Posted on 27 April 2012 by admin
भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर प्रदेश में गत लगभग एक वर्ष से मतदाता जागरूकता और शिक्षा का कार्यक्रम (स्वीप) चलाया जा रहा है। मतदाताओं के पंजीकरण और हाल ही में सम्पन्न हुये विधानसभा सामान्य निर्वाचन में मतदान प्रतिशत में आशातीत वृद्धि के रूप में कार्यक्रम के सुखद परिणाम आये हैं। गत संक्षिप्त पुनरीक्षण में 1.38 करोड़ मतदाताओं के नाम जोड़े गये जबकि विधानसभा निर्वाचन में अब तक का सर्वाधिक लगभग 60 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस संबंध में जानकारी देते हुये प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री उमेश सिन्हा ने बताया कि न केवल राज्य स्तर पर वरन् जिलों में भी मतदाता शिक्षा और जागरूकता के सन्दर्भ में कई अभिनव प्रयोग किये गये हैं। विभिन्न जनपदों बाराबंकी, बरेली, फिरोजाबाद, बुलन्दशहर, इलाहाबाद, खीरी आदि ने सराहनीय कार्य किया। प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी, नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट और गाइड, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा मीडिया संस्थानों के सहयोग से मतदाता जागरूकता के अनेक कार्यक्रमों का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ। इन कार्यक्रमों में बाराबंकी में 52 किमी तथा फिरोजाबाद में 100 किमी से अधिक लम्बी मानव श्रंखला का निर्माण, बुलन्दशहर जिले में लगभग ढाई लाख लोगों की सहभागिता से मतदीप कार्यक्रम का आयोजन तथा वृहद रंगोली का सृजन एवं इलाहाबाद, खीरी तथा अन्य कई जिलों में स्थानीय बोलियों में कर्णप्रिय गीतों को तैयार कराया गया जो बहुत लोकप्रिय हुये।
विभिन्न जिलों में अपनाये गये अभिनव प्रयोगों और नवोन्मेषी गतिविधियों की जानकारी संबंधित अधिकारियों से प्राप्त करने और भविष्य के लिये मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों की दिशा तय करने के प्रयोजन से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में ‘‘उ0प्र0 में मतदाता जागरूकता एवं शिक्षा की पहल - पुनरावलोकन एवं भविष्य के लिये मार्ग ‘Voters’ Awareness & Education Initiatives in U.P. - Reflection and way Forwarded विषय पर पूर्वान्ह 11.45 बजे से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में जिन जिलों में अच्छा कार्य हुआ है उन जिलों के तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के अतिरिक्त कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भाग लेने के लिये आमंत्रित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 April 2012 by admin
खेल जगत में विश्व पटल पर हिन्दुस्तान का नाम गौरवान्वित करने वाले विश्व के सर्वश्रेष्ट क्रिकेट खिलाड़ी एवं ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित करने वाले श्री सचिन तेन्दुलकर को केन्द्र सरकार द्वारा राज्यसभा सदस्य मनोनीत किये जाने की सिफारिश करने पर उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने केन्द्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए यूपीए चेयरपरसन एवं कंाग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी, प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह एवं कंाग्रेस महासचिव श्री राहुल गांधी जी का आभार व्यक्त किया है।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 जोशी ने कहा है कि श्री सचिन तेन्दुलकर ने खेल जगत में न सिर्फ उत्कृष्ट योगदान दिया है बल्कि हिन्दुस्तान का सम्मान सम्पूर्ण विश्व में बढ़ाया है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यसभा सदस्य मनोनीत किये जाने का लिया गया निर्णय देश एवं प्रदेशवासियों की मनोभावना के सर्वथा अनुकूल है। इस निर्णय से निश्चित तौर पर खेल जगत से जुड़ी प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 April 2012 by admin
हरदोई सीतापुर मार्ग सीतापुर जिले के रामकोट थाना क्षेत्र घटकरी निवासी विमल कुमार अपने साथी मिथलेश पाण्डे (32) के साथ हरदोई आ रहे थे। टंडि़यावाँ थाना क्षेत्र के काकामऊ के पास ट्रैक्टर ट्राली को ओवरटेक करते समय एक सामने से आ रही मैजिक को बचाने के चक्कर में उनकी बाइक लुढ़क गयी विमलेश की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी जबकि मिथिलेश को घायल अवस्था में भर्ती करवाया गया। पिहानी के भैंसटा पुल पर हरिहरपुर के रामशंकर(55) रामकिशोर, दोनों हादसों में घायल हो गये पहले उन्हें जिला अस्पताल फिर लखनऊ ट्रामा सेन्टर ले जाया गया। पिहानी के ही निवासी छिपीटोला के रहने वाले अनवर मोटरसाइकिल और मैजिक की टक्कर से घायल हुये तो बिलग्राम कन्नौज थाना क्षेत्र मार्ग पर बाइक सवार युवक उसके साथ एक महिला दोनों ट्रैक्टर ट्राली से टकरा गये जहाँ उन्हें सी0एच0सी0 में भर्ती करवाया गया हालत गम्भीर होने पर लखनऊ बलरामपुर चिकित्सालय में रिफर किया गया उनकी पहचान। श्यामप्रकाश एवं शिवदेवी के रूप में हुई इसी प्रकार मल्लावाँ कस्बे के मझेतरा निवासी राजाराम अपनी पत्नी सत्यवती के साथ बाइक पर जा रहे थे उन्हें बोलेरो गाड़ी ने टक्कर मारी परिजनों ने सत्यवती को पहले यहीं भर्ती करवाया बाद में हालत गम्भीर होने पर मेडिकल कालेज ट्रामा सेन्टर लखनऊ ले गये। शाहाबाद में शकील की पत्नी रिजवाना रिक्शे पर अपने घर पर जा रहीं थी ट्रैक्टर की टक्कर से घायल हुई उन्हें जिला अस्पताल लाया गया उनके दो बच्चे भी घायल हुये जो उस समय स्कूल से घर लौट रहे थे। गेहूँ की मड़ाई करते समय प्रधान पुत्र हरपालपुर थाना क्षेत्र के बरनई चतरखा निवासी रामरहीस मशीन से कुचल गये और उनकी मृत्यु हो गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 April 2012 by admin
डी0एम0 का फरमान रिपोर्ट दर्ज करें सभी एसडीएम स्वयं कर रहे वे निरीक्षण-
80 से 100रूपये तक प्रति कुन्तल की वसूली किसान परेशान
हरदोई जनपद के 91 केन्द्रों पर 1.03मी0टन गेहूँ खरीद का लक्ष्य प्रशासन ने रखा है क्रय केन्द्रों पर इनके प्रभारियों की मनमानियों गेहूँ की खरीद का 80रूपये से 100रूपये तक किसानों को देना पड़ रहा है किसान परेशान होकर कलेक्ट्रेट में फरियाद भी कर चुका है विचैलिये दबंगों का पूरा क्रय केन्द्रों पर अपना नियन्त्रण धन वसूली के अड्डे बन चुके हैं। दिन दहाड़े किसान लूटा जा रहा है चाहें वह मण्डी परिसर हरदोई हो या सण्डीला या सवायजपुर सभी जगह हाल एक सा रहा बस कहीं पर 65रूपये में भी काम बन रहा है तो कहीं पर 80 से 100रूपये तक का कमीशन पर गेहूँ की तौल हो जाती है। आम चेके दबंगों के रिश्तेदार विचैलिओं के आदमियों के द्वारा उनके नामों से बन जाती हैं जो नहीं देते हैं एक-एक सप्ताह तक ट्राली से भरा गेहूँ लिये खड़े हैं शिकायत पर शिकायतें डी0एम0 से लेकर सभी एस0डी0एम0 को प्रशासन की ताकीद है गलत व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करें। कहीं पर शिकायत की भी गई आर0एम0ओ0 ने जाँच की शिकायतकर्ता दबंगों के भय से सामने नहीं आया और कार्यवाही नहीं हो पाई नतीजा शून्य सदर विधायक नितिन अग्रवाल, सांसद ऊषा वर्मा सभी जनप्रतिनिधि जांच की बात तो करते हैं प्रशासन भी कर रहा है लेकिन कारगर क्यों नहीं हो पा रहा कैसा यह चूहा बिल्ली का खेल जनपद में चल रहा है किसानों के मसीहा बनने का दम भरने वाले लोग भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं शायद उन्हें भी दबंगों का डर है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 April 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सामाजिक
कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच में बोर्ड ऑफ
क्रिकेट कण्ट्रोल इन इंडिया (बीसीसीआई) के विरुद्ध दायर पीआईएल में खेल विभाग एवं
बीसीसीआई को नोटिस जारी करके पूछा है कि बिना नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन हुए
बीसीसीआई को कैसे सारे लाभ मिल रहे हैं. साथ ही जस्टिस उमानाथ सिंह एवं जस्टिस
वी के दीक्षित की बेंच ने यह भी पूछा है कि भारत सरकार क्रिकेट, हॉकी एवं अन्य
खेलों पर कितना खर्च कर रही है. अगली सुनवाई 17 मई को होगी. याचीकर्ता की ओर
से नूतन ने पक्ष प्रस्तुत किया जबकि भारत सरकार की ओर से अशोक निगम, अतिरिक्त
सोलिसिटर जनरल ने बहस की.
**
याचीकर्ता द्वारा कोर्ट में यह कहा गया कि खेल विभाग, युवा और खेल मंत्रालय कई
सारे नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (एनएसएफ) को मान्यता देता है. इन एनएसएफ को
सम्बंधित खेल के विकास की प्राथमिक जिम्मेदारी दी जाती है. खेल विभाग द्वारा
प्रत्येक खेल में एक एनएसएफ को मान्यता प्रदान की जाती है. वर्ष *2011* के लिए
*43* खेलों को मान्यता प्रदान की गयी. क्रिकेट का खेल इस सूची में नहीं है और
न ही बीसीसीआई एक मान्यताप्राप्त एनएसएफ है. **
बीसीसीआई हमेशा इस बात का दावा करता है कि वह एक निजी संस्था है जिस पर किसी
भी प्रकार का सरकारी नियंत्रण या सरकारी सारोकार नहीं है. उसका यह भी कहना
रहता है कि उसने कभी भी एनएसएफ बनने के लिए आवेदन तक नहीं किया है. **
इसके बावजूद बीसीसीआई व्यवहार के एक एनएसएफ की तरह आचरण करता है और एनएसएफ की
पूरी सुविधाएँ और लाभ उठाता है. वह द्रोणाचार्य अवार्ड, अर्जुन अवार्ड जैसे
विभिन्न सरकारी खेल पुरस्कारों के लिए नाम भेजता है जबकि नियम यह है कि मात्र
मान्यताप्राप्त एनएसएफ ही इन पुरस्कारों के लिए नाम भेज सकते हैं और उनका
पुनरीक्षण कर सकते हैं. बीसीसीआई अपने नाम के अंत में इंडिया शब्द लगाता है जो
उसे भारत सरकार द्वारा मान्यता दिये जाने का भ्रम पैदा करता है जबकि अभिलेखों
के अनुसार सरकार ने उसे ऐसी मान्यता कभी नहीं दी. यह एम्ब्लेम एंड नेम
(प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रोपर यूज) एक्ट *1950* की धारा *3* का स्पष्ट उल्लंघन है.
इसी तरह से बीसीसीआई की नियमावली के नियम *9* में उसे पूरे देश में क्रिकेट के
लिए नियम बनाने का अधिकार है जबकि उसे इस तरह से क़ानून बनाने का अधिकार किसी
ने नहीं दिया. बीसीसीआई अपने द्वारा चयनित टीम को टीम इंडिया कहता है जबकि एक
गैरमान्यताप्राप्त निजी संस्था की टीम टीम इंडिया नहीं कही जा सकती. इसी तरह
से बीसीसीआई आरटीआई एक्ट की परिधि में आने से इनकार करता है जबकि ज्यादातर
एनएसएफ आरटीआई एक्ट की परिधि में हैं. **
याचीकर्ता का कहना है कि बीसीसीआई सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं को उठा रहा
है और तमाम नियम भी तोड़ रहा है. साथ ही सरकार अथवा जनता के प्रति किसी प्रकार
के विधिक उत्तरदायित्व और जिम्मेदारी को भी दरकिनार कर रहा है. यह स्थिति
बीसीसीआई को देश के क़ानून से ऊपर दिखाती है. **
अतः अमिताभ और नूतन ने कोर्ट में यह प्रार्थना की कि वह बीसीसीआई को
नियमानुसार एनएसएफ के रूप में मान्यता प्राप्त करने को कहे और यदि बीसीसीआई
इसके लिए सहमत नहीं होता है तो किसी अन्य क्रिकेट एसोशियेशन को नियमानुसार
एनएसएफ के रूप में मान्यता दे कर इस विरोधाभाष की स्थिति को दूर करे. **
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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