Posted on 27 October 2010 by admin
* बाबू गनपत सहाय के जन्मदिन पर महाविद्यालय में आयोजित समारोह में समानित की गई छात्राएं
स्वातन्त्र सेनानी व जिले के युगपुरूष बाबू गनपत सहाय का जन्मदिन गनपत सहाय Fातकोत्तर महाविद्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुय अतिथि अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के अगुआ व पीटीआई भाषा के पूर्व सपादक डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने कहा कि आज हम ऐसे मनीषी का जन्मदिन मना रहे हैं जो शिक्षा को महत्व दिया। जिस जनपद में ऐसे महापुरूष का जन्म हुआ वह जनपद धन्य है। बाबू गनपत सहाय एक राजनैतिक व्यक्ति होते हुए भी उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया। बच्चों को शिक्षित कर दिया जाय तो 80 प्रतिशत मानवीय विकार दूर हो जाते हैं।
डॉ. वैदिक ने बताया कि आज इरान जैसे छोटे देश में 99 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं, जो कभी भारत का एक हिस्सा रहा है। शिक्षा पशु को मनुष्य बना देता है। शिक्षा का महत्व बाबू गनपत सहाय ने समझा और उन्होंने शिक्षण संस्था को स्थापित किया। बाबू गनपत सहाय के नाम स्थापित महाविद्यालय से शिक्षित होकर लोग आज बाहर विदेशों में भी उनके नाम को अमर कर रहे हैं। यह अपने में अनुकरणीय है। मैं समझता हूं कि जो काम बाबू गनपत सहाय जी कर गये वह शायद ही किसी व्यक्ति ने किया हो।
उन्होंने कहा कि मुझे मालुम हुआ कि बाबू गनपत सहाय जी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के जानेमाने प्रत्याशी के.सी. पन्त को पराजित किया था। ऐसे महानपुरूष की जयन्ती दिल्ली में मनाया जाना चाहिए ताकि देश के लोग भी इनके व्यक्तित्व के बारे में परिचित हो सकें। बाबू गनपत सहाय एक कायस्थ परिवार में जन्म लेने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया जब कि यह कार्य ब्राह्मण वर्ग का था। उन्होंने यह कार्य कर जाति के वगीüकरण को तोड़ा है। आज जाति के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है। आज गुणवत्ता, चरित्र, विद्वानों का हिन्दुस्तान होना चाहिए। अपनी जाति में केवल लिखाये हिन्दुस्तानी।
इस मौके पर महाविद्यालय के अध्यक्ष यदुनाथ प्रसाद श्रीवास्तव ने बाबू गनपत सहाय के जीवन पर प्रकाश डाला। विद्यालय के अवकाश प्राप्त प्राध्यापक डॉ. दुगाüदत्त पाण्डेय ने मुय अतिथि डॉ. वेद प्रताप वैदिक प्रति एक समान पत्र पढ़ा। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रताप बहादुर सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर विद्यालय के वयोवृद्ध प्रबन्धक कर्मयोगी पं. राम किशोर त्रिपाठी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरविन्द चतुवेüदी ने किया। इस अवसर पर मुय अतिथि ने प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होनी वाली छात्राओं को प्रमाणपत्र व मेडल देकर समानित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 27 October 2010 by admin
अंग्रेजी की अनिवार्यता को बिना समाप्त किये देश में सर्वशिक्षा अभियान अधूरा
जातिगत आधार पर सही जनगणना भारत में सभव नहीं। उच्च न्यायालय ने भी आर्थिक आधार पर पिछडे़ लोगों को आरक्षण देने की बात कही है। जनमना जाति जड़ता का प्रतीक है। शिक्षा में जाति के आधार पर नहीं बल्कि जरूरत के आधार पर आरक्षण दिया जाय। उक्त बातें पीटीआई के पूर्व सपादक व चिन्तक डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त की।
गनपत सहाय महाविद्यालय में बाबू गनपत सहाय जयन्ती में मुय अतिथि के पधारे डॉ. वैदिक ने सुलतानपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आगे कहा कि भारत में वैज्ञानिक आधार पर जाति के आधार पर जनगणना नहीं हो सकती। क्योंकि एक जिले में 2 लोग सूद्र हैं, दूसरे जिले में यही लोग अपने को वैश्य बताते हैं तो तीसरे जिले में उन्हीं के वंशज अपने को राजपूत कहलाते हैं। एक प्रान्त में जो लोग ब्राह्मणों की तरह जाने जाते हैं, वहीं दूसरे जगह सूद्र हैं। एक ही जाति में रोटी और बेटी का व्यवहार नहीं है। जाति व्यवस्था का प्राण है ऊंच-नीच का भाव। मैं ऊंचा और तू नींचा, इसके बिना जाति व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती। इसीलिए जे.एच. हट्टन ने का है कि जाति जनगणना कभी भी वैज्ञानिक ढंग से नहीं हो सकती। जनगणना पर 40 अरब रूपया खर्च किया जा रहा है। यह सब राजनेताओं का खेल है। नेता लोग अन्दर से यह समर्थन करते हैं कि जातिगत आधार पर जनगणना न हो किन्तु वोट की राजनीति के आगे वह मजबूर हैं। जाति के आधार पर वोट मांगे और योग्यता को नज़रअन्दाज किया गया तो इसका विरोध होगा। समाज में प्रेम बढ़े यह मैं चाहता हंू। यह तभी होगा जब देश से जातिवाद का उन्मूलन हो।
डॉ. वैदिक से अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं अंग्रेजी की अनिवार्यता हटाये बिना सर्वशिक्षा अçायान बिलकुल विफल हो जायेगा। किसी भी विदेशी भाषा को बच्चों पर थोपने वाली सरकार यदि सर्वशिक्षा की बात कहती है, तो इससे बड़ी पाखण्ड क्या होगा। जिस देश में बीस करोड़ बच्चे प्राथमिक शालाओं में भतीü होते हैं और उनमें से साढ़े उन्नीस करोड़ बच्चे अंग्रेजी के कारण बीए तक नहीं पहुंच पाते। उस देश में सर्वशिक्षा कैसे हो सकती है। किसी विषय में अगर बच्चे सबसे अधिक फेल होते हैं तो वह अंग्रेजी है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी का रट्टा लगाने में उनकी ताकत सबसे अधिक खर्च होती है। उनमें हीनता का भाव भी पनपता है। अंग्रेजी की अनिवार्यता के कारण गरीबों व वंचितों के बच्चे आगे नहीं बढ़ पाते। इसीलिए देश में चल रही अंग्रेजी की अनिवार्य शिक्षा पर पूर्ण प्रतिबन्ध होना चाहिए। प्रत्येक विषय की पढ़ाई उच्चतम स्तर तक मातृ भाषा के माध्यम से होनी चाहिए। डॉ. वैदिक ने आगे कहा कि मैं विदेशी भाषाओं के पढ़ने-पढ़ाने का विरोधी नहीं हूं। मैं स्वयं विदेशी भाषाओं का जानकार हूं और उसका प्रयोग भी करता हंू। विदेशी ज्ञान विज्ञान का लाभ उठाने के लिए विदेशी भाषाओं का जमकर प्रयोग होना चाहिए, किन्तु छात्रों पर अनिवार्य रूप से थोपना वैसे ही है जैसे हिरन की पीठ पर घास लादना। हिन्दुस्तान की सरकारें व नेतागण इस मुद्दे पर बिलकुल मौन हैं। दुभाüग्य है इस मुद्दे पर उनका ध्यान ही नहीं जाता है। इस विषय पर देश में जबरदस्त आन्दोलन चलना चाहिए। अंग्रेजी की अनिवार्यता एक प्रकार का निष्कृष्ट जातिवाद है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 October 2010 by admin
• कानूनगो रामकुमार यादव की पत्नी मझवारा से है प्रधान पद की उम्मीदवार
• पर्चा न उठाने पर मिल रही थी हत्या की धमकी
जिले के इसौली विधान सभा सीट से बसपा विधायक चन्द्र भद्र सिंह उर्फ सोनू एवं उनके भाई धनपतगंज ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सहित नौ लोगों के विरूद्ध फैजाबाद जनपद की बीकापुर कोतवाली में अपहरण, हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया है। बीकापुर में कानूनगो के पद पर पदस्थ विधायक सोनू सिंह के गांव मांयग से सटे गांव मझवारा निवासी रामकुमार यादव की पत्नी कमला यादव प्रधान पद की उम्म्ीदवार हैं। आरोप है कि विधायक के गुर्गो ने उसे नाम वापस लेने के लिए धमकाया था और उसके पति की हत्या कर देने की चेतावनी दी थी। शव मिलने के बाद आक्रोिशत सैकड़ो लोगो ने सेमरौना के पास कुड़ेभार-हलियापुर मार्ग अवरूद्ध कर बुलेरो व मोटर साईकिल फूंक दी। घटना की संवेदनशीलता देखते हुए क्षेत्र में कई थानो की पुलिस और पी.ए.सी. के जवान तैनात कर दिये गये हैं।
बताते चले कि बीकापुर में कानूनगो के पद पर पदस्थ रामकुमार यादव निवासी मझवारा की पत्नी कमला यादव प्रधानी चुनाव में प्रत्याशी थी। बीती शाम निर्वाचन ड्यूटी से घर लौटते समय दिक्खनवारा गांव के पास सफारी सवार हथियार बन्द बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया। मंगलवार की सुबह समरौना गांव के पास रामकुमार यादव का शव मिला। हत्या की सूचना पाकर हजारोे ग्रामीण सड़क पर उतर आये और कुड़ेभार-हलियापुर मार्ग अवरूद्ध कर दिया। आक्रोिशत लोगों ने बुलेरो जीप व एक मोटर साईकिल आग के हवाले कर दी। खबर पाकर डीएम डा0 पिंकी जोवेल, पुलिस अधीक्षक ए.के.राघव समेन्त कई थानो की पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई और स्थिति को काबू किया। गुस्साये लोगो का कहना था कि कमला यादव का नाम वापस लेने के लिए विधायक के गुर्गे धमकी दे रहे थे, ऐसा न होने पर रामकुमार यादव की हत्या कर दी गई। फिलहाल क्षेत्र में मातमी सन्नाटा पसरा हुंआ है। विधायक और उनके भाई की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है। विधायक और उनके भाई सन्त ज्ञानेश्वर हत्या काण्ड से गतमाह बरी हुए थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 October 2010 by admin
पंचायत के दौरान प्रधान और उनके समर्थको ने कुल्हाड़ी से वार कर युवक को लहुलुहान कर दिया। विरोध में सैकड़ो गमीणो ने बंधुआकला चौकी का घेराव कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। फिलहाल अभी तक मामले की रपट अभी तक नहीं दर्ज हो सकी है।
कुड़वार थाना क्षेत्र के शहाबागंज बाजार के पास कुंजड़ा विरादरी की पंचायत चल रही थी बात बढ़ने पर जूड़ूपुर ग्राम प्रधान सिद्दीक डॉक्टर पर टूट पड़े। आरोप है कि इन लोगो ने कुल्हाड़ी व ईट, पत्थर से प्रहार कर डॉक्टर को गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना की खबर पाते ही ग्रामीण आक्रोिशत हो उठे, बन्धुआकला चौकी पहुंच कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। चौकी प्रभारी की सूझ बूझ से मामला शान्त हो सका।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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