Archive | May 28th, 2013

प्रदेश सरकार खालिद मुजाहिद के प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु पूरी गम्भीरता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है

Posted on 28 May 2013 by admin

  • 6 लाख रु0 की आर्थिक सहायता राज्य सरकार की  तरफ से वारिसानों को स्वीकृत की गई

26 मई, 2013  ediedpress

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 26 मई, 2013 अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर टीले वाली मस्जिद के इमाम एवं प्रतिनिधिमण्डल से खालिद मुजाहिद के सम्बन्ध में ज्ञापन प्राप्त करते हुए।

उत्तर प्रदेश सरकार फैजाबाद जिला कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की मौत के प्रकरण के सन्दर्भ में पूरी गम्भीरता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि खालिद की मृत्यु के तत्काल बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की गहन जांच हेतु अपने स्तर से हर सम्भव कदम उठाए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकरण की सच्चाई विभिन्न जांचों से शीघ्र सामने आ जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि खालिद मुजाहिद के परिवार की मांग पर प्रकरण की विवेचना सी0बी0आई0 को पहले ही संदर्भित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मामले की न्यायिक जांच जनपद फैजाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा भी की जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा खालिद मुजाहिद की मृत्यु की जांच एक उच्चस्तरीय समिति से कराने के आदेश घटना के दिन ही दिए गए थे। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में प्रकरण की जांच संयुक्त रूप से गृह सचिव श्री राकेश एवं अपर पुलिस महानिदेशक पावर कार्पोरेशन

श्री जावेद अख्तर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खालिद के परिजनों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए 6 लाख रुपए की सहायता राज्य सरकार की तरफ से उनके वारिसानों को स्वीकृत की गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि खालिद मुजाहिद का पोस्टमार्टम पांच डाॅक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया, जिसमें दो चिकित्सक मुस्लिम समुदाय के थे। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान खालिद के परिजन भी उपस्थित थे। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। उन्होंने बताया कि खालिद को पेशी पर ले जाने वाले 9 पुलिसकर्मियों को कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में पहले ही निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही की जा रही है। उनके परिजनों द्वारा खालिद की गिरफ्तारी के विरुद्ध दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस सहित 42 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसी एफ0आई0आर0 को परिजनों की मांग पर सी0बी0आई0 को जांच हेतु सन्दर्भित किया गया है। उन्होंने बताया कि खालिद के विरुद्ध मुकदमा वापसी के सरकार के निर्णय की न्यायालय में ठीक से पैरवी न करने के कारण अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को उनके पद से हटा दिया गया है। सरकार द्वारा मुकदमा वापसी के अनुरोध को मा0 न्यायालय द्वारा अनुमति न दिए जाने पर सरकार द्वारा अपील दायर की गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ऐसे सभी कदम उठाएगी, जिससे प्रकरण के समस्त तथ्य स्पष्ट हो सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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चैधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री माल्यार्पण करेंगे

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

पूर्व प्रधानमंत्री, स्व0 चैधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर, आगामी 29 मई को विधान भवन के मुख्य द्वार पर स्थित प्रतिमा पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा माल्यार्पण किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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आदर्श नगर योजना के तहत 2012-13 में स्वीकृत धनराशि की उपयोगिता अवधि बढ़ी

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये आदर्श नगर योजना के तहत 19 स्थानीय निकायों को स्वीकृत की गयी धनराशि की उपयोगिता अवधि बढ़ा दी गयी है। इस संबंध में जारी शासनादेश के अनुसार स्वीकृत की गयी धनराशि उपयोग अब हर दशा में आगामी 31 दिसम्बर तक किया जायेगा। इस तिथि के आद उपयोगिता अवधि बढ़ायी नहीं जायेगी।

जिन स्थानीय निकायों के लिये उपयोगिता अवधि में विस्तार किया गया है उनमें गाज़ीपुर की सैदपुर व सादात नगर पंचायत, रामपुर की केमरी नगर पंचायत, अलीगढ़ की अतरौली नगर पालिका परिषद, हरदोई की कछौना पतसेनी नगर पंचायत, शाहजहांपुर की पुवायाँ व तिलहर नगर पालिका परिषद, उन्नाव की कुरसठ नगर पंचायत, मैनपुरी की करहल, बेवर व कुसमरा नगर पंचायत, बुलन्दशहर की शिकारपुर नगर पालिका परिषद, कासगंज की सिढपुर नगर पंचायत, संतरविदास नगर की भदोही नगर पालिका परिषद, कन्नौज की समधन नगर पंचायत, कानपुर देहात की झींझक नगर पंचायत, अम्बेडकर नगर की जलालपुर नगर पालिका परिषद, प्रतापगढ़ की मानिकपुर नगर पंचायत तथा सीतापुर की महोली नगर पंचायत शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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परिवहन मंत्री दुःखी

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने जनपद एटा में अलीगढ़ डिपो की बस दुर्घटना में मारे गये यात्रियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना एवं शोक व्यक्त किया है।

परिवहन मंत्री ने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए घायल यात्रियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक सहानुभूति व्यक्त की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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आज़म खाँ दुःखी

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने एटा के पास एक बस दुर्घटना में हुयी यात्रियों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।

आज यहां जारी एक शोक संदेश में श्री खाँ ने शोक संतप्त परिवारांे के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुये दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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ट्रांसपेरेन्सी एण्ड डिस्क्लोजर विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन 29-30 मई को

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

पं0 दीनदयाल उपाध्याय, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ के महानिदेशक श्री एन0एस0रवि, ने आज एक प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया कि शासन की ज्ञात प्रणालियों में लोकतंत्र ही कदाचित् ऐसी शासन प्रणाली है जिसे अधिकतम नागरिकों का विश्वास व सम्मान प्राप्त है। मूल रूप से जनभागीदारी, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष एवं जन स्वीकार्यता एवं कानून के शासन की अवधारणा पर आधारित होने के कारण सैद्धान्तिक रूप से सर्वाधिक वस्तुनिष्ठ शासन प्रणाली कही जा सकती है। शासन के क्रियाकलापों में जनसाधारण की भागीदारी लोकतांत्रिक शासन का मूल आधार है और इसकी सफलता इसी बात पर निर्भर करती है कि वह अपने अधिकांश नागरिकों की अपने अधिकतम क्रियाकलापों में किस प्रकार अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित कर पाती है। बड़े एवं अधिक आबादी वाले राष्ट्रों में जनसाधारण की प्रत्यक्ष भागीदारी की सीमाएं हैं और यह अप्रत्यक्ष ही हो सकती हैं, किन्तु प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों ही भागीदारी हेतु राज्य के क्रियाकलापों व निर्णयों में समुचित पारदर्शिता एवं खुलापन आवश्यक है।

श्री एन0एस0रवि ने बताया कि पिछले कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों के क्रियाकलापों, निर्णयों, आदेशों, निर्देशों व प्रक्रियाओं में समुचित पारदर्शिता नहीं रही है, चाहे वह प्राकृतिक एवं अन्य संसाधनों का आवंटन रहा हो, अथवा विभिन्न प्रकार के लाइसेंस, कन्सेशन आदि की स्वीकृति रही हो अथवा विभिन्न संवैधानिक एवं महत्वपूर्ण पदों पर नियिुक्तियां व नामांकन रहा हो, या फिर राज्य पुरस्कार/सम्मान दिये जाने की बात रही हो। राज्य के क्रियाकलापों में गोपनीयता व पारदर्शिता की कमी के कारण देश में कई बार जनमानस उद्द्वेलित भी हुआ व न्यायालयों में कई मामले खासे विवाद का विषय बने।

श्री रवि ने बताया कि मानवाधिकारों का संरक्षण, उपभोक्ता संरक्षण, मानवीय संवेदनाओं आधारित विकास, सस्ती व सुलभ न्यायिक व्यवस्था, सामाजिक न्याय एवं समता तथा जनमानस में व्यवस्था के प्रति विश्वास व सम्मान हेतु यह आवश्यक है कि राज्य एवं काॅरपोरेट घरानों के क्रियाकलापों में सार्थक एवं समुचित पारदर्शिता व खुलापन हो ताकि जनसाधारण विभिन्न मुद्दों एवं विषयों के बारे में अपनी इच्छा के अनुरूप निर्णय ले सके। उन्होंने बताया कि इसी परिप्रेक्ष्य में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से दिनांक 29-30 मई, 2013 को ज्त्।छैच्।त्म्छब्ल् ।छक् क्प्ैब्स्व्ैन्त्म् विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। इस सेमिनार में निम्न विषयों पर व्याख्यान एवं शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण एवं विषय-विशेषज्ञों द्वारा पैनल डिस्कशन किया जायेगाः-पारदर्शिता एवं प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली, पारदर्शिता एवं प्रशासनिक व्यवस्था, पारदर्शिता एवं मानवाधिकार, पारदर्शिता एवं विकास, पारदर्शिता एवं सामाजिक न्याय/समता, पारदर्शिता एवं न्यायिक प्रणाली, पारदर्शिता एवं उपभोक्ता संरक्षण एवं पारदर्शिता में तकनीकी का योगदान विषयों पर विचार किया जायेगा।

सेमिनार में देश के सभी राज्यों के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, प्रशिक्षण संस्थान शोध संस्थान, एन0जी0ओ0, पूर्व एवं वर्तमान प्रशासनिक अधिकारी एवं नीति निर्माण, न्यायविद्, शिक्षाविद् एवं विशेषज्ञों (लगभग 120) को आमंत्रित किया गया है, जिनमें से अभी तक लगभग 50 प्रतिभागियों द्वारा सेमिनार में भाग लेने की पुष्टि कर दी गयी है।

सेमिनार में प्रस्तुत किये गये शोध पत्रों एवं व्याख्यानों तथा पैनल डिस्कशन में उभर कर आये महत्वपूर्ण विचारों एवं संस्तुतियों को संकलित कर भारत सरकार सभी राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थानों आदि को प्रेषित किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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डा0 बहादुर सिंह यादव राज्य शिशिक्षु परिषद, उ0प्र0 के अध्यक्ष नामित

Posted on 28 May 2013 by admin

27 मई, 2013

उत्तर प्रदेश सरकार ने डा0 बहादुर सिंह यादव पुत्र स्व0 रामरूप सिंह निवासी रोहित नगर नरिया लंका बी0एच0यू0 वाराणसी को राज्य शिशिक्षु परिषद, उ0प्र0 का अध्यक्ष नामित किया है।

प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री मनजीत सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डा0 बहादुर सिंह यादव को राज्य मंत्री स्तर की सभी सुविधायें अनुमन्य होंगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले के लिए आजम ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया

Posted on 28 May 2013 by admin

  • कहाकि अगर अयोध्या की घटना व गुजरात में हुए कत्ल-ए-आम के समय केंद्र की सरकारें मूकदर्शी न बनी रहतीं तो आज यह दुखद घटना न हुई होती

26 मई, 2013

छत्तीसगढ़ में कल शाम हुए नक्सली हमले में कई लोगों की मौत पर अपने गहरे रंज-ओ-गम का इजहार करते हुए उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने इस हमले के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी बराबर का जिम्मेदार ठहराया है। आज यहाँ जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि यह हमला राज्य व केंद्र सरकार दोनों के खुफिया तंत्र की घोर अक्षमता व असफलता का परिचायक है।

अपने बयान में श्री आजम खां ने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा है कि जो सरकार इस हमले में अपनी पार्टी के बड़े-बड़े लोगों की हिफाजत न कर सकी वह भला देश की असहाय जनता की हिफाजत कैसे कर पायेगी। उन्होंने कहा कि यह भयावह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि छत्तीसगढ़ व केंद्र सरकार दोनों ने ही कोई ऐसे आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक  कदम नहीं उठाये हैं जिनसे नक्सली जैसे भटके हुए लोगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ कर सुख-शांति को बनाये रखा जाये।

श्री खां ने कहा कि 1992 में जब अयोध्या का वाकया हुआ और जब गुजरात में कत्ल-ए-आम हुआ तब उस समय की केंद्र सरकारें खामोश तमाशाई बनी रहीं। लोगों की जान जाती रहीं, संपत्तियां जलाई जाती रहीं लेकिन उनके मुंह से उफ तक न निकली।  आज जब केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के कुछ बड़े लोगों को इस नक्सली हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी तो उस पार्टी की आलाकमान के लोगों के हमदर्दी भरे बयान आने लगे हैं, जबकि इस घटना के लिए भी ये लोग उतने बड़े जिम्मेदार हैं जितने कि  ये लोग अयोध्या की घटना व गुजरात के कत्ल-ए-आम के लिए जिम्मेदार रहे हैं। अगर उस समय ये लोग मूक दर्शक न बने रहे होते तो आज यह दुखद घटना न हुई होती। इन लोगों की खामोशी आग में घी का काम करती है और साथ ही ऐसी काबिल-ए-मजम्मत घटनाओं को अंजाम देने के लिए शर-पसंदों की हौसला-अफजाई भी करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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