Posted on 30 October 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेन्द्र यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 28 अगस्त, 1929 को आगरा में जन्मे श्री राजेन्द्र यादव मुंशी प्रेमचन्द की पत्रिका हंस के सम्पादक भी थे। उन्होंने उपन्यास लेखन के साथ-साथ कविता एवं समालोचना के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्री राजेन्द्र यादव के निधन से हिन्दी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुर्इ है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 30 October 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा0 सुधांशु त्रिवेदी ने आज कहा कि पटना में भाजपा की हुंकार रैली पर परसों हुआ आतंकवादी हमला एक बहुत निन्दनीय और चिन्ताजनक घटना है। उन्होने कहा इस घटना के चार आयाम थे पहली बार हिन्दी ह्दय प्रदेश में किसी बड़े राजनैतिक आयोजन पर आतंकवादी हमले का यह दुस्साहस था। दूसरा यह हमला देश के मुख्य प्रतिपक्षी दल की हाल की वर्षो मे हुर्इ सबसे बड़ी रैली पर था। तीसरा यह हमला मुख्य विपक्षी दल के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लक्ष्य करके था तथा चौथा यह सब तब था जबकि इस रैली में अपार जनसमूह के साथ अनेक विशिष्ठ अतिथि थे जिन्हे सुरक्षा प्राप्त है और दो नेता श्री नरेन्द्र मोदी और श्री राजनाथ सिंह थे जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा एनएसजी के साथ प्राप्त है।
डा0 त्रिवेदी ने कहा इसके बावजूद रैली में आतंकवादियों द्वारा विस्फोट करना और जिस प्रकार के समाचार अभी प्राथमिक जांच में निकल कर आ रहे है उसके अनुसार आम जनता और नेताओं के प्रति भारी हिंसा करने की मंशा से यह योजना बनार्इ गयी थी। उन्होने कहा रैली के आयोजन के प्रति जो उदासीनता और लापरवाही बिहार की सरकार और केन्द्र सरकार ने की है। उसे केवल लापरवाही नही कहा जा सकता बलिक यह एक अपराधिक उदासीनता थी।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता डा0 सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बिहार सरकार यह कहती है कि उसे कोर्इ स्पष्ट सूचना नही प्राप्त हुर्इ यदपि भाजपा की ओर से पत्र का विवरण तक उपलब्ध कराया गया है। केन्द्र की आर्इबी के द्वारा उपलब्ध सूचना सामान्य थी अथवा विशिष्ट इस तकनीकी पहलू को लेकर केन्द्र व बिहार की सरकार भले ही अपना अपना पल्ला झाडती रहे, परन्तु देश की जनता यह जानना चाहती कि यदि श्री राहुल गांधी को मुजफ्फरनगर दंगों के बाद आर्इएसआर्इ के लिप्त होने का इंटेलिजेंस इनपुट मिल जाता है और श्री दिगिवजय सिंह को भी अनेक मामलों में बड़ी स्पष्ट इंटेलिजेंस की जानकारी मिल जाती है तो फिर जब वास्तविकता में ऐसी घटनाएं होती है तो केन्द्र और प्रदेश सरकार के पास कोर्इ सुराग कैसे नही होता।
उन्होने कहा इससे यह स्पष्ट है कि या तो यूपीए सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का गुप्तचर तंत्र निरंतर अपनी धार खोता जा रहा है या प्रदेश व केन्द्र की सरकारे गुप्तचर तंत्र को केवल राजनीति के लिए उपयोग कर रही है।
डा0 त्रिवेदी ने कहा इससे भी अधिक दुखद यह है कि इस घटना के बाद भी राजनैतिक उददेश्यों को ध्यान में रख कर राजनीति की जा रही है और परोक्ष रूप से भाजपा और उससे जुडे़ हुए संगठनों को दोषी ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा एक तरफ बिहार मे सत्ताधारी जदयू के नेता इसे मोदी जी की शखिसयत से जोड़ते है तो केन्द्र सरकार के गृहमंत्री उस समय मुम्बर्इ के पांच सितारा होटल में एक फिल्मी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। यह केन्द्र व प्रदेश सरकारों की निर्लज्जतापूर्ण असंवेदनशीलता का प्रमाण हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा यह घटना क्यों हुर्इ इसके पीछे एक मनोविज्ञानिक पृष्ठभूमि है जो विगत कर्इ महीनों से देश के तथाकथित सेक्यूलरवादी दलों के द्वारा की जा रही वोट बैंक की राजनीति से निकलती हैं। जो बार-बार आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवंदेनशील मुददों को नकरात्मक दृष्टी से साम्प्रदायिक भावनाओं से जोड़ने का काम करती है। जिसके भयानक परिणाम सामने आते है। भारतीय जनता पार्टी इसकी कठोर शब्दों में भत्र्सना करती है।
उन्होने कहा दुखद बात यह है कि मुजफ्फरनगर से लेकर पटना तक वोट बैंक की इस खतरनाक राजनीति का आखाड़ा उत्तर प्रदेश व बिहार बनता जा रहा है। साम्प्रदायिक सौहादर्य को तो सपा-बसपा, राजद , जदयू और कांगे्रस जैसे दल पहले ही राजनीतिक की बलिवेदी पर चढ़ा चुके है। अब पटना की घटना के बाद यह साफ हो चुका है कि इस खतरनाक राजनीति का दायरा बहुत बढ़ गया है। अब साम्प्रदायिक सौहादर्य, सुरक्षा, गोपनियता के साथ -साथ अब लोकतांत्रिक गतिशीलता भी वोट बैंक की राजनीति की भेंट चढ़ रही है जो भारत की पूरी राज्य व्यवस्था के लिए एक गम्भीर चुनौती बन रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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