उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह पंगु हो चुकी है। डी0जी0पी0, ए0डी0जी0 लाॅ एण्ड आर्डर और आई0जी0 लाॅ एण्ड आर्डर की उपस्थिति में मुजफ्फरनगर में मजहबी दंगा होना इस बात का प्रमाण है। मजहबी दंगों का दोष भाजपा एवं उनके नेताओं पर मढ़ने से स्थिति सुधरने वाली नही है। उक्त बाते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर लौटने के पश्चात पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। डा0 बाजपेयी के नेतृत्व में आज भाजपा के एक प्रतिनिधि मण्डल ने महामहिम राज्यपाल से मिलकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के सम्बंध में उनसे हस्तक्षेप की मांग की।
डा0 बाजपेयी ने मजहबी दंगों के लिए पूरी तरह से अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। डा0 बाजपेयी ने कहा कि पंचायत मे जाने पर कोई रोक प्रशासन ने नही लगाई थी। सुरक्षा का कोई इंतजाम नही किया गया। दंगा भड़कने पर बिना तथ्य और भाषणों की जांच किये भाजपा नेताओं पर फर्जी मुकदमें कायम कर दिये गये। डा0 बाजपेयी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा नेता मुकदमों से डरने वाले नही हैं बहुसंख्यक वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार भाजपा बर्दाश्त नही करेगी।
”उत्तर प्रदेश दूसरा गुजरात बनाने का प्रयास भाजपा कर रही है” कांग्रेसी नेता मधुसूदन मिस्त्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डा0 बाजपेयी ने कहा कि हाँ हम उत्तर प्रदेश को गुजरात बनाना चाहते है। गुजरात का विकास माण्डल उत्तर प्रदेश में लागू कराना चाहते है।
राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में श्री लालजी टण्डन, कलराज मिश्र, विनय कटियार, डा0 रमापतिराम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, नैपाल सिंह, सतीश महाना, स्वतंत्र देव सिंह, पंकज सिंह, देवेन्द्र सिंह चैहान, रामनाथ कोविन्द शामिल थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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