Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्री डा0 मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि मानव जीवन में विज्ञान का अहम योगदान है। बिना विज्ञान के हम उन्नति के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकते हैं। डा0 पाण्डेय भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्म दिवस 15 अक्टूबर को नव प्रवर्तन दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद द्वारा आयोजित व्याख्यान एवं बाल सृजनात्मक कार्यशाला एवं प्रतियोगिता में बोल रहे थे। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों से आये छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उ0प्र0 की सरकार ने कम्प्यूटर और लैपटाॅप वितरित करके सराहनीय कार्य किया है। प्रदेश के गांवों को देश-दुनिया से जोड़ने का काम किया गया है । परिणाम स्वरूप गांव का गरीब किसान आज सीमा पर बैठे अपने बेटे से हाल-चाल लेता रहता है।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि हमारे देश में प्राकृतिक खजाने भरे पड़े हैं। हमारे वैज्ञानिकों को चुनौतियों का सामना करना होगा। इसके लिए सभी सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। इसके लिए वैज्ञानिकों को भी संकल्प लेना होगा। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से हमें प्रेरणा लेनी होगी, युवा वैज्ञानिकों को नई खोज के लिए रास्ते खोजने होंगे, तभी हमारा प्रदेश प्रगति के रास्ते पर चल सकेगा।
इस अवसर पर विभाग के प्रमुख सचिव डा0 हरशरण दास ने कहा कि नव सृजन एवं नव प्रवर्तन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के वृक्षों पर विदेशों में शोघ होता है। हम अपने देश में वृक्षों पर शोघ करके अपनी आर्थिक दशा को सुधार सकते हैं।
कार्यक्रम को विभाग के निदेशक डा0 एम.के.जे. सिद्दीकी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने मुख्य अतिथि डा0 मनोज कुमार पाण्डेय को स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्य अतिथि ने प्रतिभागी बच्चों के मध्य पुरस्कार वितरित किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
प्रदेश के आबकारी आयुक्त, के आदेशानुसार दिनांक 01 अक्टूबर से दिनांक 25 अक्टूबर तक अवैध मदिरा के आवागमन, निर्माण एवं उसके उपयोग पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु प्रदेश भर में विशेष प्रर्वतन अभियान चलाया जा रहा है। उसी आदेश के क्रम में जिला आबकारी अधिकारी लखनऊ के कुशल निर्देशन में आबकारी निरीक्षकगण सर्वश्री विशाल वर्मा, संजय यादव, श्रीराम कनौजिया, एन.एन. पाण्डेय, ओ.एन. अग्रवाल, सीताराम यादव, नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, वाणी विनायक मिश्रा व अखिलेश्वर नाथ सिंह द्वारा अपने अधीनस्थों के साथ दिनांक 14 अक्टूबर, 2014 को ग्राम/स्थल डालीगंज थाना-हसनगंज, उसरी थाना-अशियाना, घोला थाना-दतली थाना-मलिहाबाद, खेवली, नयापुरवा, हबीरपुर व खुर्दही थाना- गोसाईगंज लखनऊ के 34 स्थानों पर सघन छापेमारी की गई। इसके अन्तर्गत 15 अभियोग पंजीकृत किये गये व 105 लीटर अवैध शराब बरामद हुई तथा लगभग 32 कुन्टल बरामद लहन को मौके पर नष्ट किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के हित में वाणिज्य कर विभाग में आनलाईन व्यापार पंजीयन की सुविधा हेतु पूरे प्रदेश में 250 सुविधा केन्द्रों की स्थापना की है। व्यापारियों को आनलाईन पंजीयन अथवा आनलाईन रिटर्न विवरण वाणिज्य कर विभाग को भेजने हेतु समस्त सुविधा केन्द्रों पर निर्धारित शुल्क दरों की सूची टांगने के निर्देश भी दिये हैं।
यह जानकारी प्रदेश के वाणिज्य कर आयुक्त श्री मृम्युंजय कुमार नारायण ने दी। उन्होंने बताया कि व्यापारियों की जानकारी हेतु उक्त समस्त सुविधा केन्द्रों की सूचना वाणिज्य कर विभाग की वेबसाईट पर उपलब्ध है।
वाणिज्य कर आयुक्त ने बताया कि पंजीयन सुविधा व्यापारियों को द्वार पर ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। वाणिज्य कर संबंधित समस्त विवरण वाणिज्य कर रिटर्न, सभी आवश्यक प्रपत्रों की शुद्ध एवं सही भरने के लिए अब उन्हें वाणिज्य कर मुख्यालय लखनऊ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे बल्कि इन स्थापित किये गये 250 सुविधा केन्द्रों पर जाकर निर्धारित शुल्क देकर व्यापार संबंधी सूचनाएं, रिपोर्ट, रिटर्न, विवरण पत्रों के अनुसार आनलाईन भेज सकते हैं। आनलाईन निर्धारित प्रपत्रों की सूचनाओं में त्रुटि होने पर सुधार एवं संशोधित सूचनाएं भी भेज सकते हैं जो वाणिज्य कर मुख्यालय पर प्राप्त हो जायेगी। व्यापारियों की सुविधा हेतु खोले गये सभी सुविधा केन्द्रों पर निर्धारित शुल्क दरों की सूचना भी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के निर्देश दिये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के वाणिज्यकर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायण ने समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर तथा ज्वाइन्ट कमिश्नर्स कार्यपालक वाणिज्य कर को व्यापारियों के पंजीयन प्रमाण पत्रों में संशोधन हेतु लम्बित पुराने प्रार्थना पत्रों को 31 अक्टूबर तक निस्तारित करने के निर्देश दिये हैं। निस्तारित प्रार्थना पत्रों की रिर्पोट आगामी 5 नवम्बर, 2014 तक प्रत्येक दशा में वाणिज्य कर मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिये गये हैं।
वाणिज्य कर आयुक्त ने विभागीय समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर तथा ज्वाइंट कमिश्नर्स को सचेत किया है कि 31 अक्टूबर, 2014 के बाद कोई समयावधि नहीं बढ़ाई जायेगी। निर्धारित अवधि के बाद जिस अधिकारी के पास निस्ताण हेतु ऐसे प्रार्थना पत्र लम्बित पाये जायेंगे उस अधिकारी को दण्डित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करे एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु महिलाओं की उद्योग जगत में पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना चलाई की गई है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि बेरोजगार महिलाओं को अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाय। इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु इस योजनान्तर्गत महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाईयों को राष्ट्रीकृत बैंको, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृत/वितरित सावधि ऋण पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50.00 हजार प्रति इकाई प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 05 वर्षों के लिए 2.50 लाख प्रति इकाई को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
महिला उद्यमी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल उत्तीर्ण होनी चाहिए। उत्पादन क्षेत्र व सेवा क्षेत्र की भी इकाईयों को सम्मिलित किया जाता है। प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि उपलब्ध प्रविधान के अन्तर्गत ही रखी जयेगी। सेवा क्षेत्र की इकाईयों का तात्पर्य एम.एस.एम.ई. मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिपत्रों के माध्यम से घोषित सेवा क्षेत्र जैसे-व्यापारिक सेवायें, कम्यूनिकेशन सेवायें, निर्माण कार्य सेवायें, वितरण संबंधी सेवायें, शिक्षा सेवायें, फाइनेंन्शियल सेवायें, आदि। उक्त से संबंधित लखनऊ जनपद की पात्र उद्यमी इससे संबंधित अधिक जानकारी/ इस योजना का लाभ लेने हेतु कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग केन्द्र, 8 कैण्ट रोड, कैसरबाग, लखनऊ कार्यालय टेलीफोन न0-0522-2614083 से सम्पर्क कर किसी भी कार्य दिवस में अपना आवेदन-पत्र दिनांक 21.10.2014 को सांय 05ः00 बजे तक जमा कर सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध स्ववित्त पोषित अशासकीय महाविद्यालयों के कला, वाणिज्य एवं विज्ञान पाठ्यक्रम के स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश में आ रही कठिनाइयों को देखते हुये सीटें बढ़ा दी गई हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, सुश्री कल्पना अवस्थी ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इण्टर पास छात्र-छात्राओं को स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिये समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे स्ववित्त पोषित अशासकीय महाविद्यालयांे में उनकी आवश्यकता, उनमें उपलब्ध अवस्थापना सुविधाओं तथा शिक्षकों आदि की उपलब्धता का निर्धारित मानकों के अनुसार परीक्षण कर सीट वृद्धि के सम्बन्ध में अपने स्तर से कार्यवाही करें। उन्होंने बताया कि महाविद्यालयों में किसी कक्षा में छात्रों की संख्या अध्ययन कक्ष में व्याख्यान के प्रयोजनार्थ बिना कुलपति की पूर्वानुज्ञा 60 से अधिक न होगी, किन्तु यह किसी भी दशा में 80 से अधिक न होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्नातक कक्षाओं में प्रवेश में आ रही कठिनाइयों के दृष्टिगत चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में केवल छात्रों के लिये सांध्यकालीन कक्षाओं के संचालन का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुश्री कल्पना अवस्थी ने दी है। उन्होंने बताया कि विशेष परिस्थितियों मंे सत्र 2014-15 के लिये सांध्यकालीन कक्षाओं के संचालन के लिये कुछ शर्तें भी रखी गयी हैं। उन्होंने बताया कि जिस कालेज को विश्वविद्यालय द्वारा अनुमति दी जायेगी वह अनिवार्य रूप से प्रथम पाली एवं सांध्यकालीन पाली की समय-सारिणी विश्वविद्यालय को अपने आवेदन के साथ उपलब्ध करायेंगे, जिसे विश्वविद्यालय अनुमोदित करेगा। समय सारिणी का अनुपालन कराना कुलसचिव का दायित्व निर्धारित किया गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई कालेज सांध्यकालीन कक्षायें संचालित करना चाहता है तो विश्वविद्यालय यह परीक्षण करेगा कि उस कालेज से संबंधित अन्य सभी प्रकार के कालेजों में उपलब्ध सीटें भर चुकी हैं। इसी प्रकार नगर पंचायत एवं नगर परिषद क्षेत्रों में यदि कोई कालेज सांध्यकालीन कक्षाओं के लिये अनुमति मांगते हैं तो विश्वविद्यालय यह देखेगा कि संबंधित नगर पंचायत अथवा नगर परिषद क्षेत्र में स्थित अन्य सभी कालेजों में उपलब्ध सभी सीटें भर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नगर क्षेत्र में स्थित यदि कोई कालेज सांध्यकालीन कक्षायें चलाना चाहता है तो यह देखा जायेगा कि क्षेत्र में किसी अन्य कालेज में सीटें रिक्त न हों अन्यथा सांध्यकालीन कक्षायें चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इन कक्षाओं के संचालन हेतु शासन द्वारा किसी प्रकार का वित्तीय अनुदान विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को नहीं दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त कक्षाओं के चलाने के लिये किसी भी शिक्षक के नये पद की स्वीकृति नहीं दी जायेगी तथा शिक्षण कार्य मानदेय/रिटायर्ड अध्यापकों के माध्यम से कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि ऐसी सभी कक्षाओं में प्रवेश पर उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश में आरक्षण के नियम जैसे शासन द्वारा निर्गत किये गये हैं अनिवार्य रूप से लागू होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 215 ब्लाकों के क्षेत्रों में भू-गर्भ जल के अतिदोहन के कारण जल स्तर काफी नीचे चला गया है अतः उक्त ब्लाक क्षेत्रों में भू-गर्भजल के संवर्धन, संचयन एवं संरक्षण के निर्देश समस्त विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव/मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों/सिंचाई अभियन्ताओं मुख्य विकास अधिकारियों तथा विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को दिये हैं।
यह जानकारी प्रदेश के लघु सिंचाई मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि निदेशक भू-गर्भजल विभाग, उ0प्र0 लखनऊ के टेलीफोन नम्बर-0522-2287233 तथा 2287068 एवं फैस नं0- 0522-2286471 पर भू-गर्भ जल संचयन, संवर्धन तथा बचाव हेतु जानकारी कर सकते हैं।
लघु सिंचाई मंत्री श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश के भू-जल स्तर की कमी वाले 215 ब्लाकों में से 76 ब्लाकों में भू-गर्भजल का अतिदोहन हुआ है। 32 ब्लाकों में भू-जल स्तर की क्रिटिकल स्थिति है तथा 107 विकास खण्ड सेमी क्रिटिकल दशा में पहंुच चुके हैं। उक्त सभी ब्लाकों में भू-गर्भजल संरक्षण, संवर्धन, भूजल रिचार्ज की व्यवस्था जन सहभागिता से शासन द्वारा की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’ ने कहा है कि धान क्रय नीति एवं लेवी चावल नीति में व्याप्त विसंगति को दूर किया जायेगा।उन्होंने इस वर्ष के लिए जारी धान क्रय नीति में दो मीट्रिक टन से कम क्षमता वाली चावल मिलों से कस्टम मिलिंग का कार्य प्रतिबन्धित किये जाने पर जन प्रतिनिधियों एवं राइस मिलर्स एसोसिएशन की आपत्तियों एवं शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को इसे दूर करने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
खाद्य एवं रसद मंत्री ने बताया कि जहां धान क्रय नीति में तो दो मीट्रिक टन से कम क्षमता वाली मिलों को कस्टम मिलिंग का कार्य करने से रोका गया है, वहीं उत्तर प्रदेश चावल और धान (उद्ग्रहण और व्यापार विनियमन) आदेश के तहत 0.5 मीट्रिक टन प्रति घंटा क्षमता वाली चावल मिलों से लेवी चावल खरीद किये जाने की व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार खरीफ विपणन नीति-2014-15 में न्यूनतम दो मीट्रिक टन क्षमता का प्राविधान किये जाने से लेवी चावल हेतु 0.5 मी0टन क्षमता वाली चावल मिल होने का प्राविधान स्वतः प्रभावहीन हो जाता है क्यांेकि लेवी चावल उन्हीं मिलों से ली जायेेगी, जिन्होंने कस्टम मिलिंग का कार्य किया है।
जन प्रतिनिधियों एवं राइस मिलर्स एसोसिएशन ने खाद्य मंत्री ने संज्ञान में लाया है कि चावल मिलों के लिए न्यूनतम दो टन की क्षमता अनिवार्य किये जाने से पूर्वांचल क्षेत्र की अधिकांश मिलें स्वतः प्रतिबन्धित हो जायेंगी, जिससे
राइस मिल उद्योग को भारी क्षति होगी तथा इसका सारा उत्तरदायित्व राज्य सरकार पर आयेगा।
खाद्य एवं रसद मंत्री ने इन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुये प्रमुख सचिव खाद्य को लिखे पत्र में कहा है कि खाद्य विभाग के दोनों निगमों उ0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण निगम एवं आवश्यक वस्तु निगम को धान खरीद में शामिल न किये जाने से न केवल दोनों निगमों को भारत सरकार से अनुमन्य
2.5 प्रतिशत कमीशन की आर्थिक क्षति होगी, बल्कि दोनों निगमों के गत वर्षों के बकाया सी0एम0आर0 की डिलीवरी अवरूद्ध होने के सम्भावना उत्पन्न होगी जिससे इन निगमों को अनावश्यक वित्तीय क्षति उठानी पड़ेगी।
खाद्य एवं रसद मंत्री ने इन दोनों खामियों को दूर करने के मद्देनजर प्रमुख सचिव को कैबिनेट के विचार हेतु तत्काल आवश्यक संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं ताकि इसे कैबिनेट से अनुमोदन कराकर धान क्रय नीति में आवश्यक संशोधन कर विसंगति को दूर किया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 16 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप आज उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-।। के तहत ‘सहभागी सिंचाई रथ’ संचालन हेतु 16 ‘‘सहभागी सिंचाई रथ’’ को हरी झण्डी दिखाकर 16 जनपदों के लिए रवाना किया। उ0प्र0 के इतिहास में यह एक नयी शुरूआत है। सरकार व शासन की तरफ से कई बार इसका प्रयास किया गया लेकिन पहलीबार उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के दिशा-निर्देश में इस उद्देश्य की पूर्ति हो सकी। इस अभियान की मूल भावना है कि जनता की भी इसमें हिस्सेदारी हो।
आज यहां दीन दयाल उपाध्याय राज्य विकास संस्थान बक्शी का तालाब पर विश्वबैंक द्वारा वित्त पोषित उ0प्र0. वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-।।, सहभागी सिंचाई रथ संचालन की शुरूआत की गयी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए श्री ‘गोप’ ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना चलाई जा रही है जिसमें किसानों का सहयोग लेकर नहरों के रख-रखाव, जल वितरण आदि का कार्य किया जायेगा। इससे किसानों को समय से व बारी-बारी से सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे फसलों के समय से पानी की सुनिश्चिता होने से कृषि सघनीकरण व विविधीकरण भी सम्भव हो सकेगा। साथ ही किसानों को सिंचाई जल की सुनिश्चितता होने के कारण आपसी झगड़े व नहर कटिंग आदि में कमी आयेगी।
श्री अरविन्द्र कुमार सिंह ‘गोप’ ने कहा कि इस रथ के साथ फोल्डर/पत्रिकाओं का प्रकाशन किसानों की सामान्य समस्यायें, जल उपभोक्ता समिति के गठन की प्रक्रिया, जल उपभोक्ता समिति से संबंध जानकारी आदि के द्वारा प्रचार-प्रसार सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे सीधे लाभार्थी समूह को भी पहंुचाने में सफल होंगे। यह सीधे ग्राम पंचायत में जाकर कार्य करेगा। इस कार्य का जल, जमीन, जंगल व सिंचाई को दृष्टिगत रखते किया गया है।
इस अवसर पर महानिदेशक दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के श्री एन0एस0रवि ने बताया कि ये रथ आधुनिक संचार तकनीक यथा, जी0पी0एस0, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर आदि से लैस हैं। इन रथों में लगे उपकरणों से कृषकों को संस्थान द्वारा निर्मित सहभागी सिंचाई प्रबन्धन संबंधी फिल्म, स्पाट जिंगल्स, रथ के साथ चल रहे पिम विशेषज्ञ की वार्ता, सहभागी सिंचाई प्रबन्धन संबंधी साहित्य, पोस्टर्स आदि की सहायता से सहभागी सिंचाई प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट किये जायेंगे व परियोजना के प्रति संचेतन किया जायेगा जिससे कृषक सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अपना कर सिंचाई जल का समुचित उपयोग करेंगे तथा कृषि विविधीकरण व सघनीकरण के माध्यम से आय के अतिरिक्त स्रोत सृजित कर सकेंगे।
परियोजना के समन्वयक, अपर निदेशक, दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान डा0 वरदानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर परियोजना के द्वितीय चरण के क्षेत्र में कृषकों में सहभागी सिंचाई प्रबन्धन की अवधारणा को स्पष्ट करने व कृषकों में परियोजना के उद्देश्यों के प्रति संचेतना जाग्रत करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब लखनऊ द्वारा सूचना, शिक्षा एवं संचार कार्यक्रम अन्तर्गत सहभागी सिंचाई रथ प्रदेश के 16 जनपदों जिनमें कासगंज, कन्नौज, फर्रूखाबाद, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, कानपुर देहात, एटा, औरैया, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी, ललितपुर, फतेहपुर व कौशाम्बी हैं, में संचालित किये जायेंगे।
इस अवसर पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आई0ई0सी0) पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया जिसमें संबंधित सिंचाई विभाग के संबंधित अधिशासी अभियन्ता, कृषि विभाग के अधिकारी, रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिक आदि ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com