Posted on 16 September 2014 by admin
उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने नौकरियों हेतु प्रकाशित विज्ञापनों में ‘सामान्य श्रेणी’ के स्थान पर ‘अनारक्षित’ शब्द का प्रयोग किये जाने संबंधी शासनादेश पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया है। इसके साथ पिछड़े वर्ग के उत्पीड़न संबंधी न्यायालयों में विचाराधीन (लम्बित) मामलों की सुनवाई भी आयोग नहीं करेगा।
अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने इन्दिरा भवन स्थित आयोग की बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश स्तर पर नौकरियों के विज्ञापनों में ‘सामान्य श्रेणी’ के स्थान पर ‘अनारक्षित’ शब्द का प्रयोग करने से आरक्षित वर्ग में उत्पन्न भ्रम की स्थिति दूर होगी। इसके साथ अन्य पिछड़े वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को इससे अधिक से अधिक लाभ होगा और वे सीधे अनारक्षित श्रेणी के पदों पर भी चयनित हों सकेंगे। ऐसा होने से नियुक्ति प्राधिकारी को भी ‘आरक्षित’ एवं ‘अनारक्षित’ अभ्यर्थियों का भ्रम नहीं रहेगा। श्री विश्वकर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर सीमा को 05 लाख रुपये से बढ़ाकर 08 लाख रुपये कर दिया है, जिससे आयोग ने ओ0बी0सी0 के जाति प्रमाण पत्र के प्रारूप में भी आवश्यक संशोधन करने के निर्देश प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को दिये हैं। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष श्री दीप सिंह पाल एवं श्री रामाधार सिंह भी उपस्थित थे।
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अन्य पिछड़े वर्गों के विकास के लिये अनेक योजनायें चलायी जा रही हैं। फिर भी पिछड़े वर्ग की जनसंख्या के आंकड़े उपलब्ध न होने के कारण योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। पिछड़े वर्ग को योजनाओं व आरक्षण का लाभ मिले इसके लिये अन्य पिछड़े वर्ग की जातिवार जनसंख्या के आंकड़े तैयार कराने के लिये प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ प्रमुख सचिव, पंचायती राज को भी आयोग की मंशानुरूप पिछड़े वर्ग की जनसंख्या के आधार पर इनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये इनकी जातिवार जनसंख्या का निर्धारण करने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में आयोग के अध्यक्ष ने इराकी/ऐराकी/राकी जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने संबंधी प्रत्यावेदन में प्रत्यावेदनकर्ता से जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं उसका शपथ पत्र प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। राज्य में किन्नरों को तीसरे लैगिंक समुदाय के रूप में आरक्षण दिये जाने के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन हेतु विधिक राय लेने का भी निर्देश दिया गया। इसके साथ बिलोच जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने के लिये इसकी प्रारम्भिक सुनवाई हेतु आयोग को पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में आयोग के सदस्य श्री बृजराज सैनी, श्रीमती विद्या यादव, श्री जवाहर लाल साहू, श्री अभय सिंह नायक, श्री रिछपाल सिंह चैधरी, श्रीमती कंचन कन्नौजिया, श्रीमती निर्मला यादव, श्री अजय कुमार सिंह उर्फ राकेश सिंह सैंथवार, श्री प्रसिद्धि नारायण सिंह, श्री लालता प्रसाद बियार, श्री कमलेश कुमार यादव, श्री महेन्द्र सिंह पाल, श्रीमती सुनीता सिंह, श्रीमती मालती वर्मा, डाॅ0 मुन्ना अलवी, श्रीमती प्रभा यादव, श्रीमती मंजूरानी मौर्या, आयोग के सचिव श्री अनिल कुमार, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी श्रीमती अंजली सोनी के साथ आयोग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
वाणिज्य कर की चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियांॅ 47,500 करोड़ रुपये निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अगस्त माह तक 16,435.78 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की जा चुकी है। राजस्व वसूली के निर्धारित सम्पूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वसूली कार्यों में सक्रियता लाने के निर्देश वाणिज्य कर विभाग के समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर तथा संयुक्त आयुक्तों को दिये गये हैं। प्रत्येक माह के वसूली के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण करना अनिवार्य है।
इस आशय के निर्देश वाणिज्यकर आयुक्त श्री मृत्युंजय कुमार नारायण ने वाणिज्यकर विभाग के सभागार में कार्यक्रमों/राजस्व एवं वसूली कार्यों की आयेाजित समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को दिये। उन्हांेने कहा कि राजस्व प्राप्तियों के लिए माहवार जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसकी शत-प्रतिशत पूर्ति करना अनिवार्य है। वाणिज्यकर राजस्व वसूली कम पाये जाने पर शिथिल अधिकारियों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई की जायेगी। जोनल एडीशनल कमिश्नर अपने जोन की संवदेनशील वस्तुओं पर विशेष ध्यान देंगे।
वाणिज्यकर कमिश्नर ने सचल दल इकाईयों को भी वाणिज्यकर अपवंचन की प्रभावी रोकथाम हेतु और अधिक सक्रियता लाने तथा जोनल अधिकारियों को वाणिज्यकर अपवंचकों से आर्थिक दण्ड की वसूली करके वसूली गयी धनराशि को राजकोष में जमा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने आन लाइन रजिस्ट्रेशन में अधिक से अधिक व्यापारियों का पंजीकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एन0एस0डी0एल0 द्वारा स्थापित आन लाइन पंजीकरण 250 सुविधा केन्द्रों पर ही रजिस्ट्रेशन कैम्प आयोजित करने तथा उक्त केन्द्रों पर ही व्यापारियों को वाणिज्यकर राजस्व वसूली करने तथा जमा की गयी धनराशि की आन लाइन रिपोर्ट वाणिज्यकर मुख्यालय, लखनऊ को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने
आनलाइन असेसमेण्ट में आने वाली कठिनाईयों को शीघ्र निस्तारित करने के भी निर्देश दिये।
वाणिज्यकर आयुक्त श्री एम0के0नारायण ने समस्त अधिकारियों को अधिक से अधिक व्यापारियों का पंजीकरण घर बैठे ही आनलाइन कराने तथा प्रदेश में व्यापारियों के हित में स्थापित किये गये सुविधा केन्द्रों पर भी निर्धारित शुल्क में पंजीकरण कराने के निर्देश दिये हैं। उन्हांेने कहा कि प्रदेश में अपंजीकृत व्यापारियों को चिन्हित करके उनहें पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित तथा पंजीकरण के पश्चात वाणिज्यकर विभाग द्वारा व्यापारियों को प्रदत्त की जाने वाली सुविधाओं से भी उन्हें अवगत करायें। बिना पंजीकरण व्यापार करने पर दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। आर्थिक दण्ड भी लगाया जायेगा अतः इन सब परेशानियों से बचने के लिए व्यापारियेां को अपने कारोबार/व्यवसाय का पंजीकरण वाणिज्यकर विभाग में कराना अनिवार्य है जिससे वे बिना किसी भी प्रकार की बाधा के अपना व्यवसाय/उद्यम सुचारू रूप से सफलतापूर्वक कर सके।
बैठक में अपर वाणिज्यकर आयुक्त सर्वश्री बी0आर0 शास्त्री, प्रमोद कुमार उपाध्याय, श्रीमती साधना त्रिपाठी एवं कार्यवाहक मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुश्री रीना वर्मा तथा समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर तथा ज्वाईन्ट कमिश्नर उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन के तहत 41 प्रस्ताव मंजूर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना के अन्तर्गत उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से उद्यमियों को प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए 75 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 25 प्रतिशत राज्यांश के रूप में सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग 4539 लाख रुपये के 41 प्रस्ताव स्वीकृत किये जा चुके हैं। स्वीकृत प्रस्तावों में से 34 प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं, जिनमें से सात प्रस्तावों की प्रथम किश्त 154 लाख रुपये शासन ने अवमुक्त कर दिये हैं। शेष 27 प्रस्तावों के सापेक्ष धनराशि अवमुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में 3948.47 लाख रुपये का प्राविधान इस योजना के लिए किया गया है जिसके सापेक्ष 1734.92 लाख रुपये अवमुक्त किये गये हैं। अब तक 28 परियोजना प्रस्तावों के सापेक्ष अनुदान के रूप में 978.97 लाख रुपये व्यय किये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
विधानसभा उपचुनाव-2014 (विधानसभा क्षेत्र-लखनऊ पूर्वी) के दृष्टिगत अवैध मदिरा के आवागमन, उत्पादन एवं उपभोग पर नियंत्रण स्थापित करने एवं प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु चलाये जा रहे प्रवर्तन अभियान के संबंध में आबकारी आयुक्त इलाहबाद के निर्देश के अनुपालन में दिनांक 14 सितम्बर, 2014 को आबकारी निरीक्षकों द्वारा अपने अधीनस्थों के साथ ग्राम/स्थल महानगर रेलवे क्रासिंग, पेपर मिल तिराहा व अकबरनगर बंधा थाना-महानगर तथा लवकुशनगर थाना-गाजीपुर, खरगापुर थाना-गोमतीनगर, सीमान्तनगर थाना-गुडम्बा लखनऊ में 07 स्थानों पर सघन छापामारी की गयी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
उत्तर प्रदेश वन विभाग में समूह ‘ग’ के रिक्त पदों पर की जाने वाली भर्ती की कार्यवाही को निरस्त कर दिया गया है। उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से समूह ‘ग’ के पदों पर भर्ती हेतु चयन की कार्यवाही अलग से की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
उ0प्र0 शासन ने प्रदेश के समस्त दुग्ध संघों में स्वच्छता रखने तथा दुग्ध संयंत्रों का समुचित रख-रखाव करने के निर्देश दुग्ध संघों/समितियों के प्रभारियों तथा जिला दुग्ध प्रबंधकों को दिये हैं। पाइप लाइनों से दुग्ध का रिसाव/लीकेज नहीं होना चाहिए। दुग्ध शालाओं के सम्पूर्ण परिसर में स्वच्छता रखी जानी चाहिए। दुग्ध संधों के कैनवासर की चैन दुरूस्त होनी चाहिए। कैनवासर अच्छी हालत में होने अनिवार्य है। क्रीम सेप्रेटर से दूध बाहर नहीं बहना चाहिए। दूध पाइप लाइनों से भी कहीं टपकना अथवा रिसना नहीं चाहिए। दुग्ध प्रोसेस सेक्शन का मिल्क क्लेरिफायर ठीक हालत में होना चाहिए। दुग्धशालाओं में अव्यवस्था, गंदगी तथा संयंत्रों का रख-रखाव ठीक न होने पर प्रभारी अधिकारियों को दण्डित किया जायेगा।
इस आशय के निर्देश प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने दिये हैं। उन्होंने दुग्ध संघों को स्टैण्डर्ड, टोप्ड मिल्क व दही ही उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य दुग्ध उत्पादों को बनाने और उसकी बिक्री करने के सख्त निर्देश दिये हैं। दुग्ध संघ प्रभारियों को उपभोक्ताओं को समस्त दुग्ध उत्पादों को उपलब्ध कराना होगा।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने दुग्ध संघों/दुग्धशालाओं को घाटे से उबारने की दिशा में ठोस रणनीति के तहत संबंधित अधिकारियों तथा स्टाफ कर्मियों को कठिन परिश्रम करने के निर्देश दिये। दुग्ध संघों द्वारा लगातार भारी हानि दर्ज कराने की प्रवृत्ति पर कठोर अंकुश लगाया जायेगा। उन्होंने सभी दुग्ध संघों/दुग्ध समितियों को मुनाफे की ओर कदम बढ़ाने के लिए आह्वान किया है। उन्होंने लाभ की स्थिति की ओर अग्रसर न होने वाले दुग्ध संघों/दुग्ध समितियों के प्रभारियों तथा जिला दुग्ध प्रबंधकों को दण्डित करने की भी कठोर चेतावनी दी है। उन्हांेने समस्त दुग्ध प्रबंधकों/दुग्ध समितियों के प्रभारियों को दुग्ध उपलब्ध कराने वाले दुग्ध उत्पादकों/किसानों को दुग्ध मूल्य का शत-प्रतिशत बकाया भुगतान शीघ्र करने के भी निर्देश दिये हैं। यदि दुग्ध संघों समितियों को दुग्ध आपूर्ति, दूध की बिक्री करने
वाले ग्राहकों, दूध बिक्रेता, किसानों को दूध के मूल्य का भुगतान लम्बित रखा जायेगा तो संबंधित अधिकारियांे/कर्मियों जो भी दोषी पाया जायेगा उसे दण्डित किया जायेगा।
दुग्ध विकास मंत्री ने समस्त दुग्ध संघों की कार्य योजना जिसमें दुग्ध संघ के अनुभागवार कितने कर्मचारी होंगे और उन पर कुल वास्तविक कितना खर्च आयेगा, कितने कर्मचारी सरप्लस हैं, उनसे क्या कार्य लिया जाना है, उनकों क्या लक्ष्य दिये जा सकते हैं की सूचना प्रधान दुग्ध प्रबंधक को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उन्हांेने दुग्ध संघों द्वारा अधिकाधिक दुग्ध उत्पादों को उत्पन्न करने के निर्देश दिये। दुग्ध उत्पादों में लाभ ज्यादा होंगे। दुग्ध संघ को नये उत्पादों के विपणन के लिए जितने भी नये कर्मचारी की आवश्यकता होगी उन सभी को कमीशन के आधार पर नियुक्तियां की जायेंगी। अन्य अनुभागों के अधिसंख्य कर्मचारियों को विपणन कार्य हेतु नियुक्ति में शीर्ष प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध संघों की आवश्यकता के अनुसार श्रेत्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा दुग्ध उपार्जन तथा दुग्ध विपणन की आवश्यकता को पूरी करते हुए जरूरत से अधिक स्टाफ को ले आफ़ देने की व्यवस्था दुग्ध संघ की सेवा नियमावली के अनुसार सुनिश्चित की जायेगी।
श्री वर्मा नेे क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों को दुग्ध उपार्जन एवं उत्पादन में रिकार्ड अभिवृद्धि हेतु सघन रूप में क्षेत्रीय भ्रमण करने, किसानों, पशुपालकों, दुग्ध उत्पादकों से सम्पर्क करने, उनके दूध को क्रय करने, किसानों पशुपालकों को नस्ल सुधार, जानवरों का रख-रखाव, संतुलित पशु आहार, चिकित्सा सुविधा, पशुओं को रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण कराने, पशुओं को चारा खिलाने, अच्छी गुणवत्ता का चारा उत्पादन करने आदि की जानकारी भी देने के निर्देश दिये हैं। उन्हांेने कहा कि इस प्रकार एक छोटे से क्षेत्र में सघन रूप से कार्य करने पर यातायात व्यय कम होगा। अच्छी गुणवत्ता का दूध प्राप्त होगा एवं कम खर्च में उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता का दूध तथा दुग्ध उत्पादों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
उ0प्र0 के पशुधन विकास परिषद की कारगर पहल से प्रदेश के दुधारू पशुओं में शीघ्र भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग/प्रजनन के लिए बेकार हो चुकी गायों को सेरोगेट मदर के रूप में प्रयोग कर उनकी उपायोगिता बनाये रखने का कार्य युद्ध स्तर पर प्रदेश में शुरू किया जा रहा है। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी के प्रयोग से अब दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली गायों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इस तकनीक से 60-65 लीटर दूध देने वाली गाये पैदा की जायेंगी। भू्रण प्रत्योरापण से दुधारू पशुओं में वृद्धि होगी।
यह जानकारी पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0यादव ने दी। उन्होंने बताया कि विदेशी नस्ल की गायों में भी भू्रण प्रत्यारोपण करके पशु संततियों को उत्पन्न किया जायेगा। डा0 यादव ने बताया कि इस तकनीक से गाय अब सिर्फ बछिया ही जन्मेंगी। जरूरत पड़ने पर बछड़े को भी भू्रण प्रत्यारोपण विधि से जन्म दिया जायेगा। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की सेक्सिंग तकनीक को अपना कर दुधारू गायों में भू्रण प्रत्यारोपण करके उच्च कोटि की नस्ल वाली दुधारू बछियों को उत्पन्न किया जायेगा।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 यादव ने बताया कि अच्छी नस्ल की गाय को तकनीक के माध्यम से गर्माकर उससे साल भर में दो से तीन अण्डे डिम्ब लिये जा सकेंगे और एक बार में 14 से 15 डिम्ब या अण्डे निकाले जा सकते हैं। उनकों अच्छी नस्ल के सांड के वीर्य (सीमन) से निशेचित करके उन गायों के गर्भ में डाल दिया जायेगा जो दूध देने के काबिल नहीं हैं। इस विधि से बेकार हो चुकी गायों की भी उपयोगिता बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि इस
तकनीक से एक अच्छी नस्ल की गाय से बिना उसे दुग्ध उत्पादन को बाधित किये सालभर में 30-35 डिम्ब या अण्डे प्राप्त करके इतने ही बच्चे (बछिया) पैदा किये जा सकेंगे।
डा0 यादव ने बताया कि परिषद के चार पशु विशेषज्ञों/पशुचिकित्सक अधिकारियों को उत्तराखण्ड में प्रशिक्षण हेतु भेज करके उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पशुपालन विभाग के शासकीय प्रक्षेत्रों में 14-15 लीटर प्रतिदिन दूध देने वाली साहीवाल गायें हैं। इन गायों के बच्चों की संख्या तथा इनमें दुग्ध उत्पादन की मात्रा भी बढ़ायी जायेगी। इस तकनीक से विदेशी नस्ल की उन गायों के बच्चे भी पैदा किये जायेंगे, जिनकी 65-70 लीटर प्रतिदिन दूध देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि विदेशों से भी हिमीकृत भ्रूण मंगाये जायेंगे जिनकों यहां की गायों में प्रत्यारोपित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विदेशों से भ्रूण मंगाने हेतु सार्थक पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के पास विदेशी नस्ल की गायों के भ्रूण के आयात करने का लाइसेंस है जिससे विदेशी भ्रूण वहां उपलब्ध है। विदेशी नस्ल की गायों के भू्रूण को उत्तराखण्ड से खरीद करके उत्तर प्रदेश की दुधारू गायों में प्रत्यारोपित करके उच्च कोटि के गायों के बच्चे पैदा किये जायेंगे।
डा0 यादव ने बताया कि इस विधि से दुग्ध उत्पादन में और अधिक वृद्धि होगी। इससे पशु पालकों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से उच्चगुणवत्ता की गाय से 30-35 बच्चे पैदा होंगे। एक गाय से एक बार में 14-15 भू्रण निकाले जा सकेंगे। सालभर में एक गाय से विकसित किये जा सकेंगे 30-35 भू्रूण। विदेशी गायों की नस्लों के देसी नस्ल की गायों में भू्रण प्रत्यारोपण से प्रदेश में 60-65 लीटर दूध देने वाली गायें भी उत्पन्न की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2014 by admin
भाजपा किसान मोर्चा प्रदेष प्रवक्ता राम निवास यादव ने बताया कि भाजपा प्रदेष कार्यालय लखनऊ पर किसान मोर्चा के प्रदेष पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता विजयपाल सिंह तोमर प्रदेष अध्यक्ष किसान मोर्चा ने की। बैठक का संचालन प्रदेष महामंत्री सुजीत सिंह टीका ने किया। बैठक प्रदेष पदाधिकारियों ने प्रदेष सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेष में गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नही किया जा रहा है जिसके कारण किसानों में आक्रोष व्याप्त है जिसके कारण किसान भुखमरी एवं आत्महत्या करने को मजबूर है। इसी माह में बागपत जनपद के टिकरी गाॅव व ढि़कना गाॅव में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। जिसकी दोशी प्रदेष सरकार है क्योकि गन्ना मिल मालिको से साढ़-गाढ़ के कारण प्रदेष सरकार गन्ना किसानों का बकाये का भुगतान नही कर रही है। जब केन्द्र सरकार ने प्रदेष सरकार चीनी मिल मालिको की माॅग पर त्वरित कार्यवाही करते हुए, चीनी की प्रोत्साहन राषि बिना ब्याज के 4,400 करोड़ रू0 की राषि स्वीकृति के साथ ही एथनोल पर 5 से 10 प्रतिषत कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने सूखा ग्रस्त जिलो में 50प्रतिषत छूट पर डीजल व डी.ए.पी. देने की घोशणा की है। केन्द्र सरकार बिजली देने को तैयार है परन्तु प्रदेष सरकार लोकसभा में अपनी करारी हार के कारण प्रदेष की जनता को परेषान करने के लिए बिजली लेने को तैयार नही इससे पूरी प्रदेष में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जिसके कारण प्रदेष में न किसानों को बिजली मिल रही है, न खाद, पानी एवं बीज भी किसानों को समय पर नही मिल पा रहा जिससे किसान परेषान होकर आत्महत्या करने पर मजबूर है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेष सरकार की किसान विरोधी रवैये की पोल खोलने के लिए 25 सितम्बर से 30 सितम्बर 2014 तक प्रदेष के समस्त मण्डल स्तर पर सरकार की पोल-खोल अभियान चलाया जायेगा तथा केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को किसानों तक पहुॅचाने का काम किया जायेगा तथा बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु एक गोश्ठी आयोजन किया जायेगा एवं दो दिवसीय प्रदेष कार्यसमिति अक्टूबरमाह में बृज क्षेत्र में की जायेगी। बैठक में मुख्य रूप से प्रदेष उपाध्यक्ष के.के. सिंह, बद्री प्रसाद यादव, सुधीर कुमार सिंह सिद्धू, प्रदेष प्रवक्ता राम निवास यादव, क्षेत्रीय अध्यक्ष संचित सिंह, संतोश सिंह, प्रदेष मंत्री विनय कुमार राय, षारदा नन्द सिंह, अंजलि प्रताप सिंह, वीरेन्द्र अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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