Archive | February 20th, 2014

उत्तर प्रदेश को गुणवत्तायुक्त पानी देने पर विशेष जोर ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह 20 से 25 फरवरी तक का शुभारम्भ

Posted on 20 February 2014 by admin

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के दायित्व का निर्वहन प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिशिचत करने के लिए प्रतिबद्ध है। पेयजल आपूर्ति की योजनाएं मुख्य रूप से भूजल स्रोतों पर आधारित हैं।
यह वकत्व्य उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने आज यहां उ0प्र0 प्रशासन एवं प्रबन्धन एकेडमी के सभागार में राज्य स्तरीय ग्रामीण पेयजल जागरुकता सप्ताह के शुभारम्भ समारोह का उदघाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यधपि उत्तर प्रदेश जल सम्पदा की दृषिट से सदैव समृद्ध रहा है, परन्तु विगत दषकों में पेयजल के अतिरिक्त सिंचार्इ एवं औधोगिक क्षेत्र में जल संसाधनों की मांग में अप्रत्याषित वृद्धि के फलस्वरूप भूजल स्रोतों के अत्याधिक दोहन से भूजल स्तर में गिरावट के अतिरिक्त विभिन्न जनपदों में भूजल स्रोतों में रसायनिक संदूषण के कारण उत्पन्न रोगों की गम्भीर समस्या ने सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के समक्ष गम्भीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए ग्राम्य विकास विभाग द्वारा उ0प्र0 जल निगम के माध्यम से समस्याग्रस्त ग्रामों में जल शोधन संयंत्रों की स्थापना करके सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिशिचत करायी जा रही है। इसके साथ-साथ राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन सुरक्षित पेयजल की गुणवत्ता, उपयोग व सुरक्षा तथा संरक्षण के मुददों पर ग्रामीण समुदाय को अवगत कराने के लिए समय-समय पर जन जागरूकता अभियान भी चलाता रहता है।
श्री गोप  ने कहा कि पेयजल के इस महत्वपूर्ण विषय में प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा विशेष रूप से रूचि ली जा रही है और उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार घर-घर तक स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने  20 से 25 फरवरी तक जनपदों में जनपद मुख्यालय से लेकर ब्लाक तथा ग्राम पंचायत स्तर तक इस जागरूकता सप्ताह के सफल आयोजन हेतु आवाहन करते हुए यह आशा व्यक्त की कि जनपद स्तर पर सभी अधिकारियों द्वारा अपने विशेष प्रयासों से ग्रामीण समुदाय की सहभागिता सुनिषिचत करते हुए इस सप्ताह का अत्यन्त सफलतापूर्वक आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकासअधिशासी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वछता मिशन श्री सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों पेयजल आपूर्ति व्यवस्था तत्सम्बनिधत चुनौतियों एवं उनके निराकरण हेतु मुख्य मदम उठाये जा रहे है। उन्होने बताया कि सुरक्षित पेयजल व जल संरक्षण से जुड़े मुददों पर समुदाय व परिवारों को अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा सके तथा सुरक्षित पेयजल व जल संरक्षण के मुददों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु गाँवपंचायत विकासखण्डजिला स्तर के सम्बनिधत अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों व मीडिया की प्रतिबद्धता सुनिशिचत की जा सके।
इस सप्ताह के दौरान जनपद, ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में सचिव ग्राम्य विकास श्री सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने ग्राम्य विकास मंत्री को यह अवगत कराया कि राज्य, जिले, विकासखण्ड व पंचायतगाँव स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है, जिसके अन्तर्गत राज्य स्तर से रेडियो तथा टीवी पर विभिन्न कार्यक्रमों का प्रसारण, आंचलिक विज्ञान केन्द्र पर जन-जागरूकता सप्ताह के अन्तर्गत स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ पेयजल से जुड़े मुददों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने के साथ-साथ जिले स्तर पर होर्डिंग व बैनर द्वारा संदेशों का प्रचार-प्रसार, सिनेमा हाल के माध्यम से पेयजल से जुडे़ संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विधालयों  में गाँव स्तर से शुरू करके, विकास खण्ड व जिला स्तर तक चित्रकला, नारा लेखन, प्रश्नोत्तरी, निबंध व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। अंत में उन्होंने पेयजल की जीवन दायक धरोहर को आने वाली पीढि़यों के लिए सुरक्षित एवं संरक्षित रखने की आवष्यकता पर विषेष रूप से बल दिया।
इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त जनपद स्तर से मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी तथा अधिशासी अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम द्वारा प्रतिभाग किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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छात्र-छात्राओं को 10 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध

Posted on 20 February 2014 by admin

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 द्वारा प्रकाशित किये जाने वाला महत्वपूर्ण वार्षिक संदर्भ ग्रन्थ ”उत्तर प्रदेश-2013 (अंग्रेजी संस्करण) प्रकाशित हो गया है। गत लगभग एक दशक से भी अधिक समय से इस संदर्भ ग्रन्थ ने अपनी सन्दर्भीय उपयोगिता के कारण पाठकों के बीच विशिष्ट पहचान हासिल की है। अपनी सारगर्भित महत्वपूर्ण सूचनाओं तथा संदर्भीय दृषिट से उपयोगी सामग्री को समावेश करने के कारण शोधकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के बीच इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए यह ग्रन्थ इतना उपयोगी हो गया है कि प्रतियोगी छात्र-छात्राएं लगातार इसके प्रकाशन की प्रतीक्षा करते हैंं। इसके अलावा इस संदर्भ ग्रन्थ में जनप्रतिनिधियों, लेखकों, पत्रकारों एवं ग्राम स्तर पर प्रधानों एवं ब्लाक प्रमुखों तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए भी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में सारगर्भित सूचनाएं देकर अत्यंत उपयोगी बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश से सम्बनिधत ऐतिहासिक, भौगोलिक, प्राÑतिक, सांस्Ñतिक एवं विकासपरक सूचनाओं की अधतन एवं वृहद जानकारियां इस पुस्तक में शामिल की गर्इ हैं। प्रथम इस संदर्भ ग्रन्थ में उत्तर प्रदेश के इतिहास, साहित्य, कला, संस्Ñति, पर्यटन स्थल, सिनेमा, पत्रकारिता, स्वाधीनता आंदोलन का इतिहास, प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र, साहित्यकारों, चित्रकारों, पत्रकारों, संगीतकर्मी एवं रंगकर्मी तथा उत्तर प्रदेश से सम्बनिधत सिने कलाकारों के महत्तवपूर्ण चित्रों को शामिल करने से इसकी संदर्भीय उपयोगिता और बढ़ गयी है। संदर्भित प्रकाशन में साहित्यकारों के चित्रों में वृद्धि की गर्इ है। प्रथम बार इस संस्करण में राज्य सरकार की फ्लैग स्कीम्स को समिमलित कर पुस्तक को और जानकारीपरक बनाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के प्रारंभ में उत्तर प्रदेश के इतिहास से सम्बनिधत जानकारियां विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उत्तर प्रदेश के सुविख्यात खिलाडि़यों के अध्याय के अन्तर्गत प्रथम बार पहली विकलांग महिला खिलाड़ी अरूणिमा सिन्हा तथा कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट श्री आशीष सिंह का नाम समिमलित किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश-2013 (अंग्रेजी संस्करण)  में अनेक नर्इ जानकारियों का समावेश किया गया है। इसमें प्रदेश में जन्में प्रशंसित, पुरस्Ñत खेल विभूतियों, पदम विभूषण, पदम भूषण, पदम श्री से अलंÑत महानुभावों, साहित्य एकेडमी-ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों, परमवीर, महावीर एवं अशोक चक्र से सम्मानित शूरवीर सैनिकों तथा नवीनतम विकसित पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्रों को समिमलित कर पाठकों से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। इसमें प्रदेश की संवैधानिक प्रणाली के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, प्रदेश मंत्रिमण्डल, भारत के मुख्य न्यायधीश, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत रत्न से सम्मानित विभूतियांँ, उ0प्र0 से राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के विश्वविधालयों के अतिरिक्त प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय दिवस, प्रदेश के लोकसभा एवं राज्य सभा सदस्य, भारत रत्न से सम्मानित विभूतियां, भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री प्रदेश के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य तथा लोक सभा अध्यक्ष के साथ-साथ समस्त प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, भारत के नोबेल पुरूस्कार विजेता आदि को समिमलित कर पुस्तक की सन्दर्भीय व्यापकता को बढ़ाया गया है।

यह पुस्तक इस दृषिट से भी उपयोगी है कि इसमें प्रदेश की विकास योजनाओं की विभागवार समुचित जानकारी भी दी गर्इ है जिसका लाभ ग्रामीण जनता भी उठा सकती है। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश के बारे में सरकार की उपलबिधयों के साथ-साथ सरकार की भावी योजनाओं और विकास का व्यापक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती है। उत्तर प्रदेश पर आधारित सूचना विभाग का यह महत्वपूर्ण सन्दर्भ प्रकाशन सन्दर्भीय जानकारियों की दृषिट से उत्तर प्रदेश के बारे में वृहद जानकारी देता है। वार्षिकी ‘उत्तर प्रदेश सूचना विभाग का नियमित प्रकाशन है, जो लगातार प्रतिवर्ष अपनी उपयोगिता को बढ़ाते हुए पाठकों और शोधार्थियों के बीच में उत्तरोतर लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इसका प्रकाशन लखनऊ के भारत बुक सेण्टर 17, अशोक मार्ग, लखनऊ द्वारा किया गया है और यह लखनऊ के समस्त प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के यहां बिक्री हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। इसका मूल्य रू0 325- है, जो छात्र-छात्राओं को दस प्रति छूट पर उपलब्ध होगी। ‘उत्तर प्रदेश-2013 ( अंग्रेजी संस्करण) के माध्यम से जनता तक जरूरी सूचनाएं बेहतर ढंग से पहुंचाने का एक सफल प्रयास है।
पुस्तक के संपादन में निदेशक सूचना श्री प्रभात मित्तल, अपर निदेशक सूचना डा0 अनिल कुमार एवं उनके मार्गदर्शन में गठित संपादक मंडल के सदस्य, सहायक निदेशकसमन्वय संपादक श्री दिनेश कुमार गर्ग एवं उनके सहयोगी अति0 जिला सूचना अधिकारी श्री चन्द्रविजय वर्मा, का कार्य नि:संदेह श्रमसाध्य एवं सराहनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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महिला उधमी प्रोत्साहन योजना के लिये आवेदन पत्र आमंत्रित

Posted on 20 February 2014 by admin

प्रदेश में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित तथा महिलाओं को उधोग क्षेत्र में पर्याप्त भागीदारी सुनिशिचत करने हेतु महिला उधमी प्रोत्साहन योजना-2013 लागू की गर्इ है। इस योजना के अन्तर्गत इण्टरमीडियट पास बेरोजगार महिलाओं को अपना उधम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाय। इन उद्देश्यों की प्रापित हेतु इस योजनान्र्तगत महिला उधमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औधोगिक योजनान्र्तगत महिला उधमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औधोगिक इकार्इयों को राष्ट्रीयकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय में किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृतवितरित सावधि ऋण  पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकार्इ प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वषोर्ं के लिए रु0 2.50 लाख प्रति इकार्इ को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
लखनऊ लनपद की इच्छुक महिला इस योजना का लाभ लेने हेतु कार्यालय महा प्रबन्धक जिला उधोग केन्द्र, 8 कैण्ट रोड, लखनऊ से किसी भी कार्य दिवस में आवेदन पत्र प्राप्त कर सकती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना

Posted on 20 February 2014 by admin

प्रदेश के हस्तशिलिपयों को विपणन सुविघा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा संचालित हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजनान्र्तगत जनपद लखनऊ के हस्तशिल्प पहचान पत्र धारक हस्तशिलिपयों को विभाग द्वारा जारी मेलेप्रदर्शनियों में भाग लेने पर कार्यशाला से प्रदर्शनी स्थल तक माल भाड़े पर आने वाले व्यय तथा स्टाल  किराये के प्रतिपूर्ति के रुप में रु0 10,000- राज्य सहायता प्रदान की जायेगी। यह सुविधा एक वर्ष में एक शिल्पकार को एक बार ही प्राप्त होगी। इसके लिए  हस्तशिल्पी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। हस्तशिल्पी का पहचान पत्र होना आवश्यक है। मेले में सहभगिता किये जाने हेतु सहभागिता पत्र जनपद के महाप्रबन्धक जिला उधोग केन्द्र से प्राप्त करना होगा। स्टाल किराए की रसीद एवं माल भाड़े व्यय के सत्यापित बीजक मेला के प्रभारी महाप्रबन्धक द्वारा होना अनिर्वाय है। शिल्पकार के परिवार के एक सदस्य को ही इसका लाभ प्राप्त होगा। भारत सरकार अथवा अन्य किसी सरकारी योजनान्र्तगत इस मद में उस वर्ष शिल्पकार लाभानिवत नही हुआ हो। राष्ट्रीयकृत बैंक में 14 डिजीट का बैंक एकाउन्ट होना अनिर्वाय है।
इच्छुक हस्तशिल्प पहचान पत्र धारक हस्तशिलिपयों जो विभाग द्वारा जारी मेलेप्रदर्शनियों में भाग लेना चाहते हैं, किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय महाप्रबन्धक, जिला उधोग केन्द्र, लखनऊ में सम्पर्क कर आगामी मेलेप्रदर्शनियों में प्रतिभाग हेतु जा सकते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक कल

Posted on 20 February 2014 by admin

प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन श्री सदाकान्त की अध्यक्षता में  कल दिनाँक 20 फरवरी 2014 को पूवान्ह 11:00 बजे से उ0प्र0 आवास विकास परिषद की बोर्ड मीटिंग परिषद के सभाकक्ष में होगी। इस बैठक में में आवास आयुक्त एम0के0एस0 सुन्दरम सहित आवास, वित्त सहित कर्इ विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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