नेता विरोधी दल विधान सभा,उत्तर प्रदेश श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को तबाह और बर्बाद कर दिया है। लोकायुक्त की जांच और हाईकोर्ट के आदेशों ने इस सरकार के भ्रष्टाचार को आईना दिखा दिया है। ऐसी भ्रष्ट, घोटालेबाज और अन्यायी सरकार इतिहास में ढूंढें नहीं मिलेगी। जनता इससे त्राहि-त्राहि कर रही है। समाजवादी पार्टी ने इससे निजात दिलाने के लिए विधान सभा के शीतकालीन सत्र में, जो 21 नवम्बर,2011 से शुरू हो रहा है, अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है।
विधान सभा में जो दलीय स्थिति है उसमें समाजवादी पार्टी का ही इतना संख्या बल है जो अविश्वास प्रस्ताव लाने में सक्षम है। प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल होने के नाते भी उसका उत्तरदायित्व है कि वह जनता के हितों के लिए पुरजोर आवाज उठाएं। उत्तर प्रदेश इस समय मुख्यमंत्री और बसपा सरकार की कुनीतियों के चलते पिछड़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिन्तनीय है। महिलाओं, बच्चियों की इज्जत सुरक्षित नहीं हिरासत में मौतें हो रही है। हर क्षेत्र में अराजकता है।
मुख्यमंत्री को सिर्फ वसूली और लूट में दिलचस्पी है। संपत्ति पर कब्जा करना उनका शौक है। उनसे प्रेरित उनके मंत्री और अधिकारी भी लूट के ध्ंाधे में लग गए है। प्रदेश में एक-एक कर घोटालों की परते खुलती जा रही है। कोई ऐसा विभाग नहीं जहाॅ घोटाला न हों। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हजारों करोड़ के घोटाले के चलते दो सीएमओ एक डिप्टी सीएमओ की हत्या हो चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य मिशन के पूरे घोटाले की भी जांच होनी है। हत्याकाण्ड की जांच में सरकार ने सहयोग नहीं दिया। सीबीआई इसकी अदालत से शिकायत कर चुकी है। इस सरकार ने चीनी मिलों को मय उनकी भू संपत्ति के बेच लिया। खनिज संपदा का बुरी तरह दोहन किया हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 2 लाख करोड़ का घपला है। खाद्यान्न घोटाला की जांच भी लम्बित है। यह 10 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला है। 40 हजार करोड़ से ज्यादा पार्को, स्मारकों और मूर्तियों तथा हाथियों पर खर्च हो गए हैं। आबकारी में अवैध वसूली हो रही है।
लोकायुक्त की रिपोर्ट में दर्जनों मंत्री फंस चुके है। मुख्यमंत्री की भी जांच हो तो वे भी फंसेगी। चुनाव के अब 6 महीने ही बचे हैं। वे इस अवधि में संविधान, नैतिकता और लोकतंत्र की परम्पराओं के विपरीत नीतिगत निर्णय ले रही हैं। उत्तर प्रदेश का बंटवारा प्रदेश और देश के हित में नहीं है। देश में उत्तर प्रदेश का बड़ा प्रदेश होने के कारण अपना एक अलग राजनैतिक और सामरिक महत्व है। समाजवादी पार्टी प्रदेश के बंटवारे का विधान सभा से लेकर लोकसभा तक हर स्तर पर विरोध करेगी। जनता की इच्छा जाने बिना प्रदेश को 4 भागों में बांटना चाहती है। इस बंटवारे से प्रदेश को कुछ हासिल नही होगा। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस्तीफा नहीं दिया तो उनकी जगह जेल में ही होगी। समाजवादी पार्टी दोषसिद्ध और आरोपित सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे अपदस्थ करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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