प्रदेश के हस्तशिलिपयों को विपणन सुविघा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा संचालित हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजनान्र्तगत जनपद लखनऊ के हस्तशिल्प पहचान पत्र धारक हस्तशिलिपयों को विभाग द्वारा जारी मेलेप्रदर्शनियों में भाग लेने पर कार्यशाला से प्रदर्शनी स्थल तक माल भाड़े पर आने वाले व्यय तथा स्टाल किराये के प्रतिपूर्ति के रुप में रु0 10,000- राज्य सहायता प्रदान की जायेगी। यह सुविधा एक वर्ष में एक शिल्पकार को एक बार ही प्राप्त होगी। इसके लिए हस्तशिल्पी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। हस्तशिल्पी का पहचान पत्र होना आवश्यक है। मेले में सहभगिता किये जाने हेतु सहभागिता पत्र जनपद के महाप्रबन्धक जिला उधोग केन्द्र से प्राप्त करना होगा। स्टाल किराए की रसीद एवं माल भाड़े व्यय के सत्यापित बीजक मेला के प्रभारी महाप्रबन्धक द्वारा होना अनिर्वाय है। शिल्पकार के परिवार के एक सदस्य को ही इसका लाभ प्राप्त होगा। भारत सरकार अथवा अन्य किसी सरकारी योजनान्र्तगत इस मद में उस वर्ष शिल्पकार लाभानिवत नही हुआ हो। राष्ट्रीयकृत बैंक में 14 डिजीट का बैंक एकाउन्ट होना अनिर्वाय है।
इच्छुक हस्तशिल्प पहचान पत्र धारक हस्तशिलिपयों जो विभाग द्वारा जारी मेलेप्रदर्शनियों में भाग लेना चाहते हैं, किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय महाप्रबन्धक, जिला उधोग केन्द्र, लखनऊ में सम्पर्क कर आगामी मेलेप्रदर्शनियों में प्रतिभाग हेतु जा सकते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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