उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप आज उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-।। के तहत ‘सहभागी सिंचाई रथ’ संचालन हेतु 16 ‘‘सहभागी सिंचाई रथ’’ को हरी झण्डी दिखाकर 16 जनपदों के लिए रवाना किया। उ0प्र0 के इतिहास में यह एक नयी शुरूआत है। सरकार व शासन की तरफ से कई बार इसका प्रयास किया गया लेकिन पहलीबार उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के दिशा-निर्देश में इस उद्देश्य की पूर्ति हो सकी। इस अभियान की मूल भावना है कि जनता की भी इसमें हिस्सेदारी हो।
आज यहां दीन दयाल उपाध्याय राज्य विकास संस्थान बक्शी का तालाब पर विश्वबैंक द्वारा वित्त पोषित उ0प्र0. वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-।।, सहभागी सिंचाई रथ संचालन की शुरूआत की गयी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए श्री ‘गोप’ ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना चलाई जा रही है जिसमें किसानों का सहयोग लेकर नहरों के रख-रखाव, जल वितरण आदि का कार्य किया जायेगा। इससे किसानों को समय से व बारी-बारी से सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे फसलों के समय से पानी की सुनिश्चिता होने से कृषि सघनीकरण व विविधीकरण भी सम्भव हो सकेगा। साथ ही किसानों को सिंचाई जल की सुनिश्चितता होने के कारण आपसी झगड़े व नहर कटिंग आदि में कमी आयेगी।
श्री अरविन्द्र कुमार सिंह ‘गोप’ ने कहा कि इस रथ के साथ फोल्डर/पत्रिकाओं का प्रकाशन किसानों की सामान्य समस्यायें, जल उपभोक्ता समिति के गठन की प्रक्रिया, जल उपभोक्ता समिति से संबंध जानकारी आदि के द्वारा प्रचार-प्रसार सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे सीधे लाभार्थी समूह को भी पहंुचाने में सफल होंगे। यह सीधे ग्राम पंचायत में जाकर कार्य करेगा। इस कार्य का जल, जमीन, जंगल व सिंचाई को दृष्टिगत रखते किया गया है।
इस अवसर पर महानिदेशक दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के श्री एन0एस0रवि ने बताया कि ये रथ आधुनिक संचार तकनीक यथा, जी0पी0एस0, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर आदि से लैस हैं। इन रथों में लगे उपकरणों से कृषकों को संस्थान द्वारा निर्मित सहभागी सिंचाई प्रबन्धन संबंधी फिल्म, स्पाट जिंगल्स, रथ के साथ चल रहे पिम विशेषज्ञ की वार्ता, सहभागी सिंचाई प्रबन्धन संबंधी साहित्य, पोस्टर्स आदि की सहायता से सहभागी सिंचाई प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट किये जायेंगे व परियोजना के प्रति संचेतन किया जायेगा जिससे कृषक सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अपना कर सिंचाई जल का समुचित उपयोग करेंगे तथा कृषि विविधीकरण व सघनीकरण के माध्यम से आय के अतिरिक्त स्रोत सृजित कर सकेंगे।
परियोजना के समन्वयक, अपर निदेशक, दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान डा0 वरदानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर परियोजना के द्वितीय चरण के क्षेत्र में कृषकों में सहभागी सिंचाई प्रबन्धन की अवधारणा को स्पष्ट करने व कृषकों में परियोजना के उद्देश्यों के प्रति संचेतना जाग्रत करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब लखनऊ द्वारा सूचना, शिक्षा एवं संचार कार्यक्रम अन्तर्गत सहभागी सिंचाई रथ प्रदेश के 16 जनपदों जिनमें कासगंज, कन्नौज, फर्रूखाबाद, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, कानपुर देहात, एटा, औरैया, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी, ललितपुर, फतेहपुर व कौशाम्बी हैं, में संचालित किये जायेंगे।
इस अवसर पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आई0ई0सी0) पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया जिसमें संबंधित सिंचाई विभाग के संबंधित अधिशासी अभियन्ता, कृषि विभाग के अधिकारी, रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिक आदि ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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