उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने नौकरियों हेतु प्रकाशित विज्ञापनों में ‘सामान्य श्रेणी’ के स्थान पर ‘अनारक्षित’ शब्द का प्रयोग किये जाने संबंधी शासनादेश पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया है। इसके साथ पिछड़े वर्ग के उत्पीड़न संबंधी न्यायालयों में विचाराधीन (लम्बित) मामलों की सुनवाई भी आयोग नहीं करेगा।
अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने इन्दिरा भवन स्थित आयोग की बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश स्तर पर नौकरियों के विज्ञापनों में ‘सामान्य श्रेणी’ के स्थान पर ‘अनारक्षित’ शब्द का प्रयोग करने से आरक्षित वर्ग में उत्पन्न भ्रम की स्थिति दूर होगी। इसके साथ अन्य पिछड़े वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को इससे अधिक से अधिक लाभ होगा और वे सीधे अनारक्षित श्रेणी के पदों पर भी चयनित हों सकेंगे। ऐसा होने से नियुक्ति प्राधिकारी को भी ‘आरक्षित’ एवं ‘अनारक्षित’ अभ्यर्थियों का भ्रम नहीं रहेगा। श्री विश्वकर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर सीमा को 05 लाख रुपये से बढ़ाकर 08 लाख रुपये कर दिया है, जिससे आयोग ने ओ0बी0सी0 के जाति प्रमाण पत्र के प्रारूप में भी आवश्यक संशोधन करने के निर्देश प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को दिये हैं। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष श्री दीप सिंह पाल एवं श्री रामाधार सिंह भी उपस्थित थे।
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अन्य पिछड़े वर्गों के विकास के लिये अनेक योजनायें चलायी जा रही हैं। फिर भी पिछड़े वर्ग की जनसंख्या के आंकड़े उपलब्ध न होने के कारण योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। पिछड़े वर्ग को योजनाओं व आरक्षण का लाभ मिले इसके लिये अन्य पिछड़े वर्ग की जातिवार जनसंख्या के आंकड़े तैयार कराने के लिये प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ प्रमुख सचिव, पंचायती राज को भी आयोग की मंशानुरूप पिछड़े वर्ग की जनसंख्या के आधार पर इनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये इनकी जातिवार जनसंख्या का निर्धारण करने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में आयोग के अध्यक्ष ने इराकी/ऐराकी/राकी जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने संबंधी प्रत्यावेदन में प्रत्यावेदनकर्ता से जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं उसका शपथ पत्र प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। राज्य में किन्नरों को तीसरे लैगिंक समुदाय के रूप में आरक्षण दिये जाने के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन हेतु विधिक राय लेने का भी निर्देश दिया गया। इसके साथ बिलोच जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने के लिये इसकी प्रारम्भिक सुनवाई हेतु आयोग को पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में आयोग के सदस्य श्री बृजराज सैनी, श्रीमती विद्या यादव, श्री जवाहर लाल साहू, श्री अभय सिंह नायक, श्री रिछपाल सिंह चैधरी, श्रीमती कंचन कन्नौजिया, श्रीमती निर्मला यादव, श्री अजय कुमार सिंह उर्फ राकेश सिंह सैंथवार, श्री प्रसिद्धि नारायण सिंह, श्री लालता प्रसाद बियार, श्री कमलेश कुमार यादव, श्री महेन्द्र सिंह पाल, श्रीमती सुनीता सिंह, श्रीमती मालती वर्मा, डाॅ0 मुन्ना अलवी, श्रीमती प्रभा यादव, श्रीमती मंजूरानी मौर्या, आयोग के सचिव श्री अनिल कुमार, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी श्रीमती अंजली सोनी के साथ आयोग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com