Archive | September, 2013

राष्ट्रभाषा हिन्दी को विकास की ज़रूरत है-

Posted on 19 September 2013 by admin

ख्वाजा, मुर्इनुददीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविधालय, लखनऊ के द्वारा आयोजित Þहिन्दी दिवसß समारोह के मुख्य अतिथी श्री उदय प्रताप सिंह जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को विकास की ज़रूरत है। सरकार ने इसके प्रचार-प्रसार के लिए कर्इ प्रयास किये हैं किन्तु इसे अंतराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए सबको एकजुट हो कर प्रयास करना होगा। उन्होने सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों से अनुरोध किया कि वह अपनी रोज़्ामर्रा की बातचीत में हिन्दी भाषा का प्रयोग कर उसे सम्मानित करें।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री शंभूनाथ जी, आर्इएएस (रि0), पूर्व मुख्य सचिव, उत्तरप्रदेश, ने हिन्दी भाषा के विकास पर अपना मत रखते हुए बताया कि आज विश्व-भर से कर्इ लोग हिन्दी भाषा सीखने के लिए उत्सुक है और अनेको प्रसिद्व विश्वविधालयों द्वारा उनके लिए विशेष हिन्दी पाठयक्रम तैयार किये जा रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि सूचना प्रौदयोगिकी के विकास से आज हिन्दी भाषा विदेशों तक पहुच चुकी है पर हिन्दी भाषा की विकास यात्रा में यह अभी बस शुरूआत है।
अपने संबोधन में डा0 अनीस अंसारी, आर्इएएस (रि0), कुलपति, ख्वाजा, मुर्इनददीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविधालय ने कहा कि सम्यक प्रचार-प्रसार के लिए यह जरूरी है कि हम हिन्दी भाषा और समाज के संबन्ध को भौगोलिक दृषिट से देखे। उन्होने हिन्दी भाषा तथा क्षेत्रीय बोलियों को बढावा देने के लिए मीडिया की सराहना की। उनका यह भी मानना था कि आज की हिन्दी से उदर्ू के वो अंश लुप्त हो गये हैं जो उसके सही मायने और उच्चारण के लिए अनिवार्य थे। उन्होंने यह सुझााव दिया कि स्कूली स्तर पर उदर्ू सीखने पर पाबन्दी लगार्इ जाती है वह खत्म हो और शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर उदर्ू को दूसरी भाषा के रूप में प्रोत्साहित किया जाये। उन्होने इस बात पर बल दिया कि हिन्दी भाषा हमारी पहचान है और अन्य भाषाओं पर पकड़ बनाने के साथ-साथ हमें हिन्दी भाषा की समाज पर पकड़ को भी मजबूत करना चाहिए। हिन्दी भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिये।
इस अवसर ड़ा. जी0आर0 यादव, सम्बद्ध अधिकारी, ने स्वागत सन्देश दिया और श्री एस. सी. संगल, वित्त अधिकारी, ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस समारोह में सभी प्राध्यापक और विश्वविधालय के कर्मचारी उपसिथत रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. नीरज शुक्ला ने किया तथा इसका संयोजन बुशरा अलवेरा और शाहबाज़्ा अली ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल प्रशासन ने दैनिक यात्रियों (एम.एस.टी धारक) से अपील की है

Posted on 19 September 2013 by admin

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल प्रशासन ने दैनिक यात्रियों (एम.एस.टी धारक) से अपील की है कि टे्रनों के आरक्षित कोचों में यात्रा न करेंं, टे्रनाें के महिला डिब्बें में पुरूष यात्री सफर न करें, सफर के दौरान महिलाओं से दर्ुव्यवहार न करें, उचित टिकट लेकर यात्रा करें। इसका अनुपालन न करने वालाें पर रेलवे एक्ट के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है इस आशय का निर्देश माननीय उच्च न्यायालय ने एम.एस.टी होल्डरों को दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत राज्योंस को 10ए000 बसें मि‍लेंगी सीएसएमसी की पहली बैठक में 2124 बस मंजूर की

Posted on 19 September 2013 by admin

देश में शहरी यातायात को सुधारने का बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मि‍शन;जेएनएनयूआरएमद्ध के तहत राज्यों  के लि‍ए बसें जारी करने का दूसरा चरण प्रारंभ कि‍या है। कल नई दि‍ल्लीक में शहरी वि‍कास मंत्रालय के तहत गठि‍त केन्द्रीकय मंजूरी एवं नि‍गरानी समि‍ति‍;सीएसएमसीद्ध ने अपनी प्रथम बैठक में तीन राज्यों् के लि‍ए करीब 2124 बसों को मंजूरी दी है। पहले दौर में उन राज्योंे के लि‍ए बसों को जारी कि‍या गया जि‍न्हें1 2009 में बसें नहीं मि‍ली थी। मंगलवार को हुई बैठक में कर्नाटक और भटिंडा के लि‍ए क्रमशरू 2104 और 20 बसों के प्रस्ताथव को मंजूरी दी गई। आसाम;गुवाहाटी के लि‍एद्ध द्वारा बसों के अनुरोध को अधूरे डीपीआर के कारण मंजूरी नहीं दी गई। साथ हीए छत्तीससगढ़ के प्रति‍नि‍धि‍के उपस्थिक‍त न होने के कारण नए रायपुर के लि‍ए बसों को मंजूरी नहीं दी जा सकी। शहरी वि‍कास मंत्रालय के सचि‍व डॉण् सुधीर कृष्णां ने घोषणा की कि‍इस वर्ष शहरी नवीकरण के लि‍ए जेएनएनयूआरएम के तहत राज्योंॉ को 10ए000 बसें आवंटि‍त की जाएगी। बैठक में कल बोलते हुए सचि‍व ने कहा कि‍बसों के वर्तमान आवंटन में कुछ नई वि‍शेषताएं हैंए जैसे परि‍योजना को दीर्घकालि‍क बनाने के लि‍ए बस डि‍पोए कार्यशालाएंए नि‍यंत्रण केंद्रए आईटीएस प्रणाली आदि‍। उन्हों ने सड़क यातायात क्षेत्रए वि‍शेषकर बसों के संबंध में कर्नाटक राज्यी द्वारा सड़क परि‍वहन क्षेत्र में कि‍ए गए प्रयासों की सराहना की और अन्या राज्यों  से व कर्नाटक द्वारा स्थामपि‍त उच्चस मानकों का अनुसरण करने को कहा।

मैसूर शहर को आईटीएस प्रणाली सहि‍त बस स्टॉ्प के लि‍ए एलईडी डि‍स्प लेए सीसीटीवी कैमराए जीपीआरएस आदि‍वि‍शेषताओं के साथ सुवि‍धापूर्ण बसों का शहर बताया। कर्नाटक की योजना कम ईंधन खपत वाली ओएफ बीएस.4 बसों को जो पर्यावरण के अनुकूल हो शुरू करने की है। बैंगलोर और मैसूर के लि‍ए हाइब्रि‍ड बस शुरू करने का प्रस्ताहव है।

कुल 10ए000 बसों में से करीब 2000 बसें उत्तकर.पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों के लि‍ए हैं। तमि‍लनाडु ने 3ए000 शहरी बसों के लि‍ए अनुरोध कि‍या जबकि‍आंध्र प्रदेश ने 1200 बसों के लि‍ए अनुरोध कि‍या। अन्य  वि‍भि‍न्नज शहरों से भी अब मंत्रालय के पास प्रस्ता व आ रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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श्री सीस राम ओला द्वारा वर्ष 2011 के लिए विश्व्कर्मा राष्ट्री्य पुरस्काेर और राष्ट्रीैय सुरक्षा पुरस्काारों का वितरण

Posted on 19 September 2013 by admin

केन्द्री य श्रम और रोजगार मंत्री श्री सीस राम ओला ने आज नयी दिल्लीष स्थित विज्ञान भवन में वर्ष 2011 के लिए विश्व कर्मा राष्ट्रीलय पुरस्कावर और राष्ट्रीीय सुरक्षा पुरस्का रों का वितरण किया। इस अवसर पर श्री ओला ने कहा कि वर्ष 2011 के कामकाज के आधार पर विश्वतकर्मा राष्ट्रीीय पुरस्का्र के लिए 194 और राष्ट्रीीय सुरक्षा के लिए 116 आवेदन प्राप्ता हुए। इस वर्ष 116 विश्वएकर्मा राष्ट्रीरय पुरस्का र और राष्ट्री य सुरक्षा पुरस्काारों के विभिन्न् वर्गों में 63 विजेता और 35 उप विजेता हैं।

श्री ओला ने औद्योगिक संयंत्रों में दुर्घटनाएं रोकने और कार्यस्थकलों पर सुरक्षा उपायों के महत्व  पर बल दिया। उन्हों ने कहा कि विश्व्कर्मा राष्ट्री य पुरस्का र और राष्ट्रीतय सुरक्षा पुरस्कायरों की शुरूआत 1965 में की गई। इनका उद्देश्य् उन अच्छे् कर्मियों और औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्सा हित करना हैए जो दुर्घटनाएं रोकने और औद्योगिक सुरक्षा ;व्यापवसायिकद्ध उपायों को बढ़ावा देने और समान रूप से प्रबंधन और श्रमिक दोनों के हितों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करते हैं।

उन्होंकने कार्पोरेट सामाजिक दायित्वक के तहत औद्योगिक घरानों द्वारा स्वारस्य्ोि ए सुरक्षा और कार्य पर्यावरण की दिशा में उठाए गए कदमों पर खुशी जाहिर कीए जिससे परिणाम स्वररूप सुरक्षा और कर्मचारियों के स्वा स्य्द्  में समग्र बदलाव आया है और औद्योगिक दुर्घटनाओं में कमी आई है।

श्रम और रोजगार सचिव डॉण् मृत्युं जय सारंगी ने अपने स्वापगत भाषण में वैश्वी करणए निजीकरण और उदारीकरण के कारण भारतीय उद्योगों की चुनौतियों का उल्ले ख किया। उन्हों ने कहा कि वैश्वीउकरण से जहां उद्योगों और कार्यबल के लिए अवसर उपलब्धउ हुए हैंए तो वहीं वैश्विक मंदी का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्हों ने कहा कि औद्योगिक दुर्घटनाओं से केवल कर्मचारी ही नहींए उसका परिवारए समाज और पूरा देश प्रभावित होता है। उन्हों ने उम्मींद जताई कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योग इस तरह के उपाय करेंगे जिससे कर्मचारी सुरक्षा के प्रति अधिक सजग और सुरक्षित तरीके से कार्य कर सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अंतर्राष्ट्री य बाजार में भारतीय बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत 17ण्09ण्2013 को घटकर 108ण्64 डॉलरध्बैरल लीटर हुई

Posted on 19 September 2013 by admin

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम एवं विश्लेरषण प्रकोष्ठ1;पीपीएसीद्ध के आज जारीध्प्रकाशित आकड़ों के अनुसार 17ण्09ण्2013 को अंतर्राष्ट्री य बाजार में भारतीय बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत घटकर 108ण्64 डॉलरध्बैरल हो गई। इससे पहले कारोबारी दिवस 16ण्09ण्2013 को यह 110ण्08 डॉलरध्बैरल थी। 17ण्09ण्2013को कच्चे तेल की कीमत में रुपए की दृष्टि से 6885ण्10 रुण् प्रति बैरल की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि 16ण्09ण्2013 को ये कीमत 6877ण्80 रुण् प्रति बैरल थी। डॉलर की तुलना में रुपए की गि‍रावट के परिणाम स्वरुप ये बढ़ोतरी दर्ज की गई। 17ण्09ण्2013 को रुपए और डॉलर विनिमय की दर 63ण्38 रुण् प्रति अमरीकी डॉलर रही जबकि पिछले कारोबारी दिन 16ण्09ण्2013 को ये 62ण्48 रुण् प्रति अमरीकी डॉलर थी।

नीचे तालिका में इससे संबंधित विस्तृत जानकारी हैः.
विवरण    इकाई    17 सि‍तम्ब रए 2013 को कीमत ;16ण्09ण्2013ए पि‍छला कारोबारी दि‍वसद्ध    पिछला पखवाड़ा 01.15 अगस्ता  2013 ;पिछला पखवाड़ा  16.31 अगस्तए 2013द्ध
कच्चाव तेल;भारतीय बॉस्के;टद्ध    ;डॉलरध्बैरलद्ध    108ण्64;110ण्08द्ध    111ण्30;110ण्09द्ध
;रूण्ीजजचरूध्ध्ूूूण्कमेपहद.सिनजमण्बवउध्ूच.बवदजमदजध्नचसवंकेध्2010ध्07ध्तनचमम.ेलउइवसण्रचहध्बैरलद्ध
6885ण्60;6877ण्80द्ध    7263ण्44;7145ण्94द्ध
विनिमय दर    ;रूण्ध्डॉलरद्ध    63ण्38;62ण्48द्ध    65ण्26;64ण्91द्ध

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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खाद्य प्रसंस्कदरण क्षेत्र की समस्यााओं पर विचार.विमर्श और समाधान के लिए राज्यों् के मंत्रियों का सम्मेरलन।

Posted on 19 September 2013 by admin

श्री शरद पवार 20 सितम्ब्र को सम्मे लन का उद्घाटन करेंगे
खाद्य प्रसंस्कारण उद्योगों के मंत्रियों के राष्ट्री य स्तदर सम्मे लन का आयोजन इस सप्ताह किया जा रहा हैए जिसमें क्षेत्र को ऊर्जावान बनाने पर चर्चा और उच्च्.क्षमता के क्षेत्र की समस्यागओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

कृषि और खाद्य प्रसंस्क रण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार 20 सितम्बमर को राज्योंा के मंत्रियों के सम्मेंलन का उद्घाटन करेंगे।

सम्मेिलन में मुख्यल चर्चा इस बात पर की जाएगी कि राष्ट्रीिय खाद्य प्रसंस्कोरण मिशन और अन्यो योजनाओं के लिए उपलब्ध  धनराशि का उपयोग कैसे किया जाए। 2012 में शुरू किए गए मिशन के अधीन खाद्य प्रंसस्कबरण की अनेक संवर्धक गतिविधियां चलती हैं। कई राज्यश 2012.13 और इस वर्ष आवंटित धनराशि का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाए हैं।

सम्मे लन में योजना के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्योंे के विचारों का पता लगाया जाएगा। योजनाओं के उचित क्रियान्वभयन में राज्योंक के सामने आने वाली कठिनाइयों और राज्योंो की चिंताओं का हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।

कराधान.खासकर प्रसंस्कृनत खाद्य पर मंडी कर और बाजार सुधारों पर भी विचार.विमर्श होगा।

खाद्य प्रसंस्कइरण उद्योग का तेजी से विकास हो रहा है और इससे बहुत से लोगों को रोजगार मिल रहा है। 2011.12 में समाप्तऔ हुए पाँच वर्षों मेंए इसकी औसत वार्षिक वृद्धि दर 8ण्6 प्रतिशत रहीए इस अवधि के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि 7ण्7 प्रतिशत और कृषि में 3ण्8 प्रतिशत सालाना रही। 2011 में खाद्य प्रसंस्कमरण क्षेत्र में लगभग 17 लाख लोगों को और अन्यि 48 लाख लोगों को असंगठित खाद्य प्रसंस्केरण गतिविधियों में रोजगार मिला। एफपीआई मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों के तहत मेगा फूड पार्कोंए शीत शृंखला सुविधाएंए बूचडखानों के आधुनिकीकरणए खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन और गुणवत्ता  नियंत्रण जैसी अनेक गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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25वें भारत को जानो कार्यक्रम में शामि‍ल प्रवासी युवा प्रतिभागियों से मिले राष्ट्रजपति

Posted on 19 September 2013 by admin

भारत के राष्ट्रतपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रसपति भवन में 25वें भारत को जानो कार्यक्रम के प्रवासी युवा प्रतिभागियो से मुलाकात की। इस समूह में 8 देशों के 27 युवा पुरूष और महिलाएं सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्र पति ने प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम आयोजन को लेकर कि‍ए गए प्रयासों की सराहना की। उन्हों्ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि‍ हमारी जड़ें कहां से जुड़ी है और कि‍स स्थांन से हमारी उत्परत्ति हुई है। आगे उन्हों ने कहा कि सभी युवा पुरूष और महिलाओं के लिए यह कार्यक्रम समृद्ध अनुभव होगा। राष्ट्रंपति‍ ने कहा कि भारत स्वययं की निहित शक्ति जो स्थिति के अनुरूप प्रकट होती है के साथ विश्वु का सबसे बड़ा कार्यात्म‍क लोकतंत्र है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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युवाओं की हौसलाअफजार्इ करती है किताब ‘जिद, जुनून, जिन्दादिली

Posted on 19 September 2013 by admin

प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि द्वारा लिखित एवं उदर्ू भाषा में प्रकाशित किताब ‘जिद, जुनून, जिन्दादिली युवाओं व किशोरों की हौसला अफजार्इ तो करती ही है, साथ ही हर उम्र के लोगों को मंजिल पर पहुँचने की तालीम भी देती है, साथ ही पाजिटिव सोच के साथ जीवन की बुलनिदयों को छूने का हौसला बखूबी देती है। उदर्ू भाषा में प्रकाशित होने के कारण इस किताब का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, यह पुस्तक उदर्ू पाठकों तक अपनी पहुंच बनाने में सक्षम है और मदरसों आदि में तालीम हासिल करने वाले छात्रों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। दरअसल उदर्ू भाषा में प्रकाशित यह पुस्तक पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि द्वारा लिखित पुस्तक ‘जागो, उठो, चलो का उदर्ू तजर्ुमा है, जिसके मार्फत लेखक ने समाज के सभी वर्गों तक रचनात्मक व जीवन मूल्यों से जुड़े विचारों को पहुचाने का अभिनव प्रयोग किया है। पुस्तक ‘जिद, जुनून, जिन्दादिली का विमोचन अभी हाल ही में सम्पन्न हुआ।
‘जिद, जुनून, जिन्दादिली में पारिवारिक व सामाजिक परिवेश का यथार्थ शब्द-चित्रण व आकर्षक साज-सज्जा से जहाँ बरबस ही पाठक के दिल को छू जाती है तो वहीं दूसरी ओर पुस्तक के विभिन्न लेखों में लेखक ने सिर्फ बच्चों को ही नहीं बलिक समाज के सभी छोटे-बड़े नागरिकों को सफलता के उच्चतम सोपान पर पहुँचाने हेतु अपना सारा अनुभव उड़ेल दिया है जिसके कुछ नमूने देखने लायक हैं जैसे - ‘अवसर दरवाजे पर है, कहीं आप सो तो नहीं रहे हैं?, ‘शून्य से शिखर पर पहुँचाती है ‘सकारात्मक सोच, ‘सपने सच करने हैं, तो जग जाइये, ‘जिद, जुनून और जिन्दादिली ही पहुँचाती है मुकाम पर आदि-आदि। सिर्फ अनुभव ही नहीं अपितु पाठकों में आत्मबल भरने में भी लेखक ने कोर्इ कोर-कसर नहीं छोड़ी है - ‘हार सह लेना व हार मान लेना - दोनों में जमीन-आसमान का अन्तर है, ‘धनबल, बाहुबल, कुर्सीबल, तीनों से भी बड़ा है आत्मबल, ‘सब कुछ संभव है, असंभव कुछ भी नही आदि।
वैसे तो इस किताब का मुख्य आकर्षण व उददेश्य बच्चों, किशारों व युवाओं का ‘चरित्र निर्माण ही है किन्तु खास बात यह है कि सामाजिक व पारिवारिक जिन्दगी का शायद ही कोर्इ ऐसा पहलू हो जो लेखक की लेखनी से अछूता हो। प्राय: सभी पारिवारिक विषयों पर लेखक ने निर्विवाध रूप से अपनी लेखनी चलार्इ है। पुस्तक के लेखक पं. हरि लिखते हैं - ”बच्चे मेरे और आपके नहीं हैं। बच्चे तो खुदा की देन हैं उस खुदा ने हमें केवल माता-पिता बनाकर उनकी देखभाल व लालन-पालन की जिम्मेदारी सौंपी है।
इसके अलावा किताब में दिये गये उद्धरण, संस्मरण, सदविचार आदि युवा पीढ़ी में प्रेरणा व आत्मविश्वास का संचार करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुए हैं। इन छोटे-छोटे कोटेशनों के माध्यम से लेखक ने कम शब्दों में परन्तु बड़े ही असरदार तरीके से किशारों व युवाओं को राह दिखार्इ है। कुल जमा यह किताब जीवन के विविध आयामों पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है एवं कुछ कर गुजरने व मंजिल पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती हैं। इतना ही नहीं, अभिभावकों एवं समाज व घर के बड़े-बुजर्गो को भी नर्इ राह दिखाती है।
बताते चलें कि उदर्ू भाषा में प्रकाशित ‘जिद जुनून, जिन्दादिली पं. हरि की पूर्व पुस्तक ‘जागो, उठो, चलो का उदर्ू तजर्ुमा है। पुस्तक ‘जागो, उठो, चलो बेहद लोकप्रिय रही है, जिसने किशोरों व युवाओं का खूब मार्गदर्शन किया। इस प्रेरणादायी पुस्तक का लोकार्पण प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने किया था जबकि नेपाल की जनता के लिए इस पुस्तक का लोकार्पण नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल प्रचण्ड ने काठमाण्डू में आयोजित एक भव्य समारोह में किया था जबकि मारीशस की जनता के लिए इसी पुस्तक का लोकापर्ण मारीशस के राष्ट्रपति महामहिम सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने किया था। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपतियों डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एवं डा. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने भी पं. शर्मा की लेखन शैली को खूब सराहा है।
हालांकि किताब की मोटार्इ थोड़ा ज्यादा जरूर है परन्तु आदि से अन्त तक नीरसता ढूँढे से भी नहीं मिलती। यह लेखक की अदभुद लेखन शैली ही है जो पाठक को प्रत्येक अध्याय की समापित पर अगले अध्याय को पढ़ने हेतु लगातार प्रेरित करती है। जहाँ तक इसकी कीमत का सवाल है तो यह निम्न मध्य वर्ग के सामान्य ही है। इसके अलावा, पुस्तक का उदर्ू अनुवाद इतना सटीक और उत्तम है कि कहीं भी इसका अहसास नहीं होता कि यह अनुवादित है। इसका श्रेय अनुवादक श्री मोहम्मद गुफरान नसीम को जाता है, जिन्होंने बड़े ही मन से व संजीदगी से इसे उदर्ू में अनुवादित किया है। वास्तव में श्री गुफरान इसके लिए बधार्इ के पात्र हैं।
जिद, जुनून, जिन्दादिली के बारे में बताते हुए लेखक पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि कहते हैं कि ‘जागो, उठो, चलो का उदर्ू तजर्ुमा कराने का मुख्य मकसद ही यही है कि उच्च विचारों, जीवन मूल्यों व भारतीय संस्कृति व सभ्यता को उन लोगों तक पहुंचाना है जो जागृत अवस्था में होते हुए भी सुप्तावस्था में हैं, अर्थात तन से जगे होने के बाद भी मन से सोये हुए हैं। आत्मविश्वास से लबालब होने के बावजूद भी निराश हैं, दीन-हीन भावना से ग्रस्त हैं, कर्तव्य से विमुख हैं। ऐसे ही व्यकितयों के लिए मैंने अपने विचारों को ‘जिद, जुनून, जिन्दादिली का नाम देकर किशोरों व युवाओं को जगाने का प्रयास किया है जो जागृत होने के बावजूद सुप्तावस्था में हैं।
कुल मिलाकर जिद, जुनून, जिन्दादिली जीवन मूल्यों, संस्कारों, अधिकारों व कर्तव्यों की ज्योति जगाकर आत्मविश्वास से लबालब करती है, साथ ही सामाजिक सरोकारों पर भी पैनी नजर रखती है और बहुत ही रचनात्मक विधि से सामाजिक विकास का ताना-बाना बुनती है। ‘जिद, जुनून, जिन्दादिली एक ऐसी किताब है जो निशिचत ही उदर्ृ पाठकों के दिलों पर राज करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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जनपद मुख्यालय के कुछ प्रमुख स्थानो पर आवारा पशुओ का भारी जमावडा देखा जा सकता है

Posted on 19 September 2013 by admin

जनपद मुख्यालय के कुछ प्रमुख स्थानो पर आवारा पशुओ का भारी जमावडा देखा जा सकता है यही नही आवागमन मे बाधा के साथ राहगीरो को होती है भारी दिक्कत पालिका प्रशासन जहमत मोल नही लेना चाहता है ।
अपने फायदे के काम के लिए तो शायद सब सोचते है किन्तु आम जनमानस के लिए कौन क्या कर रहा है बात है नगर पालिका प्रशासन द्वारा नगर मे घूम रहे आवारा पशुओ की व्यवस्था की शहर के प्रमुख स्थानो सब्जी मण्डी, तिकोनिया पार्क, दिवानी चौराहा, पंचरास्ता, लाल डिग्गी, दरियापुर चौराहा आदि ऐसे प्रमुख स्थल है जह‚ पर भारी भीड भाड के साथ लोगो का आवागमन लगा रहता है। यहां तक की ये आवारा जानवर जिला अस्पताल मे भी घूमते  देखे जा सकते है ।
ये आवारा पशु आने जाने वाले यात्रियो के लिए सरदर्द बन गये है । सबसे मजेदार बात तो यह है कि ये आवारा पशु पशुपालको के है जो दूध का व्यापार कर रहे है दिन भर आवारा की तरह घूमने वाली ये गाये व भैसे शाम को मालिक के पास पहुच जाती है और दूध देकर बाजार मे वापस आ जाती है इस तरह होता है।
बाजार मे आवारा पशुओ का जमावडा यही नही शहर के गभडिया पर बने ओवर बि्र्रज पर दर्जनो से अधिक पशु रास्ते मे बैठे देखे जा सकते है जिससे बडे बडे वाहनो कोे आने जाने मे बडी कठिनार्इ होती है कर्इ पशु बडे वाहनो की चपेट मे आ जाने से चोटहिल भी हो गये है ।
नगर वासियो ने पालिका प्रशासन द्वारा कठोर कदम उठाये जाने की मांग की है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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संयुä व्यापार मण्डल ने सभी राजनैतिक दलो को पत्र भेजकर माफियाओं को प्रत्याशी नही बनाने की अपील की है ।

Posted on 19 September 2013 by admin

संयुä व्यापार मण्डल ने सभी राजनैतिक दलो को पत्र भेजकर माफियाओं को प्रत्याशी नही बनाने की अपील की है ।
केन्æीय महामंत्री प्रेमलाल ने राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो के अध्यक्षो को भेजे पत्र में कहा है कि राजनीति अपराधियों का अखाडा बन गयी है । ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा लोकसभा तक मे लगभग तीस प्रतिशत अपराधी माफिया जन प्रतिनिधि बन बैठे है ।
अपराधी व माफिया सरकारी धन लूटने तथा पुलिस एवं गैंगवार से बचने हेतु चुनाव लडते है और पार्टिया इन्हे दिलखोल कर टिकट दे रही है । अपराधियों का कोर्इ जाति धर्म र्इमान नही होता इनकी सत्त्ता में पहुंच लोकतंत्र के लिए खतरा है ।
अपराधियों का राजनीति मे वर्चस्व बढने से ही अपराध बढे है । व्यापारी लूटा जा रहा है । उधोग व्यापार चौपट हो रहा है । लोगो का राजनेतिक दलो से विश्वास उठ रहा है । जनता गुस्से से किन्नरो को वोट देने लगी है । शान्तप्रिय माहौल मे जीवन यापन करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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