उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 44 जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है। इन जिलों में वर्तमान मानसून के दौरान सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 50 फीसदी से कम बारिश हुई है। उन्होंने सूखाग्रस्त घोषित जनपदों में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह फैसला भी लिया कि 31 मार्च, 2015 तक इनके अवशेष मुख्य राजस्व देयों (भू-राजस्व एवं सिंचाई) की वसूली स्थगित रहेगी। इस दौरान कृषि ऋण से सम्बन्धित विविध देयों की वसूली के लिए किसानों के खिलाफ उत्पीड़न सम्बन्धी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों में सूखे से निपटने और वहां राहत कार्य संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से यह अपेक्षा भी की कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रभावित जिलों में किसानों, गरीबों सहित अन्य कमजोर वर्गों को कोई दिक्कत न हो।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि राज्य सरकार सूखे से निपटने के लिए अपने संसाधनों से हर सम्भव कदम उठाएगी। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार ने इस आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से विशेष राहत पैकेज भी स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। लगभग 6061 करोड़ रुपए के इस पैकेज में प्रभावित किसानों को कृषि निवेश के लिए सब्सिडी हेतु 685.41 करोड़ रुपए, कृषि विभाग के तहत 991.65 करोड़ रुपए, पशुधन विभाग के तहत 639.74 करोड़ रुपए, सिंचाई हेतु 1498.1 करोड़ रुपए, ग्राम विकास (ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु) 415.47 करोड़ रुपए, विद्युत विभाग हेतु 1162 करोड़ रुपए, लघु सिंचाई हेतु 258.65 करोड़ रुपए वन विभाग हेतु 109.25 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कई अन्य विभागों की धनराशि भी सम्मिलित है।
प्रवक्ता ने कहा कि जिन 44 जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, वे हैं- कानपुर नगर, उन्नाव, बांदा, अमेठी, कुशीनगर, मुजफ्फरनगर, शामली, देवरिया, आजमगढ़, बरेली, कन्नौज, झांसी, चित्रकूट, मथुरा, अलीगढ़, अमरोहा, जालौन, पीलीभीत, मऊ, जौनपुर, हमीरपुर, फैजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, रामपुर, बदायूं, औरैया, एटा, कौशाम्बी, फतेहपुर, हापुड़, इटावा, कानपुर देहात, मैनपुरी, बुलन्दशहर, महोबा, फिरोजाबाद, हरदोई, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, आगरा, सोनभद्र एवं महाराजगंज।
प्रवक्ता ने बताया कि सूखाग्रस्त घोषित जनपदों में सूखे की स्थिति गम्भीर होने की दशा में जिलाधिकारी शासन की अनुमति प्राप्त करते हुए प्रभावित व्यक्तियों/कृषकों को विभिन्न विभागों के सहयोग से राहत हेतु राहत कैम्प का संचालन करना सुनिश्चित करेंगे, जिसमें वृद्ध, अक्षम तथा निराश्रित बच्चों को आवश्यकतानुसार सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन की व्यवस्था, अनाज की व्यवस्था, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। साथ ही, पशुओं हेतु आवश्यकतानुसार पशु राहत कैम्प संचालित किए जाएंगे, जिसमें चारे की व्यवस्था, पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था, टीकाकरण की व्यवस्था की जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि इन जनपदों में आपदा राहत निधि से प्रभावित व्यक्तियों/कृषकों के लिए आपात स्थिति में ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि कम वर्षा के कारण लघु तथा सीमान्त किसानों की 50 प्रतिशत या इससे अधिक क्षतिग्रस्त फसल हेतु कृषि निवेश अनुदान का वितरण भी किया जाएगा। सूखे की स्थिति पर लगातार निगाह रखी जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति सूखे के कारण भुखमरी का शिकार न हो।
प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सूखाग्रस्त जनपदों में रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया जाएगा, जिसके माध्यम से पेयजल शुद्धता हेतु क्लोरीन टैबलेट का वितरण एवं पेयजल स्रोतों का विसंक्रमण लगातार किया जाएगा। इसके साथ ही, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जीवन रक्षक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) के माध्यम से रोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को प्रत्येक दिवस रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाएगी। पेयजल की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नए हैण्डपम्पों की स्थापना के साथ-साथ रिबोर की श्रेणी में आने वाले हैण्डपम्पों की तत्काल रिबोरिंग सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में पेयजल सुविधा सुचारु बनाए रखने हेतु सामान्य मरम्मत से सम्बन्धित हैण्डपम्पों को तत्काल ठीक कराया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से उथले नलकूप, मध्यम गहरे नलकूप एवं गहरे नलकूप स्थापित किए जाएंगे, ताकि कृषकों को सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। साथ ही, कृषि विभाग के माध्यम से लघु एवं सीमान्त किसानों को बुआई हेतु वैकल्पिक बीज की व्यवस्था के अन्तर्गत नियमानुसार मिनी किट का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजकीय नलकूप में यदि कोई सामान्य खराबी आती है, तो उसे तुरन्त ठीक कर सिंचाई व्यवस्था सामान्य रूप से बहाल रखी जाएगी। इन राजकीय नलकूपों से सम्बन्धित यदि कोई ट्रान्सफार्मर खराब होता है, तो इसे विद्युत विभाग द्वारा निर्धारित अवधि/दिवस के अन्दर बदल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विद्युत भण्डार केन्द्रों पर अतिरिक्त ट्रान्सफार्मरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि सूखाग्रस्त जिलों में सामान्य योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर0के0वी0वाई0) के अन्तर्गत किसानों से बी0 एण्ड एल0 फार्म प्राप्त होने पर यथाशीघ्र प्राथमिकता पर नलकूप ऊर्जीकृत करवाना भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सभी बी0पी0एल0 अन्त्योदय परिवारों को नियमानुसार प्रतिमाह की दर से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के साथ-साथ ए0पी0एल0 परिवारों को भी नियमानुसार अतिरिक्त गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को सूखे से निपटने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार कार्यवाही करने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, ग्राम्य विकास, नगर विकास, सिंचाई, राजस्व, पंचायतीराज, लघु सिंचाई, कृषि, खाद्य एवं रसद तथा जल निगम आदि विभागों से समन्वय करते हुए सूखाग्रस्त जनपदों में सूखे से उत्पन्न स्थितियों से निपटने हेतु हर समय राहत कार्य किए जाने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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