प्रयाग में बड़े धार्मिक आयोजनों की व्यवस्था को स्थायी रूप
से देखने के लिए मेला प्राधिकरण के गठन पर विचार किया जाए
अर्द्धकुम्भ आयोजन के लिए नगर विकास विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया
नगर विकास मंत्री की अध्यक्षता में मंत्री समूह अर्द्धकुम्भ
आयोजन की तैयारियों के लिए जिम्मेदार होगा
स्थानीय स्तर पर मण्डलायुक्त इलाहाबाद को नोडल अधिकारी नामित किया गया
अर्द्धकुम्भ से सम्बन्धित सभी आवश्यक परियोजनाओं
पर अविलम्ब कार्य शुरू किया जाए: मुख्यमंत्री
अखाडों के लिए भूमि सहित अन्य सुविधाएं
उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर समय रहते तैयारी की जाए
तीर्थयात्रियों को 08 से 09 किलोमीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े
नगर निगमों में विभिन्न कार्याें के लिए
ठेके की वर्तमान व्यवस्था दोषपूर्ण, इसे तुरन्त बदला जाए
सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट से मिलने वाले पानी को विद्युत उत्पादन इकाइयों द्वारा
उपयोग में लाने के लिए नागपुर की व्यवस्था का अध्ययन करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रयाग अर्द्धकुम्भ की तैयारी
से सम्बन्धित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयाग में आयोजित होने वाले अर्द्धकुम्भ से सम्बन्धित सभी तैयारियों को प्रत्येक दशा में अक्टूबर, 2018 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि मेले में किसी भी दशा में अव्यवस्था उत्पन्न न हो तथा श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रयाग में प्रतिवर्ष माघ मेले के साथ ही, समय-समय पर अर्द्धकुम्भ तथा महाकुम्भ का आयोजन होता रहता है। ऐसे में इन बड़े आयोजनों की व्यवस्था को स्थायी रूप से देखने के लिए मेला प्राधिकरण के गठन पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में अर्द्धकुम्भ 2018-19 की तैयारी से सम्बन्धित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव एवं मण्डलायुक्त इलाहाबाद अगली बैठक में मेला प्राधिकरण पर सम्यक विचार-विमर्श कर अभिमत प्रस्तुत करें। साथ ही, प्रस्तावित प्राधिकरण को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक रूप रेखा भी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने अर्द्धकुम्भ की व्यवस्था के लिए स्थानीय स्तर पर मण्डलायुक्त इलाहाबाद को नोडल अधिकारी नामित करते हुए कहा कि प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव व्यवस्था की देखभाल के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से डी0आई0जी0 इलाहाबाद नोडल अधिकारी होंगे, जबकि शासन स्तर पर नगर विकास विभाग को नोडल विभाग नामित करते हुए उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मंत्री समूह अर्द्धकुम्भ आयोजन की तैयारियों के लिए जिम्मेदार होगा। जिलाधिकारी इलाहाबाद द्वारा प्रस्तुत किए गए मेला आयोजन से सम्बन्धित प्रस्तावों का अध्ययन कर आवश्यक धनराशि की व्यवस्था बजट के माध्यम से कराने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त को अधिकृत करते हुए उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक परियोजनाओं पर अविलम्ब कार्य शुरू किया जाए, जिससे मेला क्षेत्र की पूरी तैयारी निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्द्धकुम्भ आयोजन से सम्बन्धित जो प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किए जाने हैं उन्हें शीघ्र भेजा जाए, जिससे की तैयारी के लिए समय से धनराशि प्राप्त हो सके। उन्होंने मण्डलायुक्त को निर्देशित किया है कि वे अपने स्तर से केन्द्र सरकार के सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप प्रदान करें, जिससे उनके स्तर पर भी कार्याें में विलम्ब की सम्भावना समाप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि अखाडों के लिए भूमि सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर समय रहते तैयारी कर ली जाए, जिससे किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी इलाहाबाद द्वारा अर्द्धकुम्भ आयोजन के लिए विभिन्न विभागों से सम्बन्धित कार्याें को पूरा कराने एवं जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगभग 03 हजार 460 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं, जिस पर जरूरत के हिसाब से विचार कर शीघ्र धनराशि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्थायी परियोजनाआंे को समय से पूरा कराने के लिए जरूरी औपचरिकताएं शीघ्र शुरू कराने के निर्देश देते हुए कहा कि केवल वही परियोजनाएं शुरू की जाएं, जो अक्टूबर, 2018 तक पूरी हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अर्द्धकुम्भ से सम्बन्धित जो प्रस्ताव ‘नाममि गंगे’ परियोजना के तहत प्रेषित किए गए हैं उन्हंे शीघ्र स्वीकृत कराया जाए।
मेला आयोजन क्षेत्र के 30 किलोमीटर पेरीफेरी में यातायात, नदी पर पुल तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी दशा में तीर्थयात्रियों को 08 से 09 किलोमीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े। उन्होंने कहा कि भगदड़ जैसी स्थिति वाले स्थानों को पहले से चिन्हित कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। मेला क्षेत्र में अस्थायी तथा बाहर स्थायी व्यवस्था पर जोर देते हुए उन्हांेने कहा कि हर हाल में जनता को राहत मिलनी चाहिए। नैनी, अरेल, झूसी आदि क्षेत्रों के विकास पर भी बल देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेला आयोजन के समय में इन क्षेत्रों में निवास करते हैं। इसलिए यहां भी पूरी व्यवस्था उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
इलाहाबाद नगर क्षेत्र में पूरी तरह से एल0ई0डी0 बल्ब नहीं लगाए जाने को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर विकास मंत्री इस मामले की अपनी स्तर से समीक्षा करते हुए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करें। उन्होंने नगर निगमों में विभिन्न कार्याें के लिए ठेका देने की वर्तमान व्यवस्था को दोषपूर्ण एवं भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इसे तुरन्त बदला जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्र सरकार के ऊर्जा विभाग से बातचीत कर प्रदेश के सभी नगर निगमों की स्ट्रीट लाइट को एल0ई0डी0 में बदलने तथा दिन में लाइट जलने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने नगरों के सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट से मिलने वाले पानी को तापीय विद्युत उत्पादन इकाइयों द्वारा उपयोग में लाने के लिए नागपुर की व्यवस्था का अध्ययन करने के निर्देश दिए। इसके लिए नगर विकास मंत्री की अध्यक्षता में मई के प्रथम सप्ताह में एक टीम नागपुर जाकर वहां की व्यवस्था का अध्ययन करेगा। मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद सहित प्रदेश के अन्य नगरों के सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट से मिलने वाले पानी के इसी प्रकार के उपयोग पर बल दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मेला क्षेत्र के सी0एच0सी0 एवं पी0एच0सी0 की क्षमता विस्तार, मेला के दौरान सफाई कर्मियों के ठहरने के लिए उचित व्यवस्था, इलाहाबाद नगर के पार्काें एवं चैराहों के सजावट एवं वृक्षारोपण पर बल दिया।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सहयोगी एवं मुख्य सचिव तथा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।