भारत सरकार के निर्देशानुसार निजी दूरदर्शन चैनलों तथा केबल टी.वी. की प्रसारण सामग्री के संबंध में शिकायत होेने पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए जनता को एक फोरम उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 30 सितम्बर, 2014 तक जिला निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा। दर्शकों से अभ्यावेदन प्राप्त करने हेतु सभी जिला सूचना कार्यालयों में शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला मजिस्ट्रेटों से कृत कार्रवाई की सूचना 05 अक्टूबर, 2014 तक उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव, सूचना श्री नवनीत सहगल ने बताया कि जिला सूचना कार्यालय में स्थापित फोन का उपयोग शिकायत प्रकोष्ठ के लिए किया जाएगा। प्रमुख सचिव आज यहां राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने जनपदवार जिला निगरानी समितियों, शिकायत प्रकोष्ठों तथा फोन नम्बर आदि की जानकारी विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि भारत सरकार के आदेश दिनांक 19 फरवरी, 2008 एवं 28 जुलाई, 2008 के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा 24 जून, 2014 को राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया गया था, जिसमें पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि, सचिव समाज कल्याण, सचिव महिला एवं बाल विकास तथा निदेशक दूरदर्शन केन्द्र (राज्य राजधानी केन्द्र) सदस्य बनाए गए हैं। इसके साथ ही महिलाओं के लिए कार्यशील राज्य सरकार के एक प्रमुख गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि, शिक्षाविद्/मनोवैज्ञानिक/ समाजशास्त्री तथा पत्रकार संगठन का एक प्रतिनिधि या भारतीय प्रेस परिषद का एक स्थानीय प्रतिनिधि भी इस समिति के सदस्य नामित किए गए हैं। सूचना निदेशक डाॅ. रुपेश कुमार राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य सचिव बनाए गए हैं। समिति में नामित सदस्यों का कार्यकाल 02 वर्ष का होगा। समिति की 01 वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी। यह समिति राज्य के अधीन पंजीकृत केबल आॅपरेटरों के जिलावार आंकड़े तथा राज्य में टी.वी. वाले घरों/दर्शकों की अनुमानित संख्या सहित राज्य के लिए एक विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर से पूर्व भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को प्रस्तुत करेगी।
श्री सहगल ने बताया कि इसी प्रकार जिला स्तर पर जिला मजिस्टेªट की अध्यक्षता में जिला निगरानी समिति का गठन किया जाना है, जिसमें पुलिस अधीक्षक, जिला सूचना अधिकारी, जिले के किसी एक महिला महाविद्यालय की प्राचार्या, बाल कल्याण हेतु कार्यशील एक प्रमुख गैर-सरकारी संगठन का प्रतिनिधि, महिला कल्याण हेतु कार्यशील एक प्रमुख सरकारी संगठन का प्रतिनिधि तथा शिक्षाविद्/मनोवैज्ञानिक/समाजशास्त्री सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि समिति का गठन जनता को एक ऐसा फोरम उपलब्ध कराने के लिए किया गया है, जिसमें केबल टी.वी. पर दिखाई जाने वाली सामग्री के सम्बन्ध में जनता अपनी शिकायत दर्ज करा सके और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उन शिकायतों पर कार्रवाई की जा सके। यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई प्रभाव पड़ता है अथवा किसी समुदाय में व्यापक आक्रोश फैलता है तो राज्य और केन्द्र सरकार के तत्काल ध्यान में लाना इस समिति का कर्तव्य होगा।
राष्ट्रीय/क्षेत्रीय सैटेलाइट चैनलों के सम्बन्ध में पाई जाने वाली शिकायतों को जिला स्तर की समिति, राज्य स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से अपनी सिफारिशें भारत सरकार तक पहुंचा सकती हैं। ऐसी शिकायत प्राप्त होने पर केन्द्र सरकार सम्बन्धित कार्यक्रम/विज्ञापन के फुटेज/वी.सी.डी. की मांग कर सकती है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में गठित अंतर्मंत्रालयी समिति इस पर विचार कर सकती है।
राज्य स्तरीय निगरानी समिति के दायित्वों/कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव ने बताया कि जिला स्तर पर निगरानी समितियों के गठन एवं उनकी बैठकों के बारे में अनुश्रवण राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। इस सम्बन्ध में जिला निगरानी समितियों के पदाधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों के लिए प्रभावी निर्वहन तथा उनके स्तर से निपटाए गए मामलों की भी समीक्षा राज्य स्तर की समिति द्वारा की जाएगी। इसके अलावा जिला स्तर की समितियों को सुझाव एवं आवश्यक दिशा-निर्देश तथा उनके स्तर से संदर्भित मामलों पर निर्णय लेने का दायित्व भी राज्य समिति का होग। जिला स्तर से प्राप्त आंकड़े एवं सूचनाओं का संकलन कर भारत सरकार को प्रेषित करने तथा कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं पर भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय को उपग्रह चैनलों (राष्ट्रीय चैनलों) के विरुद्ध कार्रवाई करने की सिफारिश करने तथा शिकायत भेजने का भी अधिकार राज्य स्तर की समिति के पास होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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