भ्रश्टाचार की मकड़जाल में विपणन विभाग

Posted on 14 January 2011 by admin

•    अधिकारी कर्मचारी,कोटेदार एंव प्रधानों की मिली भगत से खेला जा रहा लाखों का खेल

कुड़वार/सुल्तानपुर 13 जनवरी। जनपद का विपणन विभाग भ्रश्टाचार की चपेट मे है। जहां सम्बन्धित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी गरीबों के खा़द्यान का बन्दर बांट कर मालामाल हो रहे हैं। वहीं समय सीमा के अन्दर राशन कार्ड न बदले जाने से कोटेदार की भी बल्ले-बल्ले है।

गौरतलब हो कि बडे पैमाने पर प्रदेश स्तर पर खाद्यान घोटाला मामले के प्रकाश में आते ही सूबे की मुख्यमन्त्री मायावती ने कड़ा रूख अिख्तयार किया। ऐसे मे शासन के मन्शानुसार डी.के. गुप्ता विशेश सचिव उत्तर प्रदेश ने बीते वशZ के अन्तिम तारीख कों पत्र संख्या 3065/ 29 जून 10-32 सा/10 के माध्यम से आयुक्त खाद्य व रसद विभाग व समस्त जिलाधिकारियों को दिशा निर्देिशत कर विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। परन्तु जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगा।भ्रश्टाचार के मकड़जाल में उलझा विपणन विभाग कागजी घोड़ा दौड़ा योजनाअों का लाभ गरीबों तक पहुंंचने से पहले ही डकारता रहा। सूत्रों के अनुसार सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कुड़वार में तीन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकाने हैं। तीनो कोटेदारों को निर्धारित वितरण तिथि से दो दिन पूर्व ही निलिम्बत कर दिया गया और तत्पश्चात निलिम्बत कोटे खाद्यान का बन्दर बांट कर विभागीय अधिकारी व कर्मचारियेां ने मोटी रकम वसूल किया। ऐसे में विभागीय अधिकारी सक के दायरे में आते ही पुन: तीनों सरकारी सस्ते गल्ले की दुकांनो को बहाल कर दिया गयां, विपणन विभाग के कारगुजारियेां के यह खेल कोई नया नही है। इसके पूर्व भी जनपद मेें खाद्यान घोटाले का पर्दाफास औचक निरीक्षण के दौरान हुआ। जहां पयागीपुर चौराहा स्थित ढाबों पर राशन माफिया व अधिकारियों की सांठ गांठ से खाद्यान से भरे ट्रकों केा रोक कर उसमें लदे प्रति बोरों से 10 से 5 कि.लो.गा्रम गेहूं व चावल निकाल कर लाखों रूपये का खेल ख्ेालते रहे। मौजूदा समय मे ंकोटेदारों को विना तौल के खाद्यान दिया जा रहा है जिसमें निर्धातिरत वजन से कम होने की िशकायत पर सम्बन्धित विभागीय कर्मचारी उनके कोटे को निलिम्बत करने की धमकी देता है। भुक्त भोगी कोटेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब सग्बन्धित विभागीय अधिकारी को प्रतिमाह सुविधा शुल्क देना ही है तो मजबूरन चोरी करना ही पड़ेगा। इसी क्रम मे कई ग्राम पंचायत के निवासियों ने िशकायत की है कि हमारे गांव में कई सम्पन्न परिवारो के राशन कार्ड बना दिये गये है। जिनके अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं या कई बीधों के कास्कार है। जिनका संयुक्त परिवार में रहते हुए भी अलग दिखाया गया और जबकि हमारे जैसे गरीबों के पास दो जून की रोटी की व्यवस्था नही है। परन्तु बीपीएल व अन्त्योदय कार्ड नही बने। कमोवेश ग्राम विकास अधिकारी व प्रधान की मिलीभगत से राशन काडोZ मे की गई हेरा फेरी कोटेदारो की भी बल्ले बल्ले हो रहा है। एक तरफ जहां पात्र व्यक्ति खा़द्यान पाने से वचिन्त रहा वहीं अपात्रों में कुछ लोग राशन की दुकान से राशन लेने जाते ही नही दूसरी तरफ राशन कार्ड की समयावधि समाप्त होने से राशन वितरण की तिथि व मात्रा भी स्पश्ट नही की जाती है। जिसका लाभ सरकारी गल्ले के कोटेदार उठा रहें है। गरीबों का निवाला छीनने वाले भ्रश्टाचारियो ंके उपर अकुंश लगा पायेगी य सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय का िढढोंरा पीटने वाली प्रदेश सरकार नत मस्तक हो चुकी है र्षोर्षो यह अहम विचारणीय प्रश्न लेागों के बीच चर्चा का विशय बना हुआ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in