समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि वाराणसी में हिन्दू विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ गुरूवार की रात में हुई छेड़खानी की घटना पर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और स्थानीय प्रशासन ने पूरी तरह संवेदनहीन रवैया अपनाया है। छात्राओं के आक्रोश की अनदेखी हुई और प्रधानमंत्री जी के वाराणसी में रहते हुए बेटियों पर जिस बेदर्दी से लाठियां बरसी इससे भाजपा की संकीर्ण महिला विरोधी मानसिकता झलकती है।
सरकार ने अब तक विश्वविद्यालय में शांति स्थापना का कोई कदम नहीं उठाया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेष यादव ने ठीक ही कहा है कि बल से नहीं बातचीत से समस्या का हल निकाला जाना चहिए। छात्र-छात्राओं पर लाठी चार्ज निंदनीय है और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर द्वारा विश्वविद्यालय को छावनी में तब्दील करने से स्थिति सुधरने वाली नहीं। जन प्रतिनिधियों को कैम्पस में जाने और छात्राओं से मिलने से रोकना स्थिति को बिगाड़ने वाला है और यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
विश्वविद्यालय क्षेत्र में अराजकता की स्थिति के लिए वहां वाइस चांसलर पूरी तरह जिम्मेदार हैं जिन्होंने छात्राओं की सुरक्षा दिए जाने की मांग सुनना भी गंवारा नहीं किया। उल्टे उन पर उनके सुरक्षा गार्डों ने बेदर्दी से लाठियां भांजी जिसमें कई छात्राएं घायल हुई। इसके साथ ही पुलिस की छावनी बनाकर विश्वविद्यालय के हास्टल खाली कराने का भी तुगलकी फरमान जारी हो गया हैं। शनिवार की रात को बर्बरता की हद हो गई जब शांति मार्च निकाल रहे छात्र-छात्राओं को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। इसमें कुछ पत्रकार भी पुलिस की लाठियों के शिकार बने हैं।
वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय में जो हो रहा है वह भाजपा की जन विरोधी नीतियों का ही प्रदर्शन है। विश्वविद्यालयों की स्वायŸाता उनको चुभती हैं इसलिए जेएनयू से लेकर देश के कई विश्वविद्यालयों में जानबूझकर एक साजिश के तहत शैक्षिक माहौल को प्रदूषित किया जा रहा है। जहां नौजवान अपनी आवाज उठाते हैं उन्हें कुचलने के लिए लाठी-गोली का सहारा लिया जाता है। पाठ्यक्रम में आरएसएस की दृष्टि से बदलाव किया जा रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री जी अपने मन की बात तो जब तब थोपते रहते हैं परन्तु उन्हें दो मिनट युवाओं की बात सुनने की फुर्सत नहीं होती हैं। वाराणसी में उनकी उपस्थिति के बावजूद उनका यही रवैया बना रहा ।