देश में शहरी यातायात को सुधारने का बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन;जेएनएनयूआरएमद्ध के तहत राज्यों के लिए बसें जारी करने का दूसरा चरण प्रारंभ किया है। कल नई दिल्लीक में शहरी विकास मंत्रालय के तहत गठित केन्द्रीकय मंजूरी एवं निगरानी समिति;सीएसएमसीद्ध ने अपनी प्रथम बैठक में तीन राज्यों् के लिए करीब 2124 बसों को मंजूरी दी है। पहले दौर में उन राज्योंे के लिए बसों को जारी किया गया जिन्हें1 2009 में बसें नहीं मिली थी। मंगलवार को हुई बैठक में कर्नाटक और भटिंडा के लिए क्रमशरू 2104 और 20 बसों के प्रस्ताथव को मंजूरी दी गई। आसाम;गुवाहाटी के लिएद्ध द्वारा बसों के अनुरोध को अधूरे डीपीआर के कारण मंजूरी नहीं दी गई। साथ हीए छत्तीससगढ़ के प्रतिनिधिके उपस्थिकत न होने के कारण नए रायपुर के लिए बसों को मंजूरी नहीं दी जा सकी। शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डॉण् सुधीर कृष्णां ने घोषणा की किइस वर्ष शहरी नवीकरण के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत राज्योंॉ को 10ए000 बसें आवंटित की जाएगी। बैठक में कल बोलते हुए सचिव ने कहा किबसों के वर्तमान आवंटन में कुछ नई विशेषताएं हैंए जैसे परियोजना को दीर्घकालिक बनाने के लिए बस डिपोए कार्यशालाएंए नियंत्रण केंद्रए आईटीएस प्रणाली आदि। उन्हों ने सड़क यातायात क्षेत्रए विशेषकर बसों के संबंध में कर्नाटक राज्यी द्वारा सड़क परिवहन क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना की और अन्या राज्यों से व कर्नाटक द्वारा स्थामपित उच्चस मानकों का अनुसरण करने को कहा।
मैसूर शहर को आईटीएस प्रणाली सहित बस स्टॉ्प के लिए एलईडी डिस्प लेए सीसीटीवी कैमराए जीपीआरएस आदिविशेषताओं के साथ सुविधापूर्ण बसों का शहर बताया। कर्नाटक की योजना कम ईंधन खपत वाली ओएफ बीएस.4 बसों को जो पर्यावरण के अनुकूल हो शुरू करने की है। बैंगलोर और मैसूर के लिए हाइब्रिड बस शुरू करने का प्रस्ताहव है।
कुल 10ए000 बसों में से करीब 2000 बसें उत्तकर.पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों के लिए हैं। तमिलनाडु ने 3ए000 शहरी बसों के लिए अनुरोध किया जबकिआंध्र प्रदेश ने 1200 बसों के लिए अनुरोध किया। अन्य विभिन्नज शहरों से भी अब मंत्रालय के पास प्रस्ता व आ रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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