Archive | November 18th, 2011

लोकायुक्त की जांच और हाईकोर्ट के आदेशों ने इस सरकार के भ्रष्टाचार को आईना दिखा दिया है

Posted on 18 November 2011 by admin

नेता विरोधी दल विधान सभा,उत्तर प्रदेश श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को तबाह और बर्बाद कर दिया है। लोकायुक्त की जांच और हाईकोर्ट के आदेशों ने इस सरकार के भ्रष्टाचार को आईना दिखा दिया है। ऐसी भ्रष्ट, घोटालेबाज और अन्यायी सरकार इतिहास में ढूंढें नहीं मिलेगी। जनता इससे त्राहि-त्राहि कर रही है। समाजवादी पार्टी ने इससे निजात दिलाने के लिए विधान सभा के शीतकालीन सत्र में, जो 21 नवम्बर,2011 से शुरू हो रहा है, अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है।
विधान सभा में जो दलीय स्थिति है उसमें समाजवादी पार्टी का ही इतना संख्या बल है जो अविश्वास प्रस्ताव लाने में सक्षम है। प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल होने के नाते भी उसका उत्तरदायित्व है कि वह जनता के हितों के लिए पुरजोर आवाज उठाएं।  उत्तर प्रदेश इस समय मुख्यमंत्री और बसपा सरकार की कुनीतियों के चलते पिछड़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिन्तनीय है। महिलाओं, बच्चियों की इज्जत सुरक्षित नहीं हिरासत में मौतें हो रही है। हर क्षेत्र में अराजकता है।
मुख्यमंत्री को सिर्फ वसूली और लूट में दिलचस्पी है। संपत्ति पर कब्जा करना उनका शौक है। उनसे प्रेरित उनके मंत्री और अधिकारी भी लूट के ध्ंाधे में लग गए है। प्रदेश में एक-एक कर घोटालों की परते खुलती जा रही है। कोई ऐसा विभाग नहीं जहाॅ घोटाला न हों। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हजारों करोड़ के घोटाले के चलते दो सीएमओ एक डिप्टी सीएमओ की हत्या हो चुकी है।  हाईकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य मिशन के पूरे घोटाले की भी जांच होनी है। हत्याकाण्ड की जांच में सरकार ने सहयोग नहीं दिया। सीबीआई इसकी अदालत से शिकायत कर चुकी है। इस सरकार ने चीनी मिलों को मय उनकी भू संपत्ति के बेच लिया। खनिज संपदा का बुरी तरह दोहन किया हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 2 लाख करोड़ का घपला है। खाद्यान्न घोटाला की जांच भी लम्बित है। यह 10 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला है। 40 हजार करोड़ से ज्यादा पार्को, स्मारकों और मूर्तियों तथा हाथियों पर खर्च हो गए हैं। आबकारी में अवैध वसूली हो रही है।
लोकायुक्त की रिपोर्ट में दर्जनों मंत्री फंस चुके है। मुख्यमंत्री की भी  जांच हो तो वे भी फंसेगी। चुनाव के अब 6 महीने ही बचे हैं। वे इस अवधि में संविधान, नैतिकता और लोकतंत्र की परम्पराओं के विपरीत नीतिगत निर्णय ले रही हैं। उत्तर प्रदेश का बंटवारा प्रदेश और देश के हित में नहीं है। देश में उत्तर प्रदेश का बड़ा प्रदेश होने के कारण अपना एक अलग राजनैतिक और सामरिक महत्व है। समाजवादी पार्टी प्रदेश के बंटवारे का विधान सभा से लेकर लोकसभा तक हर स्तर पर विरोध करेगी। जनता की इच्छा जाने बिना प्रदेश को 4 भागों में बांटना चाहती है। इस बंटवारे से प्रदेश को कुछ हासिल नही होगा। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस्तीफा नहीं दिया तो उनकी जगह जेल में ही होगी। समाजवादी पार्टी दोषसिद्ध और आरोपित सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे अपदस्थ करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश का बंटवारा बीरबल की खिचड़ी है - नरेन्द्र सिंह राणा

Posted on 18 November 2011 by admin

27 मार्च 1999 को गिरीश कर्नाड को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करते हुए भारत की राजनीति के भीष्मपितामह कहे जाने वाले एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने राजनीति के बारे में कुछ ऐसा कहा था कि राजनीति सबसे दिलचस्प नाटक है, जिसमें आदमी ऊबता नहीं है। समझ में नहीं आता जिस काल में हम जी रहे हैं उसे चित्रित करने के लिए किस प्रकार का नाटक किया जाएगा अथवा लिखा जाएगा। यह सच्चाई है कि आज आदर्शवाद नाममात्र का रह गया है और सत्ता की सिद्धान्तहीन राजनीति उसका स्थान ले रही है। उ0प्र0 की कैबिनेट ने प्रदेश को चार भागों में बांटने का निर्णय लिया है। अपने क्रियाकलापों से लोगों की नजरों से गिर चुकी सरकार लोगों की नजरों में पुनः चढ़ने के लिए कोई भी कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती। इसलिए उसने अब लोगों की भावनाओं को उभार कर अपना उल्लू सीधा करने के लिए प्रदेश विभाजन का शिगूफा छोड़ा है जो सिद्धान्तहीन राजनैतिक उदाहरण कहा जा सकता है। जाहिर है कि अन्य दल भी पीछे क्यों रहें उन्होंने भी अपने-अपने अंदाज में इस निर्णय को परिभाषित करते हुए बयानबाजी की है। प्रदेश की जनता किसकी बात पर भरोसा किया जाए इस बारे में अलग-अलग राय रखती है वेैसे राजनीति की अपनी एक अलग जुबान होती है जब नेता कहे हाॅं उसे ना समझना चाहिए और जब कहे ना तो उसे हाॅं समझना चाहिए।  प्रदेश बंटवारे पर लोगों ने इसे महज चुनावी स्टंट, पैतरेबाजी, शिगूफा व मायावती का आखिरी चुनाव अस्त्र ही कहा है। राज्य के विभाजन का प्रकरण बीरबल की उसी खिचड़ी की तरह है जो कभी पक नहीं सकी। बसपा सरकार के पिछले साढे चार वर्ष के कार्यकाल पर नजर डाले तो देश के कभी उत्तम प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश को इस सरकार ने आम प्रदेश से भी निचे पहुंचा दिया है। भंयकर भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, किसानों, नौजवानों, व्यापारियों का घोर उत्पीड़न हुआ है। प्रदेशवासी तानाशाही सरकार के आगे बेबस है। हालत ऐसी हो गई है जो इसके विरूद्ध में बोलेगा वो झेलेगा। आम आदमी की तो सरकार के विरूद्ध बोलने की स्थिति क्या होती होगी जब प्रदेश के उच्च अधिकारियों को भी पागल करार दिया जाता है। जिसका ताजा उदाहरण आई0पी0एस0 अधिकारी डी0डी0मिश्र हैं। डीडी मिश्र के अनुसार वरिष्ठ आईपीएस हरमिन्दर राज की आत्महत्या को भी उन्होंने हत्या की गई बताया। अन्य किसी ने जब भी जुबान खोलने की जुरर्त की उनको महत्वहीन पदों पर भेजकर अपमानित किया गया। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के कुशासन से निजात पाने के लिए जनता ने बसपा पर भरोसा कर उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बनावाई थी बसपा ने नारा दिया था चढ़ गुण्डन की छाती पर मोहर लगाओ हाथी पर, आज इसका ठीक उल्टा देखने का मिल रहा है, गुण्डे चढ़ गए हाथी पर गोली मार रहे हैं जनता की छाती पर। इस सरकार ने तत्कालीन सपा सरकार के सारे रिकार्डो को तोड़ते हुए प्रदेश को विकास की जगह विनाश की जगह खड़ा कर दिया है। सपा राज में आम आदमी की दुर्दशा, अपराधियों का बुलन्द हौेंसला, अराजकता, अलगाववाद, आतंकवाद, साम्प्रदायिक तनाव, संसदीय मर्यादाओं का हनन, महिलाओं व व्यापारियों का उत्पीड़न, वोट के लोभ में विद्धेष आदि फैलाने की राजनीति खूब हुई। सपा राज में अराजकता और अपराध चरम पर पहुंच गई, हत्या अपहरण और पुलिस हिरासत में मौतों से उ0प्र0 देश में शर्मशार था। उस समय के आकड़ों के अनुसार प्रदेश में 12 हजार से अधिक हत्याएं हुई। विधायक राजूपाल, किशनानन्द  राय और अजीत सिंह को गोलियां बरसा कर मौत की नींद सुला दिया गया। इसीतरह पूर्व विधायकों तथा सांसदों को जिला पंचायत सदस्यों, बीडीसी सदस्यों व प्रधानों और उनके परिवार के लोगों तथा विपक्षीय दलों के कार्यकर्ताओं की राजनीतिक विद्धेष के कारण हत्याएं हुई। जमीनों, मकानों, दुकानों पर कब्जे होना आम बात की गई। नामी छपे हुए अपराधियों पर से मुकदमें वापस हो रहे हैं। निरअपराध लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया। खाकी वर्दी की लूट की घटनाएं भी खूब हुई। जनता भयभीत थी, सरकार अपराधियों और माफियाओं का खुलकर समर्थन कर रही थी उस समय भी प्रदेश के मंत्री परिसर में अपराध, भ्रष्टाचार व तस्करी में लिप्त लोग शामिल थे। उस राज में हुए लगभग सारे चुनाव पुलिस एवं माफिया की दबंग राजनीति का शिकार हुए। राजनीति का अपराधी करण  और अपराध का राजनीतिकरण हुआ उससमय भी प्रदेश की स्थिति जंगलराज से बदत्तर थी। नौकरशाही सत्तारूढ़ दल की धमकियों के आगे भयग्रस्त थी। प्रशासन व पुलिस के अनेक अधिकारी समाजवादी पार्टी के एजेण्ट के रूप में काम कर रहे थे। पुलिस, अपराधी और सत्तारूढ़  दल के नापाक गठबंधन के कारण प्रदेष में अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधी भी निर्भय होकर घूम रहे हैं। एक सम्प्रदाय द्वारा समानान्तर न्याय प्रणाली, सरीय अदालतें चलाई गई। हिन्दुओं के पवित्र धाम स्थिति राम मन्दिर पर आतंकवादी हमला, मऊ में हिन्दुओं का नरसंहार, वाराणसी के प्राचीन संकटमोचन मंदिर व रेलवे स्टेशन पर विस्फोेट हुआ था। अल्पसंख्,यक तुष्टीकरण व वोट बैंक के लिए अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई न करना सरकार की नीति बन गई थी। सामान्य त्यौहारों पर भी हमले हुए और गौहत्या धड़ल्ले से जारी थी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश बंटवारे का विरोध करने वाली समाजवादी पार्टी सरकार ने उस समय सरकार के सहयोग दल के रूप में प्रदेश के बंटवारे की मांग करने वाले लोकदल सपा सरकार का हिस्सा था। लोकदल प्रदेश को विभाजित कर देश की राजनीति में उ0प्र0 के महत्व को कम करना चाहता था। लाखों की संख्या में बेराजगार, नौजवानों को सरकार से निराशा ही मिली, धन और जाति को बढ़ावा दिया गया, नौकरियों में भर्ती घोटाला हुआ, उ0प्र0 भ्रटाचार और घोटालों का प्रदेश बना। एक दो राजनीति परिवार देखते ही देखते करोड़ों के सम्पत्ति के स्वामी बन गए।  नोयडा की बेशकीमती भूमि कुछ लोगों की जागीर हो गई थी। मासूम बच्चों के साथ दुराचार कर उनकी हत्या, करने वाला निठारी कांड आज भी रोंगटे खड़े कर देता है। यह सब बसपा को सत्ता से उखाड़ कर प्रदेश को विकास और सुशासन देने की बात करने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार की कुछ बानगी भर है। वर्तमान बसपा सरकार की भी यही नीति है। घोर भ्रष्टाचार, जातीय विद्धेष, महिलाओं का उत्पीड़न, बसपा की प्राथमिकता है।  दोनों दलों ने अति पिछड़े अति दलितों को राजनाथ सिंह सरकार द्वारा दिए गए लाभ को तानाशाही तरीके से छीेना। बसपा सरकार ने सपा से दो हाथ आगे बढ़कर प्रदेश को नुकसान पहुंचाया है। साढ़े चार वर्ष के शासन में भ्रष्टाचार को नई पहचान देकर उसे शिष्टाचार बना दिया। पहले भ्रष्टाचार प्रतिशत में होता था अब उसने लूट का रूप धारण कर लिया। अनेक मंत्रियों को अपना पद गंवाना पड़ा व जेल जाना पड़ा। महिलाओं पर जुल्म ढाए जा रहे हैं यहां तक की थानों में मासूल बच्चियों के साथ बलात्कार कर उनके शव को पेड़ से लटकाया जाता है। फैजाबाद की एक शिक्षिका स्कूल से पढ़ाकर जब अपने घर आ रही थी तब दिन दहाड़े उसक अस्मत लूटकर उसकी हत्या कर दी गई। ऐसी शर्मशार करने वाली घटनाएं प्रदेश में हुई। उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जमीन आंवटन, गु्रप हाउसिंग योजनाओं में सरकारी हिस्सेदारी जान पड़ती है। भाजपा इसे माया कमीशन का नाम दिया। भाजपा का कहना है कि हर काम पर तभी मोहर लगती है जब माया कमीशन जमा हो जाता है। 12 जून 2011 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह नेताओं ने महामहिम राष्ट्रपति को मायावती सरकार द्वारा घोटाले कर 2 लाख 54 करोड़ रू0 लूट का सिलसिलेवार आरोप पत्र दिया था। सपा और बसपा दोनों दलों के मुखियाओं पर आए से अधिक सम्पत्ति रखने का मुकदमा मा0सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है और निर्णायक दौर में है। गुजरात, केरल व तमिलनाडू अच्छे शासन के कारण टांप थ्री राज्य में है। वहीं छत्तीसगढ़, म0प्र0, हिमाचंल प्रदेश, आन्धप्रदेश को रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु, आधारभूत संरचना में अग्रणीय होने के कारण सम्मानित किया गया है। उ0प्र0 को किसी भी क्षेत्र में सम्मान नहीं मिला है। सपा व बसपा में अनेकों समानताएं हैं। सिद्धान्तहीनता स्वार्थहित तथा वोट वैंक को केन्द्र में रखकर राजनीति आधारित क्षेत्रीय दलों में आगे भी रहेंगी। यहां मुख्य मुद्दे पर कोई आता नहीं खिचडि़या बीरबल सी पक रही हैं बस। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें यह मंत्र दिया था कि ’’यदि कोई दुविधा हो तो तुम्हें क्या करना चाहिए। तुम्हें भारत के उस सबसे असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना और स्वयं से पूछना चाहिए कि तुम जो कुछ करने जा रहे हो उससे उस व्यक्ति की भलाई होगी क्या’’। इन क्षेत्रीय दलों को समझने के लिए गांधी का यह पैमाना आज भी कारगर है।

लेखक-    उ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।
लखनऊ, मो0 9415013300

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पेयजल सुरक्षा कार्यक्रम व वाटर रिचार्ज योजना के प्रस्ताव बनाने के निर्देश

Posted on 18 November 2011 by admin

जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के संगठनात्मक स्वरूप को और सुदृढ बनाने के उद्देश्य से तथा ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन, मूल्याकंन तथा उसके अनुश्रवण हेतु जनपद स्तर पर जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है। मिशन की बैठक विकास भवन पर अध्यक्ष जिला पंचायत श्री दौलतराम कुशवाह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जनपदीय पेयजल सुरक्षा कार्यक्रम दो माह में तैयार करने के निर्देश दिये गये। जनपद के निरन्तर गिरते जल स्तर को देखते हुए वाटर रिचार्ज की योजनाओं के प्रस्ताव बनाकर शासन को भिजवाने के निर्देश दिये गये। विधायक डा0 धर्मपाल सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी टंकियों (वाटर टैंक) की लीकेज की शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही पर बल दिया। श्री सिंह ने पूर्व में बनाई गई जल संचय योजनाओं के फलस्वरूप जल स्तर में वृद्वि की ओर भी ध्यान दिलाया।
अध्यक्ष श्री कुशवाह ने कहा कि वर्तमान में पेयजल की समस्या महत्वपूर्ण है। मिशन द्वारा पेयजल की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए यह सुनिश्चित किया जायेगा कि पेयजल योजनांए अपने जीवन काल (क्मेपहद चमतपवक) तक समुचित सेवा उपलब्ध कराये और पेयजल की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो।
बैठक का संचालन करते हुए मुख्य विकास अधिकारी राजकुमार श्रीवास्तव ने जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के कार्य एवं दायित्वों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि जनपद स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित कराना है। जनपदीय पेयजल सुरक्षा कार्यक्रम को तैयार करना और क्रियान्वित करना, जनपद स्तर पर पेयजल योजनाओं के नियोजन, क्रियान्वयन एवं रख रखाव के सम्बन्ध में जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति का मार्ग दर्शन करना तथा तकनीकी रूप से परीक्षण के उपरान्त संस्तुत पेयजल योजनाओं की स्वीकृति हेतु राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को प्रेषित करना है। उन्होंने बताया कि जनपद में क्रियान्वित की जा रही पेयजल एवं स्वच्छता योजनाओं की प्रगति का अनुश्रवण करना तथा डी.पी.आर./आई.पी.सी.आर. संस्तुति प्रदान करना आदि मिशन के कार्य है।
मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम्य विकास विभाग के पूर्व में जारी शासनादेश के द्वारा स्वजल धारा कार्यक्रम हेतु गठित ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति के स्वरूप व कार्य यथावत रहेगें। यह समिति राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का ग्राम पंचायत स्तर पर क्रियान्वयन करेगी।
बैठक में निर्देश दिये गये कि समिति के सदस्य सचिव/जिला विकास अधिकारी दो माह में संस्था का पंजीकरण करालें और अधिशासी अभियन्ता नहर विभाग को विशेष आमन्त्री के रूप में नामित किया जायें। जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज गिरी ने बताया कि विद्यालयों के नवीन भवनों के लिए वर्षा जल संचय प्रणाली लगाना आवश्यक है।

बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी टी.सी. पाण्डेय ने ग्रामों में स्वच्छता कार्यक्रम की जानकारी दी। इस अवसर पर जल निगम के अधिशासी अभियन्ता ए0के0 गुप्ता तथा ए0 के0 सक्सैना तथा लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अरविन्द कुमार ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सरकारी बकाया पर कानून का शिकंजा होगी कार्यवाही

Posted on 18 November 2011 by admin

सरकारी लोन लेना अच्छी बात है परन्तु ब्यवसाय न करके निजी खर्च में प्रयोग करके पैसा जेसे नहीं ही देना पड़ेगा सोंचना बुरी बात हैै। अब अनुसूचित वित्त एंव विकास निगम बकायेदारों पर नोटिस और आर0सी जारी करने जा रहा है निगम की 6 योजनाओं मे ऋण के बकायेदार डेढ हजार के आस पास है जिन्हे नोटिस और आ0सी भेजी गयी है अनुसूचित जाति के बेरोजगारों को वित्त एंव विकास निगम मे कई योजनाओं का संचालन होता है। निगम के द्धारा अनुदानशुदा लोन जरुरत मन्दांे को दिया जाता है। निगम के आधा दर्जन योजनाओं में अदा न करने पर अफसर और कर्मियों द्धार आर0सी जारी है विभाग मे पम्प सेट योजना मे 20 हजार का लोन दिया गया जिसमें 10 हजार अनुदान का था शेष पर 5 फीसदी का ब्याज मात्र 150 लोगों ने ही लोन अदा किया। लघु ब्यवसाय योजना मे 282 लोंगो को 1 लाख का लोन दिलाया गया जिसमे 10 हजार अनुदान शेष 90हजार का 5 फीसदी ब्ययज था पर किसी ने भी ब्याज या रु0 जमा नही किया महिलाओं ने स्वरोजगार को 340 महिलाओं को 25 हजार का लोन दिया गया जिसमें 10 हजार अनुदान व 15 हजार पर 4 फीसदी ब्याज 4 किस्तों मे 3 वर्षो में जमा करना था। परन्त 3 वर्ष बीत जाने पर महिलाओं ने किस्त नही दी सिलाई मसीन योजना 85 आवेदकों को 20 हजार की मसीने शेष 10 दस हजार पर 6 फीसदी का ब्याज था। रिक्शा ठेलिया योजना मे 543 लोगों ने आधी दर पर रिक्शा ठेलिया लेकर लोन दिलाया गया इसमें 48 रिक्शों पर आधी छूट तथा 4 हजार की ठेलिया आधी और 2 हजार पर 7 फीसदी ब्याज अदा करना था परन्तु 43 लोगों ने रु0 जमा किया निगम के सहायक प्रबन्धक यूपी सिंह ने बताया सभी ऋणों व बकायादारों पर आर0सी जारी कर दी गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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