Archive | April 7th, 2017

वरिष्ठ अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक हर हाल में निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश

Posted on 07 April 2017 by admin

14 अप्रैल से जिला मुख्यालयों में 24 घण्टे, तहसीलों में 20 घण्टे तथा गांवों में 18 घण्टे बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाए

आगामी 100 दिनों के अन्दर 5 लाख नए विद्युत कनेक्शन दिए जाने के कार्य को पूरा किया जाए

ट्रांसफार्मरों का रिप्लेसमेण्ट शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टों में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टों में सुनिश्चित किया जाए

विद्युत चोरी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए

पं0 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए

उत्तर प्रदेश को विद्युत आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने की दिशा में गम्भीर प्रयास किये जाने चाहिए

शहरी क्षेत्रों के लिए रूफटाॅप सोलर प्लाण्ट्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए

अतिरिक्त ऊर्जा का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की कमी की भरपायी काफी हद तक कर सकता है: मुख्यमंत्री

अतिरिक्त ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के निर्देश

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग का प्रस्तुतिकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां शास्त्री भवन में आयोजित ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक हर हाल में निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित करें, ताकि परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों को कोई दिक्कत न हो। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में भी 6 घण्टे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल से जिला मुख्यालयों में 24 घण्टे बिजली, तहसीलों में 20 घण्टे तथा गांवों में 18 घण्टे बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग के लक्ष्यों को कार्य योजना बनाकर आगामी 100 दिनों के अन्दर 5 लाख नए विद्युत कनेक्शन दिए जाने के कार्य को पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुचारु बिजली सप्लाई के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए, जिसके तहत फुंकने वाले ट्रांसफार्मरों का रिप्लेसमेण्ट शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टों में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टों में सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, विद्युत चोरी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत असेवित ग्रामों का विद्युतीकरण किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसे क्रियान्वित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए और इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति में डिमाण्ड एवं सप्लाई की कमी को बिडिंग के माध्यम से बिजली खरीदकर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हर हाल में पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति में सुधार परिलक्षित होना चाहिए।

श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को विद्युत आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने की दिशा में गम्भीर प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ाना होगा, ताकि हम वर्ष 2018 के अन्त तक विद्युत सक्षम प्रदेश बन जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसलों के ऊपर से जाने वाले हाई टेंशन तारों के कारण अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में पीड़ित किसान को उसकी फसल का मुआवजा बिना किसी देरी के तत्काल दिया जाए। जनहानि की दशा में भी मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। यदि पशु हानि हो तो भी किसान की पूरी मदद की जाए।

मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त ऊर्जा विभाग का प्रस्तुतिकरण देखते हुए कहा कि इसके माध्यम से प्रदेश में काफी बड़ी मात्रा में विद्युत उत्पादन किया जा सकता है और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में विद्युत की कमी को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के लिए रूफटाॅप सोलर प्लाण्ट्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त ऊर्जा का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत की कमी की भरपायी काफी हद तक कर सकता है। उन्होंने अधिकारियों को अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश की अतिरिक्त ऊर्जा योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

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मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित मण्डलीय उद्योग बन्धु समिति तथा जनपद स्तर पर गठित जिला स्तरीय उद्योग बन्धु समिति की बैठकें आगामी 01 सप्ताह के अन्दर अवश्य आयोजित कराकर उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाये: मुख्य सचिव

Posted on 07 April 2017 by admin

प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने हेतु उद्यमियों को नियमानुसार सुविधायें प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जायें: राहुल भटनागर

औद्योगिक समाधान दिवस का आयोजन कराकर उद्यमियों को सिंगल विण्डो सिस्टम के आधार पर विभागीय सुविधायें एवं क्लीयरेन्स प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाये: मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित मण्डलीय उद्योग बन्धु समिति तथा जनपद स्तर पर गठित जिला स्तरीय उद्योग बन्धु समिति की बैठकें आगामी 01 सप्ताह के अन्दर अवश्य आयोजित कराकर उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि मण्डलीय एवं जनपद स्तर पर उद्योग बन्धु समिति की बैठक सम्पन्न हो जाने के बाद प्रदेश स्तरीय उद्योग बन्धु समिति की बैठक आयोजित कराई जायेगी जिसमें प्रदेश के बड़े उद्यमियों को भी आमंत्रित किये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।

श्री भटनागर ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि मण्डल एवं जनपद स्तर पर विगत निर्धारित समय में सम्पन्न बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार उद्यमियों की समस्याओं के समाधान का विस्तृत विवरण भी सप्रमाण उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने का कि प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने हेतु उद्यमियों को नियमानुसार सुविधायें प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जायें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक समाधान दिवस का आयोजन कराकर उद्यमियों को सिंगल विण्डो सिस्टम के आधार पर विभागीय सुविधायें एवं क्लीयरेन्स प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाये।

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मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत किसानों से गेहूँ की पारदर्शी ढंग से त्वरित खरीद सुनिश्चित कराने हेतु गेहूँ क्रय नीति, गेहूं क्रय केन्द्र व गेहूं के समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये: मुख्य सचिव

Posted on 07 April 2017 by admin

किसानों को अपने गेहूं की उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाने हेतु मण्डियों में दिन में दो बार नीलामी के माध्यम से गेहूं की विक्री कराई जाये: राहुल भटनागर

डिपो पर ट्रकों की लाइन न लगने देने तथा सिंगल विण्डांे सिस्टम के माध्यम से गेहूँ की पावती गेहूँ सम्प्रदान के 48 घण्टे के अन्दर  क्रय एजेन्सी को उपलब्ध कराने के मुख्य सचिव ने दिये कड़े निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि रबी विपणन वर्ष 2017-18 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत किसानों से गेहूँ की पारदर्शी ढंग से त्वरित खरीद सुनिश्चित कराने हेतु गेहूँ क्रय नीति, गेहूं क्रय केन्द्र व गेहूं के समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसान बंधुओं से मधुर व्यवहार करते हुए यह सुनिश्चित कराया जाये कि क्रय केन्द्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आने पाये। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित जिला खरीद अधिकारियों को भी नियमित रूप से गेहूं क्रय भुगतान व सम्प्रदान का नियमित रूप से अनुश्रवण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित तथा लापरवाही व अनियमितता बरतने वाले कर्मियों को नियमानुसार दण्डित किये जाने की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को प्रपत्र भेज कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने गेहूं की उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाने हेतु मण्डियों में दिन में दो बार नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री कराई जाये। उन्होंने कहा कि किसी किसान का मण्डी में लाया गया गेहूं अगर नीलामी में समर्थन मूल्य से कम हो तो ऐसी स्थिति में किसान का समस्त गेहूं क्रय केन्द्र पर खरीद सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि अगर गेहूं मानक के अनुरूप न होने के कारण गेहूं क्रय केन्द्र पर खरीद न हो पाने की स्थिति पर सम्बंधित किसान का नाम व मो0 नं0 लेकर एक रजिस्टर मेनटेन कर उसमें गेहूं खरीद न होने का स्पष्ट करण अंकित किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे समस्त प्रकरणों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी एक कमेटी जिला खाद्य बिपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित करेंगे, जिसमें ,खाद्य बिपणन अधिकारी, सम्बंधित क्रय केन्द्र प्रभारी, सम्बंधित एजेंसी का जनपद स्तरीय अधिकारी, किसान, जिसका गेहूं अस्वीकृत किया गया है, जिलाधिकारी द्वारा नामित दो प्रगतिशील किसान तथा मण्डी में गेहूं अस्वीकृत होने की स्थिति पर मण्डी सचिव की सदस्य नामित होंगे। उन्होंने कहा कि गठित समिति को ऐसे प्रकरणों का निस्तारण 48 घण्टे के अन्दर करना अनिवार्य होगा।
श्री भटनागर ने कहा कि मण्डियों में गेहूँ की आवक प्रारम्भ हो जाने के फलस्वरूप सभी गेहूँ क्रय केन्द्रों को तत्काल क्रियाशील कराते हुये विभिन्न प्रचार माध्यमों से गेहूँ क्रय नीति, गेहूँ क्रय केन्द्र व गेहूँ के समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी क्रय केन्द्र पर कर्मचारी, धनराशि, बोरा, श्रमिक, कृषकों हेतु समुचित सुख-सुविधा आदि उपलब्ध हो तथा क्रय केन्द्रों पर उपलब्ध इलेक्ट्राॅनिक कांटों पर सही तुलाई हेतु कांटा-बांट बांट-माप विभाग द्वारा सत्यापित होना अनिवार्य है।
मुख्य सचिव ने क्रय केन्द्र प्रभारियों की जिम्मेदारी नियत करते हुये निर्देश दिये हैं कि क्रय केन्द्रों पर बिचैलियों का किसी प्रकार का दखल न हो तथा कृषक से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली एवं कटौती न होने पाये। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर उतराई, छनाई के मद में आने वाले खर्च का वहन कृषक द्वारा किये जाने के कारण अनुमन्य धनराशि 10 रुपये प्रति कुन्तल का समर्थन मूल्य के साथ ही कृषक के खाते में आर0टी0जी0एस0/एकाउण्टपेयी चेक के माध्यम से क्रय केन्द्रों पर कृषक के गेहूँ की आवक के दिन ही गेहूँ को तुलवाते हुय भुगतान कृषक के खाते में किया जाये। उन्होंने कहा कि गेहूँ क्रय केन्द्रों पर गेहूँ क्रय की निगरानी रखने हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों का रोस्टर तैयार कर क्रय केन्द्रों व भण्डारण डिपों का नियमित निरीक्षण कराया जाये तथा समस्त उपजिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारियों द्वारा भी गेहूं क्रय केन्द्रों तथा भण्डारण गोदामों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाये। क्रय किये गये गेहूं को सुरक्षित रखे जाने, बरसात तथा अन्य कारणों से होने वाली क्षति से बचाव हेतु प्रभावी उपाय किये जाये।
श्री भटनागर ने क्रय के सापेक्ष गेहूँ का सम्प्रदान तेजी से भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर सुनिश्चित कराने के लिये डिपो पर ट्रकों की लाइन न लगने देने तथा सिंगल विण्डांे सिस्टम के माध्यम से गेहूँ की पावती गेहूँ सम्प्रदान के 48 घण्टे के अन्दर क्रय एजेन्सी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय खाद्य निगम डिपो पर समन्वय तथा निरीक्षण हेतु एक जनपद स्तरीय अधिकारी को तैनात करने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्य सचिव ने जनपद में सड़क व रैक के माध्यम से गेहूँ के अवैध संचरण, फ्लोर मिलों आदि में गेहूँ के अवैध भण्डारण व कर अपवंचन को रोकने हेतु खाद्य विभाग, मण्डी परिषद व व्यापार कर विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाये। उन्होंने जनपद स्तर पर क्रय किये गये गेहूँ का सुरक्षित भण्डारण सुनिश्चित कराया जाये तथा जनपद स्तर पर भण्डारण स्थान की कमी की स्थिति पर खाद्य विभाग व भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों के सहयोग से अतिरिक्त भण्डारण स्थल चिन्हित कर नियमानुसार भण्डारण कराया जाये। उन्होंने ने क्रय केन्द्र प्रभारी, क्रय एजेन्सी के जनपद व मण्डल स्तरीय अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी, सम्भागीय खाद्य नियंत्रक के साथ-साथ जिला खरीद अधिकारी की जिम्मेदारी नियत कर शत-प्रतिशत गेहूँ सम्प्रदान सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।

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ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह ने की विभागीय प्रेजेन्टेशन की समीक्षा

Posted on 07 April 2017 by admin

आज यहाँ ग्राम्य विकास विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुतीकरण के सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग एवं समग्र ग्राम विकास की एक समीक्षा बैठक की गई।
साथ ही पंचायत दिवस के अवसर पर श्री सिंह ने पंचायती राज मंत्री, अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास तथा प्रमुख सचिव, पंचायती राज के साथ एक बैठक भी की, जिसमें पंचायती क्षेत्र के ग्राम पंचायत के अंतिम स्तर से विकास की रूप-रेखा निश्चित करते हुए समग्र रूप से कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास श्री दीपक त्रिवेदी एवं प्रमुख सचिव, समग्र ग्राम विकास श्री नवतेज सिंह सबंधित अधिकारियों के साथ सम्मिलित हुये।

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महाराजा बिजली पासी किले का होगा जीर्णोद्धार: - श्री सुरेश पासी

Posted on 07 April 2017 by admin

प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री सुरेश पासी ने पासी समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं और जाति धर्म की भावना से ऊपर उठकर समाज सेवा की भावना का विकास करें। उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों का लक्ष्य ‘‘एक देश, एक प्रदेश, एक समाज’’ होना चाहिए और ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने पासी समाज द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए किये गये संघर्षों का जिक्र करते हुए समाज को एकजुट होकर अपने खोये हुए गौरव को प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री सुरेश पासी ने यह बातें पासी शिरोमणि महाराजा बिजली पासी के राज्यारोहण स्मृति समारोह के अवसर पर आयोजित पासी सम्मेलन में कहीं। उन्होंने पासी किले के जीर्णोद्धार किये जाने पर बल देते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक किले का सौन्दर्यीकरण भी कराया जायेगा ताकि पासी समाज के गौरवशाली अतीत को प्रदर्शित किया जा सके। सम्मेलन में उ0प्र0 के कई  विधायक भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से सांसद कौशल किशोर व श्रीमती प्रियंका रावत भी उपस्थित थी।

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मिलावटी एवं सिंथेटिक खाद्य पदार्थों पर अंकुश लगाने के निर्देश

Posted on 07 April 2017 by admin

ग्राहक स्वयं कर सकेंगे खाद्य सामग्रियों के गुणवत्ता की जांच

प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री श्री अतुल गर्ग ने निर्देश दिये हैं कि नकली, मिलावटी एवं सिंथेटिक दूध, तेल तथा चायपत्ती आदि के उत्पादन एवं मार्केटिंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाये जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता के स्वास्थ्य से किए जाने वाले खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
श्री गर्ग ने कहा कि शासन इस बात पर विचार कर रहा है कि दुकानों पर दूध से बनी सामग्रियों की जांच करने के लिए छोटी जांच मशीने तथा जांच किटे लगवायी जाएं, जिससे प्रत्येक ग्राहक अपनी सामग्री की गुणवत्ता की जांच स्वयं कर सके और इंस्पेक्टर राज के प्रभाव को कम किया जा सके।

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पहचान पत्र के रूप में उपयोग किये जाने वाले राशन कार्डो को समर्पित कराया जाएः - श्री अतुल गर्ग

Posted on 07 April 2017 by admin

खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग ने निर्देश किए है कि जो लोग राशन कार्ड का उपयोग मात्र पहचान पत्र के रूप में कर रहें हैं, उनके राशन कार्डों का तत्काल समर्पण कराया जाना सुनिश्चित कराया जाय।
श्री गर्ग आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों के साथ राशन कार्डों के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान आया है कि नकली राशन कार्डों से आज भी लोग राशन प्राप्त कर रहें हैं। उन्होंने इसके लिए खाद्य एवं रसद विभाग को 15 दिनों के अन्दर कार्यवाही करते हुए नकली राशन कार्डों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं।
खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री ने स्पष्ट तौर से कहा कि जिन लोगों ने गलत ढंग से राशन प्राप्त कर लिया है। ऐसे लोगों के पिछले सालों के रिकार्ड की जांच कराकर उनसे वसूली सुनिश्चित की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नए राशन कार्ड बनवाने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। गलत ढंग से बनाए गए राशन कार्डों को निरसत किए जाने के लिए हर शहर में प्रतिष्ठित स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त किया जाय।

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आकस्मिक चिकित्सा सेवा के लिए 24 घण्टे चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए-सिद्धार्थनाथ सिंह

Posted on 07 April 2017 by admin

स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सालयों में डेंगू, मलेरिया तथा चिकुनगुनिया के  रोगियों हेतु अलग से बेड आरक्षित करने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा बलरामपुर चिकित्सालय का निरीक्षण

प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बलरामपुर चिकित्सालय के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अस्पताल में आकस्मिक सेवा के लिए 24 घण्टे चिकित्सकों का उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अस्पताल के अपग्रेडेशन के साथ ही यहां एम0आर0आई तथा वेंटीलेटर की स्थापना हेतु तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों में डेंगू, मलेरिया तथा चिकुनगुनिया के रोगियों के लिए बेड अलग से आरक्षित किए जाएं। इसके अलावा अभी से ही इन रोगियों के लिए अस्पतालों में बेडो की संख्या में भी वृद्धि की जाए, ताकि किसी भी मरीज को अनावश्यक रूप से इधर-उधर न भटकना पड़े। उन्होंने गत दिवस डायरिया से हुई दो बच्चों की मृत्यु पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नही बरती जानी चाहिए।
श्री सिंह ने आज स्थानीय बलरामपुर चिकित्सालय का निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में मिल रही समस्त चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार से जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सालय में कार्यरत वार्ड ब्वाॅय से लेकर समस्त स्टाफ के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय में आने वाले मरीजों एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेफर होकर तथा एम्बुलेंस सेवा से आने वाले मरीजों के अलावा सीधे आने वाले मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने बलरामपुर चिकित्सालय के नये भवन में संचालित ओ0पी0डी0 काउंटर का निरीक्षण करने के दौरान कहा कि मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए नये काउंटर तत्काल खोले जाएं। उन्होंने आनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी सुलभ कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ओ0पी0डी0 पूछ-ताछ केन्द्र को और प्रभावी बनाया जाए। साथ ही काउंटर पर यहां तैनात चिकित्सकों तथा स्टाफ के मोबाइल नम्बरों को भी प्रदर्शित किया जाए।
श्री सिंह ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में साफ-सफाई के बेहतर बंदोबस्त पर बल दिया। बाथरूम में लगी पुरानी टाइल्स को तत्काल बदलकर नई टाइल्स लगाने के निर्देश दिए। उन्हांेने चिकित्सालय में लगी पुरानी एसी को भी तुरंत बदलने के निर्देश दिए।
इस मौके पर सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वी हेकाली झिमोमी, वरिष्ठ परामर्शदाता डा0 ई0डब्ल्यू0 सिद्दीकी एवं डा0 राजीव लोचन सहित चिकित्सक एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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हज-2017 महरम श्रेणी में 200 सीटें आवंटित

Posted on 07 April 2017 by admin

ऐसी महिलाएं जिनके महरम का हज-2017 हेतु चयन हो गया  हो, वे अपने महरम के कवर में शामिल होने हेतु आवेदन कर सकती हैं

हज कमेटी आॅफ इण्डिया ने हज महरम श्रेणी के लिए पूरे देश में 200 सीटें आवंटित की हैं। ऐसी महिलाएं जो अपने महरम के साथ किन्हीं कारणों से समय से आवेदन न कर पायी हों और उनके महरम का हज-2017 हेतु चयन हो गया हो, वे अपने महरम के कवर में शामिल होने हेतु आवेदन कर सकती हैं।
यह जानकारी आज यहां राज्य हज समिति के उप कार्यपालक अधिकारी श्री तनवीर अहमद ने दी। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी में आवेदन करने के लिये हज फार्म पूर्ण रुप में भरा होना आवश्यक है। घोषणा पत्र, पासपोर्ट की प्रति, कैन्सल्ड चेक/बैंक पासबुक की प्रति जैसे प्रपत्र संलग्न करना होगा। महरम द्वारा आवेदन करते समय उनके साथ फार्म न भर पाने का कारण प्रार्थना पत्र में स्पट करना होगा। महरम के साथ उनके रिश्ते का दस्तावेज़ी प्रमाण (पासपोर्ट की फोटोप्रति) प्रस्तुत करना होगा। विशेष रुप से इन्हीं महरम के साथ जाने का कारण स्पष्ट करना होगा। साथ ही आवेदक को यह भी बताना होगा कि कोई अन्य शरई महरम उपलब्ध नहीं है, जिनके साथ आगामी हज पर आवेदन किया जा सके। केवल सही एवं पात्र आवेदन पत्रों को स्वीकार किया जायेगा। भारतवर्ष से 200 सीटों से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर हज कमेटी आफ इण्डिया मुम्बई द्वारा कु़र्रा के माध्यम से चयन किया जायेगा।
इच्छुक महिला आवेदक सचिव/कार्यपालक अधिकारी, उ0प्र0 राज्य हज समिति, 10 ए विधान सभा मार्ग, लखनऊ-226001 के पते पर अन्तिम तिथि 08 मई 2017 तक आवेदन कर सकती हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार किया जाना सम्भव नहीं होगा। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए हज कमेटी के हेल्पलाइन नं0-0522 2617120, 2620980 पर कार्यालय समय में सम्पर्क किया जा सकता है।

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प्रदेश में अफोर्डेबल आवास निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए: -श्री सदाकान्त

Posted on 07 April 2017 by admin

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन, श्री सदाकान्त ने अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के तहत आवास निर्माण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के सम्बन्ध में आवास विकास परिषद एवं संबंधित विकास प्राधिकरण तत्काल समीक्षा करके इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। यदि  जरूरी हो तो सम्बन्धित डेवलपर्स को चिन्हित करते हुए उनकी जिम्मेदारी तय की जाये।
अपर मुख्य सचिव ने आवास आयुक्त, आवास एवं विकास परिषद, उपाध्यक्ष, समस्त विकास प्राधिकरण, अध्यक्ष समस्त क्षेत्र विकास प्राधिकरण नियन्त्रक प्राधिकारी, समस्त विनियमित क्षेत्र तथा अधिशाषी निदेशक आवास बन्धु को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि 111 निजी विकासकर्ताओं द्वारा अपना पंजीकरण कराया गया तथा 42 योजनाओं की डी.पी.आर. शासन द्वारा अनुमोदित की गई। सम्बन्धित डेवलपर्स द्वारा विकास एवं भवन निर्माण कार्यों में रूचि नहीं ली जा रही है, यह स्थिति उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी डेवलपर्स द्वारा आवास बन्धु में पंजीकरण कराकर उन्हें इस योजना को क्रियान्वित करने का दायित्व दिया गया था। इन निजी विकासकर्ताओं को कतिपय रियायतें जैसे-भू-उपयोग, परिवर्तन शुल्क में छूट, विकास शुल्क में छूट, उच्च एफ.ए.आर. एवं घनत्व के रूप में इंसेप्टिव भी प्रदान किये गये, फिर भी आवास योजना के क्रियान्वयन में वांछित प्रगति नहीं हो पा रही है।
श्री सदाकान्त ने आवास आयुक्त, सभी उपाध्यक्षों, अध्यक्ष एवं नियन्त्रक प्राधिकारी से अपेक्षा की है की जिन डेवलपर्स का पंजीकरण हो चुका है, उनकी डी.पी.आर. प्राप्त कर अनुमोदन कराना सुनिश्चित किया जाये। जिन डेवलपर्स का डी.पी.आर स्वीकृत हो चुका है, उनसे मकानों के निर्माण का कार्य शीघ्र कराया जाये। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो सम्बन्धित विकासकर्ता को चिन्हित करते हुए उनकी जिम्मेदारी तय की जाये और फिर भी यदि इनमें सुधार नहीं होता है तो उनपर कार्यवाही का निर्णय लिया जाए।
अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि भविष्य में प्रदेश में प्रधामंत्री आवास योजना को क्रियान्वित किया जाना है, जो डेवलपर्स अभी तक इस दिशा में कार्य नहीं कर सके हैं वे प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए अपने विकल्प प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इसका भी परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।

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