प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन, श्री सदाकान्त ने अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के तहत आवास निर्माण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के सम्बन्ध में आवास विकास परिषद एवं संबंधित विकास प्राधिकरण तत्काल समीक्षा करके इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। यदि जरूरी हो तो सम्बन्धित डेवलपर्स को चिन्हित करते हुए उनकी जिम्मेदारी तय की जाये।
अपर मुख्य सचिव ने आवास आयुक्त, आवास एवं विकास परिषद, उपाध्यक्ष, समस्त विकास प्राधिकरण, अध्यक्ष समस्त क्षेत्र विकास प्राधिकरण नियन्त्रक प्राधिकारी, समस्त विनियमित क्षेत्र तथा अधिशाषी निदेशक आवास बन्धु को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि 111 निजी विकासकर्ताओं द्वारा अपना पंजीकरण कराया गया तथा 42 योजनाओं की डी.पी.आर. शासन द्वारा अनुमोदित की गई। सम्बन्धित डेवलपर्स द्वारा विकास एवं भवन निर्माण कार्यों में रूचि नहीं ली जा रही है, यह स्थिति उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी डेवलपर्स द्वारा आवास बन्धु में पंजीकरण कराकर उन्हें इस योजना को क्रियान्वित करने का दायित्व दिया गया था। इन निजी विकासकर्ताओं को कतिपय रियायतें जैसे-भू-उपयोग, परिवर्तन शुल्क में छूट, विकास शुल्क में छूट, उच्च एफ.ए.आर. एवं घनत्व के रूप में इंसेप्टिव भी प्रदान किये गये, फिर भी आवास योजना के क्रियान्वयन में वांछित प्रगति नहीं हो पा रही है।
श्री सदाकान्त ने आवास आयुक्त, सभी उपाध्यक्षों, अध्यक्ष एवं नियन्त्रक प्राधिकारी से अपेक्षा की है की जिन डेवलपर्स का पंजीकरण हो चुका है, उनकी डी.पी.आर. प्राप्त कर अनुमोदन कराना सुनिश्चित किया जाये। जिन डेवलपर्स का डी.पी.आर स्वीकृत हो चुका है, उनसे मकानों के निर्माण का कार्य शीघ्र कराया जाये। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो सम्बन्धित विकासकर्ता को चिन्हित करते हुए उनकी जिम्मेदारी तय की जाये और फिर भी यदि इनमें सुधार नहीं होता है तो उनपर कार्यवाही का निर्णय लिया जाए।
अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि भविष्य में प्रदेश में प्रधामंत्री आवास योजना को क्रियान्वित किया जाना है, जो डेवलपर्स अभी तक इस दिशा में कार्य नहीं कर सके हैं वे प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए अपने विकल्प प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इसका भी परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।