जनता को कम कागजी औपचारिकताओं में मिलेगा 7 दिन के अन्दर संयोजन
नये विद्युत संयोजनों को त्वरित गति से निर्गत किये जाने हेतु ‘‘सुगम संयोजन योजना’’ आज से षुरू
घरेलू कनेक्षन हेतु इस्टीमेट की प्रणाली समाप्त
उत्तर प्रदेष सरकार 24ग्7 पावर फार आॅल के लक्ष्य के प्रति समर्पित है। इसी उद्ेष्य के तहत प्रदेष के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्य नाथ के निर्देष पर प्रदेष की जनता के हित में एक बड़ा और एतिहासिक फैसला लिया गया है। अब 5 किलो वाट तक के विद्युत संयोजन के लिये उपभोक्ताओ को भटकना नहीं पडे़गा। सुगम संयोजन योजना के तहत उसे बेहद सरल ढ़ग से बिना किसी ऐस्टीमेट व 18 सरल किष्तो में संयोजन दिया जायेगा। यह योजना आज से ही लागू हो गयी है।
यह जानकारी देते हुये ऊ र्जा मंत्री श्री श्री कान्त षर्मा ने बताया है कि सुगम संयोजन की इस नयी योजना में अभी तक प्रयोग होने वाले दस्तावेजो में छूट दी गयी है। आवेदक को पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड या आधार कार्ड की अनुपस्थिति में वोटर आई0डी0 कोर्ड देना होगा इसी प्रकार स्वामित्व प्रमाण पत्र के रूप में भवन स्वामी को भवन की रजिस्ट्रिी, कब्जा प्रमाण पत्र, कुटुम्भ रजिस्टर, ग्राम प्रधान का स्वामित्व प्रमाण पत्र, विभाग का एलाॅटमेन्ट लैटर में से कोइ्र एक दस्तावेज ही देना होगा। किराये दार को परिसर के स्वामी का सहमति पत्र या किरायेदारी का प्रमाण पत्र देना होगा। साथ ही उपरोक्त किसी भी दस्तावेज के अभाव में भी संयोजन प्रीपेड मीटर लगाकर संयोजन दिया जायेगा।
5 कि0वा0 भार तक ग्रामीण एवं षहरी क्षेत्र के घरेलू बत्ती पंखा उपभोक्ताओं को नये संयोजन निर्गत करने हेतु चार्जेज किष्तों में लिये जायेंगे। 5 कि0वा0 भार तक के घरेलू बत्ती पंखा के उपभोक्ताओं से सिस्टम लोडिग चार्जेज नहीं लिये जायेगे। उत्तर प्रदेश नियामक आयोग ने भी छोटे उपभोक्ताओं को राहत देते हुये ये निर्धारित किया है कि ऐसे उपभोक्ताओं से सिस्टम लोडिंग चार्ज नहीं लिया जायेगा। उपभोक्ता को विभाग द्वारा सामान्यतया केबिल लगाकर संयोजन निर्गत किया जायेगा।
लाइन खम्भों के खर्चों में भी भारी कटौती -यदि तीन आवेदक एक साथ नये संयोजन हेतु आवेदन करते हैं तो विस्तार का खर्चा जिसमें स्थापित होने वाले पोल की कीमत भी सम्मिलित है, को विभाग द्वारा वहन किया जायेगा और आवेदकों से उक्त विस्तारीकरण का खर्च नहीं लिया जायेगा। एल0टी0 लाईन के विस्तारीकरण में आने वाला खर्च विभाग द्वारा वहन किया जायेगा। आवेदकों से उपरोक्तानुसार विस्तारीकरण का खर्च नहीं लिया जायेगा। 15 अद्द आवेदकों तक एक साथ नये संयोजन हेतु आवेदन करने की दषा में विभागीय खर्चे पर 3 उपभोक्ता प्रति खम्भे के आधार पर 5 खम्भे की एल0टी0 लाईन का विस्तार कर नये संयोजन निर्गत किये जायेंगे। उपरोक्तानुसार नये संयोजन निर्गत करने हेतु परिवर्तको की क्षमतावृद्धि एवं नये परिवर्तक बिजनेस प्लान अथवा आंतरिक संसाधानों से लगाये जायेंगे तथा आवेदकों से इसका चार्ज नहीं लिया जायेगा। स्पश्ट है कि 5 कि0वा0 के घरेलू उपभोक्ता को संयोजन के समय दिये जाने वाली एस्टीमेट की प्रणाली को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया एवं इस हेतु तन्त्र का विकास का सम्पूर्ण व्यय विभाग द्वारा किया जायेगा। ऐसे उपभोक्ताओं को सिर्फ अपने संयोजन षुल्क को किस्तों में जमा करना होगा।
जनता की सुविधा के लिये कैम्प लगाकर निर्गत किये जायेगे संयोजन-प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष पावर कारपोरेषन श्री आलोक कुमार ने बताया है कि घरेलू बत्ती पंखा के संयोजन क्षेत्रों मंे कैम्प लगाकर निर्गत किये जायेंगे। गांवो या षहर के बाहर विकसित होने वाले क्षेत्रो में नये संयोजनांे हेतु कैम्प लगाने का दिन खण्ड के अधिषासी अभियन्ता द्वारा निर्धारित किया जायेगा। प्रत्येक गाँव में दो माह में एक बार कैम्प निष्चित लगाया जायेगा। निर्धारित दिवस पर कैम्प लगाने के 02 दिन पूर्व सम्बन्धित उपकेन्द्र के अवर अभियन्ता अपने लाईन स्टाॅफ के साथ पोशित क्षेत्रों में नये संयोजन हेतु आवष्यक प्रचार प्रसार करते हुए आवेदन पत्र वितरित करेंगे जिससे कि 02 दिन में आवेदकों द्वारा आवष्यक अभिलेख तैयार कर वाॅछित धनराषि की व्यवस्था कर ली जाय।
कैम्प में मीटर एवं केबिल की उपलब्धता सुनिष्चित किये जाने का कार्य अवर अभियन्ता सुनिष्चित करेगें। कैम्प में निर्धारित तिथि पर प्रातः 9 बजे से सांय 5 बजे तक नये संयोजन देने का अभियान चलाया जायेगा। नये संयोजन के प्रभार जमा करने के तिथि से जहाँ खम्भा विद्यमान है वहाँ संयोजन 7 दिनों के भीतर एवं जहाँ खम्भे की अपेक्षा है वहाँ तीस दिन के भीतर संयोजन निर्गत किया जायेगा। उपभोक्ता से आधार नं0 व मोबाईल नं0 भी एकत्र किये जायेंगे लेकिन यह षर्त संयोजन देने में बाधा नहीं मानी जायेगी। आॅन लाइन संयोजनों को बढ़ावा दिया जायेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के अविद्युतीकृत मजरे एवं शहरी क्षेत्र की अविकसित कालोनियां उक्त व्यवस्था से आवृत्त नही होंगे, इसके लिए अलग से योजना लायी जा रही है।