Archive | May 8th, 2013

नये बन रहे राशन कार्ड धारको से २०रु० से लेकर १००रु० तक की वसूली

Posted on 08 May 2013 by admin

८ मई ।  जनपद के नगर मुख्यालय पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्र्तगत नये बन रहे राशन कार्ड धारको से २०रु० से लेकर १००रु० तक की वसूली की चर्चा जोर पकडती जा रही है वो भी कोटेदारो द्वारा कार्ड धारक से एस.डी.एम. व सप्लाई अफसर के आदेश के बहाने ।
आखिर सरकार के कौन से आदेश शासना देश का सहारा लेकर ऐसा किया जा रहा है जबकि नगर मुख्यालय पर सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है मगर राशन कार्ड के फार्म पैसा ले कर बेचे जा रहे है रोकने वाला कोई नही है समाज का अति गरीब तबका अन्तोदय कार्ड धारक और गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबो से सरकारी राशन कार्डो के नवीनीकरण के फार्र्मो को उपजिलाधिकारी व डी०एस०ओ० के आदेश के बहाने खुलेआम बेचा जा रहा है वो भी कोेटेदार द्वारा यह आदेश कहां और कब आया पता नही अभी फार्म का पैसा वसूला जा रहा है ।
कल को कार्ड बन जाने पर सैकडो रुपयों की वसूली शुरु हो जायेगी जबकि भारत सरकार की ७० प्रतिशत जनता को खाद्य सुरक्षा की गांरटी का विधेयक ला रही है वही प्रदेश सरकार ने पूर्व से ही विवादित और अनाजो की कालाबाजारी के लिए कुख्यात रहे कोटेदारो को ही जनपद के गरीबो और राशन कार्ड धारको को इन्ही के हवाले कर खुलेआम वसूली कराई जा रही है ।
कहा जा रहा है कि यह फर्म सरकार ने नही हम खरीद कर ला रहे है सोचिये एक पन्ने की कीमत २०रु० है तो राशन कार्ड का कितना पैसा लिया जायेगा । अगर यही व्यवस्था है तो इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्ड नवीनी करण का शुल्क घोषित कर प्रचार प्रसार कराया जान चाहिए अथवा इस कुप्रथा पर तत्काल जांच कर घूसखोर कोटेदार का कोटा निरस्त कर देना चाहिए । जनता ने मंडलायुक्त से इस नवीनीकरण की गोपनीय जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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फर्जी प्रेस और पुलिस लिखे दो पहिया व चार पहिया वाहनो की भरमार ।

Posted on 08 May 2013 by admin

८ मई । जनपद मे फर्जी प्रेस और पुलिस लिखे दो पहिया व चार पहिया वाहनो की भरमार, नही होती जांच शातिर अपराधी भी हो सकते है इन वाहनो पर । वही लाल नीली बत्त्ती और हूटर लगे वाहनो से सवारियां ढोई जा रही है ।
जबकि बीते दिनो भारत की सर्वोच्च  न्यायालय ने इन लाल बत्ती वाहनो और अन्य सिम्बलो पर कडाई के साथ रोक लगाई थी । मगर यहां तो उत्तर प्रदेश मे उल्टा कानून है जिस चीज पर रोक लगाई जाती है। उसे ही यहां की जनता और अधिकारी जानबूझ कर करते है जिससे कि आम जनता मे यह संदेश जाये कि अगला बहुत पावर फुल है । उसी का नतीजा है सत्त्ताधारी नेताओं का एक मात्र शौक लालबत्त्ती युवाओं का एक मात्र शौक गाडी पर प्रेस या पुलिस लिखाकर आम जनता मे रौब गालिब करना और अपने मुंह मिंया मिठठू बन फर्जी कहानी अवनी पत्नीयों को व मित्रो को सुना कर ढींग हाकना एक परंपरा बन गई है ।
अपने जिले की पुलिस और उसके पर्दानशीन अधिकारी कभी भी इस बात की तहकीकात नही करते कि वास्तव मे इन गाडियों पर पत्रकार या पुलिस ही टहल रहे है या कैबिनेट व सरकार का वास्तिविक ओहदेदार ही है अथवा कोई वांटेट अपराधी इसकी आंढ मे नसीले पदार्थो की या अवैध हथियारो की तस्करी कर रहा है । यह काम बेसक पुलिस का है । आये दिन सडको पर शादी विवाहों मे लाल नीली बत्त्ती लगी हूटर बजाती गाडियां आपको दिखेगी ।
मगर रोकने वाला जब स्वयं महाभ्रष्ट और अपराध से ग्रस्त तो उसका फायदा अपराधी तो उठायेगें ही । पिछले दिनो उच्च न्यायालय  ने भी चैपहिया वाहनो से काली फिल्मे लगे शीशो वाली गाडियों का चालान व अपारदर्शी फिल्मे हटवाने का आदेश प्रदेश के गृह सचिव को दिया था मगर उसे महज कागजी आदेश मान हमारे जनपद के पुलिस कप्तान भूल गये और आज धडल्ले से काली फिल्म लगी गाडियों से अपराध हो रहे है जिसमे बैठे लोगो को बाहर से कोई देख भी नही सकता अन्दर चाहे किसी से बलात्कार हो रहा हो चाहे मर्डर किया जा रहा हो ।
वो भी चलती गाडी मे वो भी भीड भरी सडको पर फिर भी न दिखाई देने के चलते कोई रोकने वाला नही है न जाने क्यो हमारे जनपद की पुलिस इतनी डरपोक और कायर हो गई है कि उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशो कस पालन भी नही करा पा रही है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पत्रकार मेला

Posted on 08 May 2013 by admin

८ मई । पत्रकारिता दिवस ३० मई २०१३ को देशभर मे पत्रकार मेला आयोजित करके भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने अपने हजारो सदस्यों के कल्याण के लिए एक अनूठी योजना बनाई है ।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० भगवान प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि पत्रकारिता दिवस के अवसर पर महासंघ की प्रत्येक इकाईयों द्वारा पत्रकार मेला आयोजित किया जायेगा । जिसमे पत्रकार परिवारो के लिए निरूशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, पत्रकारो के बच्चो के लिए निबंध व चित्रकला प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठी, समाचार पत्र ध् पत्रिका प्रदर्शनी, पत्रकारिता पर परिसंवाद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया जायेगा ।
यह कार्यक्रम जिला स्तरीय होंगे और जिन जिला इकाईयों का आयोजन सर्वश्रेष्ठ रहेगा । उन्हे १५ जुलाई २०१३ को महासंघ के १४वें स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित व पुरस्कृत किया जायेगा ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बंुदेली पुरस्कार के लिये पुस्तकें आमंत्रित

Posted on 08 May 2013 by admin

13 अखिल भारतीय बंुदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषदृ के तत्वावधान में आगामी बंुदेल केसरी छत्रसाल की जयंती वर्ष 2013पर आयोजित होने वाले बंुदेली समारोह-2013 में बंुदेली पुरस्कार हेतु प्रविष्टियाॅं आमंत्रित हैं। इसके लिये बंुदेली भाषा में या बंुदेलखण्ड के किसी विषय पर ,तीन तीन पुस्तकें, 15मई 13बुधवार तक परिषद कार्यालय 75 चित्रगुप्त नगर,कोटरा ,भोपाल-462003 के पते पर लेखक या प्रकाशक मौलिक लेखन के प्रमाणपत्र सहित ,प्रेषित कर सकते हैं। प्रस्तुत पुस्तकें लेखक के परिचय एव फोटो सहित हों।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसान की खुशहाली से ही प्रदेश और देश खुशहाल बनेगा - श्री मुलायम सिंह यादव, चैधरी चरण सिंह

Posted on 08 May 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव दोनों का यह मत रहा है कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश और देश खुशहाल बनेगा। उन्होने जब बजट बनाए तो उसमें गांवो और खेती के लिए 70 प्रतिशत धनराशि रखी। इसी अवधारणा को अपनाते हुए मुख्यमंत्री    श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी सरकार का वर्ष 2012-13 का पहला बजट पेश करते हुए 2,00,110Û61 करोड़ के बजट में कृषि एवं संबंद्ध सेवाओं के लिए 5,432Û37 करोड़ रूपए की और वर्ष 2013-14 का अपना दूसरा 2,21,201Û19 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होने कृशि एवं संबंद्ध सेवाओं के लिए 17,175 करोड़ रूपए की व्यवस्था की। यह भी कुल बजट का 70 प्रतिशत से अधिक हैं।

किसानों के हित में उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी सरकार हमेशा सचेष्ट रही है। वर्ष 2012-13 में रबी विपणन वर्ष 2012-13 में गेहूॅ खरीद हेतु निर्धारित लक्ष्य 42 लाख मीट्रिक के सापेक्ष 50Û62 लाख मी0 टन गेहूॅ की खरीद की गई जो कि एक रिकार्ड है। कुल 10,02,965 किसान इस योजना से लाभान्वित हुए तथा किसानों से क्रय किए गए गेहूॅ का शत प्रतिशत भुगतान किया गया। वर्ष 2013-14 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 1350 रूपए प्रति कुंतल की दर से राज्य सरकार ने पहली अप्रैल से गेहूॅ खरीद शुरू कर दी है और यह खरीद 30 जून तक चलेगी।

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का स्पष्ट निर्देश है कि गेहूॅ खरीद में किसी भी स्थिति में किसानों का शोषण नहीं होने पाए। मूल्य समर्थन योजना के तहत निर्धारित दर से कम कीमत में किसानों से गेहूॅ की खरीद न हो। किसानों के साथ घटतौली न हो इसपर भी नजर रखी जाए। किसानों को भुगतान मिलने में विलंब न हो इसके लिए हर क्रय केन्द्र पर 05-15 लाख रूपए की धनराशि रखने का भी निर्देश है। खरीद के लिए क्रय केन्द्रों पर बोरों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। समाजवादी पार्टी के लिए किसान हित सर्वोपरि है इसलिए बिचैलियों की खरीद में कोई भूमिका नहीं रहेगी।

पिछली खरीद के समय मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों ने गेहूॅ क्रय केन्द्रो का जाकर निरीक्षण किया था और किसानों की समस्याओं का समाधान किया था। इन दिनों मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तो एवं जिलाधिकारियों को किसानों के हितों का ख्याल रखने का स्पष्ट निर्देश दे रखा है। उनसे प्रत्येक क्रय केन्द्र का प्रत्येक सप्ताह एक बार स्थलीय निरीक्षण करने की अपेक्षा की गई है। प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को गेहूॅ क्रय के पर्यवेक्षण के लिए जनपद आवंटित कर दिए गए है।

समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक स्तर को ऊॅचा उठाने हेतु कृतसंकल्प है। प्रदेश में 165Û93 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कई वर्ष से उर्वरक की कमी का संकट झेल रहे किसानों को प्रथम बार शासन द्वारा प्रचुर मात्रा में यूरिया, डीएपी एवं एनपीके की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। इससे प्रदेश में कृषि उत्पादन में पर्याप्त विकास की सम्भावनाएं बढ़ी है और किसानों की आय बढ़ने की उम्मीदें भी परवान चढ़ी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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गेहूॅ खरीद 30 जून तक चलेगी

Posted on 08 May 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव दोनों का यह मत रहा है कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश और देश खुशहाल बनेगा। उन्होने जब बजट बनाए तो उसमें गांवो और खेती के लिए 70 प्रतिशत धनराशि रखी। इसी अवधारणा को अपनाते हुए मुख्यमंत्री    श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी सरकार का वर्ष 2012-13 का पहला बजट पेश करते हुए 2,00,110Û61 करोड़ के बजट में कृषि एवं संबंद्ध सेवाओं के लिए 5,432Û37 करोड़ रूपए की और वर्ष 2013-14 का अपना दूसरा 2,21,201Û19 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होने कृशि एवं संबंद्ध सेवाओं के लिए 17,175 करोड़ रूपए की व्यवस्था की। यह भी कुल बजट का 70 प्रतिशत से अधिक हैं।

किसानों के हित में उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी सरकार हमेशा सचेष्ट रही है। वर्ष 2012-13 में रबी विपणन वर्ष 2012-13 में गेहूॅ खरीद हेतु निर्धारित लक्ष्य 42 लाख मीट्रिक के सापेक्ष 50Û62 लाख मी0 टन गेहूॅ की खरीद की गई जो कि एक रिकार्ड है। कुल 10,02,965 किसान इस योजना से लाभान्वित हुए तथा किसानों से क्रय किए गए गेहूॅ का शत प्रतिशत भुगतान किया गया। वर्ष 2013-14 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 1350 रूपए प्रति कुंतल की दर से राज्य सरकार ने पहली अप्रैल से गेहूॅ खरीद शुरू कर दी है और यह खरीद 30 जून तक चलेगी।

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का स्पष्ट निर्देश है कि गेहूॅ खरीद में किसी भी स्थिति में किसानों का शोषण नहीं होने पाए। मूल्य समर्थन योजना के तहत निर्धारित दर से कम कीमत में किसानों से गेहूॅ की खरीद न हो। किसानों के साथ घटतौली न हो इसपर भी नजर रखी जाए। किसानों को भुगतान मिलने में विलंब न हो इसके लिए हर क्रय केन्द्र पर 05-15 लाख रूपए की धनराशि रखने का भी निर्देश है। खरीद के लिए क्रय केन्द्रों पर बोरों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। समाजवादी पार्टी के लिए किसान हित सर्वोपरि है इसलिए बिचैलियों की खरीद में कोई भूमिका नहीं रहेगी।

पिछली खरीद के समय मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों ने गेहूॅ क्रय केन्द्रो का जाकर निरीक्षण किया था और किसानों की समस्याओं का समाधान किया था। इन दिनों मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तो एवं जिलाधिकारियों को किसानों के हितों का ख्याल रखने का स्पष्ट निर्देश दे रखा है। उनसे प्रत्येक क्रय केन्द्र का प्रत्येक सप्ताह एक बार स्थलीय निरीक्षण करने की अपेक्षा की गई है। प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को गेहूॅ क्रय के पर्यवेक्षण के लिए जनपद आवंटित कर दिए गए है।

समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक स्तर को ऊॅचा उठाने हेतु कृतसंकल्प है। प्रदेश में 165Û93 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कई वर्ष से उर्वरक की कमी का संकट झेल रहे किसानों को प्रथम बार शासन द्वारा प्रचुर मात्रा में यूरिया, डीएपी एवं एनपीके की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। इससे प्रदेश में कृषि उत्पादन में पर्याप्त विकास की सम्भावनाएं बढ़ी है और किसानों की आय बढ़ने की उम्मीदें भी परवान चढ़ी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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श्री मान सिंह तथा श्री भूपेन्द्र ंिसंह निष्कासित

Posted on 08 May 2013 by admin

07.05.2013

लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र श्री मान सिंह तथा श्री भूपेन्द्र ंिसंह जनपद लखनऊ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने तथा अनुशासनहीन आचरण के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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11 जिलों के किसान मोर्चा जिलाध्यक्षों का मनोनयन

Posted on 08 May 2013 by admin

07 मई 2013 भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय पाल सिंह तोमर ने भाजपा के जिलाध्यक्षों की संस्तुति के आधार पर उ0प्र0 के निम्न-लिखित 11 जिलों के किसान मोर्चा जिलाध्यक्षों का मनोनयन किया हैः-

क्रमांक जिला जिलाध्यक्ष का नाम

1 अमेठी श्री महेन्द्र सिंह

2 सुल्तानपुर श्री प्रदीप सिंह

3 लखनऊ महानगर श्री अशोक तिवारी

4 मुरादाबाद श्री किशनपाल सिंह लोधी

5 मुरादाबाद महानगर श्री कुलदीप विश्नोई

6 बिजनौर श्री धीर सिंह

7 बागपत श्री शरद तोमर

8 मेरठ श्री योगेश त्यागी

9 बरेली श्री रामपाल गंगवार

10 कासगंज डा0 खूबसिंह लोधी

11 बुलन्दशहर श्री मदन लोधी

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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प्रदेश में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का बुरा हाल।

Posted on 08 May 2013 by admin

edited-shri_vijay_bhadur_pathak_207 मई 2013 भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि केन्द्र-राज्य के रिश्तों के कारण उ0प्र0 को विकास का पहिया थम गया है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपने समर्थन की बैशाखी पर भ्रष्ट यूपीए सरकार को चला रही राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी आखिर उ0प्र0 के विकास के लिए केन्द्रांश क्यों नही ले पा रही है। प्रदेश में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का बुरा हाल है।

पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से चर्चा में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि केन्द्र की बहुप्रचारित मनरेगा का हाल उ0प्र0 में बदतर है। ज्यादातर जनपदों में मनरेगा के तहत काम नही हो रहा है। जहां काम हुए वहां भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण जांच चल रही है। लगभगद दो दर्जन जिलों में मनरेगा के तहत हुए कामों की जांच चल रही है। मनरेगा में हुए गड़बडियों को लेकर आधिकारी निलंम्बित हुए बहाल भी हो गये पर योजना सुचारू रूप से गति नही पकड़ सकी। पिछले वर्ष इस योजना के 8,764 करोड़ रूपये में से 40 प्रतिशत से अधिक की धनराशी नही खर्च हो पायी। अब उ0प्र0 में लालफिताशाही का शिकार मनरेगा योजना ठप सी पड़ गयी है। प्रत्येक ग्राम सभा में आर्दश तालाब बनाने की योजना बनी पर उसमें पानी कहा से आयेगा इसका योजना में उल्लेख ही नही। नतीजा भ्रष्टाचार का पर्याय बनी इस योजना से तलाब तो खुदे पर, पानी नदारद रहा। कई-कई जनपदों में तो इस योजना के तहत आवंटित धनराशी का दुरूपयोग करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी विलासिता और सुख सुविधा के समानों पर भारी रकम खर्ज कर दी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ढुल-मुल रवैये और भ्रष्टाचार के कारण मनरेगा के तहत हुए खर्चे का उपयोगिता प्रमाण पत्र जनपदों से आ नही आ पाने के कारण केन्द्र ने नई धनराशि जारी करने में असर्मथता व्यक्त कर रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की लापरवाही का खामियाजा गरीब बेरोजगार क्यों भुगते? खर्च धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना और नई धनराशि जारी करना सरकारी तंत्र का काम है लेकिन सरकारी तंत्र के बीच समंजस्य की कमी के कारण उत्तर प्रदेश के गरीब मजदूरों को अन्य राज्यों की तरह योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। सरकारी तंत्र के कागजी खेल में फसे आम आदमी का क्या दोष?

श्री पाठक ने कहा कि केन्द्र पोषित अन्य योजनाओं का भी उत्तर प्रदेश में बुरा हाल है। बुन्देलखण्ड के विकास के नाम पर हजारों करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा होती है लेकिन आज भी बुन्देलखण्ड में किसान आत्महत्या को मजबूर है। पीने के पानी का संकट बलवती होता जा रहा है। नदियां अवैध खनन के कारण सूख रही है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिए खर्च होने वाली राशि की बन्दरबाट जारी है। बुन्देलखण्ड से केन्द्रीय मंत्री केन्द्र के पैसे का ठीक से खर्च न करने का आरोप लगाते है और बुन्देलखण्ड में विकास प्रभावित होने की तोहमत राज्य सरकार पर मढ़ते है। वहीं राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं का पैसा न मिलने की बात करती है। दोनों सरकारों के आरोप प्रत्यारोप के बीच पीस तो आम जन जा रहा है।

श्री पाठक ने सपा सुप्रीमों से सवाल किया कि जब केन्द्र मंे उनके समर्थन से चल रही यूपीए सरकार अन्य राज्यों में विकास की गति को तेज करने के लिए पैकेज दे सकती, अतिरिक्त धनराशी जारी कर रही है तो फिर उत्तर प्रदेश के विकास के लिए केन्द्र धनराशि क्यों नही जारी कर रहा है? क्या समाजवादी पार्टी और उसके नेता केन्द्र की यूपीए सरकार के सर्मथन की एवज में केवल सीबीआई से खुद को बचाने में ही लगे रहेंगे या प्रदेश के समग्र विकास पर भी ध्यान देंगे?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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प्रदेश के आलू किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए आलू की खेती के समग्र विकास हेतु उत्तर प्रदेश आलू विकास नीति-2013 बनाई जाए: मुख्य सचिव प्रदेश में बीज एवं खाने के आलू का समुचित भण्डारण सुनिश्चित कराते हुए प्रदेश के बाहर आलू के विपणन एवं निर्यात हेतु बाजार विकास को प्रोत्साहित कराया जाएगाः जावेद उस्मानी आलू उत्पादन की नवीन तकनीकों के प्रदर्शन के माध्यम से हस्तांतरण हेतु आलू उत्पादन बाहुल्य क्षेत्र में सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस फाॅर पोटैटो की स्थापना कराई जाएगी: मुख्य सचिव प्रदेश में आलू आधारित प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु आलू उत्पादक बाहुल्य क्षेत्र में आलू की प्रसंस्करण योग्य बीज उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को राज्य सेक्टर से लागत का 20 प्रतिशत अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त अनुदान सुलभ कराया जाएगा: जावेद उस्मानी

Posted on 08 May 2013 by admin

06 मई, 2013

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि प्रदेश के आलू किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए आलू की खेती के समग्र विकास हेतु नीति निर्धारित करते हुए उत्तर प्रदेश आलू विकास नीति-2013 बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति के अन्तर्गत आलू की खेती के लिए गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन कराना एवं प्रोत्साहित कराना तथा आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीज एवं खाने के आलू का समुचित भण्डारण सुनिश्चित कराते हुए प्रदेश के बाहर आलू के विपणन एवं निर्यात हेतु बाजार विकास को प्रोत्साहित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आलू आधारित प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित कराने के साथ-साथ उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों को किसानों तक पहंुचाने के लिए तकनीकी हस्तांतरण एवं दक्षता विकास कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादन की नवीन तकनीकों के प्रदर्शन के माध्यम से हस्तांतरण हेतु आलू उत्पादन बाहुल्य क्षेत्र में सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस फाॅर पोटैटो की स्थापना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आलू आधारित प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु आलू उत्पादक बाहुल्य क्षेत्र में आलू की प्रसंस्करण योग्य बीज उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को राज्य सेक्टर से लागत का 20 प्रतिशत अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त अनुदान सुलभ कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत निजी क्षेत्र में प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु इकाई लागत का 50 प्रतिशत अथवा 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर जो कम हो, अनुदान स्वीकृत कराया जाएगा। नवीनतम तकनीकी के बहुउद्देशीय एवं बहुकक्षीय शीतगृहों की स्थापना के लिए भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत अधिकतम 120 लाख रुपये का अनुदान सुलभ कराया जाएगा।

मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उ0प्र0आलू विकास नीति-2013 बनाने के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी वर्षों में आलू के अन्तर्गत क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि की प्रवृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय आवश्यकता के आधार पर नवीनतम तकनीक के बहुउद्देशीय एवं बहुकक्षीय शीत गृहों की स्थापना को प्रोत्साहित कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं देश के बाहर आलू विपणन एवं निर्यात हेतु ढांचागत सुविधाओं के विकास, कृषकों एवं निर्यातकों को प्रशिक्षण, परिवहन भाड़े पर अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों को किसानांे तक पहुंचाने के लिए एकीकृत एवं सामयिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन भी कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आलू खुदाई के उपरांत उ0प्र0बीज प्रमाणीकरण संस्था के तकनीकी मार्गदर्शन में ग्रेडिंग, पैकिंग तथा टैगिंग कराकर बीज को राजकीय शीतगृहों में भण्डारित कराया जाएगा, जिसे अग्रेतर चयनित किसान समूहों एवं प्रगतिशील किसानों को बीज उत्पादन हेतु उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि आलू बीज उत्पादक किसान समूहों एवं प्रगतिशील किसानों को उपलब्ध कराए गए आलू के आधारित प्रथम बीज के बाद अग्रिम श्रेणियांे - आधारित द्वितीय, प्रमाणित प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के बीजों के सम्बर्द्धन हेतु बीज उत्पादन कार्यक्रम का राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित कराये जाने की व्यवस्था की जाएगी।

श्री उस्मानी ने कहा कि आलू बाहूल्य उत्पादक क्षेत्रों में आलू की प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित किए जाने हेतु आलू की प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों के बीज उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आलू बाहुल्य उत्पादक क्षेत्रों में आलू की प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित किए जाने हेतु आलू की प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों के बीज उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आलू बीज उत्पादन में श्रम लागत को कम करने तथा आटोमेशन को बढ़ावा देने तथा प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल से गुणवत्तायुक्त अधिक उत्पादन करने हेतु मशीनीकरण तथा सिंचाई की स्प्रिंकलर पद्धति को प्रोत्साहित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आलू बीज उत्पादन हेतु इच्छुक किसानांे से आवेदन आमंत्रित कराए जाएंगे तथा क्षमता सिंचाई सुविधा आदि के आधार पर चयनित किसानों का आलू बीज उत्पादन हेतु पंजीयन कराया जाएगा। समूह के किसानों को आलू बीज रोटेशन के आधार पर प्राप्त होगा, जिससे अन्य किसानों को भी आगामी वर्षों में गुणवत्तापूर्ण आधारित आलू बीज प्राप्त हो सके। बीज उत्पादन हेतु चयनित किसानों में से अन्तिम चयन प्रथम आवक प्रथम पावक के आधार पर आधारित प्रथम से प्रमाणित श्रेणी तक किया जाएगा।

नीति के अन्तर्गत प्राविधानों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त तथा सदस्य सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव होंगे। मण्डल स्तर पर आलू नीति का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में तथा जनपद स्तर पर क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी, जिसमें मण्डल स्तर पर मण्डलीय अधिकारियों के साथ-साथ मण्डलायुक्त द्वारा नामित तीन आलू उत्पादक, भण्डारकर्ता, प्रसंस्करणकर्ता तथा जनपद स्तर पर जनपदीय अधिकारियों के साथ-साथ जिलाधिकारी द्वारा नामित तीन आलू उत्पादक, भण्डारकर्ता, प्रसंस्करणकर्ता सदस्य के रूप में सदस्य होंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित आधारित/प्रमाणित आलू बीज को जिला स्तर पर जनपदीय उद्यान अधिकारियांे द्वारा चिन्हित निजी शीतगृहों में ही सम्बन्धित संस्थाओं द्वारा अनुबन्ध कर भण्डारित कराया जाएगा, जिससे इस बीज का सदुपयोग आगामी वर्षों में बीज के रूप में ही किया जा सके। उन्होंने कहा कि भण्डारित आलू बीज का समय-समय पर निरीक्षण कर गुणवत्ता भी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में उत्पादित प्रमाणित प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के बीज को भी उक्त चिन्हित शीतगृहों में ही भण्डारित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने की राज्य सरकार की नीति के दृष्टिगत आलू की प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों की प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु आलू की प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों के उत्पादन के लिए किसानों एवं प्रसंस्करणकर्ताओं के मध्य सहभागिता कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों में कृषि, सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में बुवाई से पूर्व उर्वरकों, विशेषकर फाॅस्फेटिक एवं पोटैसिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी, जिन क्षेत्रों में औद्यानिक उत्पादन एवं विपणन सहकारी समितियां कार्यरत हैं, उन्हें प्राथमिकता पर उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों में आलू उत्पादक किसानों को उत्पादन सम्बन्धी जानकारी सुलभ कराने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी एवं ग्राह्य बनाने के उद्देश्य से जनपद, विकास खण्ड एवं आवश्यकतानुसार संहत क्षेत्रों में ग्राम्य स्तर पर इनका आयोजन कराया जाएगा।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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