Archive | September 11th, 2013

मुख्यमंत्री ने पण्डित गोविन्द वल्लभ पंत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

Posted on 11 September 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भारत रत्न पण्डित गोविन्द वल्लभ पंत की जयन्ती के अवसर पर विधान भवन के सामने स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, विधायक श्री शारदा प्रताप शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, सचिव, सचिवालय प्रशासन

श्री अरविन्द नारायण मिश्रा, सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि पं0 गोविन्द वल्लभ पन्त का जन्म 10 सितम्बर, 1887 को अल्मोड़ा जनपद में हुआ था। आजादी की लड़ाई में पन्त जी का योगदान उल्लेखनीय है। सन् 1928 में साइमन कमीशन का बाहिष्कार करते समय उन्हें पुलिस के क्रूर लाठी आघातों का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें गम्भीर चोटें आयीं।

आजादी से पहले 1937 में प्रान्तीय सरकारों के गठन होने पर वे संयुक्त प्रान्त के प्रधान मंत्री हुए। आजादी के बाद वे उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भी बने। पं0 पन्त 1955 से लेकर 1961 तक भारत सरकार में गृह मंत्री रहे। उन्हें एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक के रूप में भी जाना जाता है। 7 मार्च, 1961 को उनका देहान्त हुआ।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 10 सितम्बर, 2013 को लखनऊ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा पूर्व मुख्यमंत्री पं0 गोविन्द वल्लभ पंत की जयन्ती पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 11 September 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

आगरा इनर रिंग रोड परियोजना को पी.पी.पी. के आधार पर क्रियान्वित किए जाने हेतु तैयार आर.एफ.क्यू.-कम-आर.एफ.पी. डाक्यूमेंट तथा ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने आगरा इनर रिंग रोड परियोजना को सार्वजनिक निजी सहभागिता (पी.पी.पी.) के आधार पर क्रियान्वित किए जाने हेतु चयनित कंसल्टेंट द्वारा तैयार आर.एफ.क्यू.-कम-आर.एफ.पी. डाॅक्यूमेंट तथा ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट अनुमोदित कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि आगरा इनर रिंग रोड परियोजनांतर्गत रोड की लम्बाई 22.80 कि.मी. तथा राईट आॅफ वे 100 मीटर है। आगरा इनर रिंग रोड टोल आधारित रोड होगी तथा अनुमानित परियोजना लागत 743.75 करोड़ रुपए है। उक्त अनुमानित लागत में भू-अर्जन पर होने वाले व्यय की धनराशि लगभग 200 करोड़ रुपए सम्मिलित नहीं है। इनर रिंग रोड हेतु भूमि आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा अपने स्वयं के व्यय पर विकासकर्ता को उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजनांतर्गत यमुना नदी पर एक ब्रिज, एक रेलवे ओवर ब्रिज तथा दो इंटरचेंजेज़ सम्मिलित हैं। परियोजना हेतु चयनित कंसल्टेंट द्वारा तैयार एवं बिड् इवैल्यूवेशन समिति द्वारा अनुमोदित आर.एफ.क्यू. कम आर.एफ.पी. डाॅक्यूमेंट तथा ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट में उल्लेख के अनुसार वे-साइड एमेनिटीज की 9.5 हे. भूमि 30-30 वर्ष की लीज पर अधिकतम 90 वर्ष तक के लिए दी जाएगी। निर्माणकर्ता द्वारा टोल तथा वे-साइड एमेनिटीज की भूमि का उपयोग कर निर्माण लागत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। विकासकर्ता द्वारा स्वयं के व्यय पर इनर रिंग रोड के दोनों ओर तीन कि.मी. की परिधि में 20 हे. भूमि क्रय की जा सकती है, जिस पर आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा विकास अनुज्ञा प्रदान की जाएगी। बिडर एक कम्पनी अथवा अधिकतम दो कम्पनियों का कंसोर्शियम हो सकता है। बिड प्रोसेसिंग सिंगल स्टेज में होगी, जिसमें तकनीकी तथा वित्तीय निविदाएं प्राप्त की जाएंगी। बिडर का विगत तीन वित्तीय वर्षों का औसत टर्न ओवर 200 करोड़ रुपए होगा और बिडर के उन्हीं प्रोजेक्ट्स को तकनीकी मूल्यांकन में सम्मिलित किया जाएगा, जो 100 करोड़ रुपए से अधिक के हों। परियोजना प्रारम्भ होने की प्रस्तावित तिथि दिनांक 01.01.2014 है।

लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु

डी.एम.आर.सी. को अंतरिम कंसल्टेंट नियुक्त करने का फैसला

मंत्रिपरिषद ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन (डी.एम.आर.सी.) को अंतरिम कंसल्टेंट नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

ज्ञातव्य है कि इस प्रक्रिया में मेट्रो क्षेत्र में विशेषज्ञ संस्थाओं के रूप में कार्यरत मुख्य रूप से भारत सरकार के दो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राइट्स तथा दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन (डी.एम.आर.सी.) को टम्र्स आॅफ रिफरेंस  प्रेषित कर वित्तीय प्रस्ताव मांगा गया। प्रश्नगत कार्य हेतु राइट्स द्वारा कुल 19.5 करोड़ रुपए (सर्विस टैक्स अतिरिक्त) तथा डी.एम.आर.सी. द्वारा  13.0 करोड़ रुपए (सर्विस टैक्स अतिरिक्त) का आॅफर दिया गया।

डी.एम.आर.सी. भारत सरकार के रेल मंत्रालय और दिल्ली सरकार का संयुक्त प्रतिष्ठान है, जो मेट्रो निर्माण के क्षेत्र में विशेषज्ञ संस्था के रूप मेें स्थापित है। डी.एम.आर.सी. के द्वारा कुल 13.0 करोड़ रुपए (सर्विस टैक्स अतिरिक्त) की मांग की गई, जो तुलनात्मक रूप से राइट्स की अपेक्षा काफी कम है। डी.एम.आर.सी. पहले से भी लखनऊ मेट्रो रेल के कार्यों से जुड़ा हुआ है। इसके द्वारा डी.पी.आर. भी तैयार किया गया है। अंतरिम कंसल्टेंट के रूप में डी.एम.आर.सी. द्वारा निम्न कार्य किए जाएंगे:-

1. सामान्य कंसल्टेंट (जनरल कंसल्टेंट) के चयन की कार्यवाही।

2. मेट्रो संरेखण को अंतिम रूप दिया जाना।

3. भू अर्जन हेतु विस्तृत प्रस्ताव तैयार कराया जाना।

4. इंवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट तथा पुनर्वास नीति इत्यादि तैयार किया जाना।

5. भूमिगत भाग हेतु भवन परिस्थिति सर्वेक्षण कराया जाना।

6. मेट्रो रूट के अंतर्गत विभिन्न उपयोगिताओं की शिफ्टिंग हेतु प्रस्ताव तैयार करना।

7. विभिन्न संबंधित विभागों से अनापत्ति प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना।

8. सम्पूर्ण काॅरीडोर हेतु जियोटेक सर्वेक्षण कराया जाना।

9. प्रथम चरण के काॅरीडोर में कार्य प्रारम्भ कराने हेतु प्राथमिक सेक्शन के चयन में सहायता प्रदान करना।

10. सिविल स्ट्रक्चर हेतु विस्तृत डिज़ाइन तथा प्लान्स तैयार किए जाने हेतु विस्तृत डिज़ाइन कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना।

11. सिविल कार्य हेतु टेण्डर डाॅक्यूमेंट तैयार कराया जाना तथा प्राप्त टेण्डर्स की प्रोसेसिंग कर एजेंसी का चयन कराया जाना।

12. जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति तक प्राथमिक सेक्शन के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का कार्य

13. डिपो ले-आउट तैयार कर इस हेतु टेण्डर डाॅक्यूमेंट तैयार कर एजेंसी का चयन कराया जाना।

14. सब स्टेशन इत्यादि की लोकेशन को अंतिम रूप देते हुए इस हेतु टेण्डर डाॅक्यूमेंट तैयार कर एजेंसी का चयन कराया जाना।

उ0प्र0 विधिक माप विज्ञान (प्रवर्तन) (प्रथम संशोधन) नियमावली-2013 को अधिसूचित करने का फैसला

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश विधिक माप विज्ञान (प्रवर्तन) (प्रथम संशोधन) नियमावली-2013 को अधिसूचित करने की मंजूरी दे दी है। यह नियमावली विधायी विभाग से पहले ही विधीक्षित हो चुकी है। नियमावली में संशोधन के उपरान्त बाटों और मापों के मानक नियत करने और प्रवृत्त करने हेतु प्रतिवर्ष की दर से नियत शुल्क प्राप्त करते हुए न्यूनतम 01 वर्ष से लेकर अधिकतम 10 कैलेण्डर वर्ष तक लाइसेंस निर्गत/नवीनीकृत किया जा सकेगा।

ज्ञातव्य है कि अभी तक उत्तर प्रदेश विधिक माप विज्ञान प्रवर्तन नियमावली-2011, जो पहले से प्रख्यापित है, इसके नियम 11 (4) के तहत नियत शुल्क प्राप्त करते हुए प्रत्येक लाइसेंस को न्यूनतम एक कैलेण्डर वर्ष की अवधि के लिए निर्गत/नवीनीकृत किया जाता था। इस नियमावली के नियम 11 (4) में संशोधन के उपरान्त नई व्यवस्था की गई है।

उ0प्र0 सचिवालय कम्प्यूटर सहायक सेवा नियमावली, 2013 अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 सचिवालय कम्प्यूटर सहायक सेवा नियमावली, 2013 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इससे सचिवालय सेवा के मृतक आश्रितों के सेवायोजन एवं सचिवालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियांे के कम्प्यूटर सहायक पद पर पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

शीरा सत्र 2012-13 के लिए शीरा नीति अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने शीरा सत्र 2012-13 के लिए शीरा नीति निर्धारण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। अनुमोदित नीति के अनुसार प्रत्येक चीनी मिल द्वारा उत्पादित शीरे का 20 प्रतिशत शीरा आरक्षित रहेगा, किन्तु ऐसी चीनी मिले जिनकी अपनी आसवनी है, वे उस सीमा तक मुक्त रहेंगी जिस सीमा तक वे शीरे का स्वयं की आसवनी में उपभोग करती है। शीरा वर्ष में प्रत्येक माह में चीनी मिल द्वारा विक्रय किए गए आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के मध्य निकासी का अनुपात 1ः9 रखा गया है। जिसकी गणना पूरे माह में की गई सम्पूर्ण निकासी पर की जाएगी। यदि माह के अन्त में चीनी मिल निकासी के अनुपात को बनाए रखने में असफल होती है तो आगामी माह में उसे निकासी में अनुपात की यह सुविधा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी और ऐसी चीनी मिल के लिए प्रत्येक निकासी में अनिवार्य रूप से 1ः4 का अनुपात कतिपय व्यवस्थाओं के तहत देय सुविधाओं के साथ बनाए रखना होगा।

शीरा नीति 2012-13 में यह विशेष व्यवस्था की गई है कि चीनी मिले आरक्षित शीरे की निर्धारित मात्रा की बिक्री हेतु प्रचलित प्रक्रिया अनुसार माह के पहले सप्ताह में टेण्डर निकालेंगी और यदि इसके उपरान्त कोई खरीददार नहीं आता है तो इस निर्धारित मात्रा का शीरा फ्री सेल में परिवर्तित हो जाएगा। शीरा नीति 2012-13 तब तक प्रभावी रहेगी जब तक कि वर्ष 2013-14 के लिए शीरा नीति की घोषणा नहीं कर दी जाती।

ज्ञातव्य है कि प्रत्येक वर्ष के 01 नवम्बर से आगामी वर्ष के 31 अक्टूबर तक की अवधि शीरा वर्ष होती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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अखिलेश सरकार पंगु हो चुकी है

Posted on 11 September 2013 by admin

उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह पंगु हो चुकी है। डी0जी0पी0, ए0डी0जी0 लाॅ एण्ड आर्डर और आई0जी0 लाॅ एण्ड आर्डर की उपस्थिति में मुजफ्फरनगर में मजहबी दंगा होना इस बात का प्रमाण है। मजहबी दंगों का दोष भाजपा एवं उनके नेताओं पर मढ़ने से स्थिति सुधरने वाली नही है। उक्त बाते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर लौटने के पश्चात पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। डा0 बाजपेयी के नेतृत्व में आज भाजपा के एक प्रतिनिधि मण्डल ने महामहिम राज्यपाल से मिलकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के सम्बंध में उनसे हस्तक्षेप की मांग की।

डा0 बाजपेयी ने मजहबी दंगों के लिए पूरी तरह से अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। डा0 बाजपेयी ने कहा कि पंचायत मे जाने पर कोई रोक प्रशासन ने नही लगाई थी। सुरक्षा का कोई इंतजाम नही किया गया। दंगा भड़कने पर बिना तथ्य और भाषणों की जांच किये भाजपा नेताओं पर फर्जी मुकदमें कायम कर दिये गये। डा0 बाजपेयी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा नेता मुकदमों से डरने वाले नही हैं बहुसंख्यक वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार भाजपा बर्दाश्त नही करेगी।

”उत्तर प्रदेश दूसरा गुजरात बनाने का प्रयास भाजपा कर रही है” कांग्रेसी नेता मधुसूदन मिस्त्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डा0 बाजपेयी ने कहा कि हाँ हम उत्तर प्रदेश को गुजरात बनाना चाहते है। गुजरात का विकास माण्डल उत्तर प्रदेश में लागू कराना चाहते है।

राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में श्री लालजी टण्डन, कलराज मिश्र, विनय कटियार, डा0 रमापतिराम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, नैपाल सिंह, सतीश महाना, स्वतंत्र देव सिंह, पंकज सिंह, देवेन्द्र सिंह चैहान, रामनाथ कोविन्द शामिल थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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रेल मंत्रालय की फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन 11 सितम्बर को

Posted on 11 September 2013 by admin

भारतीय रेल के गौरवशाली 160 वर्ष पूरे होने पर रेल मंत्रालय द्वारा फोटो प्रदर्शनी का आयोजन आगामी 11 सितम्बर को ललित कला अकादमी कैसरबाग में किया गया है। फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन कल अपराह्न 4ः00 बजे महाप्रबन्धक, पूर्वाेत्तर रेलवे श्री के0के0 अटल करेंगे।

यह प्रदर्शनी 12 सितम्बर से 15 सितम्बर तक पूर्वाह्न 11 बजे से सायं 6 बजे तक तथा 16 सितम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 2 बजे तक जनता के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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मुजफ्फरनगर में मौजूदा हालात के चलते प्रदेश सरकार पर मिथ्या आरोप

Posted on 11 September 2013 by admin

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने मुजफ्फरनगर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के मद्देनजर अपील की है कि लोग अपने किसी भी अमल (कार्य) से कुछ भी ऐसा न जाहिर होने दें जिससे गरीबों, कमजोरों और बेसहारा लोगों को तकलीफ पहुँचे और उनका नुकसान हो। अमन और चैन की खातिर सब्र और आपसी सहिष्णुता की भावना को पूरी तरह बनाये रखना जरूरी है।

श्री आजम खाँ ने कहा कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौजूदा समय में जो हालात हैं वह किसी से छिपे नहीं हैं। इसके चलते मौजूदा प्रदेश सरकार पर कुछ ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं जो वास्तविकता के एकदम विपरीत हैं। शायद इसी लिए आज टोपी, साफा और रुमाल की सियासत ने गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक एक सवाल खड़ा कर दिया है। इससे कैसे बचा जाये, इसके रास्ते तलाशने पर विचार करने का समय आ गया है।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने अपनी अपील में कहा कि एहतियात बरतनी होगी कि अगर हमंे अपने अकीदे (आस्था) में किसी की दखल-अन्दाजी पसन्द नहीं है, तो हमें भी दूसरों के अकीदों के मामलात मंे दखल नहीं देना चाहिये, ताकि गरीबों, कमजोरों और बेसहारों को अकारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने पुरजोर ढंग से कहा कि लोग ऐसा कुछ भी न करें जिससे किसी भी समुदाय के लोगांे की धार्मिक भावना आहत हो और प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसा कुछ घट जाये कि हम सबको पछतावा हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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मुजफ्फरनगर में सेना व अद्र्वसैनिक बलों की मौजूदगी में भी हिंसा जारी

Posted on 11 September 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि मुजफ्फरनगर में सेना व अद्र्वसैनिक बलों की मौजूदगी में भी ंिहंसा का जारी रहना वहां का सूरते हाल बयां करने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि इस समय राजनैतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को अमन व भाईचारा कायम करने के लिए आगे आना चाहिए। इसी क्रम में अमन व शान्ति की अपील करके अपनों के दुखदर्द को बांटने के मंसूबे से मुजफ्फरनगर जा रहे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 चै0 अजित ंिसंह को रोककर सरकार ने अमन कायम कराने के ठोस कार्यक्रम को बाधित किया है।

श्री चैहान ने कहा कि भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं की गिरफ्तारी तथा निर्दोष लोगों को रिहा करके सरकार स्थानीय लोगों के भड़के आक्रोष को ठण्डा कर सकती है। उन्होंने कहा कि 27 अगस्त को कवाल में छेड़छाड़ के बाद हुयी तीन लोगों की हत्या में उनके परिजनों को फर्जी तौर पर फसायें जाने से ही स्थानीय जनता में आक्रोष था। प्रदेष सरकार व प्रषासन ने समय रहते यदि निर्दोषों की नामदजगी को फर्जी करार देते हुये एफ0आई0आर0 से उनके नाम निकाल देती तो यह दिन न देखना पड़ता। उन्होेने पूरे दंगे को शासन व प्रषासन की अदूरदर्षिता बताते हुये कहा कि पुनः साबित हो गया कि उ0प्र0 में नाबालिग सरकार चल रही है जोकि कानून व्यवस्था तथा प्रदेष मंें अमन चैन कायम रखने में सक्षम नहीं है।

श्री चैहान ने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मांग को दोहराते हुये कहा कि प्रदेष में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाय जिससे पुनः पूरे प्रदेष में विषेषकर पष्चिमी उ0प्र0 के बिगड़े हालात पर काबू पाकर सामाजिक सद्भाव कायम किया जा सके। उन्होेंने यह भी मांग की कि रालोद नेेताओं को मुजफ्फरनगर व शामली आदि इलाकों में जाने दिया जाये क्योंकि वहां की जनता अपने नेता से आपबीती व दुख दर्द साझा करना चाहती है, इससे स्थानीय लोगों का आक्रोष भी शान्त होगा और स्थिति को सामान्य करने में सफलता मिलेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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