस्था की जाये। नयी परियोजनाओं की पर्यावरण स्वीकृति एवं कोयले की व्यवस्था शीघ्रता से की जाये। उत्तर प्रदेष में कम से कम 2 नये परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाएं। वितरण कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना को राज्य सरकार द्वारा पूर्व में दिये गये सुझावों के अनुसार पुनरीक्षित किया जाये। उत्तर प्रदेष में अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट की स्थापना का कार्य शीघ्रता से किया जाये। वित्तीय पुनर्गठन योजना से आच्छादित राज्यों को ऋणों पर ब्याज के विरूद्ध ब्याज अनुदान दिया जाये।
श्री बाजपेई ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेष देष का सबसे बड़ा राज्य है किन्तु केन्द्रीय परियोजनाओं में प्रदेष को जो अंष आवंटित किया गया है वह अपर्याप्त है। दिल्ली राज्य की आबादी उत्तर प्रदेष से आधे से भी कम है, लेकिन इसे उत्तर प्रदेष के लगभग 70 प्रतिषत के बराबर विद्युत आवंटन किया गया है। इसी प्रकार महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेष के 5788 मेगावाट विद्युत आवंटन के सापेक्ष 6396 मेगावाट का आवंटन किया गया है। कतिपय प्रदेष अक्सर अपनी अतिरिक्त बिजली एनर्जी एक्सचेन्ज में बेचते हैं, जिसे उत्तर प्रदेष एवं कमी वाले अन्य राज्य 7.00 से 10.00 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदने के लिये बाध्य होते हैं। इसलिए केन्द्रीय परियोजनाओं से राज्यों को विद्युत आवंटन की नीति में परिवर्तन किया जाना आवष्यक है। विद्युत आवंटन का जो भी सिद्धान्त तय किया जाए, उसमें राज्यों में मांग एवं आपूर्ति का अन्तर, जनसंख्या, सिंचाई की आवष्यकता आदि को प्रधानता दी जानी चाहिये। इस सम्बन्ध में हाल ही में मुख्यमंत्री ने पत्र द्वारा प्रधानमंत्री से अनुरोध भी किया है।
प्रदेष में विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने के लिये कोयले की व्यवस्था आवष्यक है। उत्तर प्रदेष को वर्ष 2007 में छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र के साथ साझेदारी में चेन्दीपाड़ा कोल ब्लाक आवंटित किया गया था। इस कोल ब्लाक से कोयले का खनन करने के लिये उड़ीसा सरकार द्वारा अभी तक माइनिंग लाइसेन्स नही दिया गया है। इस संबंध में उन्हें केन्द्र सरकार की अनुमति की आवष्यकता है। यह अनुमति शीघ्र मिलने से इस कोल ब्लाक से कोयले का खनन संभव होगा तथा संबंधित विद्युत उत्पादन गृहों की स्थापना का मार्ग भी प्रषस्त होगा। इस सम्बन्ध में भी केन्द्र सरकार के स्तर से प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए। इसी प्रकार उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा 1980 मेगावाट क्षमता का एक पावर प्लान्ट घाटमपुर, जनपद कानपुर में स्थापित करने के लिये नेयवेली लिग्नाइट कारपोरेषन के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित किया गया है। किन्तु इस परियोजना के लिये न तो पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त हुई है और न ही परियोजना में निवेष के लिये केन्द्र सरकार द्वारा नेयवेली लिग्नाइट कारपोरेषन को अनुमति प्रदान की गयी है। पर्यावरण स्वीकृति एवं निवेष की अनुमति शीघ्र दी जानी आवष्यक है ताकि इस परियोजना का कार्य शीघ्रता से प्रारम्भ हो सके, अन्यथा इसकी परियोजना लागत में निरन्तर वृद्धि होती जायेगी।
श्री बाजपेई ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेष में एक अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। परियोजना की स्थापना हेतु आवष्यक भूमि की व्यवस्था के लिये राज्य सरकार द्वारा तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। इस परियोजना के लिये जनपद एटा एवं फिरोज़ाबाद में भूमि चिन्हित की गयी है तथा केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से यह अनुरोध किया गया है कि वे चिन्हित स्थानों का सर्वे करा लें। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेष में अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिये पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्र्तगत गैर विद्युतीकृत मजरों के विद्युतीकरण के लिये जो योजना स्वीकृत की गयी है, उसमें उत्तर प्रदेष के लगभग 134,000 मजरे सम्मिलित हैं। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार का अनुरोध है कि योजना की लागत को निविदा के मूल्य से कम न किया जाय ताकि सभी निर्धारित मजरों का विद्युतीकरण हो सके।
भारत सरकार ने देष के कुछ राज्यों की विद्युत वितरण कम्पनियों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिये वर्ष 2012 में वित्तीय पुर्नगठन योजना स्वीकृत की थी। उत्तर प्रदेष को भी इस योजना में सम्मिलित किया गया था। विद्युत वितरण कम्पनियों को घाटे की स्थिति से बाहर निकालने में अभी 3 वर्ष का समय और लगेगा। अतः वित्तीय पुर्नगठन योजना में इस हेतु संषोधन आवष्यक है। उचित होगा कि संबंधित राज्यों की पुनरीक्षित वित्तीय पुर्नगठन योजना बनवायी जाए तथा वितरण कम्पनियों की वित्तीय आवष्यकता का परीक्षण करके केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की जाए। इस संदर्भ में यह भी अवगत कराना है कि वर्तमान में वितरण कम्पनियों द्वारा ऋण पर भुगतान किये जा रहे ब्याज की पूरी धनराषि टैरिफ निर्धारण में विचारित नहीं की जाती। नियामक आयोग केवल 2 माह की कार्यषील पूॅजी पर देय ब्याज ही टैरिफ में अनुमन्य करता है। इस नीति में परिवर्तन भी आवष्यक है।
श्री वाजपेई ने प्रदेष सरकार द्वारा विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्र में उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए लगातार काम कर रही है। उत्तर प्रदेष द्वारा वर्ष 2016-17 के अन्त तक शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की योजना बनायी गयी है। इस योजना के अनुसार वर्ष 2016-17 के अन्त तक विद्युत की माॅग लगभग 23000 मेगावाट अनुमानित की गयी है। इस माॅग को पूरा करने के लिये कुछ परियोजनायें निर्माणाधीन हैं तथा कुछ नयी परियोजनायें शुरू की जा रही हैं, जिनमें राज्य सेक्टर की 1000 मेगावाट क्षमता की अनपरा ’’डी’’ परियोजना 31 मार्च, 2015 तक पूर्ण हो जायेगी। निजी क्षेत्र की 330 मेगावाट क्षमता की श्रीनगर जल विद्युत परियोजना अगले 6 माह में 1980 मेगावाट क्षमता की बारा तापीय परियोजना की तीनों इकाईयाॅ अक्टूबर 2015 तक, 1980 मेगावाट क्षमता की ललितपुर परियोजना की तीनों इकाईयाॅ वर्ष 2015-16 में विद्युत उत्पादन प्रारम्भ कर देंगी। संयुक्त क्षेत्र में एनटीपीसी के साथ स्थापित की जा रही 1320 मेगावाट क्षमता की मेजा तापीय परियोजना की दोनों इकाईयाॅ वर्ष 2016-17 में उत्पादन प्रारम्भ कर देंगी।
केस-1 बिडिंग के माध्यम से 6000 मेगावाट विद्युत क्रय करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके अन्र्तगत लगभग 2200 मेगावाट के क्रय अनुबन्ध हस्ताक्षरित हो चुके हैं तथा निविदाओं पर शीघ्र ही अन्तिम निर्णय ले लिया जायेगा। राज्य सेक्टर में हरदुआगंज विस्तार (660 मेगावाट), पनकी विस्तार (660 मेगावाट), ओबरा ’’सी’’ (1320 मेगावाट), करछना (1320 मेगावाट) तथा जवाहरपुर (1320 मेगावाट) की स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। नेयवेली लिग्नाइट कारपोरेषन के साथ संयुक्त उपक्रम के अन्र्तगत 1980 मेगावाट क्षमता की घाटमपुर परियोजना की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इन सभी परियोजनाओं की स्थापना में पर्यावरण स्वीकृति एवं कोयले की व्यवस्था के लिये केन्द्र सरकार का सक्रिय एवं समयबद्ध सहयोग आवष्यक होगा। प्रदेष सरकार द्वारा परमाणु ऊर्जा पर आधारित नया संयत्र स्थापित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। प्रदेष में नरोरा परमाणु विद्युत गृह पहले से स्थापित है। इस परियोजना के विस्तार के लिये भी राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान करेगी। इसके अलावा कम से कम 2 परमाणु ऊर्जा संयत्र प्रदेष में और स्थापित किए जाने चाहिए।
इसी प्रकार वर्ष 2016-17 तक प्रस्तावित विद्युत आपूर्ति सुनिष्चित करने के लिये पारेषण नेटवर्क के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण की वृहद योजना क्रियान्वित की जा रही है। 765 के0वी0 एवं 400 के0वी0 क्षमता के नेटवर्क विस्तार हेतु लगभग 10000 करोड़ रुपए के कार्य पी0पी0पी0 के माध्यम से प्रगति पर है, जो वित्तीय वर्ष 2015-16 में पूर्ण हो जायेंगे। ललितपुर परियोजना से विद्युत की निकासी के लिये लगभग 3000 करोड़ रुपए के कार्य भारत सरकार की संस्था पावर ग्रिड कारपोरेषन को सौंपे गये हैं। यह कार्य अप्रैल, 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। 220 के.वी. एवं 132 के.वी. नेटवर्क के विस्तार हेतु 500 मिलियन डाॅलर के ऋण का एक प्रस्ताव विष्व बैंक फन्डिंग के लिये विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन है। इस सम्बन्ध में उन्होंने शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार भी पारेषण क्षेत्र के विस्तार हेतु अगले 3 वर्षो में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराषि उपलब्ध करायेगी। वितरण व्यवस्था सुधारने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत एपीडीआरपी योजना के पार्ट-ए के अन्र्तगत 168 शहरों में प्रस्तावित कार्य भविष्य में पूर्ण कर लिये जायेंगें। पार्ट-बी के अन्र्तगत 155 शहरों में कार्य प्रगति पर है। 12 शहरों में स्काडा की स्थापना की जानी है। इसमें से 3 शहरों क्रमषः फिरोज़ाबाद, अलीगढ़ तथा झाॅसी के कार्य प्रारम्भ हो गये हैं तथा शेष निविदायें निस्तारित की जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा तहसीलों एवं छोटे कस्बों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिये 201 नये 33/11 के.वी. उपकेन्द्रों के निर्माण का निर्णय लिया गया था। इस कार्य के लिये लगभग 800 करोड़ रुपए की धनराषि राज्य सरकार द्वारा उपलव्ध करायी गयी है। यह सभी उपकेन्द्र मार्च, 2015 तक पूर्ण हो जायेंगे। राज्य सरकार के संसाधनों से लगभग 2,000 करोड़ रुपए के कार्य प्रतिवर्ष वितरण कम्पनियों द्वारा कराये जा रहे हैं।
श्री बाजपेई ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए भी गम्भीरता से प्रयास कर रही है। दसवीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजना के अन्र्तगत लगभग 27,000 गावों का विद्युतीकरण किया गया था। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 300 से अधिक आबादी वाले मजरों के विद्युतीकरण की एक योजना 22 जनपदों के लिये स्वीकृत की गयी थी। यह कार्य भी अगले एक वर्ष में पूर्ण हो जायेंगे। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 54 जनपदों के लगभग 134,000 मजरों के विद्युतीकरण की जो योजना स्वीकृत की गयी है, उसके अधिकांष कार्य आवंटित कर दिये गये हैं तथा शेष निविदायें भी चालू माह में निस्तारित कर दी जायेंगी। इन कार्यों को पूर्ण करने में लगभग 2 वर्ष का समय लगेगा। उन्होंने आषा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेष द्वारा केन्द्र सरकार को संदर्भित बिन्दुओं पर शीघ्रता से कार्यवाही की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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जिला सूचना कार्यालयों में शिकायत प्रकोष्ठ बनाने के भी निर्देश, जिसमें जनता की भी शिकायतें प्राप्त की जाएंगी

Posted on 11 September 2014 by admin

भारत सरकार के निर्देशानुसार निजी दूरदर्शन चैनलों तथा केबल टी.वी. की प्रसारण सामग्री के संबंध में शिकायत होेने पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए जनता को एक फोरम उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 30 सितम्बर, 2014 तक जिला निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा। दर्शकों से अभ्यावेदन प्राप्त करने हेतु सभी जिला सूचना कार्यालयों में शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला मजिस्ट्रेटों से कृत कार्रवाई की सूचना 05 अक्टूबर, 2014 तक उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव, सूचना श्री नवनीत सहगल ने बताया कि जिला सूचना कार्यालय में स्थापित फोन का उपयोग शिकायत प्रकोष्ठ के लिए किया जाएगा। प्रमुख सचिव आज यहां राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने जनपदवार जिला निगरानी समितियों, शिकायत प्रकोष्ठों तथा फोन नम्बर आदि की जानकारी विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि भारत सरकार के आदेश दिनांक 19 फरवरी, 2008 एवं 28 जुलाई, 2008 के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा 24 जून, 2014 को राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया गया था, जिसमें पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि, सचिव समाज कल्याण, सचिव महिला एवं बाल विकास तथा निदेशक दूरदर्शन केन्द्र (राज्य राजधानी केन्द्र) सदस्य बनाए गए हैं। इसके साथ ही महिलाओं के लिए कार्यशील राज्य सरकार के एक प्रमुख गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि, शिक्षाविद्/मनोवैज्ञानिक/ समाजशास्त्री तथा पत्रकार संगठन का एक प्रतिनिधि या भारतीय प्रेस परिषद का एक स्थानीय प्रतिनिधि भी इस समिति के सदस्य नामित किए गए हैं। सूचना निदेशक डाॅ. रुपेश कुमार राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य सचिव बनाए गए हैं। समिति में नामित सदस्यों का कार्यकाल 02 वर्ष का होगा। समिति की 01 वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी। यह समिति राज्य के अधीन पंजीकृत केबल आॅपरेटरों के जिलावार आंकड़े तथा राज्य में टी.वी. वाले घरों/दर्शकों की अनुमानित संख्या सहित राज्य के लिए एक विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर से पूर्व भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को प्रस्तुत करेगी।
श्री सहगल ने बताया कि इसी प्रकार जिला स्तर पर जिला मजिस्टेªट की अध्यक्षता में जिला निगरानी समिति का गठन किया जाना है, जिसमें पुलिस अधीक्षक, जिला सूचना अधिकारी, जिले के किसी एक महिला महाविद्यालय की प्राचार्या, बाल कल्याण हेतु कार्यशील एक प्रमुख गैर-सरकारी संगठन का प्रतिनिधि, महिला कल्याण हेतु कार्यशील एक प्रमुख सरकारी संगठन का प्रतिनिधि तथा शिक्षाविद्/मनोवैज्ञानिक/समाजशास्त्री सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि समिति का गठन जनता को एक ऐसा फोरम उपलब्ध कराने के लिए किया गया है, जिसमें केबल टी.वी. पर दिखाई जाने वाली सामग्री के सम्बन्ध में जनता अपनी शिकायत दर्ज करा सके और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उन शिकायतों पर कार्रवाई की जा सके। यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई प्रभाव पड़ता है अथवा किसी समुदाय में व्यापक आक्रोश फैलता है तो राज्य और केन्द्र सरकार के तत्काल ध्यान में लाना इस समिति का कर्तव्य होगा।
राष्ट्रीय/क्षेत्रीय सैटेलाइट चैनलों के सम्बन्ध में पाई जाने वाली शिकायतों को जिला स्तर की समिति, राज्य स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से अपनी सिफारिशें भारत सरकार तक पहुंचा सकती हैं। ऐसी शिकायत प्राप्त होने पर केन्द्र सरकार सम्बन्धित कार्यक्रम/विज्ञापन के फुटेज/वी.सी.डी. की मांग कर सकती है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में गठित अंतर्मंत्रालयी समिति इस पर विचार कर सकती है।
राज्य स्तरीय निगरानी समिति के दायित्वों/कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव ने बताया कि जिला स्तर पर निगरानी समितियों के गठन एवं उनकी बैठकों के बारे में अनुश्रवण राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। इस सम्बन्ध में जिला निगरानी समितियों के पदाधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों के लिए प्रभावी निर्वहन तथा उनके स्तर से निपटाए गए मामलों की भी समीक्षा राज्य स्तर की समिति द्वारा की जाएगी। इसके अलावा जिला स्तर की समितियों को सुझाव एवं आवश्यक दिशा-निर्देश तथा उनके स्तर से संदर्भित मामलों पर निर्णय लेने का दायित्व भी राज्य समिति का होग। जिला स्तर से प्राप्त आंकड़े एवं सूचनाओं का संकलन कर भारत सरकार को प्रेषित करने तथा कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं पर भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय को उपग्रह चैनलों (राष्ट्रीय चैनलों) के विरुद्ध कार्रवाई करने की सिफारिश करने तथा शिकायत भेजने का भी अधिकार राज्य स्तर की समिति के पास होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से

Posted on 11 September 2014 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी श्री तेज प्रताप सिंह यादव की के लिए स्वयं दो दिन 7-8 सितम्बर,2014 को संघन चुनाव प्रचार करेगें। वे रविवार को 3 और सोमवार को 2 जनसभाओं को सम्बोधित करेगें। स्मरणीय है श्री मुलायम सिंह यादव मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों निर्वाचन क्षेत्रो से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्होने आजमगढ़ क्षेत्र से संसद की सदस्यता स्वीकार की है। उनके द्वारा रिक्त मैनपुरी क्षेत्र में 13 सितम्बर,2014 को उपचुनाव हो रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि श्री मुलायम सिंह यादव अपने चुनावी भ्रमण कार्यक्रम में 7 सितम्बर,2014 को 12Û15 बजे कासमा चैराहा के पास श्री राधेश्याम यादव पूर्व प्रधान गढ़ारा के खेत के मैदान में, 1Û30 बजे आदर्श इन्टर कालेज का मैदान, किशनी में तथा 2Û30 बजे नेशनल डिग्री कालेज का मैदान, भोगांव में जनसभाओं को सम्बोधित करेगें।
8 सितम्बर,2014 को श्री मुलायम सिंह यादव 12Û15 बजे रामलीला मैदान, जसवंतनगर में और 1Û30 बजे क्रिश्चियन कालेज ग्राउण्ड, मैनपुरी में चुनावी सभाएं करेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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चालू वर्ष में माह अगस्त तक आबकारी से 4726 करोड़ रुपये प्राप्त

Posted on 11 September 2014 by admin

प्रदेश के आबकारी आयुक्त श्री अनिल गर्ग ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा चालू वर्ष 2014-15 में माह अगस्त 2014 तक 4726 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व वसूल किया गया है जोकि पिछले वर्ष 2013-14 में इसी माह तक वसूल की गई धनराशि 4374 करोड़ रुपये से 351.74 करोड़ रुपये अधिक है। उन्होंने बताया कि माह अगस्त 2014 में 882.84 करोड़ रुपये वसूल किया गया है जोकि पिछले वर्ष माह अगस्त में वसूल की गई धनराशि 810 करोड़ रुपये से 72 करोड़ अधिक है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को संकर शाकभाजी की खेती पर 75-90 प्रतिशत तक अनुदान

Posted on 11 September 2014 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त जनपदों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए संचालित औद्यानिक विकास योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि 245 लाख रुपये के सापेक्ष 81.67 लाख रुपये अवमुक्त किये हैं।
इस योजना का उद्देश्य संकर शाकभाजी जैसे संकर कद्दू वर्गीय खेती, संकर शिमला मिर्च की खेती व यूरोपियन वेजिटेबुल्स की खेती, मसाला मिर्चा, धनिया, लहसुन की खेती, गुलाब व गंेदा फूलों की खेती एवं आई.पी.एम. तथा मधुमक्खी पालन आदि कार्यक्रम को बढ़ावा देना है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति  के किसानों को  इस योजना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 75-90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 20 हेक्टेयर में संकर शाकभाजी की खेती का लक्ष्य पूरा हो चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नकली अधोमानक, मिथ्याछाप औषधियों पर अंकुश लगाने हेतु चला 06 दिवसीय अभियान

Posted on 11 September 2014 by admin

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा गत 01 से 06 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में नकली, अधोमानक व मिथ्याछाप, औषधियों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान बिना लाइसेंस के चल रहे अवैध गोदामों एवं विक्रय प्रतिष्ठानों पर छापे मारते हुए 04 एफ.आई.आर. दर्ज की गयी और 04 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
यह जानकरी आज यहां प्रमुख सचिव/आयुक्त खाद्य सुरक्षा एंव औषधि प्रशासन श्री हेमन्त राव ने दी है। उन्होंने बताया कि नकली व अधोमानक औषधियों के विरूद्ध चलाये गये विशेष अभियान के तहत प्रदेश में सहायक आयुक्तों व औषधि निरीक्षकों के कुल 14 दल गठित कर छापे की कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत 54 दवा निर्माणशालाओं तथा 277 विक्रय प्रतिष्ठानों पर छापे डाले गये जिसमें निर्माण इकाइयों से 73 तथा विक्रय प्रतिष्ठानों से 402 औषधि के नमूने लिए गये। छापे के दौरान कास्मेटिक्स के दस नमूने भी जांच एवं विश्लेषण हेतु लिए भेजे गये।
श्री राव ने बताया कि प्रवर्तनदल द्वारा बिना लाइसेंस के चल रहे अवैध गोदामों एवं विक्रय प्रतिष्ठानों पर छापा मारते हुए जनपद कानपुर देहात, मेरठ, ललितपुर एवं अलीगढ़ में चार प्राथमिकी दर्ज कराई गई तथा 5.88 लाख  रुपये की दवाइयां जब्त करते हुए चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा फार्म-16 पर 42715 रुपये मूल्य की  अवसानित एवं फीजीशियन सैम्पुल जब्त किया गया। 7.14 लाख रुपये मूल्य की दवाइयों का क्रय बीजक प्रस्तुत करने पर विक्रय हेतु फार्म-15 पर रोक लगाई गई। उन्होंने कहा कि नकली, अधोमानक एवं मिथ्याछाप औषधियों पर पूर्णतया रोक लगाने हेतु टोल फ्री नम्बर 18001805533 पर कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। सूचना मिलने पर ऐसी दवा निर्माण इकाइयों एवं दवा विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवही की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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