उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने मुजफ्फरनगर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के मद्देनजर अपील की है कि लोग अपने किसी भी अमल (कार्य) से कुछ भी ऐसा न जाहिर होने दें जिससे गरीबों, कमजोरों और बेसहारा लोगों को तकलीफ पहुँचे और उनका नुकसान हो। अमन और चैन की खातिर सब्र और आपसी सहिष्णुता की भावना को पूरी तरह बनाये रखना जरूरी है।
श्री आजम खाँ ने कहा कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौजूदा समय में जो हालात हैं वह किसी से छिपे नहीं हैं। इसके चलते मौजूदा प्रदेश सरकार पर कुछ ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं जो वास्तविकता के एकदम विपरीत हैं। शायद इसी लिए आज टोपी, साफा और रुमाल की सियासत ने गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक एक सवाल खड़ा कर दिया है। इससे कैसे बचा जाये, इसके रास्ते तलाशने पर विचार करने का समय आ गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने अपनी अपील में कहा कि एहतियात बरतनी होगी कि अगर हमंे अपने अकीदे (आस्था) में किसी की दखल-अन्दाजी पसन्द नहीं है, तो हमें भी दूसरों के अकीदों के मामलात मंे दखल नहीं देना चाहिये, ताकि गरीबों, कमजोरों और बेसहारों को अकारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने पुरजोर ढंग से कहा कि लोग ऐसा कुछ भी न करें जिससे किसी भी समुदाय के लोगांे की धार्मिक भावना आहत हो और प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसा कुछ घट जाये कि हम सबको पछतावा हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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