किसानों को अपने गेहूं की उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाने हेतु मण्डियों में दिन में दो बार नीलामी के माध्यम से गेहूं की विक्री कराई जाये: राहुल भटनागर
डिपो पर ट्रकों की लाइन न लगने देने तथा सिंगल विण्डांे सिस्टम के माध्यम से गेहूँ की पावती गेहूँ सम्प्रदान के 48 घण्टे के अन्दर क्रय एजेन्सी को उपलब्ध कराने के मुख्य सचिव ने दिये कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि रबी विपणन वर्ष 2017-18 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत किसानों से गेहूँ की पारदर्शी ढंग से त्वरित खरीद सुनिश्चित कराने हेतु गेहूँ क्रय नीति, गेहूं क्रय केन्द्र व गेहूं के समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसान बंधुओं से मधुर व्यवहार करते हुए यह सुनिश्चित कराया जाये कि क्रय केन्द्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आने पाये। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित जिला खरीद अधिकारियों को भी नियमित रूप से गेहूं क्रय भुगतान व सम्प्रदान का नियमित रूप से अनुश्रवण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित तथा लापरवाही व अनियमितता बरतने वाले कर्मियों को नियमानुसार दण्डित किये जाने की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को प्रपत्र भेज कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने गेहूं की उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाने हेतु मण्डियों में दिन में दो बार नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री कराई जाये। उन्होंने कहा कि किसी किसान का मण्डी में लाया गया गेहूं अगर नीलामी में समर्थन मूल्य से कम हो तो ऐसी स्थिति में किसान का समस्त गेहूं क्रय केन्द्र पर खरीद सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि अगर गेहूं मानक के अनुरूप न होने के कारण गेहूं क्रय केन्द्र पर खरीद न हो पाने की स्थिति पर सम्बंधित किसान का नाम व मो0 नं0 लेकर एक रजिस्टर मेनटेन कर उसमें गेहूं खरीद न होने का स्पष्ट करण अंकित किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे समस्त प्रकरणों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी एक कमेटी जिला खाद्य बिपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित करेंगे, जिसमें ,खाद्य बिपणन अधिकारी, सम्बंधित क्रय केन्द्र प्रभारी, सम्बंधित एजेंसी का जनपद स्तरीय अधिकारी, किसान, जिसका गेहूं अस्वीकृत किया गया है, जिलाधिकारी द्वारा नामित दो प्रगतिशील किसान तथा मण्डी में गेहूं अस्वीकृत होने की स्थिति पर मण्डी सचिव की सदस्य नामित होंगे। उन्होंने कहा कि गठित समिति को ऐसे प्रकरणों का निस्तारण 48 घण्टे के अन्दर करना अनिवार्य होगा।
श्री भटनागर ने कहा कि मण्डियों में गेहूँ की आवक प्रारम्भ हो जाने के फलस्वरूप सभी गेहूँ क्रय केन्द्रों को तत्काल क्रियाशील कराते हुये विभिन्न प्रचार माध्यमों से गेहूँ क्रय नीति, गेहूँ क्रय केन्द्र व गेहूँ के समर्थन मूल्य का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी क्रय केन्द्र पर कर्मचारी, धनराशि, बोरा, श्रमिक, कृषकों हेतु समुचित सुख-सुविधा आदि उपलब्ध हो तथा क्रय केन्द्रों पर उपलब्ध इलेक्ट्राॅनिक कांटों पर सही तुलाई हेतु कांटा-बांट बांट-माप विभाग द्वारा सत्यापित होना अनिवार्य है।
मुख्य सचिव ने क्रय केन्द्र प्रभारियों की जिम्मेदारी नियत करते हुये निर्देश दिये हैं कि क्रय केन्द्रों पर बिचैलियों का किसी प्रकार का दखल न हो तथा कृषक से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली एवं कटौती न होने पाये। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर उतराई, छनाई के मद में आने वाले खर्च का वहन कृषक द्वारा किये जाने के कारण अनुमन्य धनराशि 10 रुपये प्रति कुन्तल का समर्थन मूल्य के साथ ही कृषक के खाते में आर0टी0जी0एस0/एकाउण्टपेयी चेक के माध्यम से क्रय केन्द्रों पर कृषक के गेहूँ की आवक के दिन ही गेहूँ को तुलवाते हुय भुगतान कृषक के खाते में किया जाये। उन्होंने कहा कि गेहूँ क्रय केन्द्रों पर गेहूँ क्रय की निगरानी रखने हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों का रोस्टर तैयार कर क्रय केन्द्रों व भण्डारण डिपों का नियमित निरीक्षण कराया जाये तथा समस्त उपजिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारियों द्वारा भी गेहूं क्रय केन्द्रों तथा भण्डारण गोदामों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाये। क्रय किये गये गेहूं को सुरक्षित रखे जाने, बरसात तथा अन्य कारणों से होने वाली क्षति से बचाव हेतु प्रभावी उपाय किये जाये।
श्री भटनागर ने क्रय के सापेक्ष गेहूँ का सम्प्रदान तेजी से भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर सुनिश्चित कराने के लिये डिपो पर ट्रकों की लाइन न लगने देने तथा सिंगल विण्डांे सिस्टम के माध्यम से गेहूँ की पावती गेहूँ सम्प्रदान के 48 घण्टे के अन्दर क्रय एजेन्सी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय खाद्य निगम डिपो पर समन्वय तथा निरीक्षण हेतु एक जनपद स्तरीय अधिकारी को तैनात करने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्य सचिव ने जनपद में सड़क व रैक के माध्यम से गेहूँ के अवैध संचरण, फ्लोर मिलों आदि में गेहूँ के अवैध भण्डारण व कर अपवंचन को रोकने हेतु खाद्य विभाग, मण्डी परिषद व व्यापार कर विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाये। उन्होंने जनपद स्तर पर क्रय किये गये गेहूँ का सुरक्षित भण्डारण सुनिश्चित कराया जाये तथा जनपद स्तर पर भण्डारण स्थान की कमी की स्थिति पर खाद्य विभाग व भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों के सहयोग से अतिरिक्त भण्डारण स्थल चिन्हित कर नियमानुसार भण्डारण कराया जाये। उन्होंने ने क्रय केन्द्र प्रभारी, क्रय एजेन्सी के जनपद व मण्डल स्तरीय अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी, सम्भागीय खाद्य नियंत्रक के साथ-साथ जिला खरीद अधिकारी की जिम्मेदारी नियत कर शत-प्रतिशत गेहूँ सम्प्रदान सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।