Archive | April 28th, 2017

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालयलखनऊ ने‘जीरो करप्शन टालरेंस’ की नीति को जारी रखते हुए अवैध वसूली करने वाले 215आपरेटरों को ब्लैकलिस्ट किया

Posted on 28 April 2017 by admin

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ स्थाई आधार केंद्र संचालकों या आधार आपरेटरों द्वारा बरती जा रही किसी भी अनियमितताओं के प्रति गंभीर है| इन अनियमितताओं में आधार के नाम पर निवासियों से अवैध रूप से राशि वसूलना और केंद्र का संचालन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं करना शामिल है| क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ द्वारा पिछले महीने में 215 आधार पंजीकरण आपेरटर एवं सुपरवाइजरों को ब्लैकलिस्ट किया गया साथ ही संबधित 61 एनरोलमेंट एजेंसीज पर कुल रु. 21,50,000/- की पेनाल्टी लगाई गई है|

untitled-2_r2_c2ऐसे सभी मामलें, जिनमें आपरेटरों द्वारा अवैध वसूली या निवासियों को परेशान करने की शिकायतेंप्राप्त होंगी, ऐसी सभी शिकायतों पर क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ सख्त कार्रवाई करेगा| सभी आपरेटरों को इस बाबत सख्त चेतावनी जारी की जा चुकी है|

इसके साथ हीअमेठी जिला प्रशासन के सहयोग से कलेक्टरेट सभागार में आपरेटरों के साथ मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमे अधिकारियों ने सभी आधार आपरेटरों को चेतावनी दी एवं उन्हें अवगत कराया गया कि अगर निवासियों से पैसा लेने की बात सही पाई जाती है तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही आपरेटरों को निवासियों से पैसा ना लिए जाने हेतु संकल्प भी दिलाया गया|

प्राधिकरण ने निवासियों से अनुरोध किया है कि वे नया आधार बनाने के लिए कोई पैसा न दे क्योंकि आधार नामांकन प्रक्रिया पूर्णत: निःशुल्क है और संशोधन कराने के लिए केवल निर्धारित शुल्क ही देय है,  किसी अन्य प्रकार के संशोधन के लिए अधिकतम शुल्क 25 रुपये ही निर्धारित है| प्राधिकरण के दिशानिर्देश के अनुसार पहली बार 5 वर्ष और दूसरी बार जब बच्चे 15 वर्ष के हो जाते हैं तो उन्हें बायोमेट्रिक अपडेट करने की आवश्यकता होती है, इसे अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट कहा जाता है; अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह से निःशुल्क है|

यदि कोई भी आपरेटर उपरोक्त का उल्लंघन करता है तोनिवासी उस ऑपरेटर व केंद्र के पूर्ण विवरण के साथ क्षेत्रीय कार्यालय की दूरभाष संख्या 0522-2304978/2304979 एवं ई-मेल - uidai.lucknow@uidai.net.inपर इसकी सूचना दे सकता है, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ की और से इसकी तत्काल जांच करके उचित कारवाई की जाएगी |

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मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने-अपने विभाग का श्वेतपत्र जारी करने के निर्देश दिए

Posted on 28 April 2017 by admin

सभी मंत्री अपने तथा प्रभार वाले जनपदों का भ्रमण कर
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें: मुख्यमंत्री

मंत्रियों को जिला अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्रों का भ्रमण कर चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ
की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जाए

भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को चेतावनी देकर छोड़ने के बजाय उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए

सभी नगरीय निकाय बरसात से
पूर्व नालों की सफाई सुनिश्चित कराएं

जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रातः
09ः00 से 11ः00 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री स्वयं अधिकारियों से लैण्ड लाइन
फोन द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करेंगे

मंत्री स्वयं तहसील दिवस में उपस्थित होकर
जनता की समस्याओं का समाधान कराएं

मुख्यमंत्री आवास पर जन-सुनवाई के लिए जिन जनपदों से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, वहां के अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी

ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की जानकारी मीडिया को दी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों को अपने-अपने विभागों की स्थिति की विस्तृत जानकारी देते हुए श्वेतपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों द्वारा किए गए प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस सम्बन्ध में पुनः 100 दिनों के बाद अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाएगी तथा जनता के लिए रिपोट कार्ड भी जारी किया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों से निर्धारित एजेंडा पर गम्भीरता से काम करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री के इन निर्देशों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने आज यहां शास्त्री भवन में मीडिया को बताया कि दिनांक 27 अप्रैल, 2017 को सभी विभागों का प्रस्तुतिकरण सम्पन्न हो गया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विभागों की कार्य प्रणाली, संचालित परियोजनाओं की अद्य्तन स्थिति एवं 100 दिनांें में विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विभागीय कार्योजना की जानकारी प्राप्त हुई। इससे राज्य सरकार को यह भी जानकारी मिली कि किस विभाग में क्या सुधार अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि वे अपने तथा प्रभार वाले जनपदों का भ्रमण कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें। साथ ही, जनपदों में संचालित विकास एवं कल्याणकारी कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण कर लाभार्थियों से सीधे फीडबैक भी प्राप्त करें, ताकि योजनाओं के सम्बन्ध में तथ्यात्मक जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की कई योजनाओं की चर्चा राजधानी में तो है परन्तु दूर-दराज के क्षेत्रों में उन पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। मण्डल एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अब इन योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता सहन नहीं की जाएगी।
श्री योगी ने मंत्रियों से यह भी अपेक्षा की है कि वे अपने जिले के साथ-साथ जिन जनपदों के प्रभारी मंत्री बनाये गये हैं, वहां जनहित से जुड़े कार्यों का स्थलीय आकस्मिक निरीक्षण भी करें। विद्युत, सड़क, सिंचाई, पेयजल व्यवस्था के निरीक्षण के साथ-साथ किसानों से सम्बन्धित कार्यों जैसे गेहूं एवं आलू क्रय केन्द्रों पर पहुंचकर यह देखा जाए कि राज्य सरकार के आदेशों का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही, कानून-व्यवस्था की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली में भारी सुधार को रेखांकित करते हुए कहा है कि शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं एवं शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों से जिला अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्रों का भ्रमण कर मरीजों से बातचीत करने तथा चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जाए। भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को केवल चेतावनी देकर कतई न छोड़ा जाए, बल्कि उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए। मंत्रीगण यह भी सुनिश्चित करें कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा गम्भीरता से लेते हुए उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए। सभी गांवों में रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। आंधी एवं तूफान के कारण यदि कहीं विद्युत तार टूटने या खम्बा गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है तो उसे युद्ध स्तर पर रीस्टोर किया जाए।
श्री योगी ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को स्वच्छता एवं जलापूर्ति पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की है। उन्होंने सभी नगर आयुक्तों से स्वच्छता पर विशेष अभियान चलाने तथा पाॅलिथीन एवं प्लास्टिक के कप-प्लेट आदि के वैकल्पिक उपयोग पर लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए कहा है, जिससे नालियों को चोक होने से बचाया जा सके। साथ ही, सभी नगरीय निकायों से यह सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया है कि बरसात से पूर्व सभी नालों की सफाई प्रत्येक दशा में कर ली जाए, जिससे नगरों की जल निकासी व्यवस्था ठीक हो सके। इसी प्रकार जिलाधिकारियों के माध्यम से गांवों की स्वच्छता पर भी काम करने के लिए कहा गया है। इस मामले में जिलाधिकारी ग्राम प्रधान का सहयोग प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
जनता की समस्याओं के समधान के लिए जन-सुनवायी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंत्रियों द्वारा जनपद भ्रमण के दौरान यह भी फीडबैक प्राप्त किया जाए कि जन-सुनवायी के लिए की गई व्यवस्था का जिला प्रशासन द्वारा कड़ायी से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है या नहीं। सभी जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से अपने कार्यालय में प्रातः 09ः00 से 11ः00 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री स्वयं इन अधिकारियों को लैण्ड लाइन पर फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करेंगे। अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे कैम्प कार्यालय की व्यवस्था तत्काल समाप्त कर अपने कार्यालय में उपस्थित रहें, जिससे जनता को उनसे मिलने में सहूलियत हो। थाना दिवस पर थाना प्रभारी एवं तहसील दिवस पर तहसील प्रभारी द्वारा जनता की समस्याओं को सुनकर तत्परता से उनका समाधान सुनिश्चित कराया जाए। आवश्यकतानुसार मंत्री स्वयं तहसील दिवस में उपस्थित होकर जनता से सीधा संवाद कर उनकी समस्या का समाधान करें।

प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास पर जन-सुनवाई के लिए जिन जनपदों से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, वहां के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इसके सम्बन्ध में सीधी पूछताछ की जाएगी और यह भी माना जाएगा कि उक्त जनपद में जन-सुनवाई एवं समस्याओं के समाधान की व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी घटना पर वरिष्ठ अधिकारियों से मौके पर तत्काल पहुंचकर जरूरी कदम उठाने एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे जनता की समस्याओं का तत्परता से समाधान कराएं। उन्होंने जिलाधिकारियों को तहसीलों एवं पुलिस अधीक्षकों को थानों का आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं।

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मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को सुना

Posted on 28 April 2017 by admin

समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिदिन की भांति आज भी अपने सरकारी आवास पर जनता की समस्याओं को सुना। प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित आवेदन पत्र मुख्यमंत्री को स्वयं दिए। मुख्यमंत्री ने जनता को उनकी शिकायतों पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया तथा अधिकारियों को जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
uttar-pradesh-yogi-cm1जनपद उन्नाव से आये श्री रविन्दर आजाद ने मुख्यमंत्री से अपने गांव के तालाब की सफाई और सौन्दर्यीकरण का अनुरोध किया। फतेहपुर निवासी श्री कन्धई गिरि ने स्वयं द्वारा बनवाए गये मन्दिर में पेयजल की व्यवस्था का अनुरोध श्री योगी से किया। जनपद जौनपुर के श्री कैलाश नाथ ने जमीनी विवाद का निस्तारण कराने तथा जौनपुर के ही सीजनल अमीन श्री जसवन्त कुमार श्रीवास्तव ने नौकरी में स्थायीकरण का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया।
इनके अलावा भी काफी बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने सभी मामलों में प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। अधिकांश प्रार्थना पत्र आर्थिक सहायता, कृषि पट्टे, विद्युत आपूर्ति, आवास आवंटन, पेयजल, अवैध कब्जे, पेंशन, राजस्व, भू-अभिलेखों में अनियमितता, शादी अनुदान, नौकरी तथा निजी इलाज आदि से सम्बन्धित थे।

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मुख्यमंत्री ने कुपवाड़ा में सैनिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया

Posted on 28 April 2017 by admin

कानपुर निवासी शहीद कैप्टन आयुष यादव के परिजनों को
30 लाख रु0 की आर्थिक सहायता की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैम्प पर हुए हमले में सैनिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस हमले में शहीद हुए प्रदेश के कैप्टन आयुष यादव के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए शहीद के परिवार के लिए 30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

ज्ञातव्य है कि जम्मू और कश्मीर राज्य के कुपवाड़ा में हुए इस हमले में कानपुर निवासी कैप्टन आयुष यादव शहीद हो गए थे।

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ग्रामीण अभियंत्रण विभाग निर्माण/अनुरक्षण कार्याें में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू करे: मुख्यमंत्री

Posted on 28 April 2017 by admin

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों को हर हाल में
15 जून तक गड्ढामुक्त कर दिया जाए

मंत्रिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी सड़कों के गड्ढामुक्त
कार्य की प्रगति का मौके पर सत्यापन करें

बरसात का मौसम खत्म होने के बाद सितम्बर माह से
सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पुनः अभियान चलाया जाएगा

सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त कर प्रदेश के लोगों को आवागमन
के लिए उत्कृष्ट सड़कें शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराएगी

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को पी0डब्ल्यू0डी0
को हस्तांतरित की जाने वाली सड़कांे को गड्ढामुक्त करने के
उपरान्त ही हैण्डओवर करने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रस्तुतिकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां शास्त्री भवन में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रस्तुतिकरण के दौरान निर्देश दिये कि इस विभाग द्वारा कराये जा रहे विभिन्न कार्याें में ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निर्मित करायी गयी सड़कों को हर हाल में 15 जून, 2017 तक गड्ढामुक्त कर दिया जाए। उन्होंने मंत्रिगण तथा लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण तथा पंचायती राज विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को गड्ढामुक्त कार्य की प्रगति को मौके पर जाकर सत्यापन करने के लिए कहा।
श्री योगी ने कहा कि बरसात का मौसम खत्म होने के बाद सितम्बर माह से सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पुनः अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि सड़कों को गड्ढामुक्त कर प्रदेश की जनता को आवागमन के लिए अच्छी सड़कें शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध करायी जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में अच्छी सड़कों की बहुत बड़ी भूमिका है। ऐसे में हम प्रदेश की अवस्थापना सुविधाओं में सबसे प्रमुख इस सुविधा को अनदेखा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सड़कों के अनुरक्षण/निर्माण कार्य में गुणवत्ता हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि पी0डब्ल्यू0डी0 को हस्तांतरित की जाने वाली सड़कांे को पहले गड्ढामुक्त किया जाए। तत्पश्चात उन्हें हस्तांतरित किया जाए। इसका अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने की दिशा में अनुरक्षण की राशि से उन्हें पैच फ्री करवाना सुनिश्चित किया जाए।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतिकरण के दौरान श्री योगी को विभाग द्वारा कराये जा रहे मुख्य निर्माण कार्याें जैसे-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित कराये जा रहे ग्रामीण सम्पर्क मार्गाें तथा अन्य योजनाओं के तहत करवाए जा रहे भवन एवं मार्ग निर्माण कार्याें के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण का अवलोकन करने के पश्चात अन्य योजनाओं के गुणवत्ता नियंत्रण के विषय में भी जानकारी ली। उन्होंने शासन के अधीन गठित टेक्निकल आॅडिट सेल में विशेषज्ञों को शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आगामी 100 दिनों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने अन्य योजनाओं के तहत कराये जा रहे निर्माण कार्याें के लिए निर्धारित 100 दिन के लक्ष्यों को भी समय से पूरा करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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आगामी 100 दिनों में अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों हेतु मास्टर रिचार्ज प्लान बनाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुए 190 तालाबों का पुनरुद्धार एवं 95 चेकडेमों का निर्माण प्रत्येक दशा में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री

Posted on 28 April 2017 by admin

सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त कर

तालाबों का पुनरुद्धार एवं चेक डेमों का निर्माण आवश्यकतानुसार
ग्राम पंचायतों में कराने हेतु अभियान चलाया जाए

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन की
समग्र्र प्रबंधन कार्य योजना प्राथमिकता से तैयार करायी जाए

बुन्देलखण्ड में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 14 सामूहिक नलकूप, 159 ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग चेकडैम, 116 तालाबों का निर्माण सहित 1208 नए डमवेल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण कराने हेतु कार्य योजना बनायी जाए

प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम बनाए
जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री के समक्ष लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग का प्रस्तुतिकरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि आगामी 100 दिनों में अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों हेतु मास्टर रिचार्ज प्लान बनाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुए 190 तालाबों का पुनरुद्धार एवं 95 चेकडेमों का निर्माण प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त कर तालाबों का पुनरुद्धार एवं चेक डेमों का निर्माण आवश्यकतानुसार ग्राम पंचायतों में कराने हेतु अभियान चलाया जाए। जनपद झांसी में भूजल सेना का गठन हो जाने के फलस्वरूप अन्य 10 जनपदों में भी भूजल सेना का गठन आगामी 100 दिनों में सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन की समग्र्र प्रबंधन कार्य योजना प्राथमिकता से तैयार करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज शास्त्री भवन में लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट कमेटी तथा विकास खण्ड स्तर पर ब्लाॅक ग्राउण्ड वाॅटर मैनेजमेंट पंचायत कमेटी का गठन कर ग्राम पंचायतवार वाॅटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाए। भूजल संसाधन आकलन के आधार पर ग्राउण्ड वाॅटर प्रोटेक्शन जोन्स का सीमांकन एवं विनियमन कराने के साथ-साथ कूपों/बोरिंगों का भी रजिस्ट्रेशन कराने के कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 14 सामूहिक नलकूप, 159 ग्राउण्ड वाॅटर रिचार्जिंग चेकडैम, 116 तालाबों के निर्माण सहित 1208 नये डमवेल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में मानक के साथ पूर्ण कराने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाए।
श्री योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संसाधनों का समग्र प्रबंधन सुनिश्चित कराने हेतु जन सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। बुन्देलखण्ड के पठारी क्षेत्र में सतह की अत्यधिक ढलान होने के कारण लगभग 85 प्रतिशत वर्षा जल को नदी, नालों से बहकर बेकार जाने से रोकने के लिए जल संचय के एकीकृत प्रयासों के माध्यम से रोक कर सतही जल संग्रहण एवं भूजल रिचार्ज को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि रिमोट सेन्सिंग विधा के आधार पर विकास खण्ड मानचित्र पर ग्रामवार वाॅटर सेक्टर सीमांकन कर भूजल रिचार्ज हेतु प्रभावकारी एवं अप्रभावकारी क्षेत्रों को चिन्हित कराकर आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 05 वर्षों में अतिदोहित, क्रिटिकल, सेमी क्रिटिकल से प्रभावित 217 विकास खण्डों तथा बुन्देलखण्ड एवं विंध्याचल क्षेत्र के पठारी क्षेत्र के प्रभावित 54 विकास खण्डों अर्थात कुल प्रभावित 271 विकास खण्डों के लिए आवश्यक भूजल संचयन/संरक्षण संरचनाएं बनाकर संतृप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्ज हेतु भूजल रिचार्ज मास्टर प्लान योजनान्तर्गत विभिन्न विभागों की योजनाओं में तालमेल स्थापित कर राज्य भूजल संचयन मिशन युद्धस्तर पर चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम नागरिकों के सहयोग से बनाए जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए।

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मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने में हो रहे विलम्ब और बढ़ती लागत पर नाराजगी व्यक्त की

Posted on 28 April 2017 by admin

राज्य सरकार परियोजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को

हर हाल में बन्द करने के लिए दृढ़ संकल्पित

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव वित्त एवं प्रमुख
सचिव नियोजन को इन परियोजनाओं की समीक्षा कर, इनके सम्बन्ध में
अग्रिम कार्य योजना और रणनीति बनाए जाने के निर्देश दिए

सार्वजनिक धन का अपव्यय किया जाना एक अपराध है,
जिस पर सभी को ध्यान देना होगा

गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलेपमेण्ट परियोजना के कार्य
सार्वजनिक धन के अपव्यय का नमूना

वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन एवं तटीय विकास को
मार्च 2018 तक पूरा करने के निर्देश

उ0प्र0 वाॅटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-2 के कार्यों में तेजी लाएं

बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पानी की समस्या के समाधान के लिए
केन-बेतवा लिंक नहर परियोजना का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाए

बाढ़ नियंत्रण और तटबन्धों के निर्माण का कार्य समय रहते पूरा कर लिया जाए

नहरों, नालों व ड्रेनों की सिल्ट सफाई कार्य
पारदर्शिता के साथ समयबद्ध ढंग से पूरे किए जाएं

स्प्रिंकलर ड्रिप इरीगेशन सिस्टम स्थापित किए जाने हेतु कार्य योजना बनाने
एवं किसानों को इस सम्बन्ध में प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश

राजकीय नलकूपों, लघु डाल नहरों सहित अन्य विभागीय
योजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग की रणनीति बनाई जाए

मुख्यमंत्री के समक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का प्रस्तुतिकरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने में हो रहे विलम्ब और बढ़ती लागत पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इन परियोजनाओं में हुए विलम्ब, इनकी उपयोगिता व लागत की उच्च स्तरीय समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव नियोजन को इन परियोजनाओं की समीक्षा कर, इन्हें पूरा करने के सम्बन्ध में कार्य योजना और रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां शास्त्री भवन में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के निर्माण के दौरान ही उसे पूरा किए जाने की समयावधि के साथ-साथ धनराशि के स्रोतों और उसकी व्यवस्था पर भी विचार कर निर्धारित अवधि में लक्ष्यों की पूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि अब शिथिलता और हीला-हवाली से काम नहीं चलेगा। वर्तमान राज्य सरकार परियोजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को हर हाल में बन्द करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। किसी भी कीमत पर जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने की इजाजत नहीं दी जा सकती। परियोजनाएं ऐसी हों, जिनसे वास्तव में प्रदेश की जनता को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारी और अभियन्तागण परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए फील्ड विजिट करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक धन का अपव्यय किया जाना एक अपराध है, जिस पर सभी को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलेपमेण्ट परियोजना के तहत कराए गए कार्य सार्वजनिक धन के अपव्यय का नमूना हैं। उन्होंने कहा कि गोमती नदी के चैनेलाइजेशन के कार्य भी परियोजना का हिस्सा हैं। इनके सम्बन्ध में जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा कि जनहित व राष्ट्रहित में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप पारदर्शिता के साथ समयबद्ध ढंग से योजनाओं को पूरा किया जाए।
श्री योगी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से आच्छादित मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण में हो रहे विलम्ब और बढ़ती लागत पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2008-2009 से प्रारम्भ की गई इस योजना की भौतिक प्रगति अब तक मात्र 38 प्रतिशत है। इसके साथ ही, उन्होंने नाबार्ड वित्त पोषित कनहर सिंचाई परियोजना की बढ़ती लागत पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सरयू नहर परियोजना के सम्बन्ध में भी विलम्ब और लागत बढ़ने पर असंतोष जताया।
मुख्यमंत्री ने वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन एवं तटीय विकास को मार्च 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए। मथुरा में वृन्दावन स्थित यमुना नदी के घाटों के विस्तार, नवीनीकरण और सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की योजना पर्यावरण के अनुकूल बनाई जानी चाहिए। इसके सम्बन्ध में विशेषज्ञों की राय से सही कार्य योजना के साथ मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश वाॅटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-2 के अन्तर्गत नहरों की पुनस्र्थापना, आधुनिकीकरण एवं सहभागी सिंचाई प्रबन्धन के कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जसराना नवीन नहर परियोजना की समीक्षा करते हुए इसेे भी शीघ्रता से पूर्ण किए जाने की बात कही।
श्री योगी ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र से सम्बन्धित अर्जुन सहायक नहर परियोजना, एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना, भौंरट बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, कचनौदा बांध परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड में जल की उपलब्धता से वहां के विकास कार्यों को गति दी जा सकती है। इसलिए इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने बाण सागर नहर परियोजना, विन्ध्याचल को भी पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अगले दो वित्तीय वर्षों में 2000 राजकीय नलकूपों के निर्माण के सम्बन्ध में स्थल चयन जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कर लिया जाए। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पानी की समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण, भारत सरकार की केन-बेतवा लिंक नहर की महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के अन्तर्गत एक बहुउद्देशीय परियोजना है, जिससे सिंचाई, विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, मत्स्य पालन एवं पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लाभ होगा।
श्री योगी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण और तटबन्धों के निर्माण का कार्य समय रहते पूरा कर लिया जाए। क्षतिग्रस्त तटबन्धों के पुनर्निर्माण और संवेदनशील स्थलों पर मरम्मत एवं कटाव निरोधक कार्यों को भी शीघ्रता से पूरा किया जाए। तटबन्धों की सुरक्षा हो, जिससे बाढ़ के समय नदियों के पानी को आबादी व कृषि क्षेत्र में फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही, नहरों, नालों व ड्रेनों की सिल्ट सफाई सम्बन्धी कार्यों को भी पारदर्शिता के साथ समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। वर्षा जल की समुचित निकासी के भी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं। विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत नवनिर्मित तथा पुनःनिर्मित राजकीय नलकूपों में ऊर्जीकरण हेतु अवशेष 65 राजकीय नलकूपों को ऊर्जीकृत कराया जाए, ताकि सिंचाई का लाभ किसानों को शीघ्र मिल सके। गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या के दृष्टिगत राजकीय नलकूपों के कमाण्ड क्षेत्र में स्थित तालाबों, पोखरों एवं गड्ढ़ों को आवश्यकतानुसार भर कर पशुओं, पक्षियों तथा अन्य उपयोग हेतु पेयजल उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों विशेषकर बुन्देलखण्ड एवं गन्ना उत्पादन क्षेत्र में स्प्रिंकलर ड्रिप इरीगेशन सिस्टम स्थापित किए जाने हेतु कार्य योजना बनाने एवं किसानों को इस सम्बन्ध में प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश दिए। राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों तथा अन्य विभागीय योजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग की रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जनसहभागिता और जन-सहयोग पर विशेष ध्यान देते हुए समितियों के माध्यम से नहर अनुरक्षण, जल वितरण, फसल चक्र, जल के अपव्यय पर नियंत्रण आदि कार्यों को किया जाए।
श्री योगी ने समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबन्धन कार्यक्रम (काडम) की समीक्षा करते हुए कहा कि नहर प्रणालियों में उपलब्ध सिंचाई जल को कुलाबा कमाण्ड के प्रत्येक खेत तक पहुंचाने के उद्देश्य से सिंचाई नालियों का निर्माण कराकर सृजित सिंचन क्षमता का अधिकतम उपभोग सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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