Archive | January 14th, 2011

बॉन्दा के पुलिस की भूमिका को सन्दिग्ध बताया

Posted on 14 January 2011 by admin

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित शीलू बलात्कार काण्ड के मुख्य  आरोपी बसपा विधायक पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी के आत्मसर्मपण को नाकाफी बताते हुये भारतीय जनता पार्टी ने बॉन्दा के पुलिस की भूमिका को सन्दिग्ध बताया और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि शीलू निषाद बलात्कार काण्ड में सरकार अपने विधायक को बचाना चाहती थी लेकिन भाजपा के आका्रमक रूख और जन दबाव के कारण उसका आत्मसमर्पण कराना पड़ा। ये आत्मसमर्पण नाकाफी है। इस काण्ड में पुलिस की भूमिका सन्दिग्ध रही है इसलिए पुलिस कप्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

श्री पाठक ने कहा कि सरकार ने अपने कृत्यों से जनता का विश्वास खो दिया है। जनाधार खिसकने से बौखलाये बसपा के विधायक व पदाधिकारी अब अधिकारियों का उत्पीड़न कर उगाही पर उतर आये हैं।

प्रदेश प्रवक्ता ने कानपुर की दिव्या काण्ड प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा आज की गई कारवाई को नििष्क्रयता छिपाने के लिये उठाया गया कदम बताया। उन्होनें कहा कि दिव्या काण्ड में सरकार ने जन दबाव में आकर कार्रवाई की है। श्री पाठक ने कहा कि न्याय प्रभावशाली तभी होता है जब यह त्वरित हो। दिव्या काण्ड में पुलिस व सरकार की भूमिका ने न्याय प्रणाली की उपेक्षा की है।

श्री पाठक ने कहा कि बसपा सरकार की हनक खत्म हो गई है। औरेया  के चर्चित इंजीनियर मनोज गुप्ता हत्याकाण्ड को लोग भूल भी नहीं पाये थें कि कल उसी औरेया जिले में एक बार फिर बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव शाक्य के आतंक ने कहर बरपाया। श्री पाठक ने बताया कि बुधवार को बसपा नेता ने अपनी इच्छानुरूप कार्य न करने वाले सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी को बेरहमी से पीट-पीट कर मरणासन कर दिया। कर्मचारी अस्पताल में जीवन मृत्यु से जूझ रहा है। इसीतरह मेरठ में मवाना के बसपा के विधायक योगेश वर्मा के भाई ने सत्ता के मदहोशी में मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर एस0पी0सिंह केे साथ बदसलूकी की और उसे जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बसपा नेताओं के कहर से आम जनता व सरकारी कर्मचारी भयभीत हो उठे हैं दूसरी तरफ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी बसपा नेताओं को ही संरक्षण दे रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सूर्या ने हाईमास्ट का उत्पादन शुरू किया

Posted on 14 January 2011 by admin

सूर्या रोशनी ने हाईमास्ट और उच्च स्तरीय स्ट्रीट लाइटिंग पोल का उत्पादन शुरू कर दिया है। कारोबार विस्तार और देश-विदेश के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नई-नई खोजों के मामले में सूर्या का गौरवपूर्ण रिकॉर्ड रहा है।

सूर्या के पास स्टील पाइप और जिंक गैल्वेनाइजिंग का गहरा अनुभव है और लाइटिंग के उत्पादन में भी इसकी विशेषज्ञता जगजाहिर है। अच्छी क्वालिटि हेतु इन दोनो अनुभवों का स्ट्रीट लाइटिंग और हाईमास्ट तकनीकी में जोड़ा गया है।

photo-1लाइटिंग और जीआई स्टील पाइप दोनों क्षेत्रों में नेतृत्व हासिल करने के बाद कम्पनी अब टोटल लाइटिंग सॉल्यूशन देती है। ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में अत्याधुनिक संयन्त्र/प्लांट की स्थापना के साथ अब हाईमास्ट और पोल का उत्पाद शुरू हो गया है जिससे कम्पनी के मौजूदा व्यवसाय क्षेत्रों को अतिरिक्त सिनर्जी मिलती है।

स्टील और लाइटिंग यानी दो टैक्नोलोजी के मिलने से पहले चरण में 4000 हाईमास्ट और 30000 ओक्टागोनल पोल के उत्पादन का लक्ष्य दिख रहा है। कम्पनी के दूसरे चरण में पावर और टेलीकॉम जगत में भी प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बढ़ाने की योजना है।

ग्वालियर का हाई मास्ट प्लांट 48 एकड़ क्षेत्र में फैला है और वाईएसडी (बेिल्जयम के सहयोग से), जर्मनी और अमेरिका की कम्प्यूटर नियन्त्रित अत्याधुनिक मशीनों से लैस है। इसका गैल्वेनाइजिंग बाथ भारत में सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक है।

हाईमास्ट और ओक्टागोनल पोल का इस्तेमाल कई प्रकार से होता है जैसे शहर के अन्दर सड़कों, फ्लाईओवर, और पार्क आदि की प्रकाश व्यवस्था, परिवहन क्षेत्र में रेलवे यार्ड, हवाई अड्डा, एप्रेन, पािर्कंग आदि, औद्योगिक क्षेत्र में स्टोरेज यार्ड, सुरक्षा क्षेत्र, मैटिरियल हैण्डलिंग प्लांट आदि, खेल काम्पलेक्सों जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, एथलेटिक स्टेडियम, गोल्फ कोर्स आदि और पेट्रोल पम्प, मेट्रो रेलवे स्टेशन, मॉल आदि के लिए साइनेज।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भ्रश्टाचार की मकड़जाल में विपणन विभाग

Posted on 14 January 2011 by admin

•    अधिकारी कर्मचारी,कोटेदार एंव प्रधानों की मिली भगत से खेला जा रहा लाखों का खेल

कुड़वार/सुल्तानपुर 13 जनवरी। जनपद का विपणन विभाग भ्रश्टाचार की चपेट मे है। जहां सम्बन्धित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी गरीबों के खा़द्यान का बन्दर बांट कर मालामाल हो रहे हैं। वहीं समय सीमा के अन्दर राशन कार्ड न बदले जाने से कोटेदार की भी बल्ले-बल्ले है।

गौरतलब हो कि बडे पैमाने पर प्रदेश स्तर पर खाद्यान घोटाला मामले के प्रकाश में आते ही सूबे की मुख्यमन्त्री मायावती ने कड़ा रूख अिख्तयार किया। ऐसे मे शासन के मन्शानुसार डी.के. गुप्ता विशेश सचिव उत्तर प्रदेश ने बीते वशZ के अन्तिम तारीख कों पत्र संख्या 3065/ 29 जून 10-32 सा/10 के माध्यम से आयुक्त खाद्य व रसद विभाग व समस्त जिलाधिकारियों को दिशा निर्देिशत कर विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। परन्तु जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगा।भ्रश्टाचार के मकड़जाल में उलझा विपणन विभाग कागजी घोड़ा दौड़ा योजनाअों का लाभ गरीबों तक पहुंंचने से पहले ही डकारता रहा। सूत्रों के अनुसार सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कुड़वार में तीन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकाने हैं। तीनो कोटेदारों को निर्धारित वितरण तिथि से दो दिन पूर्व ही निलिम्बत कर दिया गया और तत्पश्चात निलिम्बत कोटे खाद्यान का बन्दर बांट कर विभागीय अधिकारी व कर्मचारियेां ने मोटी रकम वसूल किया। ऐसे में विभागीय अधिकारी सक के दायरे में आते ही पुन: तीनों सरकारी सस्ते गल्ले की दुकांनो को बहाल कर दिया गयां, विपणन विभाग के कारगुजारियेां के यह खेल कोई नया नही है। इसके पूर्व भी जनपद मेें खाद्यान घोटाले का पर्दाफास औचक निरीक्षण के दौरान हुआ। जहां पयागीपुर चौराहा स्थित ढाबों पर राशन माफिया व अधिकारियों की सांठ गांठ से खाद्यान से भरे ट्रकों केा रोक कर उसमें लदे प्रति बोरों से 10 से 5 कि.लो.गा्रम गेहूं व चावल निकाल कर लाखों रूपये का खेल ख्ेालते रहे। मौजूदा समय मे ंकोटेदारों को विना तौल के खाद्यान दिया जा रहा है जिसमें निर्धातिरत वजन से कम होने की िशकायत पर सम्बन्धित विभागीय कर्मचारी उनके कोटे को निलिम्बत करने की धमकी देता है। भुक्त भोगी कोटेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब सग्बन्धित विभागीय अधिकारी को प्रतिमाह सुविधा शुल्क देना ही है तो मजबूरन चोरी करना ही पड़ेगा। इसी क्रम मे कई ग्राम पंचायत के निवासियों ने िशकायत की है कि हमारे गांव में कई सम्पन्न परिवारो के राशन कार्ड बना दिये गये है। जिनके अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं या कई बीधों के कास्कार है। जिनका संयुक्त परिवार में रहते हुए भी अलग दिखाया गया और जबकि हमारे जैसे गरीबों के पास दो जून की रोटी की व्यवस्था नही है। परन्तु बीपीएल व अन्त्योदय कार्ड नही बने। कमोवेश ग्राम विकास अधिकारी व प्रधान की मिलीभगत से राशन काडोZ मे की गई हेरा फेरी कोटेदारो की भी बल्ले बल्ले हो रहा है। एक तरफ जहां पात्र व्यक्ति खा़द्यान पाने से वचिन्त रहा वहीं अपात्रों में कुछ लोग राशन की दुकान से राशन लेने जाते ही नही दूसरी तरफ राशन कार्ड की समयावधि समाप्त होने से राशन वितरण की तिथि व मात्रा भी स्पश्ट नही की जाती है। जिसका लाभ सरकारी गल्ले के कोटेदार उठा रहें है। गरीबों का निवाला छीनने वाले भ्रश्टाचारियो ंके उपर अकुंश लगा पायेगी य सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय का िढढोंरा पीटने वाली प्रदेश सरकार नत मस्तक हो चुकी है र्षोर्षो यह अहम विचारणीय प्रश्न लेागों के बीच चर्चा का विशय बना हुआ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बिना संक्रमणीय अधिकार के पट्टों का विक्रय अवैध-ए.डी.एम.(वि0/रा0)

Posted on 14 January 2011 by admin

राजकीय आस्थान की भूमि के दखीलकार काश्तकार मौरूसी काश्तकारों द्वारा बिना संक्रमणीय अधिकार प्राप्त किये राजकीय आस्थान की भूमि का विक्रय किया जा रहा है जो अवैध है।

अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) राम आसरे ने जनहित में सूचित किया है कि मौजा चक अब्बल, मौजा चक दोयम के (नई आबादी नगला फकीर चन्द, नगला वासी, सराय ख्वाजा, रसूलपुर, “याम नगर, नई आबादी, िशवनगर, अर्जुन नगर खेरिया मोड, काछीपुरा, सौना नगर, कृश्णा कालौनी, अजीत नगर, प्रहलाद नगर, नगला महराज खॉ, अकबरपुर ख्वासपुरा) , मौजा चक सोयम के (नई आबादी, गुम्मट, देवरी रोड, नगला भवानी सिंह) मौजा चक चाहरम के (सैनिक पुरम्, मधुनगर, न्यू मधुनगर, रम्पू की झोपडी, अमृतपुरी, बुन्दूकटरा, ताल फिरोज खॉ) एवं मौजा चक सात के (गौतम नगर, सुशील नगर, हनुमान नगर , गोकुल नगर, जौहरा बाग), मौजा एम.पी.पुरा, तहसील सदर के उक्त मौजों में जिन व्यक्तियों द्वारा राजकीय आस्थान की भूमि को क्रय करके कब्जा प्राप्त किया है तथा दखीलकार काश्तकार एवं मौरूसी काश्तकार को राजकीय आस्थान की भूमि पर संक्रमणीय अधिकार बिना प्राप्त किये विक्रय किये जाने का कोई अधिकार नहीं है।

अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) ने बताया कि राजकीय आस्थान की भूमि के दखीलकार काश्तकार एवं मौरूसी काश्तकार द्वारा सरकारी सम्पत्ति प्रबन्ध से सम्बन्धित संशोधन नियमावली 2003 में आवासीय संक्रमणीय अधिकार प्राप्त करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सिर्कल रेट के 40 प्रतिशत पर तथा व्यावसायिक अधिकार प्राप्त करने के लिए निर्धारित सिर्कल रेट 60 प्रतिशत पर तथा दिनांक 01-04-1992 से पूर्व अवैध कब्जेदारों को सिर्कल रेट के 100 प्रतिशत पर संक्रमणीय अधिकारयुक्त पट्टा प्राप्त करने का प्राविधान है।

उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों द्वारा उक्त भूमियों को क्रय करके कब्जा प्राप्त किया है, उन्हें निर्देिशत किया जाता है कि इस सूचना के 15 दिवस के अन्दर निर्धारित धनरािश जमा कर अपने आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाते है तो उक्त अवैध कब्जेदार अपने-अपने अध्यासन को स्वत: हटा लें। नियत अवधि समाप्त होने के उपरान्त नियमानुसार अवैध कब्जों को हटाने की कार्यवाही करने के लिए विवश हो पडेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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