मंत्रिपरिषद नें खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति के निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में न्यूनतम मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान की खरीद सीधे किसानों से दिनांक 1 अक्टूबर 2014 से 31 जनवरी, 2015 तक की जायेगी। योजना के तहत वर्ष 2014-15 के लिए कामन धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 1400 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। धान की खरीद केवल किसानों से की जायेगी एवं विक्रेता किसानों का मोबाइल नम्बर/फोन नम्बर भी धान क्रय पंजिका में अंकित किया जायेगा।
राज्य सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम सहित खाद्य विभाग, पीसीएफ, उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ (यू.पी.एस.एस.), नैफेड, एन.सी.सी.एफ. एवं पंजीकृत सहकारी समितियां क्रय एजेन्सियां नामित की गयी है। धान क्रय का कार्यकारी लक्ष्य 25 लाख मैट्रिक टन रखा गया है। जनपदस्तर पर क्रय संस्थावार लक्ष्य एवं क्रय केन्दों का निर्धारण स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
किसानों से जोतबही के स्थान पर फोटोयुक्त पहचान-पत्र जैसे किसान के्रडिट कार्ड, साधन सहकारी समिति की पासबुक आदि के आधार पर धान खरीद की जायेगी। क्रय केन्द्रों से गांवों के सम्बद्वीकरण की व्यवस्था जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी। मंडी परिषद में स्थापित धान क्रय केन्द्र असम्बद्ध रहेगें। किसानों को उनके द्वारा बेचे गये धान के मूल्य का भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में किये जाने की व्यवस्था रहेगी। किसानों के लिखित अनुरोध पर ‘पेईज एकाउन्ट ओनली’ चेक के माध्यम से भी भुगतान की व्यवस्था रहेगी। क्रय किये गये धान से उत्पादित चावल का सम्प्रदान केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को किया जायेगा।
मण्डी समिति/मण्डी परिषद से लाइसेंस प्राप्त तथा वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत कमीशन एजेन्ट के माध्यम से कृषकों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की जायेगी। भारतीय खाद्य निगम सहित खाद्य विभाग, पीसीएफ, उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ, नैफेड, एन0सी0सी0एफ0 एवं पंजीकृत सहकारी समितियां कमीशन एजेन्टस के माध्यम से धान खरीद की निगरानी एवं पर्यवेक्षणीय कार्य हेतु नामित की गयीं हैं। कमीशन एजेन्टस/मिलर द्वारा चावल (सी0एम0आर0) की डिलीवरी भारतीय खाद्य निगम में देने के उपरान्त पावती के आधार पर उनकी देय धनराशि का भुगतान क्रय एजेन्सियों द्वारा किया जायेगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 के दौरान यदि धान क्रय नीति के किसी प्राविधान में तात्कालिक रूप से किसी संशोधन की आवश्यकता होती है तो नीति विषयक संशोधन/विचलन के लिए मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का निर्णय भी लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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