ऽ मामला विकास खण्ड भदैंया के गांव मुरारपुर का
अम्बेडकर गावांे के विकास मंे सामने आने वाले आकड़े झूठें है और दावा किताबी है। जिले के अम्बेडकर गावों की तस्बीर पर सटीक बैठ रही है। अम्बेडकर गावों के विकास के लिये मायावती सरकार ने अरबो रूपये के बजट दिये, अम्बेडकर गावों को पूर्ण संतृप्त करने की गरज से ही मायावती सरकार ने उन अम्बेड़कर गावों को चयनित किया जो 1995 में पहली बार मायावती सरकार बनने पर चयनित हुये थे। वैसे तो जिले मंे 19 अम्बेड़कर गावं है जिसमें से विकास खण्ड़ भदैंया के अन्तर्गत अम्बेड़कर गावं मुरारपुर है।
गौरतलब हो कि अम्बेड़कर गावं मुरारपुर में 53 महामाया आवास , 44 इन्दिरा आवास, ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा से निर्मित आर.सी.सी. सड़क तथा लो.नि.विभाग के खण्ड 3 द्वारा बनाया गया सम्पर्क मार्ग है। कहने को यह सब बन गया है सरकारी फाइलों मे अम्बेड़कर गावं मुरारपुर संतृप्त हो गया है। परन्तु अम्बेड़कर गावं मुरारपुर मौजूदा रिकार्ड के मुताबिक 4 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी उजड़ा-उजड़ा है। यहां यह बताना समीचीन होगा कि अम्बेडकर गावं मुरारपुर वर्ष 1995 में पहली बार अम्बेडकर गाव के रूप मे चयनित हुआ था, उस समय भी पूर्ण विकास का दावा किया गया था। अम्बेडकर गावं मुरारपुर के ग्राम पंचायत प्रधान रबीन्द्र यादव ने बताया कि मेरी ग्राम पंचायत में विना तारकेाल के पक्का सम्पर्क मार्ग बना दिया गया जो हनुमानगंज,सम्भूगंज मार्ग से 500 मीटर बनना था। विना तारकेाल, विना पूरी गिट्टी डाले उसी गांव के ग्रामीण बसन्त लाल, पूरनचन्द्र, रामू, दयाराम, संभालू आदि ने बताया कि यह सम्पर्क मार्ग इसके पहले क्षेत्र पंचायत भदैंया से 800 मीटर बन चुका था। ठेकेदार ने उसी पर कुछ बडी गिट्टी ड़ालकर बिना रोलर से दबाए पुनः छोटी गिटटी डालकर सम्पर्क मार्ग बना दिया। उन ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत अधिकारियों से की गयी थी् ! सी.डी.ओ को भी लिखा था कि ठेकेदार विना तारकेाल की पक्की सड़क बना कर फरार हो गया। उस पर सी0डी0ओ0 सुनील कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हम अधिकारियों की टीम जांच में भेज रहे है। परन्तु आज तक जांच नही हुई,सी.डी.ओ सुनील कुमार श्रीवास्तव को बार-बार शिकायत करने के बाद कुछ कमी आये और उस सड़क पर कहीं कहीं ‘‘ चकती,, तारकेाल लगाकर चले गये सम्पर्क मार्ग टूट चुका है।
ग्रामीणों ने बताया कि पूरे गांव मंे बालू के रेते से आर.सी.सी. सड़क बन रही है। इन्दिरा आवास एंव शौंचालय मंे दरवाजे तक नही लगे है ! के.सी.ड्रेन अधूरी है। पूरे गांव में बालू से बनी नालियां टूट गयी है। गन्दगी का तो पूछों मत ! पूरा गांव गन्दगी से भरा पडा है। यह पूछनें पर कि क्या सफाई कर्मी नही आते ? इस पर ग्रामीणो ने कहा कि सफाई कर्मी कभी कभार दिखाई तो देते है परन्तु प्रधान से मिलकर चले जाते है। गांव मंे इन्दिरा आवास, महामाया आवास, अधिकारियेां-कर्मचारियांे की भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। कई इन्दिरा आवास एंव महामाया आवासों के छत तक नही पडी है। इसी गांव के दलित राजेश पुत्र मोती व राम मिलन का शौंचालय आज तक नही बना। दलित रामसुख धोबी पुत्र मोती, फक्कड,रंजीत, पुत्र मनोहर, शेखर, बग्गड़, जयपाल बनमनसा, इन सभी दलितों के आवासों पर छत नही लग पायी है। कारण पूछंने पर इन ग्रामणों ने कहा कि क्या करें आवास के लिये मिले रूपया में आधी रकम तो ब्लाक वाले ले लिये ….. साहब छत कैसे पडेगी ? शौंचालय ऐसे बने है कि कोई भी उस शौंचालय मे शौंच के लिये नही जा सकता। शौंचालय के लिये गढ़ढा सिर्फ एक फिट खोदा गया है जिस पर शौंचालय की सीट बैठा दी गयी है। सडे ईटों से शौंचालयों का निर्माण मात्र 200 ईंट या फिर 300 ईटों कर दिया गया है। ऊपर से इन शौंचालयों में दरवाजे एक भी नही लगे है। अव्वल तो इन शौचालयों पर छत नही पड़ी है टीन सेट लगा दिया गया है। दरवाजे के नाम पर जूट का बोरा परदा कर दिया गया है। अम्बेड़कर गावं मुरारपुर मंे हुये भ्रष्टाचार खेल के बारे में सी.डी.ओ. सुनील कुमार श्रीवास्तव के मोबाइल नम्बर 9454416195 पर फोन मिलाया गया तो घण्टी बजती रही परन्तु सीडीओ ने फोन उठाना उचित नही समझा। बैरहाल कुछ भी हुआ यहां अम्बेड़कर गांव के विकास के नाम पर करोड़ो को खेल हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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