प्रधानमंत्री डॉक्ट्र मनमोहन सिंह ने श्री नेल्ससन मंडेला के निधन पर गहरा दुख व्य्क्ती किया है। प्रधानमंत्री के संदेश का मूल पाठ निम्ननलिखित है रूश्श्राष्ट्रमपति नेल्सान मंडेला के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। किसी कवि ने कहा हैए श्श्यहां और वहांए कभी कभारए ईश्वखर मानवों के बीच महामानव की रचना करते हैं।श्श् राष्ट्रंपति मंडेला मानवों के बीच एक ऐसे ही महामानव थे। उन्होंाने न सिर्फ विश्व् की अंतरात्माम का प्रतिनिधित्वम किया अपितु वे दमन और अन्याय के विरुद्ध अपनी जनता को विजय दिलाने के बाद ऐसी ही बुराइयों के प्रति संघर्षरत लोगों के लिए आशा की किरण भी बने रहे। नेल्सषन मंडेला ने बहुत कठिनाइयों का सामना किया ताकि दूसरों को सम्माइनए समानता और अवसर उपलब्ध हो सकें। वे भेदभाव और अमानवीय बहिष्कादर के विरुद्ध लड़ते रहेए लेकिन इन कटु भेदों से ऊपर उठकर उन्होंकने एक छिन्नु.भिन्नम राष्ट्र् के जख्मोंर पर मरहम लगाया और सामंजस्य स्थाहपित किया। उनके जीवन और कार्यों ने उन्हेंर विश्वह का नागरिक बना दिया। विशेषकर भारत में उनके प्रति विशेष प्रेम और सम्मांन है। उनका मिशन रंगभेद के विरुद्ध हमारे सैद्धांतिक संघर्ष की महान प्रेरणा और नैतिक संरक्षण था। इस मिशन ने बेहतर विश्व की हमारी अपनी आशा को भी परिलक्षित किया और हम उस समय बेहद गौरवान्वित हुएए जब उन्होंशने भारत के सर्वोच्चत नागरिक सम्माहन भारत रत्न् को स्वी्कार किया।
राष्ट्रचपति मंडेला का निधन भारत और विश्व् के लिए भी उतनी ही बड़ी क्षति हैए जितनी दक्षिण अफ्रीका के लिए। आज हम दक्षिण अफ्रीका और विश्वक के साथ इस क्षति का शोक मना रहे हैंए लेकिन हम जानते हैं कि उनका जीवन और आदर्श आने वाली पीढि़यों को प्रेहरित करता रहेगा। ईश्वैर उनकी आत्मार को शांति प्रदान करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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