Posted on 11 November 2011 by admin
बिजली विभाग में बिलों के मनमानी के अलावा और र्क रास्तो का प्रयोग करके राजस्व का चूना लगाकर सरकार को चपत लगा रहे है। निजी कर्मी विभाग द्धारा पावरलोड बढाकर बिजली का बिल जारी कर रहे है। ऐसे मे विजली विभाग को मिलने वाला राजस्व पर ग्रहण लग चुका है वहीं बिजली उपभोक्ता को ज्यादा लोड का बिल भी अदा करना पड रहा है इस प्रकार विभाग और उपभोक्ता दोनो निजी बिजली कर्मियों की मनमानी का शिकार बन रहे है। बिजली विभाग में बिलिंग ब्यवस्था निजी हाॅथों में होने के कारण उपभोक्ता खून के आॅंसू पीकर चुपचाप बैठा है प्रारम्भ से ही यह ब्यवस्था विवादित रही मनमानी व गड़बड़ी का शिकार बिजली विभाग और उपभोक्ता दोनों है। विभागीय स्तर पर बिजली लोड बनाने की एक निष्चित प्रक्रिया है उसको अपनाएं बगैर निजी कर्मी बिजली लोड बनाने की प्रक्रिया को कैसे अपनाएं बगैर बढ़ा रहे है। यह जांच का विषय है। उदाहरण के लिए सुभाष नगर के प्यारेलाल कन्हई पुरवा के मोहन सिंह ने दो किलो के बिजली कनेक्षन ले रखे थे। फिर उनका कनेक्षन 3 किलो वाॅट का कैसे हो गया जब कि अभिलेखों मंें उनका लोड बढ़ा ही नहीं शो हो रहा है। लोड बढ़वाने की सिक्योटिरी फीस 350 रूपए है जबकि सिस्टम लोडिंग दो सौ रूपए प्रोसेसिंग फीस घरेलू के 100 रूपए और वाणिज्यिक के लिए 200 रूपए की है। पहले यह राषि घटाई भी गई थी। इस संबंध में अभियंता एमके अहिरवार का यह कहना समझ में नहीं आता है। कि षिकायत करने पर जांच की जाएगी। तो पहले से ही ऐसी नौबत क्यों आ रही हैै। जिससे आम आदमी परेषान होता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 11 November 2011 by admin
भारत संचार निगम की पावर प्लांट में छिपकली घुस गई और अपनी कारगुजारी धमाचैकड़ी लुकाछिपी के खेल से सभी को परेषानी में डाल दिया। उपकरणों की आपूर्ति ठप हो गई। मोबाइल फोन डब्लूएलएल फोन सभी कुछ जनपद में एक ठहराव सा आ गया। लगभग दो लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं का देष से संपर्क बिल्कुल टूट गया। सुबह आठ बजे से 10.30 बजे के बाद उसमें फाल्ट ढूढ़ी गई। रिस्टोर किया गया पसीने पसीने हो गए इंजीनियर टेक्निषियन तथा उनके अफसर फाल्ट ढूढ़ने के बाद फाल्ट ठीक करने मंे कामयाब हो पाए। गनीमत यह रही कि बेसिक सेवा काम करती रही। सेवा ठप हो जाने पर बेसिक फोन के द्वारा संपर्क करके लोगों ने वस्तु स्थिति की जानकारी ली। मुख्य अभियंता कार्यालय लखनऊ रोड पर सब जमा हुए और लिंग सिस्टम फेल होनेे की जानकारी सभी को मिली। पावर लाइन चेक करने के बाद मालूम हुआ कि थ्री फेज लाइन पर एक छिपकली घुस गई है और सिस्टम को पूरी तरह फेल कर चुकी है। मीडिया लिंग के सारे कनेक्षन फेल होने के बाद पूरे सिस्टम को उसने फेल कर दिया। सिस्टम फेल होने का कारण उसके मर जाने के बाद शार्ट सर्किट रहा। टेक्निषियनों ने उसे निकालकर बाहर फेका और ठीक करके पावर कनेक्षन चालू किया। तब सबको राहत मिली। टीडीएम अषोक कुमार द्वाा जानकारी दी गई कि पावर प्लांट में छिपकली फसने और मरने से सर्किट शार्ट हो गया था। जिससे सेवा प्रभावित हुई। जो अब ठीक होकर बहाल हो गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 11 November 2011 by admin
जब से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल बनाये गये है और मुस्लिम मामलों के फैसले अहमद पटेल पर छोड़ दिये गये है, तब से सुन्नी बरेलवी मुसलमान की उपेक्षा होती आ रही है जिसके चलते कांग्रेस की लुटिया किसी भी समय डूब सकती है ।
उक्त विचार आज यू.पी. प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आॅल इण्डिया सुन्नी उलमा फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री मौलाना गुलाम अब्दुल कादिर ने व्यक्त किये। उन्होने कहा कि पिछले दिनों दरगाह आला हजरत बरेली शरीफ से केन्द्र की मौजूदा कांग्रेस अगुवाई वाली यूपीए सरकार मुसलमानों की अनदेखी और सुन्नियों को मुनासिब नुमाइन्दगी न देने पर आॅल इण्डिया सुन्नी उलमा फैडरेशन के बैनर तले उलमाये अहले सुन्नत ने आवाज बुलंद की जिसको खानकाहे आला हजरत के सज्जादा नशीन हजरत अल्लामा सुबहानी मियां और खानखाए आला हजरत की हिमायत हासिल रही।
उन्होने कहा कि पिछली केन्द्रीय सरकारों मंे पंडित नेहरू, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी और नर्सिम्हा राव के काबीना में मुसलमानों खासकर सुन्नी बरेलवी मुसलमानों की खातिरख्वाह नुमाइन्दगी होती थी। मगर जब से मुस्लिम मामलों का फैसला अहमद पटेल लेने लगे हैं तब से उसका कोई फायदा मुसलमानों को नही मिल पा रहा है। जिसका सबूत ये है कि मजमूई तौर पर केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व घट कर केवल दो रह गया है।
मौलाना गुलाम कादिर ने कहा कि अहमद पटेल खास कर सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का इस्तेमाल कर रहे है और उनके हुकूक , मसायल और नुमाइन्दगी को दर किनार और नजर अंदाज करने में लगे हुए है जिसकी वजह से सुन्नी बरेलवी मुसलमानों की नुमाइन्दगी राज्य सभा, प्रशासन मंडल और दीगर सरकारी, नीम सरकारी मुहकमों, कमेटियों और कमीशनों में सिफर हो गयी है।
मौलाना अहमद कादिर ने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी को आगाह करना चाहते है कि अगर केन्द्र की यूपीए सरकार अहमद पटेल के इशारों पर चलकर मुसलमानों खास कर सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के हुकूक का इस्तेहसाल करती रही तो आने वाले उत्तर प्रदेश के एसेम्बली इलेक्शन में हमारी संस्था कांगेेेे्रस के खिलाफ तहरीक चलायेगी।
मौलाना ने कांगे्रस को छः सूत्री मांग को तत्काल पूरा करने की मांग की जिसमें छः और मुसलमानों को केन्द्रीय मंत्री - मंडल में शामिल किया जाना और प्रतिशत के ऐतबार से कम से कम तीन सुन्नी बरेलवी मुसलमानों को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में नुमाइन्दगी दिया जाना, राज्य सभा, केन्द्रीय कमीशन, कार्पोरेशन , हज कमेटी, दरगाह कमेटी, मौलाना आजाद एजुकेशनल फाउन्डेशन, सेन्ट्रल वक्फ कौन्सिल और दीगर सरकारी, नीम सरकारी मुहकमों के साथ साथ आने वाले यूपी के एसेम्बली इलेक्शन में सुन्नी बरेलवी मुसलमानों को तनासुब के ऐतबार से टिकट दिया जाना, जस्टिस सच्चर कमेटी, जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमीशन रिपोर्ट लागू कर के आईन की धारा 341 की तहत लगी पाबंदी हटाया जाना और दलित मुस्लिम और पसमांदा मुसलमानों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण दिया जाना शामिल है।
संवाददाता सम्मेलन में जामिया मदरसा अश्रफिया मुबारकपुर आजमगढ़ के मौलाना अब्दंुल हक, लखनऊ के मौलाना अशरफ कुरैशी, मौलाना सरफराज अहमद दिल्ली आदि मौलाना मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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