Posted on 07 December 2013 by admin
भारत सरकार ने दक्षिणी अफ्रीका के भूतपूर्व राष्ट्र पति डॉण् नेल्सकन आर मंडेला जिनका पांच दिसंबर ;बृहस्पीतिवारद्धए 2013 को देहांत हो गया हैए के सम्मायन में 6 से 10 दिसंबर 2013 तक पांच दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राजकीय शोक के दौरान देश भर में 6 से 10 दिसंबर 2013 तक राष्ट्रीाय ध्व्ज झुका रहेगा और किसी तरह के सरकारी समारोह आयोजित नहीं किये जाएंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
हाल में लागू किये गये कंपनी अधिनियमए 2013 के प्रावधानों के अधीन गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ;एसएफआईओद्ध को वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। कंपनी अधिनियमए 2013 के कई अन्य प्रावधान भी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय को जांच कार्यों के संचालन में और भी अधिक प्रभावकारी और सक्षम बनाएगा। ऐसे कार्यालय के क्रियाकलाप में सुधार लाने के उद्देश्य से नई प्रौद्योगिकी और कुशल कामगारों को शामिल करने के लिए भी कदम उठाये गये हैं। कार्पोरेट कार्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उनके मंत्रालय में एसएफआईओ द्वारा संचालित जांचों के विवरणों की निगरानी की जाती है और आवश्यकतानुसार समुचित निर्देश और सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
प्रधानमंत्री डॉक्ट्र मनमोहन सिंह ने श्री नेल्ससन मंडेला के निधन पर गहरा दुख व्य्क्ती किया है। प्रधानमंत्री के संदेश का मूल पाठ निम्ननलिखित है रूश्श्राष्ट्रमपति नेल्सान मंडेला के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। किसी कवि ने कहा हैए श्श्यहां और वहांए कभी कभारए ईश्वखर मानवों के बीच महामानव की रचना करते हैं।श्श् राष्ट्रंपति मंडेला मानवों के बीच एक ऐसे ही महामानव थे। उन्होंाने न सिर्फ विश्व् की अंतरात्माम का प्रतिनिधित्वम किया अपितु वे दमन और अन्याय के विरुद्ध अपनी जनता को विजय दिलाने के बाद ऐसी ही बुराइयों के प्रति संघर्षरत लोगों के लिए आशा की किरण भी बने रहे। नेल्सषन मंडेला ने बहुत कठिनाइयों का सामना किया ताकि दूसरों को सम्माइनए समानता और अवसर उपलब्ध हो सकें। वे भेदभाव और अमानवीय बहिष्कादर के विरुद्ध लड़ते रहेए लेकिन इन कटु भेदों से ऊपर उठकर उन्होंकने एक छिन्नु.भिन्नम राष्ट्र् के जख्मोंर पर मरहम लगाया और सामंजस्य स्थाहपित किया। उनके जीवन और कार्यों ने उन्हेंर विश्वह का नागरिक बना दिया। विशेषकर भारत में उनके प्रति विशेष प्रेम और सम्मांन है। उनका मिशन रंगभेद के विरुद्ध हमारे सैद्धांतिक संघर्ष की महान प्रेरणा और नैतिक संरक्षण था। इस मिशन ने बेहतर विश्व की हमारी अपनी आशा को भी परिलक्षित किया और हम उस समय बेहद गौरवान्वित हुएए जब उन्होंशने भारत के सर्वोच्चत नागरिक सम्माहन भारत रत्न् को स्वी्कार किया।
राष्ट्रचपति मंडेला का निधन भारत और विश्व् के लिए भी उतनी ही बड़ी क्षति हैए जितनी दक्षिण अफ्रीका के लिए। आज हम दक्षिण अफ्रीका और विश्वक के साथ इस क्षति का शोक मना रहे हैंए लेकिन हम जानते हैं कि उनका जीवन और आदर्श आने वाली पीढि़यों को प्रेहरित करता रहेगा। ईश्वैर उनकी आत्मार को शांति प्रदान करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
राजधानी दिल्ली में एचटी लीडरशिप समिट में सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाए श्यह वोट हासिल करने का तिकड़म नहीं है। मेरा मानना है कि पिछले पाँच से छह वर्ष में हम देश के किसी न किसी हिस्से में सांप्रदायिक हिंसा का सामना कर रहे हैं और हमारा प्रयास यह रहा है कि ऐसा वातावरण तैयार किया जाएए जिसमें जहां तक संभव हो सके कानून.व्यवस्था से जुड़े मानवीय तरीके से काम कर सकें। अगर दंगों की रोकथाम नहीं की जा सकती है तो दंगा पीडितों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिेए। अतः यहां दो बड़े सिद्धांत हैं जो इस बात पर जोर देते हैं कि सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक का क्या उद्देश्य है। मेरा मानना है कि यह ऐसा विधेयक है जिसका समय आ चुका है। मुजफ्फरनगर और देश के अन्य हिस्सों में जो कुछ हुआ वह इस बात की याद दिलाता है कि एक देश होने के नाते हम देश के सभी नागरिकों की रक्षा करने में अपनी क्षमता पर गर्व कर सकते हैंए लेकिन फिर भी कई बार ऐसा समय आया है जहां त्रुटियां हुई हैं। अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है तो इन त्रुटियों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगीश्।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 December 2013 by admin
नई दिल्ली में आज हिन्दु्स्ताान टाइम्स1 समिटए 2013 में प्रधानमंत्री डॉक्ट र मनमोहन सिंह के संबोधन का मूल पाठ निम्नुलिखित हैरूश्श्मुझे आप लोगों के बीच आने की खुशी हैए लेकिन हमारी मुलाकात दुखद परिस्थितियों मेंए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रुपति नेल्स न मंडेला के निधन के समय हो रही है। उन्होंोने विश्वच की अंतरात्मार का प्रतिनिधित्वट किया। वे दमन और अन्या य के विरुद्ध अपनी जनता को विजय दिलाने के लंबे अर्से बाद भी ऐसी ही बुराइयों के प्रति संघर्षरत लोगों के लिए आशा की किरण बने रहे। बटे हुए विश्व में वे सुलह और सद्भाव के साथ काम करने का एक उदहारण थे और आने वाले लंबे अर्से तक हमें उनके जैसी कोई अन्यर शख्सियत देखने को नहीं मिलेगी। भारत उन्हेंल भावनाओं और आदर्शों से एक सच्चाय गांधीवादी मानता है और पूरे विश्वन के साथ मिलकर उनके कार्यों और शिक्षाओं के प्रति आभार व्यक्तव करता है। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
आज के प्रयोजन की ओर लौटते हुएए मैं दशक भर से हर साल इस प्रकार के सालाना आयोजन करने के प्रयासरत रहने और प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए शोभना जी की सराहना करता हूं । आपके पिछले दस समिट्स में से प्रत्ये्क के विषय पर गौर करने पर मैंने पाया कि आपने लगातार भारत के भविष्यद – अवसरों और चुनौतियों दोनों पर ध्यारन केन्द्रित किया है। व्याावसायिक तौर पर भी मीडिया का यह दायित्वऔ बनता है कि वह वर्तमान पर ध्या्न केन्द्रित करेए लेकिन मुझे खुशी है कि इस तरह के समिट के आयोजन जैसे प्रयासों के माध्य्म से वे अकसर भविष्य के बारे में भी चिंतन करते हैं।
इसी भावना को बरकरार रखते हुए इस अवसर का उपयोग करते हुए मैं भी थोड़ा रुक कर बड़े परिदृश्यह पर अपने नजरिये से विचार करना चाहता हूं।
मेरा नाता ऐसी पीढ़ी से हैए जिसने हमारे स्वाचधीनता संग्राम और राष्ट्रर निर्माण के हमारे प्रयासों से आकार लिया। स्वाेधीनता ने हमें आशा प्रदान की और स्वााधीनता ने हमें साहस प्रदान किया। लोकतंत्र ने हमें अधिकार और उत्तमरदायित्व प्रदान किये तथा राष्ट्रा निर्माण ने हमारे संविधान को परिभाषित किया। हमारी पीढ़ी ने तकरीबन आधी सदी धीमी वृद्धिए धीमे औद्योगिक विकासए बार.बार पड़ते अकाल और बहुत कम सामाजिक गतिशीलता देखी। वह भारत आज भी हमारे बहुत से भाइयों और बहनों के लिए विद्यमान हैए लेकिन बहुत कम लोगों के लिए।
बिल्कुकल अलग माहौल में जीवन बिताने के बादए मेरी पीढ़ी लगातार उसकी तुलना हमारे वर्तमान से करती है और वास्तेविकता यह है कि एक पीढ़ी के रूप में हमने अपने जीवन में ऐसे बदलाव का दौर देखा हैए जिसकी कल्पहना भी हमारी युवावस्थान के दौरान संभव नहीं थी। मेरे जैसे लाखों भारतवासी हैंए जिन्होंने अपना बचपन बहुत कम उम्मीाद के वातावरण के बीच बिताया है और उसके बाद बिल्कुएल अलग किस्मक का जीवन जिया है। यह सिर्फ समय के बदलाव मात्र से नहीं हुआए बल्कि भारत की जनता के प्रयासए साहस और महत्वा कांक्षाओं के मिश्रण तथा केन्द्रं और राज्यों् की विभिन्नप सरकारों की ओर से प्रदत्तव नेतृत्वश और मार्गदर्शन से हुआ।
शून्यण वृद्धि दर वाली 1900 और 1950 के बीच की आधी सदी के बाद हमने 3ण्5 प्रतिशत की दर से सालाना वृद्धि होते देखी। जब हमें महसूस हुआ कि दूसरे विकासशील देश हमें पछाड़ रहे हैं और उन्हों ने विकास के नये रास्तेु तलाश लिए हैंए तो हमने भी 1990 के दशक के आरंभिक वर्षों में अपना रास्ताे बदल लिया । पिछले दो दशकों से औसत सालाना वृद्धि दर दोगुने से ज्या दा बढ़कर 7ण्0 प्रतिशत हो गई और भारतीय अर्थव्यधवस्थाे वृद्धि के मार्ग पर बढ़ती गई ।
स्वाढभाविक रूप से इसमें उतार.चढ़ाव के दौर आएंगे। अर्थव्यावस्थाय का चक्र हमारे समक्ष अच्छेू प्रदर्शन के वर्ष और साधारण प्रदर्शन के वर्ष प्रस्तुयत करता हैए लेकिन सबसे ज्याषदा उल्लेपखनीय बात यह है कि अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा ग़रीब और ग़रीब होता जा रहा है। आज बहुत से लोग 5 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर से संतुष्टब नहीं हैए जबकि हमारी आजादी के दो दशकों से ज्या दा अर्से बाद तक हमारी पंचवर्षीय योजनाओं की वृद्धि दर का लक्ष्यद पांच प्रतिशत था।
वैश्विक चुनौतियों की दिशा में तमाम उतार.चढ़ावों और अतीत में की गई नीतिगत भूलों के बोझ के बावजूद हमारी अर्थव्यतवस्थार वृद्धि के रास्ते पर है। यह पहला सबक हैए जो मैंने थोड़ा रुक कर और उभरते बड़े परिदृश्य् पर गौर करते समय सीखा है। हालांकि आर्थिक वृद्धिए सामाजिक बदलाव और राजनीतिक सशैक्तिकरण ने भारतीयों की बिल्कुिल नई पीढ़ी में नई महत्वाककांक्षाओं को जन्मस दिया है। इसने वृद्धि की तेज रफ्तार और बेहतर जीवन के प्रति बेचैनी बढ़ाने में योगदान दिया है। ये आकांक्षाएं और महत्वााकांक्षाएं सरकारों पर ज्या्दा देनेए बेहतर प्रदर्शन करनेए ज्याादा पारदर्शी बनने और ज्यारदा प्रभावशाली बनने का दबाव बना रही हैं। श्श्बढ़ती महत्वा कांक्षाओं की क्रांतिश्श् जारी है और मैं उसका स्वादगत करता हूं। वास्तकविकता तो यह है कि थोड़ा रुकने और बड़े परिदृश्ये पर गौर करने पर सही मायने में सबसे ज्यावदा महत्व पूर्ण हमारी लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रणाली मालूम पड़ती हैए जो इन अपेक्षाओं पर खरी उतरती आई है। पहले से कहीं ज्यातदा तेजी से बदल रहे भारत के संदर्भ मेंए हमारे गणराज्ये के प्रत्येतक राज्य में सरकारों का निर्वाचन और पुनर्निर्वाचन शांतिपूर्णए निष्पषक्ष और कारगर रूप से होने वाले चुनावों के माध्यकम से होता आया है।
कभी.कभार जनाक्रोश सड़कों पर और मीडिया के माध्यमम से दिखाई दे सकता हैए लेकिन भारत का श्श्शांत बहुसंख्यपक वर्गश्श् सुरक्षा और बदलाव के लिए अपने मताधिकार का इस्तेुमाल वैध लोकतांत्रिक तरीकों से करता है। पिछले दो वर्षों से कुछ बेहद महत्व।पूर्ण और चिंतित नागरिकों ने पूरे राजनैतिक वर्ग पर भ्रष्टद और जनविरोधी होने का आरोप लगाते हुए निराशावाद फैलाने की कोशिश की है। बहुत से लोगों ने यह सुझाव देना शुरू कर दिया है कि भारत में लोकतंत्र ने सही योगदान नहीं दिया। उन्होंनने संसद के फैसलों का सम्मा न करने से इनकार करते हुए संसद पर हमला बोला। क्याक इससे हमारी जनता लोकतंत्र के खिलाफ हो गईघ् क्यार इससे वह निर्वाचन प्रणाली के प्रति हताश हो गईघ् नहीं। पिछले दो वर्षों में हुए प्रत्ये्क चुनाव तथा हाल ही में सम्पलन्न विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्याप पर नजर डालिए। महत्वोकांक्षाओं और बढ़ती अपेक्षाओं का मंथन करते हुए भी हमारे देश की जनता ने मतदान करने और लोकतांत्रिक माध्य मों के जरिए बदलाव लाने का रास्ताे चुना। यह दूसरा सबक हैए जो मैंने थोड़ा रुक कर और उभरते बड़े परिदृश्य पर गौर करते समय सीखा है। हमारी जनता की बढ़ती महत्वंकांक्षाओं को पूरा करने तथा उच्चक वृद्धि के साथ राजनीतिक निरंतरता सुनिश्चित करने की नई चुनौती से जूझते हुए हमने वृद्धि की नई रणनीति परिभाषित की जिसे मोटे तौर पर श्श्समावेशी वृद्धिश्श् कहा जाता है। हमारी वृद्धि की प्रक्रियाओं को सामाजिक और क्षेत्रीय रूप से समावेशी बनाना हमारी सरकार की नीतियों का पैमाना रहा है। हमारी समावेशी वृद्धि की रणनीति के 6 घटक हैंरू पहलाए वह है जिसे मैं अकसर श्श्ग्रामीण भारत के लिए नयी व्यिवस्थामश्श् कहता हूं.ग्रामीण विकासए ग्रामीण बुनियादे ढांचे.विशेषकर सड़क और बिजलीए ग्रामीण स्वास्य् र और शिक्षा में निवेश तथा ग्रामीण उत्पा दों के लाभकारी दाम। हम इसे श्श्भारत निर्माणश्श् कहते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
उपराष्ट्रनपति श्री एमण् हामिद अंसारी ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रकपति एवं मानवीय भावनाओं और मूल्योंर का उत्कृण्ष्ट प्रतिनिधित्वर करने वाली हमारे दौर की महान विभूति श्री नेल्संन मंडेला के निधन पर गहरा दुख व्य क्त् किया है।
अपने शोक संदेश में उन्होंनने कहा कि श्री मंडेला तानाशाही और अन्यािय के विरुद्ध अपनी जनता के स्वांधीनता और सम्माान प्राप्ति के संघर्ष का जीवंत प्रतीक थे। उन्होंनने कहा कि जहां एक ओर रंगभेद विरोधी आंदोलन के दौरान श्री मंडेला के साहसए दृढ़ता और बलिदान ने लाखों लोगों को प्रेरित कियाए वहीं दूसरी ओर शांतिए क्षमा और सुलह के उनके संदेश ने उन्हेंल एकजुट किया और उसके बाद शांति और प्रगति की राह पर विविधताओं वाले अपने राष्ट्र का नेतृत्व किया।
श्री अंसारी ने कहा कि श्री मंडेला के निधन से दक्षिण अफ्रीका की जनता ने अपने राष्ट्रसपिता और विश्वं ने एक राजनेता को खो दिया हैए जिनका जीवन और साहस तथा अच्छारई का संदेश आने वाले वर्षों में दुनिया को निरंतर प्रेरित करेगा और उसका मार्गदर्शन करता रहेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
अयोघ्या में भगवान श्री राम की जन्म भूमि पर शहीद हुए कारसेवको को शिवाजी वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने दारूलशफा सिथत हनुमान मनिदर में हवन कर श्रृद्धांजलि अर्पित की। उक्त अवसर पर शिवाजी वाहिनी के अध्यक्ष दिलीप साहू ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक व धार्मिक वैभव महान है अयोध्या मे श्री राम जन्म भूमि पर भगवान श्री राम का भव्य विशाल श्री राम मनिदर का शीघ्र निर्माण हो ऐसी विचारधारा हर हिन्दुस्तानी के मन में होनी चाहिए।
श्री साहू ने कहा कि अयोध्या की श्री राम जन्म भूमि हिन्दुओं की आस्था व गौरव का प्रतिक है हर देश वासियो को इसके निर्माण में आगे आना चाहिए क्योंकि अतीत मे भारत विरोधी आतंकी मुगल शासक भारत पर हमला करके हमारे देश के विभिन्न मनिदरों व मठो को तोड़ कर भारत व हिन्दुओं की मर्यादा को क्षति पहुचार्इ व हिन्दु अबलाओं की इज्जत व देश को लूटा भारत का इतिहास ऐसे आतंकी विदेशी लुटेरो के इतिहास से भरा पड़ा हुआ है इसलिए हमे अतीत से सबक लेते हुए भारत व हिन्दुओं की मर्यादा को बनाये रखने के लिए अयोध्या मे भव्य श्री राम मनिदर का निर्माण अविलम्ब होना चाहिए क्योकि मनिदर निर्माण के लिए हजारों लोगो व कारसेवकाें ने अपने प्राणों की आहुति दी है। हमे इनके बलिदान को भूलना नहीं है। इन कारसेवको की सच्ची श्रृद्धांजलि तभी होगी जब अयोध्या में भव्य श्री राम मनिदर का निर्माण होगा।
श्री साहू ने आगे कहा कि बाबरी मसिजद का राग अलापने वाले देश के गददार है जो विदेशी अक्रान्ता के हिमायती है ऐसे लोग देश के वफादार हो ही नहीं सकते क्योकि बाबर आतंकवादी विदेशी लुटेरा था जिसने भारत के मठ व मनिदरो को तहस-नहस करके उस पर मसिजदो का निर्माण कराया था। इसलिए बाबर नाम का शब्द व निशानी भारत देश मे कलंक है। और इस कलंक को कोर्इ भी सच्चा हिन्दुस्तानी बर्दाश्त नहीं करेगा
शिवाजी वाहिनी के मीडिया प्रभारी हरिशचन्द्र धानुक ने कहा कि श्री राम जन्म भूमि को कटटरपंथी व अलगावादी कठमुल्ला नेता जबरन बाबरी मसिजद कहे जाने व उसको शहीद किये जाने का जो दुखड़ा बोलकर झूठी सियासत करने की कुचेष्ठा कर रहे हैं ऐसे लोग सच्चे इस्लाम व मादरे-वतन के हमदर्द नहीं हो सकते ऐसे धोखेबाजो से भारत की अखण्डता पर आँच आती है जिसे उखाड़ फेंकना हर राष्ट्रवादी हिन्दुस्तानी का कतव्र्य होना चाहिए। बाबरी के नाम पर सियासत करने वालों के पीछे इस्लामी देशों का विदेशी कालाधन बहाया जा रहा है।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से चौधरी लौटनराम निषाद, लालबाबू गिरी, देवेन्द्र सिंह, हरिशचन्द्र धानुक, महेश साहू दददु, मंगल सिंह, ताराचन्द्र जोशी, अजय पाल, दिलीप यादव, हनुमान कश्यप, श्रवण साहू।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने आगरा जनपद में सिथत समस्त विश्वविधालय, राजकीयअशासकीय अनुदानित स्ववित्त पोषित महाविधालय, चिकित्साइंजीनियरिंग संस्थानों के कुल सचिवप्राचार्यप्रबंधकों को सूचित किया है कि ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान जिन्होंने अपने संस्थान की छात्रवृतितशुल्क प्रतिपूर्ति योजना के कि्रयान्वययन हेतु समाज कल्याण विभाग से अधतन लागइन आर्इडी एवं पासवर्ड प्राप्त नहीं किये हैं, वे तत्काल समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क कर लागइन आर्इडी एवं पासवर्ड प्राप्त करना सुनिशिचत करें अन्यथा की सिथति में उक्त संस्थान उत्तरदायी होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैंनपरी, अलीगढ़, हाथरस, एटा व कासगंज जनपद में सिथत समस्त विश्वविधालय, राजकीय अशासकीय अनुदानित स्ववित्त पोषित महाविधालयों के प्राचार्यप्रबंधकों को सूचित किया है कि वे अपने महाविधालय में वार्इफार्इ की सुविधा तीन माह के भीतर प्रारम्भ करना सुनिशिचत करें जिससे छात्रछात्राओं व्दारा लैपटाप के माध्यम से अपने अध्ययन का सुदृढ़ीकरण किया जा सके तथा राज्य सरकार व्दारा इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण व स्नातक पाठयक्रम में प्रवेशित छात्रों को लैपटाप सुविधा दिये जाने सम्बंधी योजना का सही लाभ छात्रों को मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 December 2013 by admin
उ0प्र0 शासन द्वारा आगरा सहित प्रदेश के 13 महानगरों में रेडियों टैक्सी योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अन्तर्गत लखनऊ महानगर में 22 नवम्बर 2013 को प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री द्वारा उदघाटन किया जा चुका है।
सम्भागीय परिवहन अधिकारी ओ0पी0 सिंह ने बताया है कि आगरा महानगर में रेडियो टैक्सी योजना के अन्तर्गत 24×7 (हर समय) सुलभ, सस्ती, सुरक्षित एवं आरामदायक वातानुकुलित रेडियो टैक्सी वाहन लगाने के इच्छुक वाहन स्वामियों की एक आवश्यक बैठक 04 दिसम्बर (बुधवार) को अपरान्ह 3 बजे उनके कार्यालय पर आयोजित की जायेगी।
उन्होंने इच्छुक वाहन स्वामियों से अनुरोध किया है कि वे बैठक में उपसिथत होकर आगरा महानगर में भी रेडियो टैक्सी योजना को शीघ्र लागू करने मदद करें। उक्त से सम्बनिधत विस्तृत जानकारी परिवहन विभाग की बेवसाइटूूूण्नचजतंदेचवतजण्वतह पर प्राप्त की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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