Posted on 16 September 2013 by admin
मुजफ्फरनगर में सिथति तेजी से सामान्य की ओर अग्रसर है। मुजफ्फरनगर में विगत 27, 30 व 31 अगस्त एवं 7 सितम्बर की घटनाओं के संबंध में तथा उसके बाद हुर्इ घटनाओं के मामलों की विवेचना के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल का गठन किया गया है। विवेचना कार्य में विशेष रुप से दक्ष पुलिसकर्मी इसमें तैनात किये गये है।
मुजफ्फरनगर में मृतकों की कुल संख्या 39 है तथा घायलों की कुल संख्या 69 है। घायलों में से 18 व्यकित मेरठ उपचार के लिए भेजे गये है तथा 9 व्यकित मुजफ्फरनगर के अस्पताल में भर्ती है, जिनका सुचारु रुप से उपचार चल रहा है। घायलों में से शेष उपचार के उपरान्त अपने-अपने घरों में चले गये है। आज प्रात: लगभग 9:15 बजे ग्राम लोर्इ कस्बा व थाना फुगाना में सुभाष उर्फ अनिल व राजीव (दोनो जाट) ग्राम लोर्इ के जंगल में घास लेने गये थे। किन्ही अज्ञात व्यकितयों द्वारा उनको गोली मारे जाने की सूचना मिली है।
मुजफ्फरनगर में अब तक कुल 542 व्यकित गिरफ्तार किये गये है। नगर क्षेत्र के मिश्रित आबादी वाले तीन थाना क्षेत्रों कोतवाली, नर्इ मण्डी व सिविल लाइन में सिथति को सामान्य होते देख आज दिन में कफ्यर्ू में ढील प्रात: 7:00 बजे से सायं 7:00 बजे तक दी गयी, जिसमें अब तक शांति-व्यवस्था बनी रही। जनपद की सिथति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। थानों को सेक्टर में विभाजित कर गहन गश्त की जा रही है एवं पिकेट लगाये गये है। मुजफ्फरनगर जिले के ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्रों में शांति समिति की बैठकें कर आपसी भार्इचारासौहार्द कायम किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। मुजफ्फरनगर जिले में लगी सेना की 8 कालम टुकडि़यों का जनपद के संवेदनशील नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में फ्लैग मार्च कराया गया। जिले में 36 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बल भी तैनात है। मुजफ्फरनगर जिले में 10 राहत शिविर कैम्प लगाये गये है जिनके द्वारा राहत सामग्री व अन्य सुविधायें प्रदान की जा रही हैं। 24 मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये प्रति मृतक के अनुसार कुल 2 करोड़ 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। गम्भीर रुप से घायल 21 व्यकितयों को 50 हजार रुपये की दर से कुल 40 लाख 50 हजार एवं सामान्य रुप से घायल 48 व्यकितयों को 20 हजार रुपये की दर से कुल 9 लाख 60 रुपये की सहायता राशि का वितरण किया जा चुका है।
शामली में दंगे से एक व्यकित की मृत्यु होना पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया है शेष 3 अन्य व्यकित घटनाओं में मारे गये है। घायलों की कुल संख्या 12 है। एक कालम सेना एवं 13 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बल तैनात है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु कुल 170 व्यकितयो की गिरफ्तारी अब तक की गयी है। जनपद में सिथति नियंत्रण में है तथा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
सहारनपुर जिले में एक व्यकित की मृत्यु हुर्इ है तथा 9 व्यकितयों के घायल होने की सूचना है। जिले में 10 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल तैनात है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अब तक 190 व्यकितयों की गिरफ्तारी की गयी है। उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया है कि उपरोक्त उलिलखित एक व्यकित की मृत्यु दंगे से संबंधित है अथवा नही इसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है। सिथति नियंत्रण में है तथा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
बागपत जिले में मृतकों की कुल संख्या 3 है तथा 7 व्यकित घायल हुये है। शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अब तक 20 व्यकितयों की गिरफ्तारी की गयी है। धारा 151107116 में 882 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 9 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल की व्यवस्था की गयी है। सिथति नियंत्रण में है। फोर्स द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
मेरठ जिले में मृतकों की कुल संख्या दो है। 7 कम्पनी पीएसी एवं केन्द्रीय अद्र्वसैनिक बल तैनात है। धारा 151107116 में 911 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 03 व्यकितयों की मृत्यु हुर्इ जिनमें से 2 का संबंध दंगे से है तथा एक व्यकित अन्य घटनाओं से है। वर्तमान समय में सिथति नियंत्रण में है। फोर्स द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है ताकि कोर्इ अन्य अप्रिय घटना न घट सके।
हापुड़ जिले में 1 कम्पनी पीएसी तैनात है। कानून व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन व पुलिस बल द्वारा सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
बिजनौर जिले में 2 कम्पनी पीएसी एवं 2 कम्पनी एसएसबी तैनात है। धारा 151107116 में 72 व्यकितयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सिथति नियंत्रण में है। सिथति पर सतर्क दृषिट रखी जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2013 by admin
वह लखनऊ के निम्न मध्य वर्ग की एक मुसिलम महिला है जिसकी प्रसिद्धि का मूल कारण यह है कि कुछ वर्ष पूर्व वह लखनऊ के कश्मीरी मौहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी के टिकट पर निगम पार्षद रही हैं। पर यही पूर्ण सत्य नहीं है! सूबी काजमी जन्म से ही नेत्रहीन हैं। कुछ समय पूर्व एक धार्मिक उपदेशक ने उनसे विवाह केवल इस आशा में किया कि अल्लाह इस सुकर्म के बदले अगली जिन्दगी में उन्हें पुरस्कृत करेगा। ततपश्चात इस पूर्व पार्षद ने ग्रहस्थ जीवन का कार्यभार संभाला। जन्म से ही कुदरत की ओर से दी गर्इ चुनौतियों के बावजूद विवाह के उपरान्त बर्तन चोखा और घर की साफ सफार्इ में अपने को लगा लिया। आज वह एक पांच वर्षीय बच्चे की मां भी है और घर के सब कार्य कुशलतापूर्वक करने की चेष्टा में लगी रहती है।
सूबी काजमी ने अपनी जिन्दगी में कोर्इ रौशनी, कोर्इ रंग नहीं देखा। यहां तक कि देखभाल करने वाले पति और अपने शरारती बच्चे की सूरत तक नहीं देखी। लेकिन वह आज भी उन सारी आकांशाओं और आशाओं को जिन्दा रखे हैं जो किसी भी आम युवती में पार्इ जाती हैं। वैवाहिक जीवन के बंधन में बंधने के बाद राजनीति से उनका संबंध टूट गया था; अब उनकी एक बड़ी आरजू राजनीति के मैदान में वापिस उतरने की है। इस कारण सूबीने फिर से क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय बनने के लिए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से संपर्क साधा है।
”उन बीते दिनों में भी मुलायम सिंह जी मेरे अभिभावक थे, सूबी कहती हैं। ”वह हमेशा मुझे प्रोत्साहन देते थे, यहां तक कि सपा के कर्इ स्थापित नेता समझते थे कि मुलायम सिंह जी उन से अधिक मेरी सुनते हैं। अहमद हसन जैसे आज के बड़े राजीनतिज्ञ मेरे घर आया करते थे क्योंकि वह अच्छी तरह जानते थे कि मैं मुलायम सिंह जी से कितना करीब थी। हालांकि मैं एक नौसिखिया बच्चे के समान थी, जबिक मुलायम जी उस समय भी एक कुशल राजनेता थे। तब भी वह मुझे आगे बढ़ाया करते थे, हमेशा! वह मुझे बताया करते थे कि मुझे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए। अब समय और अनुभव ने मुझे परिपक्व किया है तो मुझे अतीत की अपनी गलितयों का अहसास होता है।
अब जब वह अपना मन बना चुकी हैं, करीब एक दशक बाद सूबी राजनीति में लौटने को तैयार हैं। वह कहती है: ”जब मैं राजनीति में थी तो मैंने शादी के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। मैं अपनी कमी को जानती और समझती थी। मेरे पांच साल के नगर पार्षद के रूप में कार्यकाल के दौरान दूसरों ने हर प्रकार के लाभ उठाए। मैं केवल निर्वाचन क्षेत्र में काम करने पर ध्यान केंदि्रत रखती थी जबिक मेरे इर्द गिर्द जो लोग थे वह हर प्रकार का लाभ लेने के लिए आतुर रहते थे। मेरे लिए इससे प्रसन्नता का कारण क्या हो सकता था जब सैयद शादाब हुसैन ने विवाह का प्रस्ताव रखा। शादी और परिवार की जिम्मेवारियों के बाद मेरा जीवन पूरी तरह बदल गया। धीरे धीरे राजनीति मेरे जीवन से दूर खिसकती गयी, यहां तक कि मुझे पता भी नहीं रहा कि बाकी दुनिया में क्या हो रहा है। अगले कुछ वर्षों में, मुख्यत: मेरे बच्चे के जन्म के बाद से मैं पूर्णता पारिवारिक जीवन व्यतीत करने लगी।
सूबी काजमी आगे कहती हैं, ”अब समय बदल गया है। मेरा पुत्र अब बड़ा हो गया है और स्कूल जाने लगा है। मैंने निर्णय ले लिया है कि मैं राजनीति में पुन: लौटूंगी। इसी ने मुझे मान्यता दी है और इसी से मैं समाज को जो मेरी तमाम कमियों के बावजूद मुझ पर बड़ा मेहरबान रहा है वापिस कुछ दे सकती हूं। मैं पूर्ण रूप से राजनीति में वापसी के लिए तत्पर हूं।
मुलायम की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने हेतु वह हमेशा अल्पसंख्यक वोट पर आरक्षित रहे हैं। परन्तु सपा सुप्रिमो के लिए यह कठिनार्इ का दौर है। मौहम्मद आजम खां और कमाल फारूकी जैसे वरिष्ठ नेता सपा के कामकाज के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुछ कर पाने में नाकाम रहने के कारण सपा सरकार पर हर ओर से हमले हो रहे हैं। वह मुसलमान जो मुलायम सिंह के राजनीतिक जीवन के पिछले 25 वर्षों में निरंतर उनके साथ थे उत्तर प्रदेश सरकार की दंगार्इयों पर काबू पाने में असमर्थता और भाजपा और वी एच पी जैसी आर एस एस समर्थित संगठनों से मिलीभगत की अफवाहों के कारण पार्टी का साथ छोड़ने की कगार पर दिखार्इ दे रहे हैं। ऐसे कठिनार्इ के समय में सूबी जैसे लोग समाजवादी पार्टी के लिए राहत साबित हो सकते हैं और पार्टी ने मुसलमानों के बीच जो प्रतिष्ठा खो दी है उसे बहाल करने में मददगार बन सकते हैं।
सूबी काजमी में वह सब कुछ है जिसके लिए मुलायम पहचाने जाते हैं या अपने को पहचनवाना चाहते हैं। वह मुसिलम बहुल इलाके की हिजाब पहनने वाली एक युवती हैं। उनका नेत्रहीन होना सहानुभूति का कारक भी बन सकता है। समय बताएगा कि मुलायम इस युवती की राजनीति में वापसी की तमन्ना को किस प्रकार पूरा करते हैं?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 September 2013 by admin
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणव मुखर्जी ने आज 14 सितम्बर, 2013 को डा. एस. सोलोमन, निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ को हिन्दी दिवस 2013 के अवसर पर केन्द्र सरकार की राजभाषा पत्रिका हेतु इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार 2012-13 के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नर्इ दिल्ली में आयोजित राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति महोदय के कर कमलों द्वारा डा. सोलोमन को प्रदान किया गया। गृह मंत्रालय द्वारा इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार के लिए संस्थान द्वारा प्रकाशित राजभाषा पत्रिका इक्षु को चयनित किया गया था। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने विभिन्न श्रेणियों में केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों को लगभग 40 पुरस्कार प्रदान किये।
राजभाषा पत्रिका इक्षु को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा वैज्ञानिक लेखन तथा कार्यालयीन कामकाज में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए प्रकाशित किया जाता है। यह पुरस्कार केन्द्र सरकार के क क्षेत्र के हिन्दी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश सिथत केन्द्र सरकार के कार्यालयों प्रकाशित पत्रिकाओं में सामाजिक, विचारोत्तेजक व ज्ञानवर्धक लेख, मानक हिंदी, सरल भाषा शैली, कुशल संपादन, पत्रिका के कलेवर की कलात्मकता व उत्कृष्ट छपार्इ हेतु दिया गया। यह पत्रिका संस्थान द्वारा वर्ष में दो बार प्रकाशित की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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