राजकीय आस्थान की भूमि के दखीलकार काश्तकार मौरूसी काश्तकारों द्वारा बिना संक्रमणीय अधिकार प्राप्त किये राजकीय आस्थान की भूमि का विक्रय किया जा रहा है जो अवैध है।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) राम आसरे ने जनहित में सूचित किया है कि मौजा चक अब्बल, मौजा चक दोयम के (नई आबादी नगला फकीर चन्द, नगला वासी, सराय ख्वाजा, रसूलपुर, “याम नगर, नई आबादी, िशवनगर, अर्जुन नगर खेरिया मोड, काछीपुरा, सौना नगर, कृश्णा कालौनी, अजीत नगर, प्रहलाद नगर, नगला महराज खॉ, अकबरपुर ख्वासपुरा) , मौजा चक सोयम के (नई आबादी, गुम्मट, देवरी रोड, नगला भवानी सिंह) मौजा चक चाहरम के (सैनिक पुरम्, मधुनगर, न्यू मधुनगर, रम्पू की झोपडी, अमृतपुरी, बुन्दूकटरा, ताल फिरोज खॉ) एवं मौजा चक सात के (गौतम नगर, सुशील नगर, हनुमान नगर , गोकुल नगर, जौहरा बाग), मौजा एम.पी.पुरा, तहसील सदर के उक्त मौजों में जिन व्यक्तियों द्वारा राजकीय आस्थान की भूमि को क्रय करके कब्जा प्राप्त किया है तथा दखीलकार काश्तकार एवं मौरूसी काश्तकार को राजकीय आस्थान की भूमि पर संक्रमणीय अधिकार बिना प्राप्त किये विक्रय किये जाने का कोई अधिकार नहीं है।
अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) ने बताया कि राजकीय आस्थान की भूमि के दखीलकार काश्तकार एवं मौरूसी काश्तकार द्वारा सरकारी सम्पत्ति प्रबन्ध से सम्बन्धित संशोधन नियमावली 2003 में आवासीय संक्रमणीय अधिकार प्राप्त करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सिर्कल रेट के 40 प्रतिशत पर तथा व्यावसायिक अधिकार प्राप्त करने के लिए निर्धारित सिर्कल रेट 60 प्रतिशत पर तथा दिनांक 01-04-1992 से पूर्व अवैध कब्जेदारों को सिर्कल रेट के 100 प्रतिशत पर संक्रमणीय अधिकारयुक्त पट्टा प्राप्त करने का प्राविधान है।
उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों द्वारा उक्त भूमियों को क्रय करके कब्जा प्राप्त किया है, उन्हें निर्देिशत किया जाता है कि इस सूचना के 15 दिवस के अन्दर निर्धारित धनरािश जमा कर अपने आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाते है तो उक्त अवैध कब्जेदार अपने-अपने अध्यासन को स्वत: हटा लें। नियत अवधि समाप्त होने के उपरान्त नियमानुसार अवैध कब्जों को हटाने की कार्यवाही करने के लिए विवश हो पडेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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