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प्रदेश में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का बुरा हाल।

Posted on 08 May 2013 by admin

edited-shri_vijay_bhadur_pathak_207 मई 2013 भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि केन्द्र-राज्य के रिश्तों के कारण उ0प्र0 को विकास का पहिया थम गया है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपने समर्थन की बैशाखी पर भ्रष्ट यूपीए सरकार को चला रही राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी आखिर उ0प्र0 के विकास के लिए केन्द्रांश क्यों नही ले पा रही है। प्रदेश में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का बुरा हाल है।

पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से चर्चा में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि केन्द्र की बहुप्रचारित मनरेगा का हाल उ0प्र0 में बदतर है। ज्यादातर जनपदों में मनरेगा के तहत काम नही हो रहा है। जहां काम हुए वहां भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण जांच चल रही है। लगभगद दो दर्जन जिलों में मनरेगा के तहत हुए कामों की जांच चल रही है। मनरेगा में हुए गड़बडियों को लेकर आधिकारी निलंम्बित हुए बहाल भी हो गये पर योजना सुचारू रूप से गति नही पकड़ सकी। पिछले वर्ष इस योजना के 8,764 करोड़ रूपये में से 40 प्रतिशत से अधिक की धनराशी नही खर्च हो पायी। अब उ0प्र0 में लालफिताशाही का शिकार मनरेगा योजना ठप सी पड़ गयी है। प्रत्येक ग्राम सभा में आर्दश तालाब बनाने की योजना बनी पर उसमें पानी कहा से आयेगा इसका योजना में उल्लेख ही नही। नतीजा भ्रष्टाचार का पर्याय बनी इस योजना से तलाब तो खुदे पर, पानी नदारद रहा। कई-कई जनपदों में तो इस योजना के तहत आवंटित धनराशी का दुरूपयोग करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी विलासिता और सुख सुविधा के समानों पर भारी रकम खर्ज कर दी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ढुल-मुल रवैये और भ्रष्टाचार के कारण मनरेगा के तहत हुए खर्चे का उपयोगिता प्रमाण पत्र जनपदों से आ नही आ पाने के कारण केन्द्र ने नई धनराशि जारी करने में असर्मथता व्यक्त कर रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की लापरवाही का खामियाजा गरीब बेरोजगार क्यों भुगते? खर्च धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना और नई धनराशि जारी करना सरकारी तंत्र का काम है लेकिन सरकारी तंत्र के बीच समंजस्य की कमी के कारण उत्तर प्रदेश के गरीब मजदूरों को अन्य राज्यों की तरह योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। सरकारी तंत्र के कागजी खेल में फसे आम आदमी का क्या दोष?

श्री पाठक ने कहा कि केन्द्र पोषित अन्य योजनाओं का भी उत्तर प्रदेश में बुरा हाल है। बुन्देलखण्ड के विकास के नाम पर हजारों करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा होती है लेकिन आज भी बुन्देलखण्ड में किसान आत्महत्या को मजबूर है। पीने के पानी का संकट बलवती होता जा रहा है। नदियां अवैध खनन के कारण सूख रही है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिए खर्च होने वाली राशि की बन्दरबाट जारी है। बुन्देलखण्ड से केन्द्रीय मंत्री केन्द्र के पैसे का ठीक से खर्च न करने का आरोप लगाते है और बुन्देलखण्ड में विकास प्रभावित होने की तोहमत राज्य सरकार पर मढ़ते है। वहीं राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं का पैसा न मिलने की बात करती है। दोनों सरकारों के आरोप प्रत्यारोप के बीच पीस तो आम जन जा रहा है।

श्री पाठक ने सपा सुप्रीमों से सवाल किया कि जब केन्द्र मंे उनके समर्थन से चल रही यूपीए सरकार अन्य राज्यों में विकास की गति को तेज करने के लिए पैकेज दे सकती, अतिरिक्त धनराशी जारी कर रही है तो फिर उत्तर प्रदेश के विकास के लिए केन्द्र धनराशि क्यों नही जारी कर रहा है? क्या समाजवादी पार्टी और उसके नेता केन्द्र की यूपीए सरकार के सर्मथन की एवज में केवल सीबीआई से खुद को बचाने में ही लगे रहेंगे या प्रदेश के समग्र विकास पर भी ध्यान देंगे?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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