बुधवार को पश्चिमपुरी मैं यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए विचार गोष्ठी आयोजित की गई जिसमे अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि यमुना की स्वच्छता और संरक्षण के लिए कानून बनना चाहिए। यमुना को स्वच्छ बनाए रखने और उसके संरक्षण के लिए जरूरत है एक दृढ संकल्प की। कालिंदी आज इतनी प्रदूषित है की आज इस कारण अब एक कानून बनाने की आवश्यकता है। जिसमे देश की सभी नदियों को सम्मिलित किया जाए जो की प्रदूषित हो चुकी है। और उनके लिए अलग से एक एक्शन प्लान बनाया जाए जिससे की सभी नदियों मैं प्रदुषण पर रोक लग सके। उन्होंने कहा की ,आज यमुना का हाल घर में पड़ी बूढ़ी मां की तरह हो गया है जिसे हम प्यार तो करते हैं, उसका लाभ भी उठाते हैं, लेकिन उसकी फिक्र नहीं करते। उन्होंने कहा कि यमुना का आधार धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक है। इस नदी का गौरवशाली इतिहास रहा है, इसलिए यमुना को प्रदूषण मुक्त कर उसकी गरिमा लौटने की मुहिम का सभी देशवासियो को समर्थन करना चाहिए। ब्रह्मानंद राजपूत ने जोर देकर कहा कि देश की हर नदी पर व्यवासायिक गतिविधियां दिनोदिन बढती जा रही है, कम से कम यमुना और देश की प्रमुख नदियों को इससे मुक्त रखा जाना चाहिए। सभी धर्म सम्प्रदाय के लोगो को यमुना को अपनी माँ का दर्जा देना चाहिए क्योकि यमुना देश के करोडो लोगो की प्यास बुझती है चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने आह्वान किया कि तब तक शांत नहीं बैठना है- जब तक यमुना अविरल नहीं हो जाती है। उन्होंने देशभर के सभी बुध्दजीवियों से कहा है कि वे यमुनातट पर बसे लोगों को यमुना की दुर्दशा के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें। बडे उद्योगों और शहरों की गंदगी और प्रवाह पथ में गतिरोध यमुना प्रदूषण का बडा कारण है। यमुना की धारा को अविरल, निर्मल तथा आचमन लायक बनाने का जिन संतों ने बीडा उठाया है उनका सभी ब्रजवासियो को तन मन धन से समर्थन करना चाहिए ।
इसके अलावा मानसिंह राजपूत ने इसके लिए समाज को जागरुक करने फिर सीवर तथा औद्योगिक कचरे का यमुना में प्रवाह रोके जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि साधु-संतों ने पहले भी यमुना प्रदूषण मुक्ति को लेकर आंदोलन किए हैं, लेकिन उसमें ज्यादातर हिंदू समाज की ही भागीदारी रही है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी धर्मो के लोगों को धर्म से उठकर इसके लिए पहल करनी चाहिए ।
ब्रह्मानंद राजपूत ने सभा में उपस्थित लोगों को यमुना बचाने का संकल्प कराया और यमुना मैं प्रदूषण न करने की शपथ दिलाई। यमुना आन्दोलन को पूर्ण रूप से समर्थन देने की बात कही। इसके अलावा अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने पत्रिका के माध्यम से लोगो को यमुना के प्रदुषण के बारे मैं लोगो को जागरूक करने की बात कही।
इनके अलावा दुष्यंत लोधी, पवन राजपूत, दीपक राजपूत, मोरध्वज राजपूत, विष्णु लोधी नीतेश राजपूत ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर और सैंकडो लोगो को यमुना को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया गया विचार गोष्ठी मैं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अधिक रही। विचार गोष्ठी का संचालन ब्रह्मानंद राजपूत ने किया और अध्यक्षता अरब सिंह राजपूत ने की।
यमुना का हाल घर में पड़ी बूढ़ी मां की तरहरू ब्रह्मानंद राजपूत
बुधवार को पश्चिमपुरी मैं यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए विचार गोष्ठी आयोजित की गई जिसमे अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि यमुना की स्वच्छता और संरक्षण के लिए कानून बनना चाहिए। यमुना को स्वच्छ बनाए रखने और उसके संरक्षण के लिए जरूरत है एक दृढ संकल्प की। कालिंदी आज इतनी प्रदूषित है की आज इस कारण अब एक कानून बनाने की आवश्यकता है। जिसमे देश की सभी नदियों को सम्मिलित किया जाए जो की प्रदूषित हो चुकी है। और उनके लिए अलग से एक एक्शन प्लान बनाया जाए जिससे की सभी नदियों मैं प्रदुषण पर रोक लग सके। उन्होंने कहा की एआज यमुना का हाल घर में पड़ी बूढ़ी मां की तरह हो गया है जिसे हम प्यार तो करते हैंए उसका लाभ भी उठाते हैंए लेकिन उसकी फिक्र नहीं करते। उन्होंने कहा कि यमुना का आधार धार्मिकए आर्थिक और सांस्कृतिक है। इस नदी का गौरवशाली इतिहास रहा हैए इसलिए यमुना को प्रदूषण मुक्त कर उसकी गरिमा लौटने की मुहिम का सभी देशवासियो को समर्थन करना चाहिए। ब्रह्मानंद राजपूत ने जोर देकर कहा कि देश की हर नदी पर व्यवासायिक गतिविधियां दिनोदिन बढती जा रही हैए कम से कम यमुना और देश की प्रमुख नदियों को इससे मुक्त रखा जाना चाहिए। सभी धर्म सम्प्रदाय के लोगो को यमुना को अपनी माँ का दर्जा देना चाहिए क्योकि यमुना देश के करोडो लोगो की प्यास बुझती है चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने आह्वान किया कि तब तक शांत नहीं बैठना है. जब तक यमुना अविरल नहीं हो जाती है। उन्होंने देशभर के सभी बुध्दजीवियों से कहा है कि वे यमुनातट पर बसे लोगों को यमुना की दुर्दशा के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें। बडे उद्योगों और शहरों की गंदगी और प्रवाह पथ में गतिरोध यमुना प्रदूषण का बडा कारण है। यमुना की धारा को अविरलए निर्मल तथा आचमन लायक बनाने का जिन संतों ने बीडा उठाया है उनका सभी ब्रजवासियो को तन मन धन से समर्थन करना चाहिए ।
इसके अलावा मानसिंह राजपूत ने इसके लिए समाज को जागरुक करने फिर सीवर तथा औद्योगिक कचरे का यमुना में प्रवाह रोके जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि साधु.संतों ने पहले भी यमुना प्रदूषण मुक्ति को लेकर आंदोलन किए हैंए लेकिन उसमें ज्यादातर हिंदू समाज की ही भागीदारी रही है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी धर्मो के लोगों को धर्म से उठकर इसके लिए पहल करनी चाहिए ।
ब्रह्मानंद राजपूत ने सभा में उपस्थित लोगों को यमुना बचाने का संकल्प कराया और यमुना मैं प्रदूषण न करने की शपथ दिलाई। यमुना आन्दोलन को पूर्ण रूप से समर्थन देने की बात कही। इसके अलावा अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी ने पत्रिका के माध्यम से लोगो को यमुना के प्रदुषण के बारे मैं लोगो को जागरूक करने की बात कही।
इनके अलावा दुष्यंत लोधीएपवनएदीपकएमोरध्वजएविष्णुएनीतेश राजपूत ने अपने विचार व्यक्त किये। और सैंकडो लोगो को यमुना को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया गया विचार गोष्ठी मैं छात्र.छात्राओं की उपस्थिति अधिक रही। विचार गोष्ठी का संचालन ब्रह्मानंद राजपूत ने किया और अध्यक्षता अरब सिंह राजपूत ने की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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